Sunday 28 September 2014

जे एन यादव को किया सम्मानित


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव के सममान में फोरम के स्टाफ ने सममान समारोह का आयोजन किया। इस अवसर पर सेवानिवृत हो रहे अध्यक्ष जे एन यादव को शाल और हिमाचली टोपी भेंट करके सममानित किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए जे एन यादव ने कहा कि उन्हे फोरम के स्टाफ की ओर से पूरा-2 सहयोग मिला है। जिसके कारण वह न्यायिक सेवा के दायित्वों का निर्वहन कर सके हैं। उन्होने बैठक के आयोजन के लिए फोरम के स्टाफ का धन्यावाद किया। इस अवसर पर फोरम के अधीक्षक बालम राम ने जे एन यादव की कार्यप्रणाली की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए उनके कार्यकाल को उपभोक्ताओं के लिए स्वर्णिम काल बताया। उन्होने कहा कि यादव ने उपभोक्ताओं के पक्ष में अधिक से अधिक फैसले करके उन्हे न्याय प्रदान किया है। इस अवसर पर जे ए यादव की धर्मपत्नी, फोरम के सदस्य आकाश शर्मा, रमा वर्मा, पुर्व सदस्य लाल सिंह देशबंधु, अधिवक्ता समीर कश्यप, देवेन्द्र मल्होत्रा, फोरम के स्टाफ के सदस्य और यादव के परिवार के सदस्य मौजूद रहे।

दलित छात्रों से भेदभाव मामले में एफआईआर


मंडी। द्रंग विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नवलाय में प्राथमिक पाठशाला नेरी चाहल के बच्चों को मिड डे मिल वितरित करने में भेदभाव बरतने के मामले में अदालत ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने पधर थाना प्रभारी को अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज करके मामले की तहकीकात करने के आदेश पारित किये हैं। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने पाठशाला के एसएमसी प्रधान ज्ञान चंद की अर्जी को स्वीकारते हुए उक्त आदेश दिये हैं। शिकायतकर्ता ज्ञान चंद का अर्जी में कहना है कि सरकार की ओर से हर स्कूल में मिड डे मील की योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत स्कूल के बच्चों को मिड डे मील वितरित किया जाता है। शिकायतकर्ता के अनुसार बच्चों को मिड डे मील के वितरण के समय उक्त स्कूल के मुखयाध्यापक और अन्य स्टाफ द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंध रखने वाले बच्चों को अलग से भोजन वितरित किया जा रहा है। यह कार्यप्रणाली बच्चों में अस्पृश्यता को फैला रही है। हालांकि इस मामले को उपायुक्त मंडी और जिला पुलिस अधीक्षक के ध्यान में भी लाया गया था। लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही करने से इंकार कर दिया है। जिसके चलते एसएमसी प्रधान ने अदालत में आपराधिक प्रक्रिया की धारा 156 (3) के तहत अर्जी दायर की है। अदालत ने अर्जी पर फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले में प्रथम दृष्टया जाहिर होता है कि पाठशाला के मुखयध्यापक ने संज्ञान लेने योगय अपराध किया है। जिसके चलते अदालत ने अर्जी को स्वीकारते हुए पधर पुलिस थाना के प्रभारी को मुखयध्यापक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके मामले की कानूनसंगत तहकीकात करने के निर्देश जारी किये हैं। इधर, भेदभाव मुक्त शिक्षण संस्थान संस्था के राष्ट्रिय अध्यक्ष सुखदेव प्रेमी और प्रदेश अध्यक्ष बालक राम ने न्यायलय के आदेश पर खुशी जाहिर की है। उन्होने कहा कि जाति पाति, लैंगिक असमानता और विकलांग बच्चों के साथ भेदभाव की जडें अभी तक समाज को बुरी तरह से जकडे हुए है। उन्होने समतामूलक समाज की दिशा में भेदभाव मुक्त शिक्षण संस्थान की ओर से चलाए जा रहे अभियान के लिए आम जनता से सहयोग का आहवान किया है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने बताया कि पधर थाना पुलिस ने मुख्याध्यापक के खिलाफ प्रोटेक्शन आफ सिविल राईट एक्ट की धारा 7 (सी) के तहत मामला दर्ज करके तहकीकात शुरू कर दी है। उन्होने बताया कि इस मामले की तहकीकात का जिम्मा एएसआई अशोक कुमार को सौंपा गया है। 

Friday 26 September 2014

बार एसोसिएशन ने मंगलयान पर बधाई दी


मंडी। जिला बार एसोसिएशन ने मंगलयान को सफलतापुर्वक मंगल कक्ष में स्थापित करने पर वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई दी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज कपूर ने इसरो के वैज्ञानिकों और देशवासियों को बधाई देते हुए इसे एक ऐतिहासिक और महत्वपुर्ण उपलब्धि बताया। उन्होने कहा कि इस सफलता से भारतवर्ष संसार में चौथा और पहले प्रयास में ही अपना मिशन कामयाब करने वाला संसार का पहला देश हो गया है। उन्होने कहा कि वैज्ञानिकों की उपलब्धि ने भारत वर्ष का नाम पुरे विश्व में रोशन किया है।

Thursday 25 September 2014

फुटबाल चैंपियनशीप आज से शुरू


मंडी। तृतीय फुटबाल क्लब प्रतियोगिता का उदघाटन समारोह वीरवार को पडडल मैदान में दोपहर बाद साढे तीन बजे आयोजित किया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला करेंगे। जिला फुटबाल संघ के प्रधान लीला विलास, महासचिव पंकज शर्मा, वीरेन्द्र सेन, प्रवीण शर्मा और दिनेश ने बताया कि यह प्रतियोगिता 25 से 28 सितंबर तक आयोजित की जा रही है। जिसमें प्रदेश भर की 13 टीमें भाग ले रही हैं।

बार ने जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष को किया सम्मानित


मंडी। बार एसोसिएशन ने जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव के सममान में समारोह का आयोजन किया। न्यायिक सेवा में 27 साल के कार्यकाल के बाद जे एन यादव इसी माह सेवानिवृत हो रहे हैं। इस अवसर पर उन्होने जिला बार एसोसिएशन को संबोधित करते हुए कहा कि मंडी की बार प्रदेश की सबसे बढिया बार है। उन्होने कहा कि मंडी में बतौर एडीजे और फोरम के अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान बार एसोसिएशन से उन्हे बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होने कहा कि सेवाकाल के दौरान यह कोशीश रही है कि जल्द से जल्द मामलों का निस्तारण किया जाए। जिससे लोगों को जल्द न्याय हासिल हो सके। उन्होने बार एसोसिएशन का सममान समारोह आयोजित करने पर धन्यावाद किया। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने जे एन यादव की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए उन्हे योगय न्यायिक अधिकारी बताया। इससे पुर्व जिला बार एसोसिएशन की ओर से यादव को शाल और हिमाचली टोपी भेंट करके सममानित किया गया। उन्हे बार की ओर से मंडी नगर का चित्र भी यादगार के रूप में दिया गया। इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के प्रधान नीरज कपूर ने कहा कि जे एन यादव की सेवाओं को न्यायिक क्षेत्र में हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होने यादव के उज्जवल भविष्य और उतम स्वास्थय की मंगलकामना की। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दिनेश सकलानी ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुडगांव में 2 सितंबर 1954 को जन्मे यादव ने कानून स्नातक की पढाई दिल्ली विश्वविद्यालय से की। उन्होने जनवरी 1987 में नाहन में न्यायिक सेवा में नियुक्ती पाई। इसके बाद वर्ष 2006 में वह बतौर मुखय न्यायिक दंडाधिकारी के पद पर पदोन्नत हुए। यादव वर्ष 2010 से 2012 तक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश मंडी के रूप में तैनात रहे। वह अक्तुबर 2013 में जिला एवं सत्र न्यायधीश के रूप में पदोन्नत होकर जिला उपभोक्ता फोरम मंडी और कुल्लू के अध्यक्ष बने। एसोसिएशन के सहसचिव हितेश बहल ने बताया कि सममान समारोह के अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पदम सिंह ठाकुर, जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला, अतिरिक्त मुखय न्यायिक दंडाधिकारी विवेक खनाल, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा, कोर्ट नंबर तीन गीतिका कपिला, विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह, श्रीमती यादव, प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य देशराज, नरेन्द्र गुलेरिया, बार एसोसिएशन के पुर्व प्रधान दुनी चंद शर्मा, ललित कपूर, डी सी गुलेरिया, भारत भूषण सहित बार के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे।

Wednesday 24 September 2014

मारपीट के पांच आरोपियों को दो-दो साल का कारावास


मंडी। मारपीट के पांच आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित होने पर अदालत ने उन्हे दो-दो साल के साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। इसके अलावा आरोपियों को तीन-तीन हजार रूपये जुर्माना भी अदा करना होगा। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो रमणीक शर्मा के न्यायलय ने बल्ह क्षेत्र के बगला (नागचला) निवासी मोहन लाल, बलदेव, गोविन्द राम, भगत राम और छुनकी देवी के खिलाफ भादंस की धारा 325, 506, 504, 147 और 323 के तहत गंभीर चोट पहुंचाने, जान से मारने की धमकी देने, गालीगलौच करने, इकट्ठा होकर मारपीट करने का अभियोग साबित होने पर क्रमश: दो साल, एक साल, छह-छह और तीन महिने की साधारण कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। इसके अलावा आरोपियों को तीन-2 हजार रूपये जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उन्हे एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 30 सितंबर 2010 को सुबह करीब साढे नौ बजे रत्ती स्थित सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र के चिकित्सक ने बल्ह थाना को सूचित किया कि एक व्यक्ति घायल अवस्था में लाया गया है। जिस पर बल्ह थाना पुलिस का दल केन्द्र पहुंचा। जहां पर शिकायतकर्ता हेमराज ने अपना ब्यान दर्ज करवाया कि उक्त आरोपियों ने ताकत का प्रयोग करके उनसे तथा उनके परिवार के सदस्यों से हिंसा की है। जिससे वह, अमरा देवी और सत्या देवी घायल हुई हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक जिला न्यायवादी नितिन शर्मा ने 12 गवाहों के बयान कलमबंद करवा कर आरोपियों के खिलाफ अभियोग को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने उन्हें उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।

टीसीपी अध्यादेश 2014 जनविरोधी


मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश सरकार की ओर से जारी टाउन एंड कंटरी प्लानिंग अध्यादेश 2014 को जनविरोधी करार दिया है। समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आम जनता की सहुलियतों का ध्यान रखते हुए रिहायशों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2006 की तर्ज पर कम से कम शुल्क एकमुश्त निर्धारित किया जाए। संघर्ष समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, प्रधान अमर चंद वर्मा, सलाहकार हितेन्द्र शर्मा, महासचिव चंद्रमणी वर्मा, संगठन सचिव प्रदीप परमार और मीडिया प्रभारी समीर कश्यप ने बताया कि समिति की आपात बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से लाए गए टीसीपी अध्यादेश पर चर्चा की गई। समिति का मानना है कि सरकार के अध्यादेश से ऐसी भावना पैदा हो रही है कि इसे भारी भरकम फीस अदा करने में सक्षम बडे बिल्डरों और पैसे वालों के भवनों को नियमितीकरण करने के लिए बनाया गया प्रतीत होता है। जबकि छोटे घरों वाले और छोटी व्यापारिक इकाईयां इतनी भारी भरकम फीस को अदा करने की स्थिति में नहीं हैं। जिससे इन लोगों को अपने घरों में बिजली और पानी का कुनेक्शन लगने का सपना पूरा होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। इस अध्यादेश से आम जनता खासकर छोटे व मंझोले मकानों में रहने वाले लोगों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश व्याप्त है। वहीं पर शहर के साथ लगते गांवों और कस्बों को जिन्हे टीसीपी के दायरे में लाया जा रहा है उनमें भी इस अध्यादेश के खिलाफ व्यापक रोष है। समिति के अनुसार जिन लोगों ने किसी कारणवश अनुमति नहीं ली है उन पर नियम 12 (2ए) के तहत दस गुणा (900 प्रतिशत) पैनेल्टी का प्रावधान जारी रखा गया है। इस प्रावधान को निरस्त करने की मांग कई बार की है। लेकिन इस अध्यादेश में इसे निरस्त करने बारे कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसी नियम के तहत कमर्शियल, होटल और पर्यटन इकाइयों की फीस साधारण से बीस गुणा (1800 प्रतिशत) तक अदा करनी पडेगी। समिति की मांग है कि जीविका उपार्जन हेतु चलाई जा रहे 80 से 200 वर्ग मीटर प्लाट वाली व्यवसायिक इकाईयों और होटलों की सौ प्रतिशत फीस माफ की जानी चाहिए। अध्यादेश 2014 के तहत अनाधिकृत भवनों के नियमितीकरण के लिए 10 से 20 प्रतिशत डैविएशन पर 1500, 20 से 40 तक 3000, 40 से 60 तक 4500 और 60 से 70 प्रतिशत तक 6500 रूपये प्रति वर्ग मीटर और कमर्शियल, होटल और पर्यटन युनिट पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त फीस निर्धारित की गई है। यहां यह विचारणीय है कि सौ फीसदी डैविएशन के मामलों के लिए अध्यादेश में कोई प्रावधान नहीं किया गया है जो न्यायसंगत नहीं है। टीसीपी विभाग ने 2006 में अनाधिकृत भवनों के नियमितीकरण के लिए तहत एकमुश्त निति जारी की थी। जिसके तहत सैट बैक में डैविएशन के लिए पांचवीं मंजिल तक 400 रूपये प्रति वर्ग मीटर फीस तय की थी। इसके अलावा पहली मंजिल की केवल 4000, दूसरी 5000, तीसरी 6000, चौथी 7000 और पांचवी के 8000 रूपये फीस निर्धारित की थी। समिति का मानना है कि वर्ष 2006 में लागू एकमुश्त फीस के फैसले की तर्ज पर अध्यादेश में बदलाव लाया जाए। जिसमें 200 वर्ग मीटर तक वाले छोटे घरों को नियमित करने के लिए निति का निर्धारण किया जाए। यह फीस 2006 की तरह मंजिलों पर ली जाए। समिति ने मांग की है कि अध्यादेश में आवश्यक संशोधन करने तक मकानों को नियमित करने की 45 दिनों की अवधि को निरस्त किया जाए।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...