Sunday 14 September 2014

चरस तस्कर को 10 साल की सजा


मंडी। चरस सहित पकडे जाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर उसे एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला की विशेष अदालत ने जिला कुल्लु की आनी तहसील के चौणी (कहुन) गांव निवासी नारायण सिंह पुत्र नार सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 अप्रैल 2010 को सदर थाना पुलिस का दल एएसआई रामलाल की अगुवाई में राष्ट्रीय राजमार्ग-21 पर सात मील के पास नाकाबंदी पर तैनात था। इसी दौरान पंडोह की ओर से पैदल आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस दल को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने शक के आधार पर आरोपी का पीछा करके उसे काबू किया। आरोपी की तलाशी लेने पर उसके हैंड बैग में से दो किलो 900 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी रवि कांत कौशल ने 10 गवाहों के बयान कलमबंद करके अभियोग को साबित किया। जबकि बचाव पक्ष की ओर से भी इस मामले में छह गवाहों के बयान कलमबंद किये गए। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ चरस सहित पकडे जाने का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान अदालत का कहना था कि चरस तस्करी के मामलों में इन दिनों हो रही बढौतरी से समाज पर पडने वाले बुरे प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिसके चलते आरोपी के प्रति नरम रूख नहीं अपनाया जा सकता। अदालत ने आरोपी से बरामदशुदा चरस की मात्रा व्यवसायिक होने के कारण उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।

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