Thursday 31 May 2012

चरस तस्करी के आरोपी को दो साल कठोर कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा


मंडी। चरस सहित पकडे गए आरोपी को अदालत ने दो साल के कठोर कारावास और 20 हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। आरोपी के निश्चित अवधि में जुर्माना अदा न करने पर उसे 6 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह की विशेष अदालत ने हरियाणा के पानीपत जिला के बरसूम गांव निवासी राम रूप पुत्र भोले राम के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे उक्त सजा का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार 11 फरवरी 2008 को औट थाना पुलिस का दल मुख्य आरक्षी सत्य प्रकाश की अगुवाई में लारजी डैम के पास गश्त के लिए तैनात था। इसी दौरान सिल्ही लारजी की ओर से एक व्यक्ति पैदल आता हुआ दिखाई दिया। उक्त व्यक्ति ने पुलिस को देख कर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने उसे काबू करके उसके बैग की तलाशी ली तो इसमें से एक किलो 250 ग्राम चरस बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाकर आरोपी पर अभियोग को साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से आरोपी का पहला अपराध होने के कारण नरम रूख अपनाने की प्रार्थना की गई। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामले दिनों दिन बढते जा रहे हैं। तस्करी किए गए मादक पदार्थ युवाओं को बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे में आरोपी को कडी सजा दी जाए। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी से बरामद चरस की मात्रा को देखते हुए उक्त सजा का फैसला सुनाया।  

Wednesday 30 May 2012

दूसरा मौलिक कर्तव्यः स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम के प्रेरित आदर्शों की पालना करना


2 अक्तूबर 1869 को गुजरात राज्य के राजकोट शहर के करमचंद गांधी के घर एक लडका पैदा हुआ। उसका नाम मातापिता ने मोहनदास रखा। बचपन से ही मोहनदास में सच बोलने की आदत थी। वह बहुत सादा जीवन बिताने वाले युवक थे। इंगलैंड में बैरिस्टरी पास करने के बाद उन्होने अंग्रेजों की बेडियों में जकडे अपने देश को आजाद कराने की सोची। उन्होने सोई हुई भारतीय जनता को जगाया। आजादी की लडाई गांधीजी के नेतृत्व में लडी गई। अंत में भारत आजाद हुआ। गांधी जी ने भारतीयों को हमेशा अच्छा नागरिक बनाने की कोशीश की। इसीलिए सब लोग उन्हे प्यार से बापू कहने लगे। काकोरी कांड में फांसी के कुछ घंटे पहले प्रसिद्ध क्रांतीकारी अशफाकउल्ला खां ने जो कविता लिखी, उनसे उनके ह्रदय का साहस झलकता है। उन्होने कहा थाः मौत को जब एक बार आना है तो डरना क्या है हम सदा खेल ही समझा किए, मरना क्या है। अंग्रेज मैजिस्ट्रेट एक बालक से पूछ रहे थे। तुम्हारा नाम क्या है। आजाद। पिता का नाम स्वतंत्र, तुम्हारा घर, जेलखाना। जब मैजिस्ट्रेट को लगा कि इस तरह के जवाब से उनका मजाक उडाया जा रहा है। तो उन्होने उस बालक को 15 बेंत की सजा दे दी। लेकिन हर बेंत की चोट पर वह बालक के मुंह से कराह की बजाय भारत माता की जय ही निकला। यह साहसी बालक चंद्रशेखर आजाद था। मराठा और केसरी में राजनीतिक लेख लिखने पर अंग्रेजों ने बाल गंगाधर तिलक पर राजद्रोह का मुकदमा चला कर उन्हे 6 साल के लिए देश निकाले का दंड दिया गया। 1915 में ब्रिटिश जूरी के सामने तिलक का कहना था कि कोई भी राष्ट्र हिंसा का सहारा तब लेता है जब सरकार कोई अनुचित काम करती है। उन्होने कहा था कि भारत में हिंसा की कारवाई तभी रूक सकती है जब उसे स्वराज्य दिया जाए। स्वराज्य प्रत्येक राष्ट्र का जन्मसिद्ध अधिकार है। दो नवयुवक नदी में नाव पर सैर कर रहे थे। अचानक एक ने दूसरे से कहा आओ देश के लिए जीवन देने की प्रतिज्ञा करें। दूसरा बोला मैं प्रतिज्ञा करता हुं। पहला युवक यशपाल था और दूसरा था भगत सिंह। पुलिस सुपरिटैंडेंट सांडर्स की लाठी से पंजाब के कांग्रेसी नेता लाला लाजपत राय घायल हुए और उनकी मृत्यु हो गई। भगत सिंह और उनके साथियों ने 17 दिसंबर 1928 को डीएवी कालेज के सामने सांडर्स को गोली मार कर लाला जी की मौत का बदला ले लिया। क्रांतीकारियों ने अंग्रेजों के काले कानूनों का विरोध करने के लिए विधानसभा में बम फैंकने और अपने आप को गिरफतार करा लेने का निर्णय करते हुए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत को चुना। मुकदमा शुरू होने पर शहीदों ने अदालत में ऐसे बयान दिए कि देश में हलचल मच गई। लेकिन अंगरेज सरकार ने 23 मार्च 1931 की शाम को भगतसिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी की सजा दे दी। ऐसे रहे हैं हमारे आदर्श जिनसे हमारा राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम प्रेरित रहा। हमें इन आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A के खण्ड (ख) प्रदान करता है कि भारत के हर नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि हम स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम को प्रेरित आदर्शों का पालन करें। विदेशी शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने का उदेश्य था कि भारत के लोग स्वशासन की स्थापना करें। हमारा समाज ऐसा हो जहां आदमी द्वारा आदमी का शोषण, गरीबी, बीमारी और निरक्षरता जैसे अभिशापों के लिए कोई जगह न हो। यह उद्देश्य केवल तभी प्राप्त किये जा सकते हैं जब सभी नागरिकों को उनके व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास के लिए समुचित अवसर हों। व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास के लिए अच्छी शिक्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए व्यवहारिक शिक्षा को नागरिकों में संस्कारित करना होगा। यह तभी संभव हो सकता है जब देश को व्यक्ति से ऊपर रखा जाए। आज हम जिस आजादी का आनंद ले रहे हैं इसे हासिल करने के लिए हमारे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने लंबे समय तक चली लडाई में अपने जीवन का बलिदान दिया है। देश के लिए शहीद हो गए इन देशभक्तों ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए महान आदर्शों को स्थापित किया गया था। यह हमारा मौलिक कर्तव्य हो जाता है कि देश के लिए हमारे पूर्वजों द्वारा किए गए बलिदान को याद किया जाए। न केवल याद ही किया जाए बल्कि इन आदर्शों को आत्मसात करके उनके अद्वितीय संघर्षों के आदर्शों का पालन भी करना चाहिए। आजादी की लडाई मात्र भारत की राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए संघर्ष नहीं था। यह दुनिया भर के लोगों के सामाजिक और आर्थिक मुक्ति का संग्राम था। यह आदर्शों सिर्फ एक समाज के लिए नहीं ते। बल्कि स्वतंत्रता, समानता, अहिंसा, भाईचारा और विश्व शांति के एक संयुक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए थे. अगर हम, भारत के नागरिकों को इन आदर्शों के प्रति जागरूक और प्रतिबद्ध करते हैं तो हम विभिन्न विखण्डनशील ताकतों की प्रवृत्तियों को स्थापित होने से रोकने में सक्षम हो सकेंगे। जो राजनैतिक दल और नेता राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए धर्म, जातिवाद, अलगाववाद, आदि का उपयोग सत्ता पर काबिज होने के लिए करते हैं वह स्पष्ट रूप से संविधान के तहत अपने मौलिक कर्तव्यों का उल्लंघन करते हैं। अपने समापन भाषण में डॉ. बी. आर Amdedkar ने संविधान सभा में कहा था किः " अगर इतिहास को दोहराने कहोगे तो यह सोच मुझे चिंतित करती है। तथ्य यह है कि जातियों और पंथों को कई राजनीतिक दलों द्वारा तवज्जो दी जाती है ये प्रक्रियाएं चिंता को गहराती है। भारतीयों को अपने पंथ से ऊपर उठकर देश को तवज्जो देनी होगी और पंथ की जगह देश से ऊपर नहीं हो सकती। मुझे नहीं मालूम, पर यह निश्चित है कि अगर देश के स्थान पर राजनैतिक पार्टियों पंथ को तवज्जो देंगी तो हमारी स्वतंत्रता एक बार फिर से खतरे में पड जाएगी और शायद यह भी हो सकता है कि बलिदानों से हासिल की गई यह आजादी हमेशा के लिए खो जाए। इस स्थिति में हम सब को संकल्प करके इन प्रवृतियों के खिलाफ देश की स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए। हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हमारे खून की आखिरी बूंद के साथ हम अपनी आजादी की रक्षा करें। भारत के सभी लोगों को धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय या अन्य विविधताओं के बावजूद अनेकता में एकता के सुत्र में बंधना चाहिए। महिलाओं की गरिमा के लिए अपमानजनक व्यवहार को त्यागना चाहिए। सामाजिक मूल्यों और हमारी समृद्ध विरासत के संरक्षण के साथ-2 सद्भाव और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देना चाहिए। समाज में वैज्ञानिक सोच और मानवतावाद की भावना विकसित करने के लिए प्रयत्नरत रहना चाहिए। मौलिक कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए इन्हे बच्चों में प्रारंभिक वर्षों की आयु में संस्कारित किए जाने चाहिए। जिससे दैनिक जीवन में जीवन भर अभ्यास में लाए जाएं। इससे यह नागरिक की प्रकृति और चरित्र का अंग बन जाएगा। प्रारंभिक अवधि (6 से 17 साल) ती आयु में जब लड़कों और लड़कियों को स्कूल में यह कर्तव्य संस्कारित किए जाएंगे तो उनकी प्रकृति और चरित्र की मजबूत नींव रखी जा सकती है। इससे उनके व्यक्तित्व को विकसित और ढाला जा सकता है। इसलिए, व्यक्तित्व के चहुंमुखी विकास के लिए शिक्षा के क्षेत्र में हर स्कूल, निजी या सार्वजनिक अथवा हर वर्ग में मौलिक कर्तव्यों को संस्कारित किया जाना चाहिए। क्योंकि आज के छात्र कल के राष्ट्र निर्माता हैं।

हमारे मौलिक कर्तव्यः पहला कर्तव्य


ऐसा देखा गया है कि देश के नागरिक अपने अधिकारों के प्रति तो जागरूक हैं लेकिन अपने मौलिक कर्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ रहते हैं। संविधान के अनुच्छेद 51-ए में मौलिक कर्तव्यों पर प्रकाश डाला गया है।संविधान की धारा 51-ए के ए भाग में पहले मौलिक कर्तव्य के अनुसार. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करें और उसके आदर्शो, संस्थाओ, राष्ट्र्ध्वज और राष्ट्गान का आदर करे। भारतीय संविधान की प्रस्तावना निम्न प्रकार से पारिभाषित की गई है: " हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को : सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढाने के लिए दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई0 (मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, सम्वत् दो हजार छह विक्रमी) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।" पहले मौलिक कर्तव्य के अनुसार हमें संविधान के आदर्शों (उद्देशिका के उद्देश्य) का सम्मान करना चाहिए। 1 यह बताती है कि संविधान जनता से निकलता है तथा जनता ही अंतिम सम्प्रभु है 2 उद्देशिका लोगॉ के लक्ष्यॉ-आकाक्षऑ को प्रकट करती है 3 इसका प्रयोग किसी अनुच्छेद मे विध्यमान अस्पष्टता को दूर करने मे हो सकता है 4 यह जाना जा सकता है कि संविधान किस तारीख को बना तथा लागू हुआ था उद्देशिका संविधान के एक भाग के रूप मॅ 1 परम्परागत मत -- उद्देशिका को संविधान का भाग नहीं मानता है क्योंकि यदि इसे विलोपित भी कर दे तो भी संविधान अपनी विशेष स्थिती बनाये रख सकता है इसे पुस्तक के पूर्व परिचय की तरह समझा जा सकता है यह मत सर्वोच्च न्यायालय ने बेरुबारी यूनियन वाद 1960 मॅ प्रकट किया था 2 नवीन मत---- इसे संविधान का एक भाग बताता है केशवानन्द भारती बनाम केरल राज्य 1973 में दिये निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संविधान का भाग बताया है ।संविधान का एक भाग होने के कारण ही संसद ने इसे 42वें संविधान संशोधन से इसे संशोधित किया था तथा समाजवादी ,पंथनिरपेक्ष शब्द जोड दिये थे वर्तमान में नवीन मत ही मान्य है उद्देशिका के शब्दों का विश्लेशण 1 सम्प्रभु --- राज्य की सर्वोपरि राजनैतिक शक्ति है की घोषणा करती है, राज्य की राजनैतिक सीमाओं के भीतर इसकी सत्ता सर्वोपरि है, तथा यह किसी बाहरी शक्ति की प्रभुता स्वीकार नहीं करती है। 2 समाजवादी---- भारतीय समाजवाद अनिवार्य रूप असे जनतांत्रिक होना चाहिए ,समाजवादी लक्ष्यों की प्राप्ति जनतांत्रिक माध्यमों से होनी चाहिए ,यह शब्द भारत को एक जनकल्याणरी राज्य के रूप में स्थापित कर देता है 3 धर्मनिरपेक्षता---- इसका अर्थ लौकिकता को आध्यात्मिकता पर वरीयता देना है,धर्म पर आधारित भेदों का सम्मान करना,अन्य धर्मों के प्रति राज्य द्वारा तटस्थता बरतना ही धर्म निरपेक्षता है,ऐसे राज्य किसी एक धर्म को प्रोत्साहन ना देकर विविध धर्मो के मध्य सहिष्णुता तथा सहयोग बढाने का कार्य करें यह एक कर्तव्य है जिसके पालन से विभिन्न धर्मो के बीच सहअस्तित्व स्वीकार किया जाता है,इसका लाभ यह है कि राज्य किसी धर्म के अधीन नहीं होता है जैसे इस्लामिक गणतंत्र ईरान मे इस्लाम गणतंत्र से भी अधिक महत्वपूर्ण है इस प्रकार के राज्य विधि के समक्ष समता बरतते है तथा नागरिकों के मध्य धार्मिक आधार पर विभेद नहीं बरतते ,उनको समान अवसर भी उपलब्ध करवाया जाता है इस प्रकार के राज्य धर्मविरोधी, अथवा अधार्मिक न होकर धर्मनिरपेक्ष होते है वे अपने नागरिकों को इच्छा अनुसार धर्म पालन का अधिकार देते है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 इस से सम्बन्धित हैं पंथनिरपेक्षता कोई उधार लिया गया शब्द नहीं है भारतीय साहित्य में सर्व धर्म समभाव के आदर्श के रूप में यह मौजूद था यहाँ धर्म पर आधारित विभेद का विरोध किया गया है न कि राज्य का धर्म से संबंध का। जनतंत्र ------- अनुच्छेद 19 तथा अनु 326 जनतंत्र से संबंधित है भारत में बहुदलीय लोकतंत्र है गणतंत्र -------- राजप्रमुख निर्वाचित होगा न कि वंशानुगत अपेक्षाएँ (1) न्याय----- सामाजिक आर्थिक तथा राजनैतिक न्याय के वे प्रकार है जो संविधान मॅ भारतीय नागरिकॉ को देने की वकालत की गयी है,1 व्यक्ति 1 वोट राजनैतिक न्याय की प्राप्ति हेतु आवश्यक है[19,326],सामाजिक न्याय की प्राप्ति हेतु अस्पृश्यता का उन्मूलन ,उपाधि का उन्मूलन किया गया है,[अनु 15,16,17,18],आर्थिक न्याय हेतु राज्य हेतु नीति निर्देशक तत्वों का प्रावधान रखा गया है (2) स्वतंत्रता------- इसका अर्थ नागरिक पर बाध्यकारी तथा बाहरी प्रतिबंधों का अभाव है,एक नागरिक द्वारा दूसरे के अधिकारों का उल्लघंन करना निषेधित है, नागरिक स्वतंत्रता अनुच्छेद 19 में तथा धार्मिक स्वतंत्रता अनु 25-28 में वर्णित है (3)समानता---- स्तर तथा अवसरों की समानता स्थापित करना अनु 15 से 18 में वर्णित है (4) बंधुत्व भारतीय नागरिकों के मध्य बंधुत्व की भावना स्थापित करना,क्योंकि इस के बिना देश मे एकता स्थापित नहीं की जा सकती है संविधान के तीन प्रमुख भाग हैं। भाग एक में संघ तथा उसका राज्यक्षेत्रों के विषय में टिप्पणी की गई है तथा यह बताया गया है कि राज्य क्या हैं और उनके अधिकार क्या हैं। दूसरे भाग में नागरिकता के विषय में बताया गया है कि भारतीय नागरिक कहलाने का अधिकार किन लोगों के पास है और किन लोगों के पास नहीं है। विदेश में रहने वाले कौन लोग भारतीय नागरिक के अधिकार प्राप्त कर सकते हैं और कौन नहीं कर सकते। तीसरे भाग में भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के विषय में विस्तार से बताया गया है। मूल कर्तव्य मूल संविधान में नहीं थे, इन्हे ४२ वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया है। ये रूस से प्रेरित होकर जोड़े गये तथा संविधान के भाग ४ (क) के अनुच्छेद ५१ - अ मे रखे गये हैं । ये कुल ११ है । सबसे पहला कर्तव्य निम्नलिखित हैः 1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करें और उसके आदर्शो, संस्थाओ, राष्ट्र्ध्वज और राष्ट्गान का आदर करे। भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच एक नीले रंग के चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है, जिसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।[1][2] इसे १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व २२ जुलाई, १९४७ को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।[3] इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं , जिनमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात २:३ का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें २४ अरे होते हैं। इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व रूप सम्राट अशोक की राजधानी सारनाथ में स्थित स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है। भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया। इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नही देता। पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'। सरकारी झंडा निर्दिष्टीकरण के अनुसार झंडा खादी में ही बनना चाहिए। यह एक विशेष प्रकार से हाथ से काते गए कपड़े से बनता है जो महात्मा गांधी द्वारा लोकप्रिय बनाया था। इन सभी विशिष्टताओं को व्यापक रूप से भारत मंे सम्मान दिया जाता हैं भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा इसके प्रदर्शन और प्रयोग पर विशेष नियंत्रण है। [ रंग-रूप अशोक चक्र, "धर्म का पहिया (धर्म) भारत के राष्ट्री य ध्वकज की ऊपरी पट्टी में केसरिया रंग है जो देश की शक्ति और साहस को दर्शाता है। बीच की पट्टी का श्वेत धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का प्रतीक है। निचली हरी पट्टी उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को दर्शाती है। सफ़ेद पट्टी पर बने चक्र को धर्म चक्र कहते हैं। इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है। इस चक्र को प्रदर्शित करने का आशय यह है कि जीवन गति‍शील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है।[1] भारत का राजचिह्न सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तंभ की अनुकृति है, जो सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित है। मूल स्तंभ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। इसके नीचे घंटे के आकार के पदम के ऊपर एक चित्र वल्लरी में एक हाथी, चौकड़ी भरता हुआ एक घोड़ा, एक सांड तथा एक सिंह की उभरी हुई मूर्तियां हैं, इसके बीच-बीच में चक्र बने हुए हैं। एक ही पत्थर को काट कर बनाए गए इस सिंह स्तंभ के ऊपर 'धर्मचक्र' रखा हुआ है। भारत सरकार ने यह चिन्ह 26 जनवरी, 1950 को अपनाया। इसमें केवल तीन सिंह दिखाई पड़ते हैं, चौथा दिखाई नही देता। पट्टी के मध्य में उभरी हुई नक्काशी में चक्र है, जिसके दाईं ओर एक सांड और बाईं ओर एक घोड़ा है। दाएं तथा बाएं छोरों पर अन्य चक्रों के किनारे हैं। आधार का पदम छोड़ दिया गया है। फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद का सूत्र 'सत्यमेव जयते' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है- 'सत्य की ही विजय होती है'। राष्ट्रप–गान भारत का राष्ट्र गान अनेक अवसरों पर बजाया या गाया जाता है। राष्ट्र गान के सही संस्कारण के बारे में समय समय पर अनुदेश जारी किए गए हैं, इनमें वे अवसर जिन पर इसे बजाया या गाया जाना चाहिए और इन अवसरों पर उचित गौरव का पालन करने के लिए राष्ट्रे गान को सम्मायन देने की आवश्यइकता के बारे में बताया जाता है। सामान्यौ सूचना और मार्गदर्शन के लिए इस सूचना पत्र में इन अनुदेशों का सारांश निहित किया गया है। राष्ट्र। गान - पूर्ण और संक्षिप्ति संस्कतरण स्व्र्गीय कवि रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा "जन गण मन" के नाम से प्रख्या त शब्दोंै और संगीत की रचना भारत का राष्ट्र। गान है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाए: जन-गण-मन अधिनायक, जय हे भारत-भाग्यै-विधाता, पंजाब-सिंधु गुजरात-मराठा, द्रविड़-उत्कजल बंग, विन्य़्म -हिमाचल-यमुना गंगा, उच्छिल-जलधि-तरंग, तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे, गाहे तव जय गाथा, जन-गण-मंगल दायक जय हे भारत-भाग्यत-विधाता जय हे, जय हे, जय हे जय जय जय जय हे। उपरोक्तय राष्ट्र गान का पूर्ण संस्कगरण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है। राष्ट्रीय गीतः वन्दे् मातरम गीत बंकिम चन्द्रक चटर्जी द्वारा संस्कृलत में रचा गया है; यह स्वीतंत्रता की लड़ाई में लोगों के लिए प्ररेणा का स्रोत था। इसका स्थातन जन गण मन के बराबर है। इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीजय कांग्रेस के सत्र में गाया गया था। इसका पहला अंतरा इस प्रकार है: वंदे मातरम्, वंदे मातरम्! सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्, शस्यश्यामलाम्, मातरम्! वंदे मातरम्! शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्, फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्, सुखदाम् वरदाम्, मातरम्! वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥ गद्य रूप 1 में श्री अरबिन्द द्वारा किए गए अंग्रेजी अनुवाद का हिन्दीग अनुवाद इस प्रकार है: मैं आपके सामने नतमस्तेक होता हूं। ओ माता, पानी से सींची, फलों से भरी, दक्षिण की वायु के साथ शान्तं, कटाई की फसलों के साथ गहरा, माता! उसकी रातें चाँदनी की गरिमा में प्रफुल्लित हो रही है, उसकी जमीन खिलते फूलों वाले वृक्षों से बहुत सुंदर ढकी हुई है, हंसी की मिठास, वाणी की मिठास, माता, वरदान देने वाली, आनंद देने वाली। भारत वर्ष का नागिरक होने के नाते हमें जहां मौलिक अधिकारों के प्रति जानकारी होनी चाहिए। वहीं हमें अपने मौलिक कर्तव्यों के प्रति भी सजग होना चाहिए। आओ आज के दिन हम यह प्रण लें कि देश के प्रति अपने कर्तव्यों को लेकर हम देशवासियों को जागरूक करें। जिससे हमारा देश दिन दुगुनी रात चौगुनी उन्नति कर सकें।

Tuesday 29 May 2012


मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मौलिक कर्तव्यों पर दूसरी जन संवाद गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी की अध्यक्षता प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायलय के निर्देशों पर आयोजित की जा रही इन जन संवाद गोष्ठियों के आयोजन का मकसद नागरिकों को कर्तव्यों की ओर जागरूक करना है। उन्होने कहा कि अक्सर लोगों को अपने अधिकारों के बारे में तो जानकारी रहती है लेकिन वह अपने कर्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ होते हैं। उन्होने संविधान के अनुच्छेद 51 ए के ख भाग में पारिभाषित दूसरे कर्तव्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शो का पालन करना हमारा कर्तव्य है। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश राकेश कैंथला ने कहा कि देशभक्त महापुरूषों के बताए आदर्शो का अनुसरण करके हमें अपने मौलिक कर्तव्यों को निभाते हुए देश को उन्नति की ओर ले जाने के लिए कार्य करना चाहिए। इस मौके पर जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य लाल सिंह देशबंधु, अधिवक्ता समीर कश्यप, अधिवक्ता सतीश कुमार और अधिवक्ता चन्द्र कांता ने संविधान के दूसरे कर्तव्य पर विस्तार से जानकारी दी। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान ने गोष्ठी में मुख्य अतिथि तथा अन्य उपस्थित लोगों का स्वागत किया। जबकि जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष धर्म चंद गुलेरिया ने गोष्ठी में भाग लेने के लिए सभी का धन्यावाद किया। इस अवसर पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आर के शर्मा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डी आर ठाकुर, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर 3 अमनदीप सिंह, कोर्ट नंबर 4 उपासना शर्मा, जिला बार एसोसिएशन के सदस्यों, विभिन्न पाठशालाओं के बच्चों और मंडी नगर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया। गोष्ठी में नागरिकों की ओर से इप्टा के संयोजक लवण ठाकुर और स्कूली बच्चों ने भी अपनी बात रखी। 

Monday 28 May 2012

मौलिक कर्तव्यों पर दूसरी जन संवाद गोष्ठी मंगलवार को


मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मंगलवार को मौलिक कर्तव्यों पर दूसरी जन संवाद गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। यह गोष्ठी जिला एवं सत्र न्यायलय परिसर के बार रूम में आयोजित की जाएगी। इस जन संवाद की अध्यक्षता प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह करेंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मुख्य न्यायधीश डी आर ठाकुर ने बताया कि उच्च न्यायलय के निर्देशों के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 51-ए के तहत मौलिक कर्तव्यों पर दूसरा जन संवाद आयोजित किया जा रहा है। इन निर्देशों के तहत हर माह एक मौलिक कर्तव्य पर इस प्रकार का जन संवाद आयोजित किया जाएगा। उन्होने बताया कि इससे पूर्व अप्रैल माह में पहले मौलिक कर्तव्य पर लोगों को जानकारी बांटी गई थी। उन्होने बताया कि यह गोष्ठियां आम नागरिकों, कालेजों और स्कूलों के छात्रों में मौलिक कर्तव्यों की जानकारी बांटने के उदेशय से आयोजित की जा रही हैं। बार रूम में शनिवार दोपहर बाद 2.30 बजे आयोजित होने वाले इस जन संवाद में दूसरे मौलिक कर्तव्य के बारे में जानकारी दी जाएगी।  

Friday 25 May 2012

मांगे न मानी तो बीबीएमबी कर्मी करेंगे आमरण अनशन


मंडी। हिमाचल प्रदेश राज्य एटक ( आल इंडिया ट्रेड युनियन कांग्रेस ) ने दो महिनों से चल रही बीबीएमबी पंडोह के दैनिक भोगी श्रमिकों की भूख हडताल का समर्थन किया है। एटक ने सरकार और बीबीएमबी प्रशासन से मांग की है कि श्रमिकों की मांगों का अविलम्ब निपटारा किया जाए। राज्य एटक के उपाध्यक्ष प्रकाश पंत ने कहा कि बीबीएमबी के मजदूर- कर्मचारी इतने लंबे अरसे से अनशन करने को बाध्य हैं इसका जिम्मेवार बीबीएमबी प्रशासन है। अगर प्रबंधन दिहाडीदारों की रोजी- रोटी न छीनता तो श्रमिकों को धरना प्रदर्शन नहीं करना पडता। राज्य एटक ने बीबीएमबी प्रबंधन से मांग की है कि अगर दिहाडीदारों को पूरा साल 365 दिन का रोजगार प्रदान करके नियुक्ति पत्र दे देती है तो राज्य एटक श्रमिकों के अनशन को अविलम्ब रूकवाने का वायदा करती है। प्रकाश पंत ने कहा कि अगर बीबीएमबी प्रशासन समय रहते कोई निर्णय लेने में देरी करता है तो एटक की 29 मई से आमरण अनशन की कॉल अडिग है। जिसमें एटक पूरा सहयोग करेगी। राज्य एटक ने प्रबंधन से कर्मचारियों की अन्य समस्याओं पर भी सहानुभूतीपूर्वक निर्णय लेने की मांग की है। इस मौके पर जिला एटक के अध्यक्ष राज सिंह मंडयाल और महासचिव संत राम भी मौजूद थे।  

सनातन धर्म का हितेश लोकगीत में दूसरे स्थान पर


मंडी। खत्री सभा के वार्षिक अधिवेशन में सनातन धर्म विद्या मंदिर पाठशाला के छात्र हितेश ने लोकगीत प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया। जबकि भाषण प्रतियोगिता में पाठशाला की विद्यार्थी सहारा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पाठशाला के मुख्य अध्यापिका निशा पंडित ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में विभिन्न पाठशालाओं के बच्चों ने भाग लिया। 

Wednesday 23 May 2012

भाजपा नेता लाल सिंह देशबन्धु ने किया डडौर, भंगरोटु पंचायतों में जन सम्पर्क


मंडी। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल सिंह देशबन्धु ने बल्ह विधानसभा क्षेत्र की डडौर और भंगरोटु पंचायतों में जन सम्पर्क किया। इस दौरान उन्होने प्रदेश सरकार द्वारा किए गए जन हितैषी कार्यों पर चर्चा की गई। वहीं पर उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार के 3 साल देश के लिए काले अध्याय के रूप में याद किए जाएंगे। भाजपा की प्रदेश परिषद के सदस्य और अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष देशबन्धु ने कहा कि केन्द्र सरकार के मंत्री अपने काले कारनामों के कारण जेलों में हैं। युपीए के शासन में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भाजपा नेता ने कहा कि केन्द्र सरकार की नितियों के कारण मंहगाई इतनी बढ गई है कि आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। कांग्रेस का हाथ आम आदमी की जेब में डाका डाल रहा है। उन्होने कहा कि खाने- पीने का सामान, गैस, पैट्रोल, डीजल की कीमतें आसमान छु रही हैं। हालात ऐसे हैं कि आम आदमी केन्द्र की कांग्रेस सरकार से छुटकारा पाने के लिए छटपटा रहा है। लाल सिंह देशबन्धु ने भाजपा सरकार को पुन: सता में लाने के लिए मिशन रिपीट का संकल्प लिया। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार जनता को झुठे सब्जबाग दिखा रही है। लेकिन आम जनता समझदार है और वह जानती है कि कांग्रेस का हाथ खून चूसने वाला खूनी पंजा हो गया है। उन्होने कि इस खूनी पंजे से जनता को छुटकारा दिलाना ही होगा।

Sunday 20 May 2012

स्टार बादशाह इलैवन ने जीता भडेची क्रिकेट प्रतियोगिता का फाईनल


मंडी। चच्योट विधानसभा क्षेत्र के भडेची में महासागर युवक मंडल द्वारा आयोजित खंड स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता में स्टार बादशाह इलैवन ने और बालीबाल प्रतियोगिता में कश्थाच पंचायत ने बाजी मारी। भडेची के सुरासनी मैदान में हुए क्रिकेट प्रतियोगिता के फाईनल मैच में स्टार बादशाह इलैवन ने पाटन इलैवन को 21 रनों से शिकस्त देकर प्रतियोगिता जीती। जबकि बालीबाल प्रतियोगिता में कश्थाच की टीम ने लुगाडी की टीम को हराकर खिताब पर कब्जा किया। भडेची के महासागर युवा मंडल के अध्यक्ष चेतराम ने बताया कि क्रिकेट की विजेता टीम को 7000 रूपये की नकद राशि और ट्राफी प्रदान की गई जबकि उपविजेता को 3500 रूपये की पारितोषिक राशि दी गई। बालीबाल प्रतियोगिता में विजेता टीम को 1500 रूपये और उपविजेता को 750 रूपये की ईनामी राशि दी गई। प्रतियोगिता में क्षेत्र की 25 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर आरटीआई ब्युरो प्रमुख लवण ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि ऐसे दूर दराज के क्षेत्र में महासागर युवा मंडल ने प्रतियोगिता का आयोजन करके महत्वपूर्ण पहल की है। उन्होने कहा कि खेलों से मानसिक और शारिरिक चेतना तो आती ही है वहीं पर इससे खेल भावना भी विकसित होती है। लवण ठाकुर ने अपनी ओर से युवक मंडल को दो हजार रूपये की नकद राशि भी प्रदान की।  

जीवन बीमा निगम को उपभोक्ता के पक्ष में एक लाख रूपये मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू ने बीमा निगम को उपभोक्ता की एक लाख रूपये मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 2000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों सत्यभामा एवं के पी सहगल ने आनी तहसील के कोट (खनाग) गांव निवासी घम्बी देवी उर्फ मैनू देवी पत्नी मनी राम के पक्ष में भारतीय जीवन बीमा निगम को उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का आदेश दिया। अधिवक्ता आर एस राणा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता के पति मनी राम ने लोक निर्माण विभाग में नौकरी के दौरान निगम से अपने को बीमाकृत करवाकर उपभोक्ता को अपना नामिनी बनाया था। मनी राम के देहांत के बाद उपभोक्ता ने उनकी मृत्यु संबंधी सभी दस्तावेज निगम को मुहैया करवाकर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन निगम ने इस आधार पर मुआवजा खारिज कर दिया था कि उपभोक्ता के पति ने अपनी बीमारी के बारे में गल्त सूचना निगम को मुहैया करवाई थी। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि निगम की ओर से अपने तर्क को साबित करने के लिए चिकित्सा प्रमाण पत्र की फोटोकापी ही पेश की गई। इसके अलावा प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सक का शपथ पत्र भी फोरम में पेश नहीं किया गया। जिससे निगम का मुआवजा खारिज करने संबंधी तर्क साबित नहीं हुआ। फोरम ने निगम के मुआवजा अदा न करने को सेवाओं में करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। वहीं पर निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

Saturday 19 May 2012

नवज्योति कला मंच की 40 दिवसीय रंग कार्यशाला सोमवार से शुरू


मंडी। सांस्कृतिक राजधानी मंडी के नवज्योति कला मंच द्वारा सोमवार से 40 दिवसीय नाटय कार्यशाला का शुभारंभ किया जाएगा। मंच के निर्देशक इंद्र पाल ईंदू ने बताया कि टाउन हाल में आयोजित की जा रही इस कार्यशाला में करीब सौ बच्चे भाग लेंगे। उन्होने बताया कि कार्यशाला में प्रसिद्ध कहानीकार योगेश्वर शर्मा और मुरारी शर्मा की कहानियों पर नाटक तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य नाटकों का भी मंचन किया जाएगा। इंदू ने बताया कि कार्यशाला के दौरान तैयार करवाए गए नाटकों को एक कार्यक्रम में मंचित किया जाएगा। जबकि इन नाटकों के माध्यम से स्थानिय नाटय कर्मियों की कला को दूरदर्शन और सीधे प्रसारण के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की कोशीश की जाएगी।  

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने गरीबों को बेघर करने पर कडा विरोध जताया


मंडी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की शहरी ईकाई ने नगर परिषद द्वारा गरीबों को बेघर करने की कारवाई का कडा विरोध किया है। भाकपा के महासचिव समीर कश्यप ने प्रेस को जारी वक्तव्य में मांग की है कि दशकों पहले बनाए गए गरीबों के आशियानों को बिना सुनवाई के उजाडा जा रहा है। नगर परिषद की इस कारवाई की गाज गरीबों पर पड रही है जबकि अमीरों, नगर परिषद के सदस्यों, पूर्व सदस्यों, प्रभावशाली लोगों और नेताओं के किए गए गैर कानूनी अतिक्रमणों को नजर अंदाज कर दिया गया है और उन्हे नोटिस तक जारी नहीं किए गए हैं। भाकपा का मानना है कि यह समस्या नगर परिषद ने पैदा की है। अगर नगर परिषद ने समय रहते अवैध कब्जों को रोकने की कोशिश करती तो यह हालात नहीं बनते। लेकिन नगर परिषद ने अब उच्च न्यायलय को गुमराह करते हुए अपनी बला टालने के लिए दशकों पहले बने गरीबों के आशियानों लोगों को उजाडना शुरू कर दिया है। यहां यह सवाल उठता है कि क्या गरीबों को बेदखल करना ठीक है। भाकपा ने मांग की है कि इन उजाडे जा रहे परिवारों को इंदिरा आवास योजना के तहत आवास मुहैया करवाए जाएं और तोडफोड की इस कारवाई पर तुरंत रोक लगाई जाए और उच्च न्यायलय को स्थिति सपष्ट करके कोई बीच का रास्ता निकाला जाए।  

राहुल ब्रिगेड ने कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष को नगर परिषद की कारवाई पर रोक लगाने के लिए लिखा पत्र


मंडी। नगर परिषद के गरीबों के आशियाने उजाडने की चल रही कारवाई पर रोक लगाने के लिए राहुल ब्रिगेड की सदर ईकाई ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव राहुल गांधी से मांग की है। ब्रिगेड की सदर ईकाई के अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष व महासचिव को पत्र लिख कर कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में पिछले 30-40 सालों से रह रहे गरीब लोगों को अवैध कब्जों के नाम पर बेघरबार किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सरकार पूंजीपतियों को खेल गतिविधियों के बहाने बीघों में जमीन लीज पर दे रही है। जबकि गरीबों के आशियाने उखाडे जा रहे हैं। उन्होने कहा कि सरकारी योजनाओं के तहत भी गरीबों को आवास नहीं मुहैया करवाए जा रहे हैं। उन्होने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव से इस मामले में हसताक्षेप करने की मांग की है और खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को विवश हो गए लोगों को सरकारी योजनाओं के तहत तुरंत आवास मुहैया करने की मांग की है।  

Friday 18 May 2012

बल्ह की दो ट्रक युनियनों ने पांच दर्जन ट्रक आपरेटरों को बाहर निकाला, उपायुक्त ने दिए सात दिन में विवाद सुलझाने के निर्देश


मंडी। बल्ह क्षेत्र की दो ट्रक युनियनों से करीब पांच दर्जन ट्रक आपरेटरों को बिना कारण बताए युनियन से बाहर निकाल दिया गया है। नेरचौक की दि बल्ह वैली ट्रक आपरेटर एल पी- एस माडल युनियन और मिडियम ट्रक युनियन के निकाले गए ट्रक आपरेटरों के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त देवेश कुमार को ज्ञापन सौंप कर इस मामले में आवश्यक कार्यवाही की गुहार लगाई है। जानकारी के अनुसार नेरचौक स्थित दि बल्ह वैली मिडियम ट्रक युनियन के कुछ आपरेटर शुक्रवार सुबह जब युनियन कार्यालय पहुंचे तो वहां करीब दो दर्जन वाहनों को युनियन से निकालने बारे में सूची लगी हुई थी। जब ट्रक आपरेटरों ने इस बाबत जानना चाहा तो उन्हे बताया गया कि उनके ट्रक युनियन से निकाल दिए गए हैं। वहीं पर नेरचौक स्थित एल पी और एस माडल की दि बल्ह वैली ट्रक युनियन ने भी करीब तीन दर्जन से अधिक ट्रक आपरेटरों को बाहर निकाल दिया है। अधिवक्ता समीर कश्यप की अगुआई में युनियनों के सदस्यों गिरिजानंद, प्रवीण कुमार, प्रेम सागर, प्रेम सिंह, मोती राम, खेम चंद, पूर्ण चंद, बलीभद्र, यादविंद्र और धर्मेन्द्र सिंह व अन्यों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए उन्हे बताया कि युनियन से निकाल देने के बाद उन्हे कार्य करने से रोका जा रहा है। ट्रक आपरेटरों का कहना था कि उन्होने बैंकों से ऋण लेकर आजीविका कमाने के लिए ट्रक लिये हैं। लेकिन उन्हे बिना कारण बताए युनियन से निकाल दिया गया है। जिससे वह काम न कर पाने की वजह से बैंक की भारी भरकम किस्तें देने से असमर्थ हो जाएंगे। इधर, उपायुक्त देवेश कुमार ने उपमंडलाधिकारी सदर को संबंधित पक्षों के साथ इस मामले को सात दिनों में सुलझा कर इसकी रिर्पोट पेश करने के निर्देश दिए हैं। वहीं उपमंडलाधिकारी विनय कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को इस मामले में शीघ्र बैठक बुलाकर विवाद को सुलझाने का आश्वासन दिया है।  

धडवाहण में मारपीट के आरोपी एक हफ्ते बाद भी नहीं हुए गिरफ्तारः देशबंधु


मंडी। बल्ह क्षेत्र के धडवाहण गांव में एक सप्ताह पहले हुई मारपीट के आरोपियों को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस बारे में भाजपा नेता लाल सिंह देशबंधु की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक से आरोपियों के खिलाफ कारवाई करने की मांग की है। देशबंधु ने बताया कि धडवाहण निवासी रेवती देवी पत्नी विशाल विगत 10 मई को अपने घर में परिवार सहित सोई हुई थी। रात करीब साढे 12 बजे जब आंगन में कुछ आवाजें सुनाई दी तो रेवती का पति बाहर आया। जिस पर आरोपियों ने उनसे झगडा शुरू कर दिया। इसके बाद उनके पति अपने कमरे में वापिस लौट आए तो चार आरोपी उनके कमरे में घुस आए और लोहे की रौडों के साथ उनको और उनके पति को मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं आरोपियों ने घर में तोडफोड भी की थी। बल्ह थाना को घटना की सूचना देने पर हालांकि पुलिस ने भादंसं की धारा 452, 323 और 506 के तहत मामला तो दर्ज कर लिया था लेकिन इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। जबकि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। जिससे उन्हे अपनी सुरक्षा का खतरा हो गया है। उन्होने बताया कि आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अपराध गैर जमानती हैं लेकिन पुलिस आरोपियों पर हाथ नहीं डाल रही है। ऐसे में प्रतिनिधिमंडल ने आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की जिला पुलिस अधीक्षक से मांग की है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक ने प्रतिनिधिमंडल को आरोपियों की शीघ्र गिरफतारी का आश्वासन दिया है।  

शनि धाम में शनि जयंती भण्डारा 20 मई को


मंडी। यहां के जवाहर नगर के शनि धाम में शनि जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। शनि देव मंदिर सेवा समिति के सदस्य मुनीष धवन, राजीव वैद्य और ललित कुमार उर्फ सोनू ने बताया कि मंदिर में विगत 16 मई से जप और पाठ आयोजित किया जा रहा है। वहीं पर शाम के समय कीर्तन किया जा रहा है। उन्होने बताया कि रविवार 20 मई को हवन पूर्णाहुति के बाद भण्डारा आयोजित किया जाएगा।  

Tuesday 15 May 2012

उपभोक्ता की पालिसी की सरेंडर वैल्यु ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता की पालिसी का सरेंडर मूल्य ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 3000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर उपमंडल के मेहड(टांडु) निवासी मनोज कुमार पुत्र नरपत राम की शिकायत को उचित मानते हुए रिलांयस जीवन बीमा कंपनी लिमिटेड को उपभोक्ता की पालिसी की सरेंडर वैल्यु 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता लोकेन्द्र कुटलैहडिया के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने कंपनी से बीमा पालिसी ली थी। जिसके प्रिमियम के तौर पर उन्होने 25 हजार रूपये की राशि जमा करवाई थी। बीमा शर्तों के अनुसार उपभोक्ता की पालिसी की सरेंडर वैल्यु तीन साल के बाद अदा की जानी थी। उपभोक्ता ने कंपनी को कई बार इस बाबत संपर्क किया लेकिन उपभोक्ता के पक्ष में यह राशि अदा नहीं की गई। जिसके चलते उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम में सुनवाई के दौरान
कंपनी का कहना था कि उपभोक्ता की जमा करवाई गई प्रिमियम राशि का चैक बाउंस हो गया था। जिसके कारण अदायगी नहीं की गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी की ओर से चैक बाउंस होने के बारे में कोई तथ्य पेश नहीं किए गए। जिससे कंपनी का यह तर्क साबित नहीं हो सका। फोरम ने कंपनी के उपभोक्ता के पक्ष में सरेंडर राशि की अदायगी न करने को सेवाओं में करार देते हुए राशि की अदायगी ब्याज सहित करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी से उपभोक्ता को पहुंची मानसिक परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

Friday 11 May 2012

ईप्टा ने मनाया यादगारे कैफी आजमी


मंडी। ईप्टा मंडी ने यादगारे कैफ मनाते हुए प्रसिद्ध गीतकार, कवि और रंगकर्मी कैफी आजमी को याद किया। कैफी आजमी ईप्टा के 1985 से 2000 तक राष्ट्रिय अध्यक्ष रहे। इस अवसर पर कला प्रेमी, गायक, कवि और रंगकर्मी आर्यन बैंग्लो में एकत्र हुए। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि दीनू कश्यप ने की। इस अवसर पर प्रो. शुक्ला शर्मा, रूपेश्वरी शर्मा, भूपेन्द्र, जय कुमार, प्रवेश तथा ईप्टा के अन्य सदस्यों ने कैफी आजमी के गीतों और कव्वालियों को गाया और कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता रवि राणा शाहिन, एडवोकेट देशराज, एडवोकेट अमर चंद वर्मा ने भी कैफी आजमी के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन इंडियन पीपलस थियेटर एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक लवण ठाकुर ने किया।

Thursday 10 May 2012

बीमा कंपनी को मुआवजा ब्याज सहित देने और हर्जाना व शिकायत व्यय अदा करने के आदेश


मंडी। उपभोक्ता के वाहन की मुआवजा राशि अदा न करने को बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता फोरम ने 49,872 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना राशि और 2500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के बतैल (भांबला) निवासी किशोर चंद पुत्र अमर नाथ के पक्ष में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त राशि की अदायगी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता प्रीतम सिंह के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही भांबला स्थित श्यामा फ्लोर मिलस में पार्क किए गए उपभोक्ता के वाहन को एक व्यक्ति चोरी करके ले गया था। वाहन का पीछा करने पर यह भांबला में ही एक दुकान से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गया था। उपभोक्ता ने पुलिस थाना में दुर्घटना की प्राथमिकी दर्ज करवा कर इसकी सूचना कंपनी को देकर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी के मुआवजा अदा न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम में कंपनी का कहना था कि उपभोक्ता के वाहन का परमिट नहीं था जिससे बीमा की शर्तों का उल्लंघन हुआ था। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उच्चतम न्यायलय द्वारा एक मामले में दी गई व्यवस्था के अनुसार चोरी या छिने गए वाहन के मामले में पालिसी की शर्तों के उल्लंघन का प्रावधान लागू नहीं होता। ऐसे में फोरम ने कंपनी के मुआवजा खारिज करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। वहीं पर सेवाओं में कमी से उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

Wednesday 9 May 2012

माईक्रोमैक्स मोबाईल निर्माता और विक्रेता को हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। खराब मोबाईल बेचना विक्रेता और निर्माता को उस समय भारी पड गया जब उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के मोबाईल की 3350 रूपये मूल्य राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा विक्रेता और निर्माता की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 1500 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सदर उपमंडल के चतरोट(मझवाड) निवासी हेम राज पुत्र चेत राम की शिकायत को उचित मानते हुए विक्रेता थनेहडा बाजार स्थित एशियन कम्युनिकेशन और निर्माता माईक्रोमैक्स मोबाईल गुडगांव, हरियाणा को उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता धनदेव के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने माईक्रोमैक्स कंपनी का मोबाईल विक्रेता से खरीदा था। मोबाईल खरीदने के बाद वारंटी अवधि में ही फोन में नेटवर्क हैंगिंग, कीपैड, माईक और डिस्पले से संबंधित समस्याएं आ गई। उपभोक्ता ने विक्रेता को इस बारे में बताया तो उन्हे विक्रेता ने जॉब कार्ड जारी करके उपभोक्ता को 20 दिन में इसे ठीक करने को कहा। इसके बाद जब उपभोक्ता ने विक्रेता को संपर्क किया तो उन्हे एक सप्ताह के बाद आने को कहा गया। इसके बाद उपभोक्ता ने कई बार विक्रेता को संपर्क किया लेकिन मोबाईल को रिपेयर न किया गया। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। विक्रेता और निर्माता के फोरम की कार्यवाही में भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि विक्रेता और निर्माता ने वारंटी अवधि में न ही मोबाईल को ठीक किया और न ही खराब फोन के बदले नया फोन दिया जो उनकी सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले फोन की मूल्य राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

उपभोक्ता फोरम का 2006 का रिकार्ड 17 मई को होगा नष्ट


मंडी। जिला मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पिती के उपभोक्ता फोरम में साल 2006 के निपटाए गए मामलों का रिकार्ड 17 मई को नष्ट कर दिया जाएगा। इन जिलों के उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज ने बताया कि साल 2006 में जनवरी से दिसंबर माह पर निपटाए गए मामलों का रिकार्ड नष्ट किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इस बारे में नोटिस जारी कर दिया गया है। उन्होने बताया कि इस अवधि में निर्धारित मामलों से संबंधित रिकार्ड 17 मई से पहले-2 निर्धारित फीस जमा करवा कर हासिल किया जा सकता है।  

Tuesday 8 May 2012

देवता पांचवीर की भूमि पर किए अवैध कब्जे हटाने की मांग


मंडी। गोहर उपमंडल की थुनाग तहसील के सराची गांव में देवता गहरल और देवता पांजवीर की भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा करके शैड डाल दिए हैं। इस अवैध कब्जे की कोशीश का पता लगते ही स्थानिय लोगों ने वन विभाग को सूचित किया था। लेकिन कोई कार्यवाही न होने के कारण सराची गांव निवासियों के एक प्रतिनिधीमंडल ने मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल को अतिरिक्त उपायुक्त हंस राज चौहान के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया था। हालांकि इस ज्ञापन को प्रेषित किए हुए अब चार महिने से भी ज्यादा समय गुजर गया है। लेकिन इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए कोई पहल कदमी नहीं की गई है। देवता कमेटी के सदस्य प्यारे राम ने बताया कि अगले महीने देवता का मेला आयोजित किया जाएगा। लेकिन अनुसूचित जाति के लोगों के मेला स्थल पर यह शेड बना दिए गए हैं। जिससे मेले में आने वाले गांव लगवाडी से आने वाले देवता पांचवीर और उनके साथ चलने वाले अनुसूचित जाति के करीब 300 लोगों को बैढने, खेलकूद और अपने नाट खेल करने के लिए कोई जगह नहीं रह गई है। इसके अलावा माता भीमाकाली और थाच का देवता जहल भी मेले के दौरान इसी मैदान में बैठते है। देवता की कमेटी के प्रधान ठाकर दास, चौकीदार पुने राम व देवी राम, पुजारी दिले राम, शेतु राम, गूर चुहडु राम, कायथ गंगे राम, सदस्य हरी सिंह, चुन्नी लाल, उप प्रधान राम दास, बेद राम, भीमे राम, दामोदर दास, बलीभद्र और आलमचंद ने गांव के ही कुछ लोगों द्वारा देहुरीधार में देवता गहरल और पांजवीर की झुघाणीनाला डीपीएफ जंगल में स्थित भूमि पर कब्जा करने की नीयत से बनाए गए पांच कमरों के शैड को मेले से पहले-पहले हटाने की मांग की है। 

Saturday 5 May 2012

पीएनबी के डुप्लीकेट चैक जारी न करने पर हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने डुप्लीकेट चैक जारी न करने को बैंक की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 5000 रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा बैंक को उपभोक्ता के पक्ष में 30 दिनों के भीतर डुप्लीकेट चैक जारी करने और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सुंदरनगर सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसले में मैसर्ज जेनुइन अर्थ मुवरस नौलखा के मालिक सुनील कुमार पुत्र खयाली की शिकायत को उचित मानते हुए पंजाब नेशनल बैंक को उक्त आदेश जारी किए। अधिवक्ता एल एस राणा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता का बैंक में सी सी लिमिट खाता है। उपभोक्ता ने 31 मार्च 2009 को बैंक में 20999 रूपये का चैक भुगतान के लिए जमा करवाया था। लेकिन उपभोक्ता के खाते में यह राशि नहीं आ पाई। उपभोक्ता ने कई बार इस बाबत बैंक से संपर्क किया। लेकिन उन्हे 24 अप्रैल 2010 को बैंक की ओर से चैक के गुम हो जाने के बारे में पत्र जारी किया गया। उपभोक्ता ने इसके बाद भी कई बार बैंक से आग्रह करके राशि जमा करवाने की बात कही। लेकिन बैंक की ओर से डुप्लीकेट चैक जारी करने के बारे में आवश्यक कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक के लापरवाह क्रियाकलाप के कारण उपभोक्ता अपनी राशि का प्रयोग करने से वंचित होना पडा। उपभोक्ता के एडी-चोटी का जोर लगाने के बावजूद भी उनकी समस्या के निराकरण के लिए कोई त्वरित कार्यवाही अमल नहीं लाई गई। जो निश्चित रूप से बैंक की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने बैंक को 30 दिनों में डुप्लीकेट चैक जारी करने के आदेश दिए। वहीं पर बैंक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

Friday 4 May 2012

राज्य विद्युत बोर्ड को तीन मामलों में हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने प्रदेश विद्युत बोर्ड को गल्त बिल जारी करने पर तीन मामलों में उपभोक्ताओं के पक्ष में हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने के आदेश दिए हैं। फोरम ने उपभोक्ताओं के पक्ष में तीस दिनों में नया बिल जारी करने और अधिक वसूली गई राशी को आगामी बिलों में अडजस्ट करने के भी निर्देश दिए हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सुंदरनगर सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसलों में सांबल (अपर बैहली) निवासी श्याम लाल पुत्र संत, कुसुम चंद पुत्र निका राम और रोशन लाल पुत्र केशु राम के पक्ष में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को क्रमश: दो-दो हजार और 1500 रूपये हर्जाना और क्रमश: पंद्रह-2 सौ व एक हजार रूपये शिकायत व्यय अदा करने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता आशीष शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर इन शिकायतों के मुताबिक उपभोक्ताओं ने बोर्ड से बिजली का कुनेकशन लिया है। लेकिन उपभोक्ताओं को गल्त मीटर रीडिंग के आधार पर बिल जारी किए। उपभोक्ताओं के अनुसार उन्हे बिजली की खपत के आधार पर बिल जारी न करके गल्त मीटर रिडिंग के मुताबिक बिल जारी किए गए। उपभोक्ताओं ने जब इस बारे में बोर्ड के अधिकारियों को संपर्क किया तो उन्हे मीटर काट देने की धमकी दी गई। जिसके चलते उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड की ओर से इन मामलों में अपनी स्थिति जाहिर करने के संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किए गए। फोरम ने कहा कि गल्त मीटर रिडिंग के आधार पर उपभोक्ताओं को अधिक बिल जारी करना बोर्ड की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने बोर्ड को 30 दिन में नए बिल जारी करने के आदेश दिए। वहीं पर बोर्ड की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ताओं को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

सराज विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सकों और स्वास्थय कार्यकर्ताओं का टोटा


मंडी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सराज में चिकित्सकों और स्वास्थय कार्यकर्ताओं के 50 से भी अधिक पद खाली होने से लोग स्वास्थय सुविधा से वंचित हैं। आरटीआई से मिली सूचना से जाहिर हुआ है कि कई जगहों पर इन पदों का खाली हुए एक दशक बीत चुका है। क्षेत्र में पदों के रिक्त होने से जहां लोगों को स्वास्थय सुविधा हासिल करना कठिन हो गया है वहीं पर स्वास्थय मिशन से आने वाली दवाइयों और लाखों रूपये की ग्रांट के खर्चे पर भी सवालिया निशान खडे हो गए हैं। ग्रामीण कामगार संगठन के अध्यक्ष और आरटीआई ब्युरो के सदस्य संत राम ने स्वास्थय विभाग के जंजैहली स्थित खंड चिकित्सा अधिकारी से क्षेत्र में खाली पडे पदों के बारे में सूचना मांगी थी। विभाग से मिली सूचना के अनुसार सराज क्षेत्र में चिकित्सकों से लेकर स्वास्थय कार्यकर्ताओं के 54 पद खाली पडे हैं। सूचना के मुताबिक धरवाडथाच में पिछले 15 सालों से कोई मेल हैल्थ वर्कर नहीं है जबकि इन दिनों कोई फिमेल हैल्थ वर्कर भी यहां नहीं है। जबकि गतु में पिछले 12 सालों से कोई फिमेल हैल्थ वर्कर नहीं है और पिछले 4 सालों से मेल का पद भी रिक्त है। क्षेत्र के ब्रेऊगी, सिरधारी, कल्हणी, कांढी खडुल के स्वास्थय केन्द्रों में पिछले 11 सालों से मेल के पद खाली हैं। जबकि खौउली में इतने ही सालों से न ही मेल और न ही फिमेल हैल्थ वर्कर कार्य कर रहा है। इसी तरह जुडाश में मेल का पद 11 सालों से और फिमेल का 3 सालों से खाली हैं। खुनाची में भी मेल और फिमेल दोनों के पद 11 सालों से खाली हैं। शिवाकुढेहड में मेल 11 सालों से और फिमेल एक साल से, सोमनाचन में मेल 10 सालों से, सुरागी में मेल 5 सालों से, डिडर में मेल 4 सालों से और फिमेल 3 सालों से, झुगांण्ड में मेल 6 सालों से, विजैहल, सलोट, शंकरदेहरा में मेल 3 साल से, देवधार में 2 साल से और जरेहड में एक साल से मेल के पद खाली हैं। क्षेत्र के जंजैहली में पांच पद, पीएचसी थुनाग और बालीचौकी में दो-दो पद, थाची में 3 पद, खुहण में दो और गाडागुसैणी में 3 पद खाली पडे हैं। संत राम ने बताया कि इन खाली पदों से जनता को मिलने वाली दवाओं और विभिन्न ग्रांटों के खर्च करने पर भी सवालिया निशान लग गया है। उन्होने कहा कि शिक्षा और स्वास्थय के क्षेत्र में रिक्त पडे स्थानों को अगर जल्द नहीं भरा गया तो जनांदोलन शुरू किया जाएगा। इधर, खंड चिकित्सा अधिकारी डी एस वर्मा ने क्षेत्र के खाली पदों के बारे में आरटीआई के तहत सूचना जारी करने की पुष्टि की है।  

Thursday 3 May 2012

मेडी क्लेम की 17690 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में मेडि क्लेम की 17690 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में 2000 रूपये हर्जाना और 1500 रूपये शिकायत व्यय भी देना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने करसोग के पुराना बाजार निवासी कमल किशोर गुप्ता पुत्र के एल गुप्ता के पक्ष में रिलायंस लाईफ इंश्योरेंस वैल्थ हैल्थ कंपनी, कंपनी के एजेंट इमला ब्रिज करसोग निवासी नीरज गुप्ता और मेडी एसिस्टेंट इंडिया कंपनी बंगलौर को यह राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने कंपनी से अपना और अपनी पत्नी का एजेंट के माध्यम से बीमा करवाया था। बीमा अवधि के दौरान उपभोक्ता की पत्नी को संजीवन अस्पताल में बतौर इंडोर पेशेंट के रूप में अपना इलाज करवाना पडा। जिसमें उपभोक्ता की करीब 17690 रूपये की राशि खर्च हुई। उपभोक्ता ने कंपनी को तमाम दस्तावेज मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की। लेकिन कंपनी की ओर से मात्र 1130 रूपये की राशि अदा की गई। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत की सुनवाई में कंपनी की ओर से किसी के भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि मेडी क्लेम की पूरी राशि अदा न करना कंपनी की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में मेडी क्लेम राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। वहीं कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

रिवालसर में बोधचिता फाउंडेशन बौद्ध संस्था का उदघाटन


मंडी। धर्म त्रिवेणी रिवालसर में परम पूज्य 9वें ग्यालवा दोखमपा खमटुल डेंदोन शेडुब निमा रिनपोछे ने नवनिर्मित बोधिचिता फाउन्डेशन बौध संस्था का अवलोकन और उदघाटन बौध परंपरा के अनुसार किया। इस अवसर पर उनके साथ दोरजोंग रिनपोछे, छोईज्ञल रिनपोछे, सोमदंग रिनपोछे, रिडण्गो टुलकु और देश- विदेश से आए भिक्षु संघ और भिक्षुणियां शामिल थी। उदघाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिला किन्नौर से आए दल ने परंपरागत किन्नौरी वादयंत्रों से नृत्य और गीत प्रस्तुत करके सबका मन मोह लिया। समारोह में बोधिचिता फाउंडेशन बौध संस्था के अध्यक्ष रमेश चंद्र नेगी ने संसथा के उदेशयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसकी स्थापना भगवान बुद्ध के उपदेशों को लोक कल्याण के लिए व्यवहार में लाने के लिए किया गया है। अरूणाचल प्रदेश से इस अवसर पर यहां आए 9वें ग्यालवा दोखम्मपा खमटुल ने रिवालसर के विभिन्न धार्मिक सथलों में दर्शन और पूजन किया। इसके बाद वह बौध मठ टाशी जोंग (पालमपूर) लौट गए हैं। फाउंडेशन के उदघाटन कार्यक्रम के संचालक आचार्य रोशन लाल नेगी ने बताया इस समारोह में विशेष अतिथी के तौर पर भारत सरकार के आयकर विभाग के मुखय आयुकत एच सी नेगी, आईपीएस आर एस नेगी, शेर सिंह नेगी, रमेश कटोच, मलेशिया व अन्य देशों से आए अनुयायी तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।  

महिला ने लगाई पुलिस से मदद की गुहार


मंडी। यहां के पुरानी मंडी मुहल्ला की एक महिला ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है। पुरानी मंडी निवासी प्रेम लता पत्नी महेश शर्मा ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर अपने पडोस में रहने वाले एक वयक्ति पर उन्हे मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। प्रेम लता के अनुसार उनके पति आईटीबीपी में श्रीनगर में तैनात हैं लेकिन वह अपने बच्चों सहित अपने पुश्तैनी मकान में रहती है। महिला के अनुसार उनके पडोस में रहने वाले एक व्यकित के मकान का कार्य चल रहा है। जब महिला ने इस निर्माण का विरोध किया तो अब उनका पडोसी उन्हे कई तरह से मानसिक रूप से प्रताडित कर रहा है। पति के बार्डर पर होने के कारण वह असुरक्षित महसूस कर रही हैं। प्रेम लता ने जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंप कर इस मामले में आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने की गुहार लगाई है।  

लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए सोसायटी गठित


मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी मंडी में लोक संस्कृति को संजोने और संरक्षित करने के उदेशय से सोसायटी फार दि एंपावरमेंट आफ कलचरल डिवेलोपेंट का गठन किया गया है। इंडियन पीपलस थियेटर एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक लवण ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत इस संस्था के गठन के पीछे यह सोच है कि प्रदेश की लोक संस्कृति की विरासत को संजो कर अगली पीठी तक हस्तांतरित किया जाए। उन्होने कहा कि सोसायटी प्रदेश के सभी कला मंचों के साथ सामंजस्य बनाकर लोक नाटक, लोक संगीत और लोक नृत्य आदि विधाओं की पारंपरिक विरासत को सहेजने की दिशा में कार्य करेगी। उन्होने बताया कि युवा नाटक निर्देशक वेद कुमार को सोसायटी का अध्यक्ष, नितिश चौहान को महासचिव, यशपाल को कोषाध्यक्ष और रोहित, सौरव, धर्मपाल को कार्यकारिणी का सदस्य मनोनीत किया गया है।  

Wednesday 2 May 2012

भारतीय जीवन बीमा निगम को पॉलिसी बांड में गल्तियां करने पर हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। बीमा पालिसी के बांड में बार- बार गल्तियां करने को बीमा निगम की सेवाओं में करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 2500 रूपये हर्जाना 30 दिन में अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम को उपभोक्ता के पक्ष में 1500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जोगिन्द्रनगर के सिनेमाहाल के नजदीक रहने वाले राजेश पुंछी पुत्र नसीब चंद पुंछी की शिकायत को उचित मानते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम को 2500 रूपये हर्जाना राशि फैसले की तिथी से 30 दिनों के भीतर अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने निगम से जीवन सरल पॉलिसी ली थी। लेकिन उपभोक्ता को जारी पॉलिसी में उनकी जन्मतिथी गल्त लिखी थी। जब उपभोक्ता को इस बारे में पता चला तो उन्होने निगम के कार्यालय में संपर्क किया। जिस पर उपभोक्ता को डुप्लीकेट पॉलिसी जारी की गई। लेकिन इस पॉलिसी में भी उनकी जन्मतिथी को ठीक नहीं किया गया। इतना ही नहीं डुप्लीकेट पॉलिसी में इसे जारी करने की तिथी के बारे में भी कोई जिक्र नहीं था। इन परिस्थितियों में उपभोक्ता ने फिर से निगम को पॉलिसी को ठीक करने के लिए संपर्क किया। यह डुप्लीकेट पॉलिसी जमा करवाने के बाद उन्हे निगम ने ताजा पॉलिसी बांड जारी किया। लेकिन हैरानी तो तब हुई जब निगम ने इस बार जारी किए गए पॉलिसी बांड में मैच्योरिटी राशि 3,38,240 से घटा कर 1,90,460 कर दी। वहीं पर प्रिमियम भी 6065 से 3062 कर दिया था। हालांकि इस पॉलिसी में जन्मतिथी को ठीक कर दिया गया था। जब उपभोक्ता ने निगम को इन गल्तियों को ठीक करने को कहा तो उन्होने इसे ठीक नहीं किया। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि हालांकि उपभोक्ता ने पॉलिसी की गल्तियों को निगम के ध्यान में लाया था, लेकिन निगम ने बार-2 की जा रही इन गल्तियों को ठीक करने में लापरवाही बरती, जो निगम की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 30 दिनों में हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया।

Tuesday 1 May 2012

वितिय कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 15 हजाह रूपये टोकन टैक्स की राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने एक वितिय कंपनी को उपभोक्ता से वसूली 15,000 रूपये की टोकन टैक्स राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 1500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट सर्किट बेंच के दौरान सुनाए फैसले में अपर बेरी (कोठुआं) निवासी महेन्द्र सिंह पुत्र रंचू राम के पक्ष में महिन्द्रा एंड महिन्द्रा फाईनैंस कंपनी को 15,000 रूपये की टोकन टैक्स राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवकता देश राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने कंपनी से वितिय सहायता लेकर वाहन खरीदा था। लेकिन किस्तें जमा न करवाने के कारण कंपनी ने वाहन को दस्तावेजों सहित अपने कब्जे में ले लिया था। इसके बाद उपभोक्ता को मोटर लाइसेंसिंग और रजिसट्रेशन कार्यालय की ओर से 21 हजार रूपये का टोकन टैक्स जमा करवाने का नोटिस मिला। उपभोक्ता ने कार्यालय के दवाब में यह राशि जमा करवा दी। इसके बावजूद भी उपभोक्ता को एक और नोटिस जारी किया गया। जिसके चलते उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने यह वाहन 2003 में वापिस ले लिया था। जबकि उपभोक्ता को साल 2009 तक टोकन टैक्स अदा करना पडा। जिसके चलते फोरम ने कंपनी को टोकन टैक्स की अदायगी न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए यह राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...