Tuesday 31 March 2015

कैमरे की नज़र से आज की सैर


अच्छे संस्कार बेहतर समाज की नींवः सुर्य प्रकाश


चैलचौक। विकसित देश की परिकल्पना एक सुदढ़़ समाज के बिना संभव नहीं है। परिवार के संस्कार अच्छे हो तो समाज अच्छा होगा और समाज अच्छा हुआ तो एक विकसित राष्ट्र बनता है। यह शब्द विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और सिविल जज गोहर सूर्य प्रकाश ने रविवार को गोहर उपमंडल की बाल्हडी पंचायत में आयोजित शिविर में कहे। विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित शिविर की अध्यक्षता करते हुए सूर्य प्रकाश ने कहा कि आज संयुक्त परिवार बड़ी तेजी से टूट रहे हैं। संयुक्त परिवारों का टूटना समाज के लिए शुभ संकेत नहीं है। परिवार समाज की ईकाई होता है और अगर परिवार संस्कारी हो तो समाज में अपराध ही नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अधिकारों से ज्यादा कर्तव्यों को अहमियत देने की आवश्यकता है। नागरिकों में अधिकार बोध के साथ कर्तव्य बोध होना चाहिए। मनरेगा कानून पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मनरेगा से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। अधिवक्ता हेमसिंह ठाकुर ने इस मौके पर घरेलू हिंसा अधिनियम, भरण पोषण अधिनियम, सूचना का अधिकार कानून और शिक्षा का अधिकार कानून पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयास से अब हर पंचायत में ग्रामीण कानूनी सहायता एवं संरक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं जिससे लोगों को घर द्वार पर कानून की जानकारी मिल रही है। इसके अलावा खंड विकास कार्यालय के रिसोर्स पर्ससन ने उपस्थित लोगों को मनरेगा कानून के तहत करवाए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर ग्राम पंचायत बाल्हड़ी के प्रधान लाल सिंह कश्यप, बीडीसी सदस्य सदस्य सोहन लाल, गगन, रामकृष्ण शर्मा, भूप सिंह लेख राज शर्मा, डुमणी राम और महिला मंडल की अध्यक्ष लाजवंती मौजूद थे।

Friday 27 March 2015

बल्ह की बैरी पंचायत में लोगों को बताए अधिकार और कर्तव्य


मंडी। जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से बल्ह क्षेत्र की ग्राम पंचायत बैरी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जिया लाल आजाद ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि इन शिविरों के आयोजन का मकसद लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी देना है। इसके अलावा शिविर में लोगों को उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले विभिन्न कानूनों की जानकारी दे कर विधिक साक्षरता के माध्यम से जागरूक किया जाता है। जिससे वह इन कानूनों तथा योजनाओं का समुचित लाभ उठा सकें। मुखय न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि एक लाख रूपये से कम वार्षिक आमदनी वाले लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान है। इसके अलावा सभी महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग, बच्चों, आपदा प्रभावितों और फैक्टरी मजदूरों को भी मुफत कानूनी सहायता दी जाती है। उन्होने बताया कि सरकार के किसी विभाग के खिलाफ केस करने, बचाव पक्ष और विचाराधीन बंदियों को भी मुफत कानूनी सहायता का प्रावधान है। कानूनी सहायता के अंतर्गत केस दायर करने के लिए वकील की तैनाती, केस के कागजों व दस्तावेजों और गवाहों का पूरा खर्चा प्राधिकरण की ओर से दिया जाता है। यह सहायता प्राप्त करने के लिए एक सादे कागज में अपने विवाद का विवरण लिख कर आवश्यक प्रमाण पत्रों के साथ जिला विधिक प्राधिकरण को आवेदन करना पडता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा, आरटीआई, घरेलू हिंसा, उपभोक्ता व मोटर वाहन अधिनियम और पंचायतों में शुरू किये जा रहे ग्रामीण विधिक संरक्षण एवं सहायता केन्द्रों के बारे में जानकारी दी। ग्राम पंचायत बैरी के प्रधान तेज राम ने जानकारी देने के लिए मुखय न्यायिक दंडाधिकारी और प्राधिकरण का धन्यावाद किया। शिविर में पंचायत सचिव गोविंद राम, उपप्रधान चुनी लाल, पैरा लीगल वालंटियर, तरूण बिष्ट, पुष्प राज और महिला मंडल सहित स्थानीय निवासी मौजूद रहे।

नेरचौक-मनाली फोर लेन के लिए शिला कीपड से झीडी तक अर्जित की जाने वाली भूमि का विवरण



मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...