Friday 6 March 2015

डिभा बावडी में फैली गंदगी, लोग परेशान

मंडी। भगवान मुहल्ला स्थित ऐतिहासिक डिभा बावडी परिसर में सीवरेज पाइप फट जाने के कारण इन दिनों गंदगी का आलम है। सीवरेज की सारी गंदगी पाईप फट जाने के कारण खुले में बिखर कर परिसर और सुकेती नदी को प्रदूषित कर रही है। स्थानीय वासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त उपायुक्त गोपाल चंद को ज्ञापन सौंप कर गंदगी फैलने से तुरंत रोक लगाने की मांग की है। स्थानीय निवासी समीर कश्यप, योगेश मोदगिल, प्रशांत हांडा, कुलदीप शर्मा, तिलक राज कौशिक, अतुल धौमया, तेजिन्द्र सिंह सैन, जुबी, जनित भारद्वाज, राजन चंदेल, कमल शर्मा, प्रतीक कश्यप, अनुपम कश्यप, विशाल, आकाश कश्यप, जिवेश कश्यप और सुशांत ने बताया कि वार्ड में सैंकडों साल पुरानी डिभा बावडी परिसर इन दिनों गंदगी से लबरेज है। बावडी के साथ आईपीएच विभाग की सीवरेज पाईप गुजरती है। यह सीवरेज पाईप पिछले करीब एक साल से फट गई है। जिसके कारण सारी गंदगी पाईप से गुजरने के बजाय बावडी परिसर के नजदीक गिर कर सुकेती खड्ड में मिल रही है। इसके अलावा यहां बना सीवरेज का टैंक भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। टैंक से भी लगातार गंदगी का रिसाव हो रहा है। जबकि परिसर से सटा नाला भी बुरी तरह से टूट गया है और गंदगी भर जाने के कारण पानी की निकासी रूक गई है। कुछ समय पूर्व भी सीवरेज की गंदगी बावडी के स्त्रोत से मिल कर इसके पानी को विषैला बना रही थी। उस समय भी स्थानीय लोगों ने इस धरोहर को बचाने के लिए प्रशासन से मांग की थी। हालांकि उस समय सीवरेज के एक टैंक को बंद करके गंदगी पर रोकथाम लगाई गई थी। लेकिन अब सीवरेज पाईप के टूट जाने से सारी गंदगी अगले टैंक तक पहुंचने के बजाय बावडी परिसर के नजदीक खुले में गिर रही है। जिससे बावडी में हर समय गंदगी और दुर्गंध का आलम बना रहता है। वहीं पर जिस टैंक से यह पाईप अगले टैंक को गई हुई है वह भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके कारण टैंक में से लगातार मलमुत्र और शौच बावडी क्षेत्र में फैल रहा है। इसके अलावा परिसर के साथ से गुजरने वाला नाला भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते नाले से गुजरने वाली गंदगी परिसर के पास जमा हो कर परिसर को दूषित कर रही है। उन्होने बताया कि बावडी के सभी नल तोड दिये गए हैं। जिससे पानी व्यर्थ बहता रहता है और इसके प्रदूषित होने की संभावना बनी रहती है। गौरतलब है कि डिभा बावडी मंडी का प्रसिद्ध पेयजल स्त्रोत है जो रियासत कालीन समय से अपने मीठे जल के लिए हमेशा से जाना जाता है। लेकिन इस ऐतिहासिक पेयजल स्त्रोत का उचित रखरखाव न होने के कारण यह उपेक्षा का शिकार है। उन्होने बताया कि परिसर में फैली गंदगी के कारण स्थानीय निवासी अपने स्वास्थय के प्रति आशंकित हैं। स्थानीय वासियों ने बताया कि इस बारे में अनेकों बार संबंधित विभाग को सूचित किया गया है। लेकिन कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जा रही है। स्थानीय वासियों ने मांग की है कि डिभा बावडी परिसर में सीवरेज की फट गई पाईप को बदल कर नयी पाईप लगाई जाए और क्षतिग्रस्त टैंक तथा नाले को भी जल्द से जल्द ठीक किया जाए। वहीं पर बावडी के सभी नलों को लगा कर परिसर की साफ सफाई का उचित प्रबंध किया जाए।

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