Monday 29 May 2017

नेहरू युवक मंडल ननावां ने समाजसेवियों को किया सम्मानित




मंडी। नेहरू युवा मंडल ननावां ने अपना 20वां स्थापना दिवस शनिवार को धूमधाम से मनाया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में आयोजित इस स्थापना दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि नेहरू युवा मंडल ननावां की गतिविधियां बेहद सराहनीय हैं। उन्होने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पुणयतिथी के अवसर पर उन्हें याद करते हुए स्थानीय युवक मंडल का यह कार्यक्रम बहुत प्रासांगिक है। उन्होने कहा कि अन्य युवक मंडलों को भी ननावां के युवा मंडल से प्रेरणा लेकर समाज की बेहतरी के कामों में आगे आना चाहिए। उन्होने युवक मंडल के प्रयासों की भूरी-2 सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी। युवक मंडल के संरक्षक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि इस अवसर पर क्षेत्र के विभिन्न समाजसेवियों को युवा मंडल की ओर से सममानित किया गया। जिनमें नोखू राम शर्मा, गुलाबी देवी, स्व. खूब चंद ठाकुर, स्व. ठाकर सिंह, स्व. कौली देवी, सोहण सिंह, नागेन्द्र सिंह, धनी राम राणा, नरेन्द्र सिंह, स्व. नागर देव शर्मा व अन्य स्थानीयवासी शामिल थे। स्थापना दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान भराडी महिला मंडल बटयाणा, एकता महिला मंडल ननावां तथा स्थानीय पाठशाला के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी। युवा मंडल के प्रधान कुशाल ठाकुर ने बताया कि संस्था को जिला भर में सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ युवा मंडल से सममानित किया जा चुका है। वहीं पर मंडल के महासचिव राजीव कुमार ने युवा मंडल की विस्तृत रिर्पोट रखते हुए भविष्य की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी और कार्यक्रम में मौजूद मुखयअतिथि तथा अन्य मौजूद लोगों का स्वागत तथा धन्यावाद किया। इस अवसर पर स्थानीय पाठशाला के प्रधानाचार्य सत्यपाल गौतम, कांग्रेस के उपाध्यक्ष प्रताप राणा, बीडीसी सदस्य तल्याहड सोमा शर्मा, राजेन्द्र कुमार, आरटीआई ब्यूरो लवण ठाकुर, सीएचटी महेश शर्मा, जीवन लाल, जगदीश कुमार, एसएमसी प्रधान देविन्द्र कुमार, हेमंत कुमार, सुभाष चंद, रमेश कुमार, सुर्यप्रताप, राकेश कुमार, दिव्या ठाकुर, अनिता कुमारी, कांता देवी, संजू देवी, लज्जा देवी, रोशन लाल, अभिनय कुमार, अमनदीप, दलीप ठाकुर, भुवनेश्वर कुमार सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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शराब ठेका बंद न करने को सौंपा ज्ञापन



मंडी। शहरवासियों ने चौहट्टा बाजार में खोली गई शराब की दूकान को न हटा कर यथास्थिति रखने की मांग की है। इस बारे में शहरवासियों ने उपमंडलाधिकारी सदर डॉ मदन कुमार को ज्ञापन सौंपा है। शहरवासी समीर कश्यप, भारत भूषण, तिलक राज, देश राज, प्रवीण कपूर, नरेन्द्र कुमार, मनोज गुलेरिया, कुलदीप, मनीष कुमार, तरणदीप सिंह, दलीप कुमार, राजेन्द्र, कृष्ण कुमार और यशपाल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने उपमंडलाधिकारी सदर को ज्ञापन सौंपा है। शहरवासियों का कहना है कि हाल ही में आबकारी व काराधान विभाग की ओर से अश्वनी कुमार के नाम से चंद्रलोक की गली में साल 2016-17 के लिए शराब की एक दूकान खोली गई है। इस दूकान को खोले जाने पर कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। जबकि शहरवासियों का कहना है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रीय राजमार्ग पर या इससे 250 मीटर दूरी तक खोले गए शराब के ठेकों को बंद कर दिया गया है। इन आदेशों की परिधी में आने वाले मंडी के अधिकांश ठेके बंद हो चुके हैं। जिससे लाइसैंसशुदा शराब को हासिल करने में लोगों को भारी दिककतों का सामना करना पड रहा है। ऐसे में चौहट्टा में शराब की दूकान खुलने से लोगों को सुविधा मिली है। लेकिन इस दूकान को हटाने की मांग करने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रख रहे हैं। इससे पहले भी शहर में शराब की दूकानें खोली जाती रही हैं। इसका कोई बुरा प्रभाव बाजार में नहीं पडेगा। क्योंकि इस दूकान से अधिकृत शराब किसी अन्य वस्तु की तरह मात्र खरीदी ही जाएगी और इसका यहां पर सेवन नहीं होगा क्योंकि दूकान में सेवन नहीं किया जाता। ऐसे में दूकान को खोलने का विरोध बिल्कुल अनुचित है। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि चंद्रलोक की गली में शुरू की गई शराब की दूकान यथास्थिति जारी रखी जाए और इसका विरोध करने वालों को कोई तवज्जो नहीं दी जाए।
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बांदल गांव में आयोजित की गई बगलामुखी जयंती



मंडी। द्रंग विधानसभा क्षेत्र की देओरी पंचायत के बांदल गांव में बगलामुखी जयंती धूमधाम से आयोजित की गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व बीडीसी सदस्य दीपक शर्मा ने की। उन्होने इस मौके पर कहा कि मेले व त्योहार हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं। जिनमें लोगों का उत्साह व उल्लास देखते ही बनता है। उन्होने क्षेत्रवासियों का बगलामुखी जयंती में बढचढ कर भाग लेने पर स्वागत और आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि देओरी पंचायत का अधिकांश क्षेत्र अभी भी विकास से अनछुआ रह गया है। उन्होने बताया कि जिला परिषद सदस्य पमिता शर्मा के माध्यम से क्षेत्र की कई विकास योजनाओं को शुरू करने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि बांदल से पराशर तक सडक मार्ग निकालने के कार्य को गति दी जा रही है। उन्होने बताया कि सनोर, बदार व उत्तरसाल में अनेकों देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर व भंडार स्थित हैं। अगर इन क्षेत्रों को सभी ओर से सडक के माध्यम से पराशर से जोडा जाए तो यहां पर धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेकों अवसर पैदा हो सकते हैं। जयंती के अवसर पर ज्वालापुर क्षेत्र के देवता चंडोही और बांदल की बगलामुखी देवी ने परंपरागत रूप से मेले में शिरकत करके सभी श्रदालुओं को आर्शीवाद दिया। मेले में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय वासियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि हर वर्ष बांदल के बगलामुखी मंदिर में जयंती के अवसर पर दो दिवसीय आयोजन किया जाता है। जिसमें सनोर और बदार क्षेत्र के हजारों लोग भाग लेते हैं।
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मिस्त्री की जातिगत प्रताड़ना का केस किया दर्ज




मंडी। आखिरकार भारी जदोजहद के बाद एक मिस्त्री को जातिगत आधार पर प्रताडित करने का मामला पुलिस ने दर्ज कर लिया है। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इसकी जांच का जिममा राजपत्रित अधिकारी को सौंपा गया है। जानकारी के मुताबिक अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला मराथू गांव का एक मिस्त्री नागेन्द्र पाल पुत्र सावणु गत वर्ष 29 जून 2016 को सदर तहसील के गोखडा (बलोह) गांव में मोहन लाल के घर की रसोई की मुरममत का कार्य कर रहा था। इसी दौरान आरोपी योगेन्द्र पाल, जीवन लाल और लेख राज ने उसे कार्य करने से रोका और कहा कि अगर काम बंद नहीं किया तो उसे जान से मार देंगे। इसके बाद से आरोपी उक्त मिस्त्री का पीछा कर रहे थे और उसे धमकियां दे रहे थे। हालांकि मिस्त्री ने उन्हें कहा कि वह मिस्त्री का काम रोजी रोटी कमाने और परिवार को पालने के लिए करता है। लेकिन 8 जुलाई को तीनों आरोपी उसके घर में आए और उसे जातिसूचक संबोधन कह कर डराना धमकाना शुरू कर दिया और उसे जान से खत्म करने की धमकी देने लगे। आरोपियों का कहना था कि अगर मोहन लाल के घर का काम किया तो वह उसकी टांगें तोड देंगे। इसके बाद 11 जुलाई को भी जब वह मोहन लाल के घर में कार्य कर रहा था तो आरोपियों ने उसे जातिसूचक शब्द कह कर धमकियां दी। काम से वापिस लौटते समय शाम को आरोपी लेखराज के घर के नजदीक उक्त आरोपियों ने उसे फिर से जातिसूचक शब्दों के साथ डराया-धमकाया। ऐसे में मिस्त्री ने 12 जुलाई को जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर मामला दर्ज करने की अर्जी दी थी। लेकिन 12 अगस्त को पुलिस की ओर से मिस्त्री को उसके घर के नीचे नाले में आने को कहा। जब मिस्त्री वहां पहुंचा तो पुलिस ने उसे ही आरोपियों की मौजूदगी में धमकाना शुरू कर दिया और जबरन समझौतानामा लिखवा कर विरोध करने के बावजूद भी उसे 1000 रूपये दे दिये। पुलिस का कहना था कि उसे केस के लिए गवाह पेश करने होंगे जो अनुसूचित जाति या ब्राह्मण जाति से न हों। इस तथ्य की जानकारी मिस्त्री ने जिला पुलिस अधीक्षक को 16 अगस्त को एक लिखित अर्जी में दे कर आरोपियों पर कार्यवाही की फिर से गुहार लगाई थी। इसके अगले दिन मिस्त्री को थाना में बुलाया गया और उस पर समझौता करने के लिए दबाब बनाया गया पर उसकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। सदर थाना की ओर से कार्यवाही न होने पर मिस्त्री ने सूचना के अधिकार के तहत केस की प्रगति की सूचना मांगी। सूचना से पता चला कि थाना प्रभारी ने मिस्त्री की अर्जी को बिना जांच के खारिज कर दिया है। करीब एक दर्जन बार लिखित व मौखिक शिकायतें करने के बावजूद भी सदर थाना पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया। बल्कि संज्ञान लिये जाने योगय आरोपों की शिकायत को तहकीकात किये बिना ही खारिज कर दिया गया। लेकिन शिकायतकर्ता मिस्त्री ने हार न मानते हुए एक बार फिर से 28 मार्च 2017 को अर्जी देकर प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया था। इसके बाद मिस्त्री ने सूचना के अधिकार के तहत इस अर्जी पर हुई कार्यवाही के बारे में जिला पुलिस अधीक्षक से जानकारी मांगी थी। सूचना में जाहिर हुआ है कि पुलिस ने मिस्त्री की शिकायत पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की धारा 3(1) और भादंस की धारा 504 व 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है और अब मामले को अन्वेषण के लिए राजपत्रित अधिकारी को सौंपा गया है।
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जाछ-लोट सड़क की गुणवता जांचने की मांग




मंडी। जिला की चच्योट तहसील में जाछ से लोट गांव को बनी सडक की गुणवता की जांच के लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई गई है। चच्योट तहसील के भनाच (जाछ) गांव निवासी अमर सिंह पुत्र भगत राम ने इस बारे में केंद्र सरकार के लोक निर्माण विभाग मंत्रालय को शिकायत प्रेषित की है। अमर सिंह के अनुसार गत पांच साल पहले विभाग ने गोहर मंडल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत जाछ से लोट गांव तक सडक का निर्माण किया था। लेकिन यह सडक अब खस्ताहाल हो गई है। सडक की टायरिंग जगह-2 से उखड चुकी है। जबकि नालियों की हालत भी बहुत खराब है। अमर सिंह के अनुसार इस सडक को प्रधानमंत्री सडक निर्माण के नियमों के अनुसार नहीं बनायी गई है। अमर सिंह ने केंद्रिय मंत्रालय को पत्र प्रेषित करके इस सडक की हालत को सुधारने और सडक निर्माण के कार्य में अनियमितताएं बरतने वालों की कडी जांच करने का आग्रह किया है।
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प्रशासनिक ट्रिब्यूनल सैंट्रल जोन बार एसोसिएशन का गठन




मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल सेंटरल जोन बार एसोसिएशन का गठन किया गया है। अधिवक्ता एस पी परमार को एसोसिएशन का अध्यक्ष तथा लोकेश कपूर को महासचिव चुना गया है। जबकि बिमल कुमार शर्मा उपप्रधान, राज कुमार शर्मा सह सचिव, अभिषेक लखनपाल कोषाध्यक्ष, जी आर गौड, एस पी चटर्जी, एस आर बधान सदस्य, एम सी शर्मा, समीर कश्यप मीडिया प्रभारी तथा आर एस राणा को मुखय सलाहकार चयनित किया गया है। अध्यक्ष एस पी परमार व महासचिव लोकेश कपूर ने बताया कि एसोसिएशन की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि केन्द्रीय जोन में कर्मचारियों की संखया ज्यादा होने के कारण हर महीने मंडी में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का नियमित बेंच का सर्किट शुरू किया जाए। इसके अलावा साल 2008 से पहले की तरह मंडी में ट्रिब्यूनल का नियमित कार्यालय तत्काल शुरू करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होने बताया कि कार्यकारिणी के गठन और प्रस्तावों की जानकारी ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष, जिला एवं सत्र न्यायधीश, प्रदेश बार कौंसिल, जिला बार एसोसिएशन, उपायुक्त तथा जिला पुलिस अधीक्षक मंडी को प्रेषित की गई है।
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Tuesday 23 May 2017

लॉटरी के नाम पर करोड़ों की ठगी



मंडी। लाटरी स्कीम चलाकर प्रदेश के हजारों लोगों से करोडों रूपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। इस चिट फंड कंपनी के खिलाफ बिलासपुर और सोलन जिला में हजारों लोगों से करोडों की राशि ऐंठने के मामले दर्ज किये जा चुके हैं। इसी कडी में मंडी जिला में भी हजारों लोगों से लाखों रूपये ऐंठने की शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक को सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में एक निजी कंपनी बीआईवी थ्री डी इलैक्ट्रोनिकस के नाम से प्राईज चिट और लाटरी बिजनेस बिलासपुर के स्थायी पते से चला रही है। इसके निदेशक बिलासपुर के संजीव कुमार और मंजू बाला हैं। हालांकि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के रिकार्ड में कंपनी का इलैक्ट्रोनिक आईटम की खरीद फरोखत का बिजनेश दर्शाया गया है। लेकिन कंपनी एक लाटरी व प्राईज गिफट की स्कीम चलाती है और इसे ज्वाइन करने के लिए व्यक्ति को हर महीने 500 रूपये 12 महीने तक देने होते हैं। कंपनी की स्कीम के मुताबिक 500 रूपये के बदले हर महीने 6 लोगों को लॉटरी के माध्यम से लक्की ड्रा निकाले जाने थे। जिसमें कंपनी के पंफलैट में दिये गए प्रोडक्ट भागयशाली विजेताओं को ईनाम के रूप में दिये जाने थे। इसके अलावा आखिरी बंपर ड्रा में सभी लोगों का ड्रा निकाल कर दो भागयशाली विजेताओं को पचास हजार रूपये का सोने का हार और अल्टो 800 ईनाम के रूप में दी जानी थी। कंपनी की नेरचौक शाखा ने पहली साल 1390 दूसरी साल 894 लोगों को विभिन्न एजेंटों के माध्यम से कंपनी का सदस्य बना कर करीब 76,11,073 रूपये की राशि कंपनी के खाते में जमा करवायी। स्कीम के तहत हर व्यक्ति ने कंपनी को 6000 रूपये एक साल में अदा किये। कंपनी ने हालांकि ड्रा तो घोषित किये लेकिन ड्रा के तहत दिये जाने वाले इनामी गिफट नहीं दिये गए। कंपनी की इसी तरह की धोखाधडी के चलते इसके निदेशकों के खिलाफ जिला बिलासपुर के बरमाणा पुलिस थाना और सोलन जिला के दाडलाघाट में भी क्रमश: 800 और 1200 लोगों को ठगने की प्राथमिकी दर्ज हुई है। इन मामलों में गिरफतारी के बाद सुप्रीम कोर्ट और प्रदेश उच्च न्यायलय में दोनों निदेशकों की जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं और इस समय वह बरमाणा पुलिस थाना में दर्ज प्राथमिकी के तहत पुलिस रिमांड पर हैं। सोमवार को अधिवक्ता प्रवेश चंदेल, अभिषेक लखनपाल, लवण ठाकुर और समीर कश्यप की अगुवाई में कंपनी की ठगी के शिकार बने लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने उप जिला पुलिस अधीक्षक राजेश धर्माणी को शिकायत पत्र सौंप कर कंपनी के निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और उनकी राशि लौटाने की मांग की है। इधर, उप जिला पुलिस अधीक्षक राजेश धर्माणी ने शिकायत पत्र पर कडी कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश बल्ह पुलिस थाना को दिये हैं। प्रतिनिधिमंडल में नरेश कुमार, चमन लाल, प्रिथी पाल, सन्नी गुप्ता, रत्न सिंह, परस राम, बिंद्रा देवी, मोहन सिंह, सरला देवी, सीता देवी, डागू राम, देवेन्द्र कुमार, तारा चंद, शीला, देवी सिंह, कश्मीर चंद, लालमन, कृष्ण चंद, लता देवी, रिचु देवी, खीमी देवी, यामिनी, रमणा, निका राम, चंद्रकेश, मेहर सिंह, वीरेन्द्र तथा हुकम चंद सहित ठगी का शिकार बने अन्य लोग शामिल थे।
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देओरी और बल्ह टिक्कर पंचायतों में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित





मंडी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से रविवार को ग्राम पंचायत देओरी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अशोक कुमार ने की। इस अवसर पर उन्होने स्थानीय वासियों को संविधान प्रदत नागरिक अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होने कहा कि नागरिकों के अधिकारों से वंचित करने पर उच्चतम तथा प्रदेश उच्च न्यायलय को अर्जी भेज कर जनहित याचिका दायर की जा सकती है। इसके अलावा नागरिकों को देश के प्रति अपने कर्तव्यों के बारे में भी जागरूक होना चाहिए। उन्होने कहा कि आसपास के प्राकृतिक पर्यावरण, वन, झील, नदी-नालों व वन्य जीवों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होने महिला अधिकारों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं के भरण पोषण व उनसे किसी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए कानून में प्रावधान किये गए हैं। मुफत कानूनी सहायता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि सभी महिलाएं, अनुसूचित जाति व जनजाति, अपंग, आपदा प्रभावित तथा वह सभी लोग जिनकी वार्षिक आय एक लाख रूपये से कम है उन्हें प्राधिकरण की ओर से निशुल्क कानूनी सहायता दी जाती है। जिसके लिए एक सादे कागज पर जिला प्राधिकरण को आवेदन करना होता है। इस अवसर पर अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा और सूचना के अधिकार कानून के बारे में लोगों को अवगत करवाया। स्थानीय पंचायत के प्रधान देवेन्द्र कुमार ने न्यायिक दंडाधिकारी तथा विधिक प्राधिकरण का शिविर आयोजित करने और कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी देने के लिए धन्यावाद और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपप्रधान टीकमे राम, पंचायत सचिव चंद्रमणी सहित वार्ड सदस्य, महिला मंडल व स्थानीय निवासी मौजूद थे। इधर, ग्राम पंचायत बल्ह टिक्कर में भी रविवार को शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर चार रोजी दाहिया ने लोगों को मौलिक अधिकारों, न्यायिक प्रक्रिया की कार्यप्रणाली और श्रम कानूनों के बारे में बताया। जबकि अधिवक्ता राजकुमार शर्मा ने घरेलू हिंसा और मोटर वाहन अधिनियम के बारे में लोगों को जानकारी दी।
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Friday 19 May 2017

हिमाचल प्रदेश में विकास के रचनाकार थे पंडित गौरी प्रसाद






18 मई को तीसरी पुण्यतिथि पर विशेष
मंडी। हिमाचल निर्माता डा यशवंत सिंह परमार की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य पंडित गौरी प्रसाद प्रदेश के विकास की आधारशीला के रचनाकार थे। प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार के महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पंडित गौरी प्रसाद ने हिमाचल निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गौरी प्रसाद का जन्म 18 अक्तूबर 1920 में मंडी रियासत के बल्ह गांव में पंडित जय किशन और माता दुर्गा देवी के घर में हुआ। बल्ह से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद आगे की पढाई के लिए वह सन 1935 में लाहौर चले गए। जहां पर उन्होने पंजाब विश्विद्यालय से मैट्रिक की पढाई पूरी की। इसी दौरान वह लाहौर में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और डा. गोपी चंद भार्गवा और डा. सत्य पाल के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया। सन 1939 में उन्होने सनातन धर्म प्रेम गिरी आयुर्वेदिक कालेज लाहौर से श्री वैद्या कवि राज परीक्षा उर्तीण की। जबकि अगले ही साल उन्होने इसी संस्थान से आयुर्वेदाचार्य की पढाई मुकममल की। लाहौर में आयुर्वेदाचार्य की डिग्री पूरी करने के बाद वह वापिस घर लौट आए और बल्ह (नेरचौक) में फारमेसी स्थापित करके प्रैक्टिस शुरू की। देश की आजादी को लेकर चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन के चलते जल्द ही उन्होने आयुर्वेद की प्रैक्टिस और फारमेसी का व्यापार बंद कर दिया और छोटे पहाडी राजाओं व शासकों के राज को उखाडने के लिए चलाए जा रहे प्रजा मंडल आंदोलन में शामिल हो गए। वह सन 1942 में मंडी रियासत में सक्रिय जिला प्रजा मंडल आंदोलन के अध्यक्ष चुने गए और उन्होने सन 1947 तक आंदोलन को नयी दिशा प्रदान की। वह सन 1940 से 1945 तक मंडी रियासत के राजा की विधान परिषद के निर्वाचित सदस्य रहे। उन्होने बल्ह निर्वाचन क्षेत्र से प्रजा मंडल के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडते हुए मंडी रियासत के प्रायोजित प्रत्याशी को हराया था। स्वतंत्रता संग्राम और प्रजा मंडल आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हे मंडी के राजा ने सन 1947 में जेल भेज दिया था और उन्हे करीब छह माह के बाद जेल से छोडा गया था। पंडित गौरी शंकर को सन 1947 में जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया और वह सन 1951 तक इस पद पर रहे। इसके अलावा वह प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य भी रहे। आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश को भारत के चीफ कमीश्नर प्रोविंस के रूप में पहचान मिली। पंजाब और शिमला हिल्स की 30 रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन हुआ। जिसके चार जिले चंबा, महासू, मंडी और सिरमौर बनाए गए। सन 1951 में हिमाचल प्रदेश को पार्ट सी राज्य घोषित किया गया। प्रदेश में विधान सभा का गठन करके पहले चुनाव नवंबर 1951 में आयोजित किए गए। पंडित गौरी प्रसाद ने मंडी जिला के रिवालसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लडा और विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। मार्च 1952 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और पंडित गौरी प्रसाद को मुखयमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार के तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। उन्हे लोक निर्माण विभाग, स्वास्थय, आयुर्वेद, ट्रांसपोर्ट और सिंचाई एवं जन स्वास्थय जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए। जबकि पंडित पदम देव को गृह मंत्री का पद दिया गया। पंडित गौरी प्रसाद सन 1956 तक मंत्री के रूप में कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल के दौरान प्रदेश के भविष्य के विकास की सुदृढ आधारशिला रखी गई। सन 1954 में उन्हे राज्य स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन का राज्य अध्यक्ष चुना गया और वह उम्र भर इस पद पर कार्य करते हुए स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कार्य करते रहे। वह हरिजन सेवक संघ के जिला अध्यक्ष और भारत सेवक समाज के संयोजक के रूप में सन 1957 से 1962 तक सक्रिय रहे। उन्होने अश्पृश्यता हटाने और दलितों के उत्थान के लिए बढचढ कर भाग लिया। इसी दौरान वह सर्वोदय आंदोलन से जुडे और जिला संयोजक व राज्य सदस्य के रूप में कार्य करते रहे। उन्हे सन 1959 से 1963 तक पंजाब, जममू व कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेश (इंटक) के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होने मजदूरों और कामगारों के कल्याण व उनके अधिकारों के लिए कई मजदूर संगठनों के साथ कार्य किया। जिनमें हाइडल वर्कर यूनियन जोगिन्द्र नगर, ट्रांसपोर्ट वर्कर यूनियन, मंडी हिल ट्रांसपोर्ट यूनियन, आयुर्वेदिक फारमेसी यूनियन जोगिन्द्र नगर, साल्ट माइन वर्कस यूनियन द्रंग, ब्यास सतलुज लिंग प्रोजेक्ट वर्कस यूनियन पंडोह व सुंदरनगर, हिमाचल इलैक्ट्रीकल वर्कस यूनियन ढली व मंडी शामिल हैं। वह सन 1964 में हिमाचल प्रदेश इंटक के अध्यक्ष बने और 1970 तक इस पद पर रहे। उन्हे 15 अगस्त 1988 में स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान के लिए तात्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने ताम्र पत्र से नवाकाा था। उन्हे सन 1994 में मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता वाली राज्य फ्रीडम फाइटर वेलफेयर बोर्ड का उपाध्यक्ष चुना गया। मंडी नगर परिषद ने पंडित गौरी प्रसाद को विगत दो अप्रैल 2000 में मांडव रतन पुरूस्कार से नवाकाा था। पंडित गौरी प्रसाद का करीब 94 साल की उम्र में 18 मई 2014 को मंडी में देहांत हो गया था। सामाजिक जीवन में वह अपनी ईमानदारी और चरित्र के कारण जाने जाते थे। पंडित गौरी प्रसाद के सपुत्र हितेन्द्र शर्मा बताते हैं कि वह महात्मा गांधी के अटूट समर्थक थे और उन्होने जीवन भर महात्मा गांधी की शिक्षाओं का अनुसरण किया। पंडित जी बहुत सादा जीवन व्यतीत करते थे और जीवन पर्यन्त हमेशा खादी वस्त्र ही धारण करते थे। अपना सारा कार्य वह हमेशा अपने आप करते थे। हिमाचल प्रदेश वासियों व खासकर अपने जिला मंडी के वासियों से खूब स्नेह रखते थे। उन्होने अपने मंत्रीपद के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया करवाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। लोक निर्माण मंत्री होने के नाते उन्हे राज्य की महत्वपूर्ण सडकों जैसे मंडी-शिमला सडक आदि के निर्माण का श्रेय है। वह पंडित जवाहर लाल नेहरू और पंडित गोविंद वल्लभ पंत के बहुत करीब थे। हिमाचल प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में पंडित गौरी प्रसाद के इन राष्ट्रीय नेताओं से संबंधों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसके अलावा प्रदेश के विकास की सुदृढ आधारशीला रखने में उनके मंत्रीपद के कार्यकाल का विशेष महत्व है। वह हमेशा आम लोगों के कल्याण और उनके अधिकारों के बारे में सजग रहते थे। उन्होने जनविरोधी फैसलों और अन्याय के विरूद्ध हमेशा आवाज उठाई। हालांकि वह कांग्रेस के नेता थे लेकिन इसके बावजूद भी उन्होने आपातकाल का जमकर विरोध किया। वह आपात काल हटाने के लिए बनी जिला संघर्ष समिति के सक्रिय सदस्य थे। जिसके चलते वह मोरारजी देसाई की कांग्रेस (ओ) के कुछ समय तक सदस्य बन गए। वह हमेशा अपने सिद्धांतों पर खडे रहे और उन्होने व्यक्तिगत लाभों के लिए राजनैतिक जीवन में इस सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...