Wednesday 31 July 2013

जिला न्यायलय परिसर में वकीलों ने किया खीर का आयोजन


मंडी। सावन मास के अवसर पर जिला बार एसोसिएशन की ओर से बुधवार को खीर वितरण का आयोजन किया गया। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने सबसे पहले अपने हाथों से न्यायलय परिसर में आए लोगों को खीर बांट कर इसकी शुरूआत की। इस अवसर पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (1) पदम सिंह ठाकुर, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (2) पी पी रांटा, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मैहता, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक रमणीक शर्मा, कोर्ट नंबर तीन उपासना शर्मा, कोर्ट नंबर चार गीतिका कपिला, जिला एसोसिएशन के प्रधान एस पी परमार, महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया, प्रदेश बार कौंसिल के उपाध्यक्ष नरेन्द्र गुलेरिया, सदस्य देश राज और कार्यकारिणी के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे। ऐसोसिएशन की खीर आयोजन समिती के संयोजक नीरज कपूर ने बताया कि इस आयोजन के तहत बार ऐसोसिएशन की ओर भोजनावकाश के दौरान न्यायलय परिसर में आए लोगों को खीर का वितरण किया गया। इस अवसर पर न्यायलय, उपायुक्त कार्यालय, जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कर्मियों ने भी खीर का प्रसाद लिया। उन्होने कहा कि बार एसोसिएशन विगत कई वर्षों से सावन महिने में खीर के वितरण का आयोजन कर रहा है। उन्होने कहा कि समिती के सदस्यों राजकुमार सेन, हेम सिंह ठाकुर, पंकज शर्मा, सतीश शर्मा, रतन लाल वर्मा, विजय ठाकुर, कमल सैणी, प्रदीप परमार, विशाल ठाकुर, अलक नंदा हांडा, किरण नरूला, लता सांखयान, मनीष कटोच, समीर कश्यप, लोकेश शर्मा, उमेश भारदवाज, राहुल अवस्थी, भुपेन्द्र शर्मा, विक्रांत शर्मा, लोकेश कपूर व अन्य सदस्यों ने आयोजन में योगदान दिया।

Monday 29 July 2013

सूचना न देने पर डीएफओ को 500 रूपये पैनेल्टी


मंडी। वन मंडलाधिकारी मंडी को सूचना अधिकारी अधिनियम के तहत मांगी सूचना को लटकाना महंगा पडा है। अपीलीय अधिकारी एवं वन अरण्यपाल बी आर राणा ने इस बारे में दायर अपील का निपटारा करते हुए वनमंडलाधिकारी मंडी को 500 रूपये की पैनेल्टी लगाई है। गुरू की फौज सेवक सोसायटी के अध्यक्ष गुरदीप सिंह ने वनमंडलाधिकारी मंडी से सूचना अधिकार कानून के तहत वनमंडल मंडी के बारे में सूचना मांगी थी, लेकिन जन सूचना अधिकारी एवं वनमंडलाधिकारी मंडी ने जब सूचना देने से टालमटोल की तो आवेदक ने सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 19(1) के तहत विभाग के अपीलीय अधिकारी के पास सूचना हासिल करने के लिए अपील दायर की। आवेदक का आरोप का था कि जानबूझकर जन सूचना अधिकारी ने सूचना देने से इंकार कर दिया है। हालांकि इस बारे में अपील दायर होने के बाद जन सूचना अधिकारी की ओर से 19 जुलाई को आवेदक को मांगी गई सूचना उपलब्ध करवा दी गई। दोनो पक्षों की सुनवाई के दौरान अपीलीय अधिकारी ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम के रूल 7(आई) के मुताबित जनसूचना अधिकारी को तीस दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर आवेदक को मांगी गई सूचना उपलब्ध करवानी होती है, लेकिन इस मामले में जन सूचना अधिकारी ने आवेदक को मांगी गई सूचना निर्धारित समय अवधि के बाद 19 दिन देरी से उपलब्ध करवाई है। हालांकि सुनवाई के दौरान जन सूचना अधिकारी की ओर से यह दलील दी गई कि सूचना देरी से देने की वजह फील्ड स्टाफ की ओर से की गई देरी है। अपीलीय अधिकारी ने अपने फैसले में कहा कि बेशक जन सूचना अधिकारी ने जान बूझकर सूचना देने में देरी नहीं की है। लेकिन फिर भी वह सूचना अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित अवधि में सूचना देने में नाकाम रहा है। इस पर अपीलीय अधिकारी ने जन सूचना अधिकारी को 500 रूपये की पैनेल्टी लगाई है। इस मामले में आवेदक गुरदीप सिंह का कहना है कि जन सूचना अधिकारी की ओर से उपलब्ध करवाई गई सूचना न केवल देरी से उपलब्ध करवाई गई है बल्कि अध्ययन करने के बाद पता चला है कि उक्त सूचना भ्रामक और अधूरी भी है। उन्होने कहा है कि वन विभाग मंडी के जन सूचना अधिकारी से मांगी गई सूचना पूरी हासिल करने के लिए वह प्रदेश सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे।

Friday 26 July 2013

लोअर भगवाहन महल्ले री सैर



मंडयाली लेख-8
अब आसारी सैर वारली मंडी रे सभी थे पुराणे महल्ले लोअर भगवाहन जेता जो भगवान महल्ला या आसे आपणी बोली बिच मुंघवाण (मुंघाण) बोल्हाएं जो पुजी जाहीं। मुंघवाण महल्ले जो जाणे कठे चौहटे, चबाटे, बंगले होर नौवें सुकेती पुलहा ले सडका होर गलियां आवाहीं। ये मेरा आपणा महल्ला हा। मेरे महल्ले वालेयां जो सैर या चैहल कदमी करणी हो ता स्यों या ता सुकेती पुलहा जो जाणे वाली सडका बखौ निकलाहें या फेरी स्यों पंचवक्तरा रे मंदरा बखा जाणा पसंद करहाएं। मैं भी आपणी सैर आज आपणे महल्ले वालेयां सांही हे करने कठे पंचवक्तर मंदरा बखौ चली पौहां। इहां ता पंचवक्तर मंदर पाडल महल्ले बिच हा। पर पाडल होर शिवा बाईं बाले तक एक पुल बणी गइरा ऐभे। जेता के महल्ले रे लोका जो खाड टपणा बडा आसान हुई गईरा। मुंजो याद ही जे इथी आसारे बचपना बिच एक पाथरा रा पुल हुआं था होर कई बारी पैर चिफले पाथरा पराले पौणे ले खाडा नकचुभी लगी जाहीं थी। पर एभे एस पुलहा रा बडा सुखाल हुई गईरा। होर ता होर गडियां बी आई जाहीं वारा जो। सौगी लगदे दरमयाने महल्ले बीच ता खाडा कनारे पार्किंग बी बणी गईरी। ऐहडी हे पार्किंगा री जगहा होर बी तोपी जाई सकहाईं खाडा रे कनारे। पंचवक्तर महादेव मंदरा रा माहौल मंडी रे छोटी काशी नावां जो सार्थक करहां। ब्यास दरयावा होर सुकेती खाडा रे मिलणे री जगहा रे कनारे बणाइरा ये मंदर अदभुत वास्तुकला रा नमुना हा। मंदरा रे महत्वा जो देखदे हुए पुरात्तव विभागे ये धरोहर आपणे संरक्षणा बिच लैई लीतीरी। बंगले, मुघवाण होर सारे शहरा रे लोक सांझकणे वकता सैर करदे होर पंचवक्तर महादेवा रे सौगी-2 बटक भैरो रे दर्शना कठे इथी पौंहचाएं। आजकाले ता मंदरा रा नजारा हे होर हुआंएं। गर्मी ले झुलसुआं जेबे मंदरा पौहचायें ता ब्यास दरयावा ले उठदी लगीरी धुंध ठंडक पैदा करी देहीं होर गर्मी रा बुझां नावं नसाण नी रैहंदा। मंदरा ले हटुआं हाउं शिबा बाईं पौहचां। शिबा बांय मंडी रे प्रसिध पेयजल स्त्रोता मंझा ले सभी थे महत्वपूर्ण बांय ही। बाईं बिच पांच छुडुआं ले पाणी बाहर आवाहां। पर ऐसा बाईं रे पाणी री मठासा करूआं इथी हर वकत पाणी भरने वालेयां री लैन लगीरी रैहीं। जिहाएं एक छुहडु ले पाणी भरोहां तिहांए होर भांडा छुहडु हेठ आई जाहां। बंगला, मुघवाण, चबाटे, पलाखे होर सारे शैहरा रे लोक हर रोज ऐसा बावडी रे पाणी पीणे कठे प्रयोग करहाएं। बाईं रे सीधे हाथा बखौ ताम्रपती महादेवा रा मंदरा हा। जबकि बाईं री पैडियां चढुआँ एक बडा पुराणा पीपला रा टैला हा। बाईं रे उपर सडका पार दरमयाने महल्ले बिच शिव रूद्र महादेवा रा मंदर हा। शिबा बाईं ले चलुआं हाउँ बंगले महल्ले रे चौका पौहचां। बंगले महल्ले रे चौका पर बंगलेश्वरी माता रा मंदर हा। एस मंदरा हर नवरात्रेयां बिच दुर्गा सप्तशती रा पाठ हुआं होर ऐभे इथी गणपती उत्सव बी बडी धुमधामा के मनाया जाहां। एते अलावा सारी साल इथी धार्मिक आयोजन हुंदे रैहाएं। बंगले महल्ले रे सिध भाई होर तिन्हारे साथी हर साल तीन धाम तीर्थ यात्रा कठे इंतजाम करहाएं होर लोका जो तीर्थ करणे री सुविधा देहाएं। बंगले ले मुघवाणा जो जाणी वाली गल्ही बिच बंगले ले थोडी दूर अग्गे तुंगा माता रा मंदर हा। इथी गुलशन होरी माता रे पुजारी हे। मंदरा रा गली बखौ रा हिस्सा काष्ठकला रा सुंदर नमुना हा। बंगले ले एक गली शालू, दीपू रे घरा बाले ले प्रोफेसर कपूर साहब होर सैहगला होरी रे घरा बखौ जाहीं। तुंगा माता रे मंदरा ले थोडा अग्गे चलुआं मुघवाण महल्ले रा चौक आवाहां।
चौका रे उतरी कुणे बिच महिषासुर मर्दिनी माता रा मंदर हा। एस मंदरा जो महल्ले वाले दवाले रा मंदर बी बोलहाएं। दवाला मंदर महल्ले रे सभी लोका री आस्था रा केन्द्र हा। महल्ले रे लोका री दिनचर्या मंदरा रे दर्शना ले हे शुरू हुआंई। सांझकणे वकता मंदरा रोज पाठ, भजन होर आरती बिच मेरी मम्मी जी उजज्लेशवरी कश्यप होरी, गोल्डी री मम्मी जी, शीतला भाभी, चाची जी होर भाभीयां रे सौगी-2 सारे महल्ले वाले भाग लैहाएं। साल भर ऐस मंदरा धार्मिक कारज हुंदे रैहाएं। गुगनु भाई मंदरा रे कठे पूरी तरहा के स्मर्पित हुई गईरे। मुघवाण महल्ले रा चौक महल्ले री शान ही। बंगले, उपरले मुघवाण, सुकेती पुल होर डाकखाने बखा ले आवणे वाली छोटी-2 गलियां लघणे बाद जेबे मुघवाणा रे चौका पौहचाएं ता बडा हे सुखद जेह ऐहसास हुआँ। मुघवाणा रा चौक करीब 30 फुट चौडा होर करीब 60 फुट लंबा हा। चौका रे चारों बखौ सीमेंटा वाले लैंटरा रे घर बणी गईरी। पैहले इथी स्लेटपोश मकाना री चौकियां थी। मुघवाणा रा ये चौक बुजुर्गा रे मुताबिक तितना हे पुराणा हा जितना ये महल्ला पुराणा हा। इने चौके पता नीं आपणी जिंदगी बिच इतिहासा रा केहडा-2 वकत देखीरा। बुजुर्ग बोलहाएं भई पैहले ये चौक माटी रा मदान हुआं था। कमेटी बणी जाणे बाद एस मदान बिच एभे सीमेंट पाई दितीरा। ये चौक महल्ले वालेयां रे कारजा जो निभाणे रे कामा आवां। इथी कई तरहा रे आयोजन हुंदे रैहाएं। भगवाहन युवक मंडल बी इथी आपणी सांस्कृतिक होर खेलकूदा गतिविधियां रे कार्यक्रम करदा रैहां। जेहडा जे मैं पैहले हे बोली बैठया भई ये महल्ला मेरी जिंदगी रा साक्षी हा। जिथी तका मेरी समझ विकसीत हुईरी ता मुंजो ऐस महल्ले री एहड़ी जेह प्रवृति समझ आईरी जे इथी रे लोका रा एकी दूजे के बडा भारी भाईचारा हा। होर इथी पुराणी आबादी बसीरी हुणे रे करूआं सारे महल्ले होर सारी मंडी रे बाकी महल्लेयां बिच रिश्तेदारी होर नातेदारी ही। परिवारा रे सदस्या री संख्या बधी जाणे करुआं होर पुराणे घरा बिच जगहा री कमी हुई जाणे रे करूआँ महल्ले रे बौहत सारे लोक मंडी रे आसेपासे रे महल्लयां होर नेडे रे गांवा रे नजदीक बसी गईरे। ज्यादातर पुराणे घर अब नौवें बणी गईरे। पर कुछ पुराणे घर अझे बी हए। होर केसी जो मंडी रे पुराणे घर देखणे हो ता स्यों मुघवाण महल्ले आई के देखी सकहाएं। किथकी पढीरा भई केसी जगहा रे लोका जो आसे तिथी रे वातावरणा ले पैहचाणी सकाहें। मुघवाण महल्ले रे मंझ भरा चौक हुणेरे करूआं ऐहडा नी हुई सकदा जे ऐता रा प्रयोग नीं हुंदा रैहा हो। बल्कि मुंजो लगहां जे ऐस महल्ले रे लोक सांस्कृतिक रूपा के बडे परिष्कृत हे। मंडी, कुल्लू, कांगडे समेत हिमाचल प्रदेशा रे कई जिलेयां बिच ब्याह रे कारजा कठे जे ब्याह पद्धति प्रयोग हुआईं से पंडित अच्छरी दत्त होरिये लिखिरी। पंडित अच्छरी दत्त होरी उमेश मोदगिल भाई जी रे दादा जी थे। एसा कताबा री आजकाले बौहत ज्यादा मांग ही। एते अलावा बी तिन्हे बौहत सारा साहित्य लिखीरा जे आजकाले पंडताई रा काम करणे वाले पंडता जो तोपणे कठे बडी मशक्त करनी पौहाईं होर हर पंडत आपणी कताबा जो पं अच्छरी दत्ता होरी री असली कताब दसां। मुघवाणा महल्ले जो बुद्धीजीवियां रा महल्ला बी बोली सकहाएं। दरअसल भुतनाथा रा मंदर 1526 ई. बिच बनाणे बाद सभी थे पैहले मंडी शैहरा रा राजमैहला वाला हिस्सा बसणा शुरू हुआ। राजे रा मैहल, राजे रे नाते रिश्तेदारा री कोठियां, राजपुरोहत, ज्योतषी, मंदरा रे पंडता रे घर, कैथ, वैद होर चौहटे होर मंडी रे सभी बाजारा री हाटियां रे मालका रे घर हे। वारली मंडी रा सभी था पुराणा महल्ला हुणे रे करूंआं इथी बौहत सारे मंदर, पुरातात्विक भवन, नौण, पीपल होर कई बाईयां देखणेओ मिलहाईं। मैं जेबे आपणी दादी होरी रे अंतिम संस्कारा रे वकता हरिद्वारा जो गया था ता मुंजो आसारे पुरोहते तिथी दसया था भई करीब तीन सौ साला ले आसारा परिवार मुघवाण महल्ले हे रैही करहां। होर आसारे कई बुजुर्ग हरिद्वारा जो आपणे-2 जीवन काला बिच कई बारी गईरे। तीन सौ साला ले पुराणा इतिहास ताड पतरा पराले हुणे रे करूंआं मौजूद नी हा। मेरे दादा होरी रे गुरु रा स्थान हरिद्वारा गंगा पार काली माता रे मंदरा हा। आसे जेबे ऐस मंदरा जो गए थे तो तिथी बी एकी कमरे जिथी सभी गुरूआ री तस्वीरा लगीरी थी तेथी एक शेर था होर ऐहडा हे शेर एक आसारे देबी रे ओबरे हा। मेरे दादा शिवशंकर पुरोहिता होरी रे मंडी बिच बौहत सारे शिष्य थे। मेरे ताऊ सदानंद पुरोहिते होरिये मेरे दादा जी रा पुश्तैनी काम संभालेया था। मेरी दादी रूपा देवी होरी लीला महाजना होरी रे वकता ले कांग्रेसा री कार्यकर्ता थी होर सारी उम्र कांग्रेस पार्टी रा काम करदे रैहे। कांग्रेसा री सारी मिटिंगा आसारे घरा हे हुआईं थी। मेरे ताऊ जी चन्द्रमणी कश्यप जी जिन्हा जो पुरा शैहर महात्मा होरी रे नावां ले होर पुरा मुघवाण बाबू जी रे नावां ले जाणहां था। यों इतने महान व्यक्तित्व रे मालक थे जे इन्हारी रीस नी किती जाई सकदी। इन्हे जे काम आपणी जिंदगी बिच करी दितेया से तेते बाद एक कदम बी अगे नी बधी पाया। बाबू जी री मुलाकात 1954 बिच देशा रे प्रसिद्ध साहित्कार होर इतिहासकार राहुल सांकृत्यायना होरी के तेबे हुई थी जेबे स्यों कुल्लू जांदे वकत मंडी रूके थे। राहुले होरीए मंडी रे इन्हा युवका जो प्रेरणा दिती थी भई आसा जो आपणे इतिहास के जुडी री चीजा जो संभालुआँ रखणा चहिए जेता के आसारी आउणे वाली पीढियां जो इन्हा ले मार्गदर्शन मिलही सके। राहुला होरी री प्रेरणा ले बाबू जीए मंडी री पुराणी चीजा रा संग्रहालय बनाणा शुरू कितेया। सारी उम्र अभावा बिच काटी कने पुरातात्विक महत्वा री चीजा रा भारी संख्या बिच संग्रह करूआं संग्रहालय बणाया। पैहले ये संग्रहालय बाबा कोट मंदर रे परिसर बिच दो कमरेयां बिल चलहां था जे राजे तिन्हा जो दितीरे थे। पर बादा बिच राजे रे परिवारा रे सदस्या जो इन्हा कमरेयां री जरूरत पई ता बाबू जी ये संग्रहालय आपणे घरा जो हे ली आंदेया। आजकल घरा रे दो कमरेयां बिच संग्रहालय रा सारा समान पईरा। जे उचित संरक्षण रे बगैर खराब बी हुई सकहां। बाबू जी रे गुजरने बाद अब इन्हा रे परिवारा जो सारी चीजा संग्रहित रखणे कठे बडी मुश्कला आई करहाईं। सरकारा जो ऐस संग्रहालय जो बनाणे कठे ठोस प्रयास करने चहिए। बाबू जी मेरे ताउ जी लगाहें थे होर मुंजो तिन्हा रे संग्रहालय बिच बडी भारी रूचि भी थी। ऐस संग्रहालया बिच पढीरी कताबा करूंआं हे मेरा सामाजिका विज्ञाना रे विषया बखा रूझान हुआ। बाबू जी रे छोटे भाई मेरे पिता जी दीनू कश्यप होरी देशा रे प्रमुख कवियां मंझ ले ऐक हे होर प्रगतिशील लेखक संघा रे प्रदेशा रे अध्यक्ष हे। प्रगतीशील लेखक संघा री गतिविधियां रे करूआं हे मंडी री सांस्कृतिक राजधानी बिच देशा रे अग्रज कवि त्रिलोचन शास्त्री होर प्रसिद्ध समीक्षक डा नामवर सिंह जी साहीं विभुतियां जो नजदीका ले देखणे, मिलणे होर तिन्हा जो सुनणे सुनाणे रे मौके मिलहे। पिता जी करूंआ घरा साहित्य री सारी कताबा आवाहीं थी। जेता के मुंजो साहित्य री समझ हुई। मैं अझी बी आपणे डैडी जी री पहल, वसुधा साहीं कताबा जो वकत निकालुआं पढने री कोशीस करहां। मेरे डैडी जी रे छोटे भाई मेरे चाचा जी एस डी कश्यप होरी प्रसिध संगीतकार हे। इन्हा जो हिमाचली संगीता रा पितामह बोलया जाई सकहां। क्योंकि हिमाचली बोली बिच पैहली पहाडी कैसेट डिस्को नाटी एस डी कश्यपे होरी हे काढी थी नब्बे रे दशका रे पुर्वाधा बिच। चाची जी रविकांता कश्यप होरी बी हिमाचला री प्रसिध गायिका ही। इन्हा री बेटी शिवांगी कश्यपे बालीवुड बिच सभी थे छोटी उम्रा बिच संगीतकार बणी के नौवां रिकार्ड बणाया। गुरू जी नारायण दास (भुप्पी) होरी बी मुघवाणा रे प्रसिध गायक थे। इन्हा रे गीता री धूम दूरा-2 तक थी। इन्हा रे बेटे उमेश भारद्वाज आजकाले संगीत सदन नावां ले शास्त्रीय संगीत होर नृत्य रा स्कूल चलाई करहाएं। पैहले संगीत सदना जो पियुष स्वामी होरी चलाहें थे। पर तिन्हे बादा बिच उमेशा होरी रे हवाले ये स्कूल करी दितया था। मेरे तबला बजाणे री रूचि उमेशा करूआं पैदा हुई। अनाउंसर तिलकराज कौशल होरी हिमाचला रे अमीन सयानी रे नावां ले जाणे जाहें। मुघवाण महल्ले बौहत सारे प्रतिभाशाली स्पोर्टसमैन दितिरे। इथी शक्ति सिंह होरी साहीं क्रिकेटर बी रैहाएं जिन्हा रे नावां पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट बिच सभी थे ज्यादा छक्के लगाणे रा रिकार्ड हा। शक्ति भाई आजकाले कस्टम विभागा बिच हे होर स्यों प्लै बैक सिंगिंग बी करी कराहें बॉलीवुडा री फिल्मा बिच। तिन्हारी बेटी शिवरंजनी बी प्ले बैक सिंगर ही और आसारे महल्ले री एस बेटिए हिमाचला रा खूब नांवं रोशन कितिरा। अनिल सेन भाई होरिये कई रणजी ट्राफी क्रिकेट मैचा री कप्तानी कितीरी होर भाई होरी हिमाचला रे पैहले बॉलर थे जिन्हें रणजी रे एकी मैचा बिच 10 विकेटा लिती थी। भाई जी आजकाले हिमाचल पथ परिवहन निगमा बिच शिमले वरिष्ठ अधिकारी हे। आसारे महल्ले विपन सेन भाई जी होर अर्चना त्यागी साहीं बैडिमिंटना रे खिलाड़ी भी दितिरे। ज्यों आपणे वक्ता बिच हिमाचला रे बेस्ट प्लेयर थे। एते अलावा बी आसारे महल्ले बौहत सारे ऐहडे लोक रैहाएं जिन्हे आपणी जिन्दगी बिच कई महत्वपूर्ण काम करूआं आपणे देश, प्रदेश, जिले, शैहर होर आपणे महल्ले रा नावं रोशन कितीरा। मुघवाण चौका ले अग्गे बधी के हाउं सनातन धर्म सभा री चढाई चढना शुरू करहां। प्रवीण, अनुपम, मही होर लोमशा रे घरा वाले सुकेती पुलहा ले आउणे वाली गली मुघवाण चौक होर सनातन धर्म सभा बखौ जाहीं। सनातन धर्म सभा रा मंदर बी मंडी शैहरा रा महत्वपूर्ण मंदरा हा। मंदरा सारी साल कोई ना कोई धार्मिक आयोजन हुंदा रैहां। रामनौईं, जन्माष्टमी होर शिवरात्री रे मौके पर मंदरा विशेष साज सज्जा किती जाहीं। मंदरा रा हाल भतेरा बडा हुणे करुआं इथी महात्मेयां रा कोई ना कोई कथा पाठ चलदा हे रैहां। मंदरा रे सौगी हे सरायं बी ही। एसा सरायीं बिच लोका जो सस्ती कीमत पर रैहणे री जगहा मिली जाहीं। मंदरा हे सनातन धर्म सभा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बी हा। मंदरा रे सामणे मुघवाण महल्ले रा प्राइमरी स्कूल हा। आसारा महल्ला विकासा री नजरा ले इतना पिछडी गईरा जे ऐता रा पता एस गल्ला ले लगाया जाई सकहां भई मंडी शैहरा रे सभी थे पुराणे प्राइमरी स्कूला मंझा ले एक हुणे रे बावजूद एस स्कूला बाले आपणा भवन नी हा। होर ये अझी बी देव बालाकमेश्वरा रे बेहडे बिच चली करहां। अपग्रेड हुणा तो दूर रैहा पर ये ता आपणे कठे दो कमरेयां रा जुगाड बी नी करी पाया। मुघवाण महल्ला ऐस वकत मंडी बिच सभी थे ज्यादा वीआईपी महल्ला हा। बोली सकहाएं भई हिमाचल प्रदेशा री सरकार बौहत हदा तक ऐस हे महल्ले ले चली करहाईं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह होरी रे ओएसडी अमित पाल सिंह होरी रा ननिहाल मुघवाण महल्ले हे हा। मियां कश्मीर सिंह होरी रे दोहते अमित पाल सिंह होरी जिन्हा जो महल्ले वाले मिकू भाई रे नावां ले जाणहाएं ऐस हे महल्ले बिच पले-बढे होर इथी ले हे कामयाब हुईके निकले। अमित पाल सिंह होरी आजकाले वीरभद्र सिंह होरी रे बिल्कुल अंग संग रैहाएं होर हर वकत तिन्हा सौगी रैहाएं। अझी कुछ वकत पैहले इन्हारा ब्याह हिमाचला रे पारंपरिक ढंगा के नगर (कुल्लु) ले हुआ। मंडी लोकसभा रे उपचुनावा बिच कांग्रेस पार्टी री प्रत्याशी प्रतिभा सिंह होरी रे चुनाव प्रचारा री गतिविधियां रा केन्द्र अमित पाल सिंह होरी रा दफ्तर हे रैहा। हिमाचल प्रदेशा री राजनीती जो इन्हा ले बडी उम्मीद ही। जेहडा मैं पैहले बोली बैठया भई मुघवाण महल्ला मेरा आपणा महल्ला हा। हालांकि हाउं पैदा ता दिल्ली हुईरा सरोजनी नगरा। पर मेरी मम्मी जी होरी री ट्रेनिंग लगीरी हुणे रे करूआं हाउं डेढ महिने रा मंडी जो ली आंदिरा। इधी ले बाद सिर्फ वकालता री पढाई कढे तीन साल शिमले बिच गुजारने रे अलावा मेरी जिंदगी रा सारा वकता मंडी शैहरा हे बीतीरा। मुंजो लगहां अगर ऐस महल्ले रे बारे बिच ज्यादा लिखदा लगघा ता मुघवाणा रे ओरे परे हे मेरी पूरी जीवनकथा लिखोही जाणी। इधी कठे मां ज्यादा विस्तारा बिच नी जाणा। पर तेबे बी मां कुछ गला ता आपणे महल्ले रे बारे बिच तुसा के जरूर बांडणी। मंडी रियासता रा राजमैहल बी ऐस हे महल्ले हा। राजमैहला बिच दमदमा पैलेस, हवन कुंड, बाबा कोट भवन, भवानी पैलस, भडंती रा बेहडा, राजमैहल होटल होर केसरी बंगले री पार्किंगा रा हिस्सा आवां। जिथी आजकाले मुख्य डाकघर हा बणीरा इथी केसी समय राजे रा दरबार लगहां था। इधी कठे ऐता जो दरबार हाल बी बोल्हाएं थे। बुजुर्ग दसाहें भई दरबार हाला कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआएं थे। स्यों हे दसाहें भई दरबार हाला बिच कुंदन लाल सैहगला साहीं गायके बी गाईरा। ऐस हाला जो धरोहर धोषित करने होर ऐता जो मंडी रा प्रेक्षागृह बनाणे कठे मंडी रे कला प्रेमी कई बारी मांग करी बैठिरे। पर अझी तक ऐता कठे सरकारा बखा ले कोई पहल नीं हुई पाईरी। बाबा कोट रे मंदरा री हालत बी आजकाले खस्ताहाल ही। इथी मिठाइयां री दुकाना री वर्कछाप बणाई दितीरी। जेता के ऐस भवन जो नुकसान हुई करहां। बाबा कोट रे भवना री मीनारा मंडी रे दूरा-2 ले सुझांईं। पर ऐता री हालत दिन पर दिन खराब हुई करहाईं। पैहले ता ऐस भवना री ऐतिहासिक पैडियां तोडी देती गई बादा बिच ऐस भवना पर भडकीला रंग पोतुआं ऐता जो नुकसान पहुंचाणे री कोशीश कीती गई। तेबे बी मंडी रे लोके ऐहडा करने ले राजमैहला रे कर्ते धर्ते प्रशासना री मददा के रोके थे। दमदमा पैलेसा री हेठली मंजला मंडी रे प्रमुख देवता माधो रावा रा मंदर हा। पर उपरली मंजला रे कमरे दफ्तरा जो कराये पर चढाई दितीरे। जेता के दफ्तरा काम करणे वाले बुटा-चपलियां के मंदरा उपरीयें फिरदे रैहाएं। कई सौ साल पुराणा दमदमा पैलस अझी बी बिल्कुल ठीक हालता बिच हा। हैरानी री गल ही जे यों भवन अझी तक धरोहर भवन की नीं घोषित हुई करदे। मंडी रे लोका री मांग ही जे इन्हा भवना जो सरकारा जो आपणे कब्जे बिच लैई के इन्हा रे संरक्षणा रा काम करणा चहिए। राजमैहला बिच माधो रावा रे मंदरा रे अलावा होर बी बौहत सारे मंदर हे। बाबा कोटा रा मंदर बस तवारा वाले ध्याडे हे खुलहां। बाबा कोटा जो रोट होर तंबाखु रा प्रसाद चढां। बुजुर्गा रा बोलणा हा भई बाबा कोट हुक्का पींदे-2 सारी मंडी री परिक्रमा कराहें थे होर इथी री देखभाल कराहें थे। प्रकाश देई रा मंदर मंडी रे ज्यादातर लोके अझी तका नी देखीरा। ऐते अलावा रूपेश्वरी माता रा मंदर, राजमैहला रा भूतनाथ मंदर, रणेश्वर महादेव मंदरा समेत होर बी कई धार्मिक स्थल राजमैहल परिसर रे इर्द गिर्द हे। शिवरात्री मेले बिच मंडी जनपदा रे सारे देयो देबियां सभी थे पैहले माधोरावा जो माथा टेकहाएं तेते बाद आपणे-2 डेरेयां जो पौंहचाएं। ज्यादातर पुराणे देयो देबियां भडंती रे बेहडे रूकाहें। ऐते अलावा मुघाण महल्ले समेत होरी महल्लेयां री चौकियां होर डेरेयां बिच बी यों देयो देबी रूकाएं। इन्हा देयो देबियां होर देवलुआं जो ठहरने कठे लोके देव सदन री मांग कतीरी पर जमीन नीं मिलणे ले अझी तक पूरी नीं हुई पाईरी। मंडी रा डीसी आफिस, एसपी आफिस, कोर्ट, एलआईसी दफ्तरा समेत कई दफ्तर ऐस महल्ले बिच हे पौहाएं। मुघवाण महल्ले छोटी बडी बौहत सारी गलियां ही। दिनेश ठेकेदारा होरी रे घरा ले एक गली मेरे नयाला बटिएं सनातन धर्मसभा ले चबाटे जो जाणे वाली गली के मिलहाईं। मेरे नयाला री गली बिच जिला भाषा एवं संस्कृति अधिकारी रा दफ्तर बी हा। गोपाला रे घरा ले एक छोटी गली हरषी, गोल्डी रे घरा बटिहें मुघवाणा रे चौका पौंहचाईं। दवाले मंदरा ले एक गली धर्मसभा-चबाटे वाली गली बिच मंडी नगर परिषदा रे उपाध्यक्ष गगन कश्यपा होरी रे घरा बाले पौहचाईं। बंगले ले बी बीनू, नीलू, संजू, निशी दीदी होरी रे घरा वाले ले जाणे वाली गली कात्यायना होरी रे घरा बटिहें रूप उपाध्याय चाचु होर देवराज मामु होरी रे घरा बाले पौहचाईं। मैडम दमयंती कपूर, बिटु- लकी रे घरा वाली गली जेता जो खनका री गली बी बोलया जाहां नीतु, पारसा रे घरा बटिहें डाकखाने वाली सडका के मिलहाईं। मुघवाण महल्ले जो जाणे कठे मुख्य रस्ता चौहटे बाजार ले सीधे हाथा बखौ जाणे वाली पैहली सडका ले हा। कोर्टा रे बाहर सब्जियां लगाईरी हुआईं। होर ऐस रस्ते पर आजकल भारी ट्रैफिक हुई गईरी। क्योंकि कोर्टा री सारी पार्किंग, कोर्ट होर डीसी आफिस री पिछे बखा री खाली जगहा सभी ऐ पार्किंग बणाई दितीरी। सारी दिन गडियां रा जाम लगीरा रैहां इथी। बडी गडियां बी ऐतखौ आवाहीं क्योंकि स्यों अगे अनलोड हुआईं। पर महल्ले रे लोका जो आपणे हे महल्ले बिच पार्किंग नी मिलहदी। बल्कि तिन्हौ ता पैदल चलणे बिच बी बडी मुश्किल आवाहीं। ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा होरी रा पॉम रिजोर्ट होटल, टेलीफोन एक्सचेंज, एलजी रा शो रूम, कई प्राईवेट बैंक, धनवंता होरी री दुकान, चंद मामे रा घर, कामेश्वर महादेव, अमृत लाल, चड्ढा होरी रा घर भी मुघवाण महल्ले बिच पौवां। नौवां सुकेती पुलह बणी जाणे ले महामृत्युंजय चौका पर शानदार बाजार बणी गईरा। उत्तरी भारता रा एकमात्र महामृत्युंजय मंदर बौहत प्राचीन हा। कोई वकत था जेबे ऐस मंदरा सन्नाटा पसरी रा हुआं था। होर इथी गंदगी रा आलम हुआं था। मंदर री हालत देखुआं मंडी रे हे एक नौजवाने सुरेन्द्र कुमार जिन्हा जो मंडी रे लोक सलिन्डरी उस्ताद रे नावां ले जाणहाएं एस मंदरा रे जीर्णोधारा रा काम शुरू कितया। इन्हा री मेहनते रंग लयांदा। सुले-2 मंदरा रा कायाकल्प हुई गया। आजकाले एस मंदरा भक्ता रा तांता लगीरा हुआं। होर सलिन्डरी उस्ताद एभे कई नौजवाना कठे गुरूजी बणी गईरे। सौण महिने मंदरा हर शनिवार होर सोमवारा जो खीर बणाहीं। महामृत्युंजय चौका ले पुराणे सुकेती पुलहा जो जाणे वाली सडका रे हेठली बखा रा हिस्सा मुघवाण महल्ले बिच हे आवहां। होर संगम होटल, कुम्भु वकीला होरी रा घर, राजे री बाई, जौंचु नौण, प्रदीप परमारा होरी रा घर होर मनीष कपूरा होरी री दुकाना तक फैली रा। आपणे महल्ले री सैरा री वापसी पर हाउं कश्मीरे री दुकाना बाले ले जौंचु नौण जो जाणे वाली पैडियां बटिहें उतरना शुरू करहां। जौंचु नौणा एक बडा सारा डाल पई गईरा। जेता के लोका रे आउणे जाणे रा रस्ता बंद हुई गईरा। इथी सौगी हे मशीना ठीक करने री एक दुकान ही। तिन्हा ले पुछया ता पता लगया भई ये डाल कोई एक हफ्ते पैहलका पईरा। होर ऐता रे बारे बिच कमेटी वालेयां जो दसी बी दितीरा पर ये अझी तका न हटीरा। जेता के लोका जो ऐस रस्ते ले गुजरदे वकत बडी मुशकला आई करहाईं। जौंचु नौणा रे नाले री चैनलाइजेशन हुई जाणे ले काफी हदा तक गंदगी रा बिखरना कम हुई गईरा। पर ऐता री दुर्गंध अझी बी तेहडी हे ही। बीरबल शर्मा फोटोग्राफर होर पत्रकारा होरी री दुकाना वाली बाईं जेता जो राजे री बांय बी बोलहाएं रा पाणी बडा मीठा होर स्वाद हा। पर ऐता सामणे पेशाबखाना बनाई देणे थे बाई रे परिसरा बिच एक बदबु फैलीरी रैहाईं। ऐतिहासिक जौंचु नौण रा वैभव अझी बी बुझिरा-2 हा। हालांकि गुजराती मार्केट बणी जाणे ले इथीरे पुराणे पशाबखाने बाले री जगहा बिच बौहत सुधार आई गईरा। ऐभे ये जगहा ठीक हुई गईरी। पर रातियो इथी न्यारा पइरा रैहां। जेता के इथी अवांछित तत्वा रा जमावडा लगीरा रैहां। इधी ले अलावा गुजराती मार्केटा ले सुकेती पुलहा जो जाणे वाली सडका पर बडी भारी गंदगी रैहाईं। सीवरेज रे टैंका ले गंदगी रिसदी रैहाईं। महामृत्युंजय चौका बाले कोटली, बीर, रिवालसरा री बसा कठे बस स्टैंड बणने ले इथी गंदगी बधी गईरी। बस नयालणे वाले लोक इथी शौच करी दें। प्रशासना जो चहिए भई इथी कोई अस्थाई शौचालय बणाई दितया जाए जेता के सडका बिच गंदगी नी फैले। नौवें सुकेती पुलहा ले बी एक रस्ता मुघवाण महल्ले बखौ जाहां। केसरी बंगले रे आखरी कोणे बिच बणीरे रणेश्वर महादेवा रे मंदरा रे ओरे परे बडी भारी गंदगी रा आलम रैहां। कई लोग ता ध्याडी दोपहरा खाली जे जगहा देखुआं इथी पेशाब लगी जाहें करदे। ये रस्ता महल्ले वालेयां कठे बडा आम रस्ता हा। महल्ले री मर्द-जनानियां होर मठियां जो इन्हुए टपदे वकत बडे शर्मिंदा हुणा पौवां। इधी कठे ऐसा जगहा रे नजदीक शौचालय बनाणा बडा जरूरी हा। इधी ले अलावा इथी एक रेन शैल्टर बनाइरा। पर रेन शैल्टर बणने ले इथी अवांछित तत्वा रा डेरा लगीरा रैहां। पर ये खरी गल्ल ही भई कधी-कधार ये शैल्टर बेघरबार लोका रे रैहणे रे कामा आई जाहां। लाईटा री व्यवस्था बी इथी उचित नी ही। कम से कम एक स्ट्रीट लाईट इथी जरूर लगणी चहिए। रणेश्वर महादेवा रे मंदरा हेठा बखौ गरीब मजदूर लोके आपणी झोंपडियां बनायी दितिरी। जिन्हां जो कोई सुविधा नीं ही होर यों खाडा रे किनारे झोंपडियां बनाउआं जीणे जो मजबूर हे। सुकेती पुलहा ले मुघवाणा जो जाणे वाली सडक खस्ता हाल ही। हालांकि आसारी पार्षद अलकनंदा हांडा होरीए आधी जेह सडक ता पक्की करी दितीरी पर ज्यों ज्यादा खतरनाक जगह ही तिथी अझी बी ठीक नी हुईरी। आखिरा बिच मैं ऐभे डिभा बाईं पुजहां। डिभा बायं ऐतिहासिक धरोहर ही। सैंकडों साल पुराणी ऐसा बाईं जो कुछ वकता पैहले पता नी केहडा ग्रहण लगया जे ऐता रा पाणी प्रदुषित हुई गया। महल्ले वालेयां जेबे गंदा पाणी निकलदा देखया ता तिन्हे डीसी साहबा जो ऐता रे बारे बिच दसया। तेता ले बाद आईपीएच विभागे बाईं सौगी बणिरा सीवरेजा रा टैंक इथी ले हटाई दितेया था। तेते बाद पाणी री चैकिंग बी किती गई थी। नगर परिषदे ऐता रे बारे बिच रिपोर्ट ठीक दसी थी होर बाई रा पाणी ठीक हुई गईरा दसया था। पाणी पीणे बिच ता पैहले साहीं हे लगया करहां। कुलदीप भाई होर तिलकु भाई होरी ज्यों रोज बाईं हे नावांएं तिन्हा रा बी ऐहडा हे बोलणा हा भई ये पाणी ठीक हुई गईरा। पर अझी तका महल्ले वालेयां जो पाणी रे ठीक हुणे रा तबार नीं हुई रा। जेता करूआं अझी तका मुघवाणा वाले ऐस पाणी जो पीणे कठे प्रयोग नी करी करदे। सारे महल्ले वाले होर ता होर मेरा भाई यशकांत कश्यप (नीटू) बी शिबा बाईं ले हे पाणी लयावां अझी तक। पैहले ता मैं बी स्कुटरा परा शिबा बाईं ले हे पाणी ल्याउंदा रैहा। पर आजकाले मेरा बाईं रा पाणी पीणा होर पयाणा लगभग बंद हे हुई गईरा। कमेटी वालेयां जो डिभा बाईं रा पाणी एक बारी भी कने चैक करवाणा चहिए जेता के महल्ले वालेयां रा पाणी ठीक हुई जाणे पर पुरा विश्वास हुई सके। आज की सैर कुछ ज्यादा लंबी हुई गई तेता कठे मैं तुसा ले माफी मांघां। दरअसल सैर रे बहाने कई यादा सामणे आई गई होर कई लिखणेयो रैही गई। अगे बी सिलसिला जारी रैहणा बाकी तेबे पूरी करघे।

धन्यावाद।
समीर कश्यप।
26-7-2013
sameermandi.blogspot.com

अवैध निर्माण न रोकने पर नगवाईं पंचायत प्रतिनिधियों ने किया ऐतराज


मंडी। एक तरफ उच्च न्यायलय के निर्देशों पर मंडी शहर में प्रशासन मुस्तैदी से अवैध निर्माणों को उखाडने की कार्यवाही में जुटा है। वहीं पर दूसरी ओर जिला की नगवाईं पंचायत में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने के लिये मानो गहरी नींद में सोया हुआ है। ग्राम पंचायत नगवाईं के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन, राजस्व विभाग व लोक निर्माण विभाग के रवैये पर कडा ऐतराज जताया है। नगवाईं से शिल्ह मशोरा तक पांच किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सडक के रास्ते में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने में विभाग नाकाम रहे हैं। हालांकि पंचायत के पदाधिकारियों तथा क्षेत्र के निवासियों ने उपायुक्त, तहसीलदार व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में अनेकों शिकायतें दी है। विगत तीन जुलाई को तहसीलदार सदर की देखरेख, लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रिय उच्च मार्ग के अधिकारियों की मौजूदगी में मौका पर निशानदेही भी की गई थी। इसके बावजूद यह अवैध निर्माण अभी भी जारी है और 25 जुलाई को उक्त व्यक्ति ने सरकारी भूमि में तीन आर सी सी पिलर खडे कर दिये हैं। उल्लेखनीय है कि निर्माणाधीन सडक पहले ही तीन-चार करम चौडे सरकारी रास्ते पर बन रही है। सडक के साथ ही तीन करम कुहल भी है। जिसका बडा हिस्सा भी इस अवैध निर्माण की चपेट में लिया जा रहा है। जिससे सडक और कुहल के बाधित होने का अंदेशा है। ग्राम पंचायत के प्रधान, वार्ड सदस्य नरेश कुमार, कौशल्या देवी, सरला देवी और संतोष ने बताया कि ऐसा लगता है कि यह निर्माण किसी उच्च राजनीतिक दबाब और अधिकारियों के गठजोड से हो रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को उपायुक्त मंडी और लोनिवि के मुखय अभियंता को शिकायत दे कर कहा कि निर्माणाधीन सडक के लिए सरकारी खजाने से करीब 35 लाख रूपये की राशि खर्च हो चुकी है और इसके निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना तथा अन्य मदों से करीब डेढ करोड रूपये की राशि मंजूर भी हो गई है। इस सडक के बनने से 15 गांवों के हजारों लोगों को लाभ पहुंचेगा। इधर, कार्यकारी उपायुक्त गोपाल चंद ने इस मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश हैं।

आदमखोर तेंदुए ने मचाया आतंक


मंडी। आदमखोर तेंदुए ने सराज क्षेत्र में आतंक मचा रखा है। तेंदुए के हमले से अभी तक दो महिलाओं की मौत हो चुकी है जबकि दो अन्य लोग घायल हुए हैं। क्षेत्रवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल यादवेन्द्र ठाकुर, नंद लाल ठाकुर, कुलदीप ठाकुर, नीरज शर्मा, यशवंत, नरेश ठाकुर, हेम सिंह ठाकुर, भीम सिंह, राजकुमार सैन और जी एन ठाकुर की अगुवाई में इस मसले को लेकर वीरवार को कार्यकारी उपायुक्त गोपाल चंद से मिला। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार विगत 24 जुलाई को क्षेत्र की ग्राम पंचायत लंबा थाच के केऊली गांव की महिला को आदमखोर तेंदुए ने अपना शिकार बना दिया है। इस महिला की मौका पर ही मौत हो गई है। इससे पहले भी आदमखोर हो चुका यह तेंदुआ एक महिला व एक पुरूष को अपना शिकार बना चुका है। पिछले पांच दिनों में इस तेंदुए ने तीन लोगों पर हमला किया है। जिनमें से दो की मौत हो चुकी है जबकि तीसरा घायल जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उन्होने बताया कि आदमखोर तेंदुए के डर से स्थानिय लोगों में दिन के समय भी खेतों में काम करने, घास निकालने को जाने या घर से बाहर निकलने पर अपनी जिंदगी की सुरक्षा के प्रति आशंकित हैं। इतना ही नहीं क्षेत्रवासी अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतराने लगे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से इस तेंदुए पर काबू पा कर लोगों को सुरक्षित करने की गुहार मांग की है। इधर, कार्यकारी उपायुक्त गोपाल चंद ने कहा कि आदमखोर हो चुके तेंदुए को मारने के लिए क्षेत्र के अच्छे निशानेबाजों को अधिकृत किया गया है। इसके अलावा वन विभाग को पिंजरा लगाने के भी निर्देश जारी किये गये हैं।

चियुणी में एनएसएस शिविर जारी


मंडी। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चिऊणी में इन दिनों एनएसएस का शिविर लगा हुआ है। एनएसएस स्वयंसेवकों ने शिविर के दौरान स्कूल के आस पास के रास्तों और परिसर की साफ-सफाई की। एनएसएस समन्वयक सोहन लाल ने बताया कि यह शिविर 21 जुलाई को शुरू हुआ है और 27 जुलाई तक जारी रहेगा।

बीमा कंपनी को गाडी ठीक करने और 80,000 रूपये देने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता का वाहन ठीक करने और 80,000 रूपये की राशि 20 दिनों में अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये और शिकायत व्यय के तौर पर 3000 रूपये भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने मैसर्ज हिमाचल ट्रेडिंग कंपनी के प्रो. भगवाहन मुहल्ला निवासी चेतन शर्मा की शिकायत को उचित मानते हुए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को उपभोक्ता का वाहन कैशलैस आधार पर रिपेयर करने या वाहन का मुआवजा असलियत में हुए नुकसान के आधार पर 20 दिनों में अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा उक्त राशि की अदायगी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के भी आदेश दिये। अधिवक्ता विक्रांत शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी टोयोटा इनोवा कार को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता का वाहन भयुली पुल के पास एक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो गया। दुर्घटना के बाद उपभोक्ता ने बीमा कंपनी को फोन और ई मेल के माध्यम से सूचित किया था। जिस पर कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती करके नुकसान का आकलन किया था। उपभोक्ता ने कंपनी के कहने पर वाहन को कारनेशन आटो इंडिया चंडीगढ के पास भेजा था। कंपनी ने आश्वासन दिया था कि उनका मुआवजा जल्द ही तय कर दिया जाएगा। लेकिन जब उपभोक्ता को कोई सूचना नहीं दी गई तो उपभोक्ता ने चंडीगढ स्थित आटो इंडिया के पास गए। यहां उन्हे मालूम पडा कि वाहन को ठीक नहीं किया गया है। जबकि आटो इंडिया ने उपभोक्ता से 80,000 रूपये की पार्किंग राशि वसूल कर ली। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता का वाहन कंपनी के पास बीमाकृत था। कंपनी के कहने पर ही उपभोक्ता ने अपने वाहन को चंडीगढ भेजा था। फोरम ने कहा कि यह बीमा कंपनी का दायित्व बनता है कि उपभोक्ता के वाहन को कैश लैस आधार पर रिपेयर किया जाए। फोरम ने कंपनी के क्रियाकलापों को सेवाओं में कमी करार देते हुए 20 दिनों में उपभोक्ता का वाहन ठीक करने के आदेश दिये। इसके अलावा उपभोक्ता को हुई परेशानी यंत्रणा के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Thursday 25 July 2013

उच्च न्यायलय ने तबादले पर जवाब तलब किया


मंडी। राजनैतिक आधार पर हुए एक अन्य तबादले के मामले में प्रदेश उच्च न्यायलय ने शिक्षा विभाग से जवाब तलब किया है। उच्च न्यायलय के मुखय न्यायधीश न्यायमुर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमुर्ति आर बी मिश्रा की डिविजन बेंच ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव (उच्च शिक्षा) और उच्च शिक्षा के निदेशक से शपथ पत्र और जवाब तलब किया है कि याचिकाकर्ता का तबादला मात्र एक साल और दो माह की अवधि में ही क्यों कर दिया गया। उच्च न्यायलय ने इस मामले में तब तक यथास्थिती बनाए रखने के आदेश दिये हैं। क्योंकि अभी तक याचिकाकर्ता को रिलीव नहीं किया गया है इसलिये वह वर्तमान जगह पर ही तैनात रहेंगे। इस मामले के तथ्यों के अनुसार नागेन्द्र कुमार वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हटगढ में बतौर पी ई टी के तौर तैनात हैं। विभाग ने 15 जुलाई 2013 को उनका तबादला मात्र एक साल दो माह की अवधि के बाद मंडी और कुल्लू जिला की सीमा पर स्थित वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराची को कर दिया था। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्हे नाचन के पूर्व विधायक टेक चंद डोगरा के डीओ लेटर के आधार पर किया है। याचिकाकर्ता ने राजनैतिक आधार पर किये गए अपने तबादले को न्यायलय में चुनौती दी है। याचिका की सुनवाई के बाद उच्च न्यायलय ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई अब 2 अगस्त को सुनिश्चित की है।

आशियाने गिराने को सरकारी विभाग दोषीः भाकपा


मंडी। भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी की शहरी इकाई ने नगर परिषद के मकानों को तोडने की कार्यवाही के लिए नगर परिषद और अन्य विभागों को दोषी करार दिया है। भाकपा की बैठक राज्य परिषद के सदस्य राज सिंह मंडयाल की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस अवसर पर उन्होने कहा कि मंडी शहर के हर वार्ड में पार्षद मौजूद हैं। नगर परिषद के पास पूरा इंजिनियरिंग का स्टाफ है। इसके बावजूद भी नगर परिषद ने अवैध निर्माण होने से क्यों नहीं रोका। अब लोगों के आशियाने गिराए जाना इन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है। आल इंडिया ट्रेड युनियन (एटक) के राज्य उपाध्यक्ष प्रकाश पंत ने कहा कि अगर शहर में तोडे जा रहे मकान अवैध निर्माण हैं तो इन आशियानों को बिजली, पानी और सीवरेज के कुनैक्शन कैसे दिये गये हैं। उन्होने कहा कि इन अवैध निर्माणों के लिए सरकार के विभिन्न महकमे जिममेवार हैं। भाकपा ने मांग की है कि भूमिहीनों के आशियाने गिराये जाने से पहले इन्हे पुर्नवासित किया जाए।

Wednesday 24 July 2013

विद्युत बोर्ड को उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विद्युत बोर्ड को उपभोक्ता से संडरी चार्जेस के रूप में वसूले गए 178 रूपये और ई-डयुटी के 24 रूपये ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। इसके अलावा बोर्ड की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 2000 रूपये हर्जाना और शिकायत व्यय के रूप में 1000 रूपये भी अदा करने का फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने अपर सुहडा निवासी कृष्ण सिंह वर्मा पुत्र सोहन सिंह वर्मा की शिकायत को उचित मानते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता भूपिन्द्र शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता अपर सुहडा मुहल्ला में जुलाई 2007 से बतौर किराएदार रह रहे हैं। उपभोक्ता के किराए के मकान में बिजली बोर्ड का मीटर राजेश कौशल के नाम से लगा हुआ है। उपभोक्ता को हर माह सौ से दो सौ रूपये का बिल आता था जिसे वह नियमित तौर पर दे रहे थे। लेकिन सितंबर 2011 में उपभोक्ता को 341 रूपये का बिल जारी किया गया। इस बिल में करंट ऐनर्जी चार्ज 59 रूपये, संडरी चार्ज 178 रूपये और 24 रूपये ई डयुटी के रूप में दर्शाये गये थे। औसत से अधिक बिल आने पर उपभोक्ता ने बोर्ड के अधिकारियों से संपर्क करके न्यायोचित बिल जारी करने के लिए आग्रह किया था। लेकिन विवाद के न सुलझ पाने के कारण उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। शिकायत के जवाब में बोर्ड का कहना था कि उपभोक्ता से संडरी चार्ज और ई डयुटी के रूप में वसूल की गई राशि 1 अप्रैल 2010 से लागू हिमाचल प्रदेश इलैक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी कमीशन के संशोधित टैरिफ के तहत ली गई है। बोर्ड की ओर से ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया जिससे जाहिर होता हो कि संडरी चार्ज और ई डयुटी वसूले जाने से पहले उपभोक्ता की सुनवाई की गई हो। प्रदेश राज्य उपभोक्ता कमीशन ने विद्युत बोर्ड बनाम जसवंत राय सूद तथा अन्य के मामले में व्यवस्था दी है कि संडरी चार्ज लगाए जाने से पहले उपभोक्ता की सुनवाई को सुनवाई के लिए मौका दिया जाना चाहिए। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बोर्ड रेगलेटरी कमीशन के फैसले को भी प्रस्तुत नहीं कर सका। ऐसे में फोरम ने शिकायत को स्वीकारते हुए बोर्ड की सेवाओं में कमी को आंकते हुए उपभोक्ता से वसूले गए संडरी चार्ज और ई डयुटी की राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। इसके अलावा उपभोक्ता को बोर्ड के गल्त बिल जारी करने से हुई मानसिक परेशानी के बदले हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Monday 22 July 2013

विक्रेता को खराब बैटरी बेचने पर हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बैटरी विक्रेता को उपभोक्ता के पक्ष में बैटरी की कीमत 560 रूपये की राशि ब्याज सहित लौटाने के आदेश दिये। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले 2000 रूपये हर्जाना और 1000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जोगिन्द्रनगर तहसील के गुममा निवासी सुरेन्द्र पाल पुत्र हेत राम की शिकायत को उचित मानते हुए रामनगर स्थित आटो सेंटर को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता दीपक आजाद के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से 2 जुलाई 2011 को 560 रूपये की अदायगी करके मोटरसाइकिल की बैटरी खरीदी थी। इस बैटरी की एक साल की वारंटी थी। जून 2012 मे बैटरी ने काम करना बंद कर दिया। जिस पर उपभोक्ता ने विक्रेता को संपर्क करके बैटरी को बदलने के लिए कहा। लेकिन विक्रेता ने बैटरी की वारंटी होने की बात को अस्वीकारते हुए इसके बदलने से इंकार कर दिया। ऐसे में उपभोक्ता ने विक्रेता की सेवाओं में कमी को लेकर फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैटरी की वारंटी बुकलैट में यह साफ तौर पर दर्शाया गया है कि 12 महीनों में बैटरी के बंद हो जाने पर इसे बिना कीमत वसूले बदला जाएगा। विक्रेता ने उपभोक्ता की बैटरी वारंटी अवधि में मुफत बदल कर नहीं दी। जो विक्रेता की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विक्रेता को बैटरी की कीमत ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा विक्रेता की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Sunday 21 July 2013

श्रीखण्ड महादेव की यात्रा से लौटे मंडी के अधिवक्ता


मंडी। सावन के महिने में आयोजित होने वाली श्रीखण्ड यात्रा का अपना ही महत्व है। कठिन यात्रा के बाद शिलाखण्ड के रूप में विराजमान भगवान शिव के दर्शन करने पर शिव भक्त अपने को धन्य समझते हैं। हाल ही में श्रीखण्ड महादेव की यात्रा से लौटे जिला एवं सत्र न्यायधीश में कार्यरत अधिवक्ता कमल सैणी, नीरज कपूर, प्रदीप परमार और राजकुमार सेन ने अपने यात्रा संस्मरणों को बांटते हुए बताया कि वह 13 जुलाई को मंडी से यात्रा के लिए रवाना हुए। मंडी से बाया औट, जलोडी जोत, आनी, लुहरी, रामपूर, निरमंड से होते हुई बागीपुल तक सडक मार्ग से यात्रा के बाद जाओं गांव से उन्होने अपनी पैदल यात्रा आरंभ की। प्रकृति के दुर्लभ नजारों के साथ वह करीब आधा घंटा की यात्रा के बाद सिंघाड पहुंचे। सिंघाड में यात्रा का पहला पडाव आता है। रात्रि विश्राम सिंघाड में करने के बाद अगले दिन सुबह यहां से डंडीधार की कठिन चढाई शुरू की। करीब सात- आठ किलोमीटर की सीधी चढाई के बाद वह थाचडु पहुंचे। थाचडु में रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन सुबह डंडीधार टॉप की ओर बढना शुरू किया। करीब 9 बजे डंडीधार पहुंचने पर ऐसा लगने लगता है मानो बादलों से ऊपर पहुंच गये हों। डंडीधार में मोबाइल सिगनल बंद हो जाता है। डंडीधार से करीब 15 मिनट का रास्ता तय करने के बाद काली माता मंदिर पहुंचते हैं। यहीं से पहली बार श्रीखण्ड महादेव के दर्शन होते हैं। यहां से काली घाटी की करीब ढाई किलोमीटर लंबी उतराई वाला रास्ता शुरू होता है। उतराई उतरने पर भील तलाई की खूबसूरत घाटी पहुंचते हैं। यहां के सुंदर रमणीक झरने और दिलकश नजारे देखने योग्य हैं। यहां से यात्रा शुरू करने के बाद करीब 15 मीटर लंबा ग्लेशियर पार करके भीम डवार पहुंचते हैं। रात्रि विश्राम भीम डवार में करने के बाद अगले दिन सुबह आगे की यात्रा होती है। यहीं से नैन सरोवर की चढाई शुरू होती है। इस रास्ते में पार्वती बाग की खूबसूरत फूलों और जडी बूटियों से भरी हसीन वादी में प्रकृति के खूबसूरत नजारे सामने आते हैं। पार्वती बाग में टैंट में रात बिताने के बाद अगले दिन सुबह तडके नैण सरोवर की यात्रा आरंभ होती है। करीब दो घंटे की कठिन यात्रा के बाद नैन सरोवर पहुंचते हैं जहां पर पूजा अर्चना के बाद श्रीखण्ड महादेव की अंतिम चढाई शुरू होती है। रासते में करीब आधा दर्जन ग्लेशियर पार करने के बाद करीब दो घंटों में श्रीखण्ड कैलाश की चोटी पर पहुंचते हैं। यहां पहुंचने पर सारी थकान खत्म हो जाती है लेकिन आक्सीजन की कमी होने के कारण यहां जयादा देर तक नहीं रूका जा सकता। अधिवक्ता नीरज कपूर तीसरी बार श्रीखण्ड महादेव की यात्रा पर गए जबकि अन्य अधिवक्ताओं की यह पहली यात्रा थी। उन्होने बताया कि आस्था, रोमांच, और उल्लास से भरपूर इस कठिन यात्रा में शिव भकतों का उत्साह देखते ही बनता है। इस दुर्गम यात्रा में आपात स्थिति के लिए उचित प्रबंध नहीं होने की पुष्टि करते हुए उन्होने कहा कि यात्रा के दौरान सभी पडावों पर आपात स्थिती के हालातों से निपटने के लिए उचित प्रबंध किये जाने चाहिए।

Saturday 20 July 2013

उपभोक्ता के पक्ष में 14 लाख रूपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 14,08,741 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी से उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के एवज में 5000 रूपये और शिकायत व्यय के रूप में 3000 रूपये अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने मंडी के महाजन बाजार स्थित मैसर्ज कमल कुमार एंड ब्रदर्स के मालिक कमल कुमार महाजन पुत्र टेक राम महाजन की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिये। अधिवक्ता पुष्प राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी दुकान में रखे स्टॉक को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही 26 अक्तुबर 2011 को दुकान में आग लग जाने से सारा स्टॉक तबाह हो गया था। उपभोक्ता ने घटना की सूचना शहरी चौकी पुलिस और कंपनी को दी थी। जिस पर कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती करके मुआवजे का आकलन किया था। लेकिन नुकसान अधिक होने के कारण सर्वेयर ने कंपनी को किसी अन्य सर्वेयर से आकलन करने को कहा था। इस बार सर्वेयर ने नुकसान मात्र 7,70,726 रूपये का किया था। ऐसे में उपभोक्ता ने मुआवजा कम आंकने के कारण फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी के सर्वेयर ने दूसरी बार नुकसान का आकलन करते हुए गल्त रूप से बचे हुए स्टॉक के बदले 10 प्रतिशत की कटौती कर दी थी। उसी तरह डेड स्टॉक के रूप में भी 5 प्रतिशत मुआवजे की कटौती कर दी थी। फोरम ने कहा कि दुकान का सारा स्टॉक आग, गर्मी, धुएं और फायर बिग्रेड के पानी के कारण सारा स्टॉक तबाह हो गया था। ऐसे में मुआवजे की कटौती करने को बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा और शिकायत व्यय के रूप में भी राशि अदा करने का फैसला सुनाया।

Friday 19 July 2013

दूषित स्कवैश बेचने पर 20 हजार हर्जाना


मंडी। दूषित औरेंज स्कवैश उपभोक्ता को बेचना निर्माता, वितरक और विक्रेता को उस समय महंगा पडा जब उपभोक्ता फोरम ने उन्हे उपभोक्ता के पक्ष में 20 हजार रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले 4000 रूपये और शिकायत व्यय के रूप में 2000 रूपये अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने मंडी के थनेहडा बाजार निवासी संजीव कुमार पुत्र लेद राम ठाकुर की शिकायत को उचित मानते हुए स्कवैश निर्माता ऊना जिले की हरोली तहसील के बेला बाठरी स्थित नेचर एग्रो फुडस, वितरक मोहाली स्थित नेचर प्रोटीन लिमिटेड और विक्रेता मनमोहिकस को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता राजेश जोशी के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से 29 जून 2011 को 90 रूपये कीमत अदा करके औरेंज स्कवैश खरीदी थी। जब उपभोक्ता ने घर में आकर स्कवैश को देखा तो इसमें एक मक्खी दिखाई दी। जिस पर उपभोक्ता ने विक्रेता से संपर्क किया और उनसे स्कवैश बदलने को कहा तो उनका कहना था कि यह स्कवैश निर्माता ने बनाई है और आप उनसे संपर्क कर लो। इस पर उपभोक्ता ने विक्रेता के कस्टमर केयर डिपार्टमेंट में फोन पर संपर्क करने की कोशीस की लेकिन कोई भी तसल्लीदेह जवाब नहीं मिल पाने पर उन्होनेे फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही के दौरान निर्माता और वितरक के भाग न लेने के कारण उनके खिलाफ एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर कंडाघाट स्थित कंपोजिट टेसटिंग लेबोरेटरी के फुड एनालिस्ट की रिर्पोट पेश की गई है जिसमें कहा गया है कि औरेंज स्कवैश मृत कीट मिलने से दूषित है और यह मानवीय उपयोग के योगय नहीं है। ऐसे में फोरम ने निर्माता, वितरक और विक्रेता के दूषित पेय बेचने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना राशि अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा इनकी सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के एवज में राशि तथा शिकायत व्यय की अदायगी का भी फैसला सुनाया है।

Thursday 18 July 2013

मां-बेटे को एक-एक साल की कारावास


मंडी। पुलिस को गिरफतारी से रोकने और डयुटी का निर्वहन न करने देने के आरोपी और उसकी मां को अदालत ने एक-एक साल के साधारण कारावास और एक-एक हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक रमणीक शर्मा के न्यायलय ने सदर उपमंडल के कीपड (मझवाड) निवासी विद्या देवी पत्नी सिधु राम और उसके बेटे राकेश कुमार को उक्त सजा सुनाई। न्यायलय ने आरोपियों पर भादंस की धारा 224, 225, 332 और 353 के तहत गिरफतारी रोकने, रोकने में सहायता करने, जानबुझ कर सरकारी कर्मी को डयुटी का निर्वहन करते समय आघात पहुंचाने और आपराधिक बल का प्रयोग करके कर्मी को डयुटी करने से रोकने का अभियोग साबित होने पर उन्हे क्रमश: एक-एक साल और 6-6 माह के साधारण कारावास और क्रमश: एक-एक हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपियों के जुर्माना राशि समय पर अदा न करने की सूरत में उन्हे 15-15 दिन की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 15 अप्रैल 2007 को पुलिस का दल थाना प्रभारी राजेश कुमार की अगुवाई में एक मामले में वांछित आरोपी राकेश कुमार और उसके भाई की तलाश में कीपड गांव में उनके घर गया था। थाना प्रभारी ने राकेश कुमार को कहा कि उसकी गिरफतारी की जानी है। जिस पर राकेश कुमार गुस्सा हो गया और उसने वहां से भागने की कोशीश की और गिरफतारी से बचने के लिए पुलिस कर्मियों पर आपराधिक बल का प्रयोग किया। इसी बीच आरोपी की माता भी मौका पर आई और पुलिस को गालीगलौच करने लगी और आरोपी की गिरफतारी को रोकने के लिए बल प्रयोग किया। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक अजय ठाकुर ने 9 गवाहों के बयान कलम बंद करवा कर आरोपियों के खिलाफ अभियोग को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित होता है। ऐसे में आरोपियों को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया गया।

Wednesday 17 July 2013

फोरम ने दिये 8 लाख रूपये अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 8 लाख रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता के पक्ष में 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने सरकाघाट तहसील के हंडकाली (थौना) निवासी पवन कुमार पुत्र भादर राम की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त राशि का भुगतान उपभोक्ता के पक्ष में 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता देश राज शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने मैसर्ज पवन आटा चक्की उद्योग नाम से चलाए जाने वाली अपनी आटा चक्की को बीमा कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही आटा चक्की के भवन में आग लग गई। जिससे भवन, मशीनों, आटा चक्की और गेहुं के स्टाक को हानी पहुंची थी। उपभोक्ता ने घटना की सूचना पुलिस और कंपनी को दी थी। जिस पर कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती की थी। लेकिन मुआवजा तय नहीं किया तो उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें फोरम ने कंपनी को 30 दिन में मुआवजा तय करने के आदेश दिये थे। इस फैसले के बाद कंपनी ने इस मामले की तहकीकात करने के बाद मुआवजा खारिज कर दिया था। उपभोक्ता ने फिर से फोरम में यह दूसरी शिकायत दर्ज की थी। शिकायत को साबित करने के लिए उपभोक्ता की ओर से राजस्व अधिकारी, प्रधान और ग्राम पंचायत की रिर्पोटें पेश की गई जिसमें घटना में नुकसान का आकलन करीब 10 लाख रूपये से अधिक का बताया गया था। ऐसे में फोरम ने मुआवजा खारिज करने को बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि की अदायगी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।

Tuesday 16 July 2013

उच्च न्यायलय ने राजनीतिक तबादले को निरस्त किया


मंडी। राजनैतिक तबादले के एक अन्य मामले में प्रदेश उच्च न्यायलय ने एक शिक्षिका को स्थानांतरित करने के आदेश को निरस्त कर दिया है। उच्च न्यायलय के न्यायमुर्ति डी डी सूद और न्यायमुर्ति संजय करोल की डिविजन बेंच ने जेबीटी शिक्षिका भवना शर्मा को राजकीय प्राथमिक पाठशाला सेरी को हुए तबादले को राजनैतिक मानते हुए इसे निरस्त कर दिया है। यह तबादला आदेश नाचन विधानसभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक टेक चंद डोगरा के कहने पर किया गया था। इस मामले के तथ्यों के अनुसार याचिकाकर्ता भावना शर्मा जेबीटी अध्यापिका के रूप में राजकीय प्राथमिक पाठशाला महादेव में पिछले एक साल से कार्यरत थी। उनका स्थानांतरण विगत 6 मई को प्राथमिक पाठशाला सेरी को कर दिया गया था। इतना ही नहीं उन्हे महादेव पाठशाला के सीएचटी ने एकदम रिलीव कर दिया था। जबकि अन्य स्थानांतरित शिक्षकों को कुछ दिनों के बाद रिलीव किया गया। ऐसे में भावना शर्मा ने सेरी पाठशाला में विरोध स्वरूप ज्वाइन कर लिया था। इस बीच भावना शर्मा के पति महेश चंद्र शर्मा ने सूचना के अधिकार के तहत मुखयमंत्री कार्यालय से तबादले संबंधी ज्ञापन और आदेश की कापी के बारे में सूचना मांगी थी। इस सूचना से उदघाटित हुआ कि याचिककर्ता को टेक चंद डोगरा के कहने पर स्थानांतरित किया गया है। जिन्होने 16 अप्रैल को डी ओ लेटर जारी करके इस तबादले के लिये कहा था। याचिककर्ता ने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि इन विधानसभा चुनावों में पराजित हो जाने के कारण टेक चंद डोगरा की उनके पति महेश चंद्र शर्मा जो पत्रकार भी हैं से कुछ समाचार प्रकाशित करने के सिलसिले में अनबन थी। याचिककर्ता के पति को सबक सिखाने के लिए यह तबादला करवाया गया था। याचिका पर कार्यवाही करते हुए उच्च न्यायलय ने इस बारे में विभाग को रिकार्ड पेश करने के निर्देश दिये थे। उच्च न्यायलय ने याचिका पर विचार करते हुए याचिकाकर्ता के तबादले को राजनैतिक आधार पर होने के कारण इसे निरस्त करने के आदेश दिये हैं। उल्लेखनीय है कि सूचना के अधिकार के तहत याचिकाकर्ता के पति को मिली सूचना से जाहिर हुआ था कि टेक चंद डोगरा ने जनवरी से 10 मई तक 283 तबादलों के लिए डी ओ नोट जारी किये थे।

Monday 15 July 2013

अधिवक्ता योग राज शर्मा के निधन पर शोक सभा आयोजित


मंडी। जिला बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता योग राज शर्मा के निधन पर शोक सभा आयोजित की गई। जिला न्यायलय के बार रूम में आयोजित इस शोक सभा में जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पदम सिंह ठाकुर, मुखय न्यायिक दंडाधिकारी अजय मेहता, न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर एक रमणीक शर्मा, कोर्ट नंबर तीन उपासना शर्मा, कोर्ट नंबर चार गीतिका कपिला, जिला बार ऐसोसिएशन के प्रधान एस पी परमार सहित सभी पदाधिकारी और ऐसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे। ऐसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि इस अवसर पर दिवंगत अधिवक्ता योग राज शर्मा की आत्मा की शांती के लिए दो मिनट तक मौन रखा गया। अधिवक्ताओं ने सोमवार को अदालत की कार्यवाही में भाग नहीं लिया। जिसके कारण अदालतों का काम काज प्रौक्सी अधिवक्ताओं के माध्यम से पूरा किया गया। उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता का शनिवार की रात को बीमारी के चलते देहांत हो गया था। उनका अंतिम संस्कार रविवार को ब्यास नदी के तट पर हनुमान घाट में किया गया। बार एसोसिएशन ने शोक प्रस्ताव पारित करके शोक संतप्त परिवार को संवेदनाएं प्रेषित की है।

Sunday 14 July 2013

अपर समखेतर होर दरमयाने महल्ले री सैर



मंडयाली लेख- 7

अपर समखेतर होर दरमयाने महल्ले री सैर
 
नौयीं मंडी री स्थापना सन 1526 एडी बिच अजबेर सेन राजे कितीरी। वारली मंडी बसणे पीछे एक कहाणी रा उल्लेख आवां। करीब 1300 एडी बिचा शिवा बदारा रे राजे बाणसेना रे वक्ता बीच मंडी रियासत री राजधानी भ्युली होर पुराणी मंडी आई गई। इधी ले बाद करीब सवा सौ साला तक पारली मंडी ले हे राजकाज चलहां था। जबकि वारली मंडी परा इथी रे राणेया रा कब्जा था। पुराणी मंडी री गाईयां चरने कठे दरयावा जो पार करूआं वारली मंडी जो आवाहीं थी। पर एक सुई गईरी गायी रा दुध खत्म हुई जाहां था। जेबे ऐता रा पता लगाणे कठे गायी रा पीछा कितया गया ता पता लगया भई ये गाय वारली मंडी एकी पाथरा पराले आपणा दुध चढाई देहांई। तेता ले बाद राजा अजबर सेने ऐसा जगहा परा भुतनाथा रा मंदर बनवाया। वारली मंडी भूतनाथा रा मंदर सभी थे पुराणा मंदर हा। इतना पुराणा होणे रे बावजूद मंदर बिल्कुल सही अवस्था बिच हा। पर मंदरा रे ओरे परे बडे-2 घर बणी जाणे ले ऐता रा विहंगम नजारा लुप्त हुई गईरा। कुछ वक्ता पैहले ले ऐता पर चटकीला रंग रोगन करी दितीरा था। पर शैहरा रे बुद्धीजीवियां रे बोलणे पर ऐभे मंदरा जो असली रूपा बिच ल्याउणे कठे आजकाले काम हुई करहां। एता के एस मंदरा री उम्र बधणे री उम्मीद बधी गईरी। बाबा भूतनाथा रे मंदरा ले आपणी आज की सैर शुरु कीती। मंदरा पौंहचये ता आरती रा वक्त हुईरा था। मंदरा रे मंडपा रा घंटा बजाउंआ बाबा भूतनाथा बाले आपणी हाजरी लगाई। गर्भगृह रे दरवाजे वाले पौंहचेया ता कोई होर श्रधालु नी हुणे री बजह ले मुंजो आसानी के मंडी रे अधिष्ठाता देवता रे दर्शन हुई गए। अगर किथकी शिवरात्री रा दिन हुंदा ता मुंजो कई घंटे लाइना बिच लगीके दर्शन करने पौणे थे। परंपरा रे अनुसार मंदरा री परिक्रमा कीती। मंदरा रे बिच स्थित होरी मंदरा रे बी दर्शन किते। इथी मुंजो आपणे नाना जी पंडत देवीचरण पुरोहत होरी री याद आई गई। स्यों भूतनाथा रे आंगणा रे सौगी बणीरी जगहा पर रोज हवन करहाएं थे होर कथा बी सुणाहें थे। मुंजो याद ही जे स्यों आपणे ऐस हवना कठे केडे तत्परा रैहाएं थे होर हवना री लकडियां बगैरा रा इंतजाम पैहले ले करूआं रखहाएं थे। तिन्हारे गुजरने बाद अब ये हवन बी बंद हा होर कथा बी। अपर समखेतर महल्ला भूतनाथ बाजार ले लेई के लोअर समखेतरा रे मोती बाजारा ले जाणे वाली पंडत रमावत्सला होरी री गली तका फैलीरा। भूतनाथ मंदरा ले बालकरूपी मंदरा तका रे बाजारा जो भूतनाथ बाजार बोल्हाएं। बालकरूपी ले चौबाटे जो जाणे वाली गली रे बाजारा जो पलाखा बजार बोल्हाएं। चबाटे होर पलाखे रेहडाधार, कटौला होर द्रंगा बखा रे लोक आपणे घरा पैदा हुई रे आलू रे पातर, लिंगड, पनीर, छाह, दुध होर कई चीजा बेचणेयो लयावांहे। पुराणे जमाने बिच जेबे गैस नीं हुंदी थी ता लकडियां रे भारे होर गाइयां रा घाह भी इन्हा हे बजारा बिच पौंहचुआं सारे शैहरा जो जाहां था। इधी कठे बोली सकाहें भई यों बजार पुराणे वकता ले मंडी रे लोका री जरूरता पूरी करी करहाएं। भूतनाथ बजारा बिच दवाइयां, कपडे, मनयारी होर पंसारियां री दुकाना समेत सभी तरहा री दुकाना ही। भूतनाथ बजारा बीच चितपूर्णी माता रा मंदर बी लोका री आस्था रा केन्द्र हा। भुतनाथा रे मंदरा बाले ले एक छोटी गली खत्री सभा बखौ निकलाहीं। बालकरूपी बाले ले बी एक गली देशराज शर्मा वकीला होरी रे घरा बटिहें खत्री सभा बाले पौंहचाईं। खत्री सभा जो मंडी बिच रैहणे वाले लगभग सारे हे लोक बछयाणाएं। खत्री सभा हाला बिच धामा री सुविधा हुणे रे करूंआं ये सारे साला कठे बुक रैहां। इथी लगभग रोज हे कुछ ना कुछ कारज चलदे रैहाएं। इथी धामा करने री सभी थे बडी सुविधा ऐहडी ही जे तुसा जो घरा ले कुछ नी ल्याउणा पौंदा। सारा इंतजाम इथी हे हुई जाहां। खत्री सभा ले एक गली मोती बाजारा ले पुरोहत रमावत्सला होरी रे घरा ले आउणे वाली गली के मिली जांही। ये गली फेरी सीधे बालकरूपी ले समखेतरा री गली के मिलहांई। महेश चोपडा वकीला होरी रे घरा ले बी एक छोटी गली पंडित भवानी दत शास्त्री होरी रे घरा री गली के मिलहाईं। पर ऐसा गली बिच लाईट गायब थी। होर छोटी गली हुणे रे करूंआं इथी लाईट हुणी जरूरी ही। पंडित भवानी दत शास्त्री होरी रे घरा री गली दीपू भाई री पाना री दुकाने ले शुरू हुआईं होर गोल पैडियां वाले निकलाईं। विक्टोरिया पुलहा रा वारली मंडी वाला हिस्सा ट्रैफिका री लिहाजा ले पडा संवेदनशील हुई गईरा। खास कर जेबे बच्चेयां जो स्कुला ले छुट्टी हुआंई ता बुझां गडियां री लंबी कतार लगी जाहीं। विक्टोरिया पुलहा पर ट्रैफिका रा दबाब बौहत ज्यादा बधी गईरा। ऐहडा लगां जे प्रशासन एस पुलहा री सहनशीलता रा गल्त फायदा लैयी करहां। मंडी रे लोका री मांग ही भई ऐस पुलहा रे बदले नौंवे पुलहा रा काम जल्दी ले जल्दी शुरू कितेया जाये। जेता के आसे बडे हादसे जो बचाणे बिच सफल हुई सकीयें। पुलहा सौगी हे नीलकंठ महादेवा रा मंदरा है। ऐता सौगी हे वेदांत कुटीरा रा मंदरा हा। वेदांत कुटीरा कोई बच्चा माइका पराले गुरू जो लैउंआ सुंदर आवाजा बिच कोई भजन गाई करहां। वेदांत कुटिरा रे सौगी वाले शिव मंदरा बिच बी पूजा-अर्चना लगीरी हुंदी। एकादश रूद्र मंदरा बी ढोलक चिमटे के भजना री आवाजा ले माहौला भक्तिमय हुई गईरा। सायं-2 करदे बयास दरयावा रे पाणी के उठदी ठंडी-2 धुंई री ठंडक बजयारा री उमस होर सैरा रे पसीने पर पई के माहौला जो खुशनुमा करी करहाईं। एकादश रूद्रा रे मंदरा रा मोड बौहत ज्यादा स्टीक हा। होर रेता बजरी पौणे ले या बरखा बिच इथी कई बारी मोटरसाईकल, स्कुटर, आटो बगैरा रे स्कीड हुणे रा खतरा बणीरा रैंहा। ये सडक ठीक किती जाणी चहिए। ऐते अलावा मंदरा ले बाहरा बखा रा नाला हमेशा गंदगी के भरी री रैहाईं। ये बी चैलेलाइज कितया जाणा चहिए। एकादश रूद्रा ले शमशाना घाटा वाला रस्ता आजकाले अंधेरे बिच हा। शमशान घाटा रैहणे वाला गोविंद थोडे दिन पैहले कुछ लोके इथीये मारी दितेया था। पर तेबे बी आसौ जो अझी जागणा नी आईरी होर इथी न्यारा पाइरा। शमशान घाटा बाले री बिजली जल्दी ते जल्दी ठीक कीती जाणी चहिए। ऐस हफ्ते हाउं दो बारी ब्यास दरयावा रे कनारे हनुमान घाटा जो आया। पैहली बारी उच्च न्यायलय रे सेवानिवृत डिप्टी एडवोकेट जनरल महेन्द्र सिंह गुलेरिया होरी जो तरीणी पाणे कठे। होर दूजी बारी आज जेबे आसारे जिला न्यायलय बीच प्रैक्टिस करने वाले सन्यारढी रे वकील योग राज शर्मा होरी गुजरी गये। मुंजो लगहां जे आसारी व्यवस्था अझी तका लोका री मूल जरूरता जो बी पूरी करणे कठे तैयार नी ही। ये ता सभी जो पता हा जे मरना सभी हा। पर आसा जो आपणे मरने री व्यवस्था ता धोरी करी लैणी चहिए। शमशान घाटा री भठियां री हालत खराब ही। लकडी रा कोई प्रबंध नीं आ। लोका जो खलयारा रे डिपु ले लकडी लयाउणी पौहाईं। अगर शमशान घाटा हे लकडी रा इंतजाम हुई जाओ ता लोका कठे केडी बडी सुविधा हुणी। घाटा रे कठे बंगले महल्ले रे वीर मंडला वालेयां पैहले कुछ वकता तका लोका जो ये सुविधा बी दीती थी। पर मुंजो लगहां भई सरकारी तंत्रा री कारगुजारिये ऐसा संस्था री हिम्मत बी तोडी दीतीरी। अंतिम संस्कारा कठे आइरे लोका जो बैठणे री कोई जगहा नीं ही होर रखरखावा कठे बी कोई जवाब देह नी हा। ऐते अलावा महल्ले वालेयां री मांग ही जे मंडी री बढदी आबादी जो देखदे हुए होरी जगहा शमशान घाट बणाया जाए। मरने वालेयां री संख्या बधी जाणे ले महल्ले वालेयां जो परेशानियां रा सामणा करना पई करहां। ब्यास दरयाव होर सुकेती खाडा रे संगमा पर मंडी शहर रा ये हिस्सा छोटी काशी जो सार्थक करहां। हनुमान घाट मंडी रा प्रसिद्ध घाट है। इथी चट्टाना पर हनुमाना री विशाल प्रतिमा उकेरी गईरी। दरयावा होर खाडा रा पाणी जेबे बदहां ता ये बाहडा जो छाडी के हनुमाना रे पैर छुहां। फेरी बधदा-2 ये हनुमाना जो बी कई बारी ढकी देहां। होर से मंडी कठे खतरे री घंटी हुई जाहीं क्योंकि तेबे पंचवक्तरा जो बी घेरा पई जाहां। मंडी शैहरा जो नदी सभ्यता रा खूबसूरत नमूना बोल्या जाई सकहां। पर इथी रे घाट होर तट उपेक्षित पईरे। सारा मंडी रा पालीथीन होर गंदगी इन्हा घाटा री सुंदरता जो गंदी करहाईं। मंडी रे लोका री एक कल्पना ही जे ऐस दरयावा पर एक डैम बनाया जाए ता इथी खुबसूरत झील बणी सकाहीं जेता के इन्हा घाटा जो चार चांद लगी सकहाएं। पर फिल्हाल ये झील मंडी रे लोका जो एक सुपने साहीं लगाहीं। ब्यास दरयाव होर सुकेती रे संगमा पर चकढीनी री बौहत पुराणी जान ही। ऐसा जानी री उंचाई करीब 20- 25 फुट ही। ऐतारे पुराणे हुणे रा प्रमाण जानी रे उपरा जो जाणे कठे जानी जो काटुआं बणाइरी पैडियां ही। ज्यों देखुआं हे बडी पुराणी लगहाईं। ऐसा जानी पर बैठुआं ठंडी-ठंडी हवा खाणे रा आपणा हे मजा हा। पर यों ही नौवें जमाने री गल्ला। मंडी रे इतिहासा जो देखाहें ता पता लगहां जे मंडी रा नांव इधी कठे मंडी पइरा जे इथी मांडव्य ऋषिये जानी पर बैठी के तपस्या कीतीरी। होर तिन्हारी तपस्या के जानी रा रंग काला हुई गया था। ये जान गुरूद्वारे हेठली जान दसी जाहीं। पर मुंजो ऐता बिच थोडी शंका तेबे हुई जेबे मैं गुरूद्वारे वाली जान देखी। ये जान ता स्लेटी रंगा री ही। जबकि चकढ़ीनी री जान काले रंगा री ही। ये शोधा रा विषय हा जे मांडव्य ऋषिये गुरूद्वारे बाले री जानी परा तपस्या कीती या चकड़ीनी री जानी परा। ऐते अलावा इन्हा जानियां के कुछ होर बी कहाणियां जुडी री। जेहडा जे लाल चंद प्रार्थी होरी बी बोलहांए थे जे किन्नर, गंधर्व, यक्ष, नाग होर रागस इथी री जातियां थी। मुंजो जिथी तका याद हा बचपना बिच आसौ बी चकड़ीनी रे रागस, डबीहनी रे रागसा रे बारे बिच दसया जाहां था। ऐते अलावा लाहौरी खोहले रे बारे बिच बी सुणनेओ मिलहां था जे इन्हा जगहा रागस हुआंए। आसारे कई बुजुर्गा री इन्हा रागसा के लडाइयां बी हुआईं थी। इन्हा लडाइयां रे बी बडे किस्से आसा कठे रोमांच पैदा करहाएं थे। थोडे दिन पैहले मैं एक एनडीपीएस रा केस लडया। ऐता बिच पुलसा वालेयां मौका दसीरा था रागस नाला जगहा रा। पुलसा वालेयां रागस नाले री जगहा दसीरी थी बागी ले एक मोड पीछे। पर जेबे मैं मौके रा दौरा कितया ता रागस नाला जगहा मंडी बजौरा रोडा पर शेगली ले पीछे होर कटौले ले अगे मिली। जबकि इथी ले पुलसा रा मौका कोई 4 किमी दूर था। रागस नाले बी एक बडी सारी जान ही। इथी तेबे नाले पर पुलहा रा काम लगीरा था। जेबे मैं लेबरा रे लोका ले रागस नाले रे बारे बिच पुछया ता तिन्हे दसया भई सडका रे कनारे वाली बडी जानी जो रागस जान बोलहाएं। तिन्हारा बोलणा था जे ऐस जगह हवा बडी तेज चलांही होर घुमाईं बडी जोरा के। हालांकि इन्हा चिजा रा आजकाले कोई महत्व नीं रैहीरा। पर अगर कोई इन्हारे बारे बिच कोई प्रसंग मिलहां ता से बी दर्ज हुणा चहिये। क्योंकि इन्हारा बी कधी लोका सौगी मित्रता या दुश्मणी रा संबंध था। इधी कठे यों स्थल बी आसा ले संबंधित हे। हुई सकहां भई आपणे वकता बिच यों जातियां मौजूद हुंदी। पर ऐहडा लगां जे इन्हारा बी विस्थापन आजकाले हुई गईरा हुणा। क्योंकि यों जिथी रैहंदी हुंदी तिथी ऐभे बडे बदलाव आई गईरे। हनुमान घाटा री बाईं रा पाणी बी बडा मीठा हा। शमशान घाटा रे सौगी वाले नीलकंठ मंदरा रे पीछे बी पाणी निकलां था पर ये आजकल बंद हुई गईरा। महाकाला रे मंदरा परा डाल उगी गईरे पर प्रशासना जो इन्हौ हटवाणे री कोई परवाह नीं लगदी। महाकाला रे मंदरा सौगी हे एक पुराणी प्रतिमा ही जे सभी मौसम री मार सैही करहाईं। ऐसा प्रतिमा जो बचाणे री कोशीश किती जाणी चहिए। सत्यमहेशा पत्रकारा होरी रे घरा हेठली बायं बी बुरी हालता बिच ही। शिव रूद्र मंदरा बिच हर साल आयोजन हुंदे रैहाएं। होर इन्हा आयोजना बिच सुंदर झांकियां बणाई जाहीं। मंदरा सामहणे री पार्किंगा ले हेठ सुकेती खाडा एक शिव लिंग उपेक्षित हालता बिच हा। ऐस जगहा रे चारों बखौ गंदगी हे गंदगी ही। मंडी शैहरा ले आउणे वाला सारा कचरा ऐस शिव लिंगा बाले पौहचां। ऐस शिव लिंगा जो बचाणे री कोशीश हुणी चहिए होर नाले री गंदगी इथी आउणे ले रोकी जाणी चहिए। शिवा बाईं रा मीठा पाणी पी कने हाउं चबाटे री गली री चढाई चढना शुरु करहां। आधी चढाई बाद डुगही परौली वाली गली बखौ चली पौंहा। ये गली एकादस रूद्रा ले पलाखे जो जाणे वाली गली के मिली जाहीं। पलाखे ले हाउं चबाटे वाली गली बखौ चली पौहां। चबाटे पौंहचदे हे अनिल कपूरा होरी के मुलाकात हुआईं। चबाटे चारों बखौ ले सडका आई के मिलहाईं। एक गली पलाखे ले आवाहीं, एक बंगले ले, एक मुघवाणा ले ता एक चौहट्टे ले। इधी कठे इथी हमेशा हलचल रैहाईँ। चबाटे ले चंद्रलोका री गली बखौ चली पौहां। पर बीच भरा दीपू मल्होत्रा, पुष्पराजा होरी री गली बखौ पैर मुडी जाहें होर मुंजो भी के भुतनाथ बजारा पहुंचाई देहाएं। भुतनाथ मंदरा बखौ चलदा हुआ हाउं आपणी आज की सांझकणी सैर लगभग पूरी करहां। चौहट्टे ले हुंदे हुए चन्द्रलोका री गली बिच पौंहची जाहां। चंद्रलोका री गली रा नांव मिठाइयां री दुकान चंद्रलोका रे नांवा पर पई गईरा। ऐसा दुकाना री मिठाइयां री मशहुरी इतनी ज्यादा हुई गई जे लोक ऐसा गली जो चंद्रलोका री गली ले जाणदे लगी गए। चबाटे पौंची के हाउं मुघवाणा वाली गली बखौ चली पौहां। रूप उपाध्याय चाचु होरी रे घरा बाले ले हेमकांत कात्यायन पत्रकार होरी रे घरा री गली खौ बधहां। ऐसा गली जो उतरदे वकत पुठे हाथा बखौ दरमयाना महल्ला हा होर सीधे हाथा बखा मुघवाण महल्ला हा। ये गली मुघवाणा ले बंगले महल्ले जो जाणे वाली सडका के मिली जाहीं। बंगले महल्ले रे चौका पर माता रा मंदरा हा। दरमयाना महल्ला बंगले महल्ले ले चबाटे होर चौहटे जो जाणे वाली सडका रे दोनों तरफा जो फैलीरा। अपर समखेतर होर दरमयाना महल्ला गलियां रे आमणे सामणे बसीरे। लोअर समखेतर महल्ला मोती बाजार ले शुरू हुई के भुतनाथ बाजार तक फैलीरा। जबकि दरमयाना महल्ला भुतनाथ मंदरा री गली ले चन्द्रलोका री गली ले बंगले होर एकादश रूद्र मंदरा तका बसीरा। यों दोनों महल्ले पुराणे जमाने ले व्यापार रे गढ रैहीरे। इन्हा महल्लयां री सैरा रे दौरान पंडित भवानी दत शास्त्री गुरू होरी रा जिक्र बी आया। पैहले ता मेरी माता होरी रे बी गुरू हुणे रे सौगी-2 लगभग सारे मंडी रे रैहणे वालेयां रे गुरू हुणे रे नाते मैं इन्हा जो चरण बंदना करहां। गुरू होरी मंडी रे ऐहडे विद्वान थे जिन्हे मंडयाली भाषा बिच कविता, कहानियां ता लिखे हे लिखे पर सभी थे बडा काम इन्हे मंडयाली बिच गीता लिखणेरा कितीरा। मंडयाली भाषा रे कठे जे काम गुरू जीए कितीया तेरा रा सबब आसौ जो समझणा चहिए होर गुरू जी रे रस्ते परा चलणे री कोशीश करणी चहिए। हालांकि गुरू जी री बहु चंपा आंटी होरिये मंडयाली गीता छपवाई के ऐता रा प्रचार प्रसार शुरू कीतीरा। पर ऐता कठे बौहत गंभीरता के काम हुणा चहिए। गुरू जी री गीता रा पाठ अझी तका कितया जाहां होर गुरू जी कविता रा ठेठ मंडयाली लैहजा समझणे कठे तिन्हा रा अध्ययन करना जरूरी हुई जाहां। सरकारा जो गुरू होरी रे नावां ले एक पीठ शुरू करणी चहिए जेता बिच मंडयाली भाषा, बोली, चित्रकला होर लोक कला जो संरक्षित करने रा काम हो। बस कुछ ऐहडी जे प्रेरणा लेई के हाउं आजा री सैरा जो पुरी करीके आपणे घरा बखौ हटणा शुरू करहां। ज्यादा दूरा तक फैली रे नी हुणे करूआं आज दो महल्लेयां री सैर कठे हे हुई गई। अब ता मेरा आपणा महल्ला हा। इधी कठे अगले महल्ले रे भुगोला रे बारे बिच ज्यादा चिंता नी ही। फेरी मिलघे अगली सैरा सौगी, तेबे तका तुसे ऐता जो पढा होर आपणी प्रतिक्रिया बी जरूर देया...।
धन्यावाद।
समीर कश्यप। 14-7-13... sameermandi.blogspot.com
पिक्चर- कमल सैणी

अधिवक्ता योगराज शर्मा का देहांत


मंडी। जिला एवं सत्र न्यायलय में कार्यरत अधिवक्ता योगराज शर्मा का रविवार को देहांत हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह करीब 62 वर्ष के थे। यहां के समीपवर्ती गांव सन्यारढी निवासी योगराज शर्मा ने कानपूर से कानून स्नातक की शिक्षा प्राप्त की थी। वह मंडी जिला एवं सत्र न्यायलय में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रहे थे। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। रविवार को उनका बीमारी के चलते देहांत हो गया। उनका अंतिम संस्कार ब्यास नदी के किनारे हनुमान घाट में हुआ। जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांती के लिये प्रार्थना की है।

Saturday 13 July 2013

प्रेमिका



जब भी प्रेमिका को देखा है मैंने
हर बार मार्क्सवाद याद आया है
चेहरा पुंजीपती लगा है उसका
सर्वहारा खुद में उगता पाया है
उसका अहसास है चमक दमक का
अंधेरों में खुद को पाया है
है वह प्रतीक शोषण भंगिमाओं का
तो लोगों को विद्रोही होना भाया है
दिखावा, छलावा, श्रृंगार हैं उसके
जिनसे सबको भरमाया है
जवानी की दहलीज उतर कर
चीर सौंदर्य झीजता देख कर
मानो आखरी हथियार चलाया है
तोड सीमाएं अपनी हदों की
अतिक्रमण का चेहरा दिखाया है
खत्म समझो सम्मोहन उसका
संघर्षों ने अब लोगों को दीवार ढहाना सीखाया है
अंधेरों में चलना सीखाया है,
रोशनी ढुंढना सीखाया है
समीर कश्यप 13-7-2013 sameermandi@gmail.com

Friday 12 July 2013

छोटी काशी में जुटे देश के नामी फुटबॉल क्लब




छोटी काशी में जुटे देश के नामी फुटबॉल क्लब

आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने किया फुटबॉल खेल उत्सव का शुभारंभ

मंडी। छोटी काशी में देश भर के कई नामी फुटबॉल क्लब दे दनादन गोल करने में जुटे हैं। मौका है हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ तथा जिला फुटबॉल संघ द्वारा करवाए जा रहे ओएनजीसी ऑल इंडिया फुटबॉल फेस्टीवल का। शहर के पड्डल मैदान में पहली बार आयोजित करवाई जा रहे खेल महाकुंभ का शुभारंभ प्रदेश के आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खिलाडिय़ों के उत्थान के लिए सरकार कृतसंकल्प है। सरकार ने खेल प्रोत्साहन राशि 75 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दी है। प्रदेश फुटबॉल संघ के अध्यक्ष अमित पाल सिंह ने कहा कि हिमाचल में फुटबॉल खेल का दौर वापिस आ गया है। प्रदेश में पेले जैसे खिलाडिय़ों को तैयार करने के लिए संघ द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण स्तर तक फुटबॉल खेल को लोकप्रिय बनाने के लिए संघ द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। इस खेल उत्सव में ओएनजीसी मुख्य प्रायोजक की भूमिका में शामिल है। खेल उत्सव का पहला मैच मेजबान ग्रीन लैंड सोकर क्लब मंडी तथा 14 जेसीटी सपाटु के बीच खेला गया। इसे मेजबान ग्रीनलैंड एफसी ने 5-2 से जीतकर अगले दौर में प्रवेश किया। मंडी की ओर से योगेश शर्मा ने टीम के लिए चार शानदार गोल किए। योगेश ने मैच के 24वें, 32वें, 34वें तथा 90वें मिनट में गोल किए। इसके अलावा केशव ने मैच के 39वें मिनट में गोल करके टीम को अगले दौर में पहुंचाया। जेसीटी सपाटु की ओर से शिव गोरंग ने 36वें तथा सरोज ने 41वें मिनट में गोल किया। दूसरा मैच हिमाचल प्रदेश फुटबॉल टीम तथा इंडियन एअर फोर्स के बीच हुआ। दोनों टीमें निर्धारित समय में एक-एक से बराबर रही। एचपीएफए की ओर से राकेश ने मैच के 8वें मिनट में ही गोल करके टीम को बढ़त दिलाई। पहले हॉफ तक हिमाचल की टीम बढ़त बनाए हुए थी। दूसरे हॉफ में इंडियन एअर फोर्स ने शानदार खेल दिखाते हुए मैच में वापिसी की। इंडियन एअर फोर्स के दिनेश ने मैच के 45वें मिनट में गोल दागकर मैच बराबरी पर ला दिया। समाचार लिखे जाने तक जेसीटी फगवाड़ा और विनय क्लब तमिलनाडु के बीच खेला जा रहा था। इसमें जेसीटी की टीम 2-0 से आगे चल रही थी। जेसीटी की ओर से आर. मैस्सी ने मैच के 16वें मिनट में और रॉबिट ने 46वें मिनट में गोल करके टीम को बढ़त दिलाई। इस मौके पर प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव दीपक शर्मा, कोषाध्यक्ष नरेश राणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कृष्ण जंबाल, संजेश जंबाल, रेफरी बोर्ड के चेयरमैन शाम सुंदर शर्मा, विरेंद्र सेन, दीपक शर्मा, जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष लीला बिलास, महासचिव पंकज शर्मा, दीपक भारद्वाज, योगेश, यशकांत, तरुण पाठक समेत कई खेल प्रेमी उपस्थित थे। आज होने वाले मैच राजकोट इलेवन गुजरात व 14 जीसीटी सपाटु के बीच सुबह 9.30 बजे, मेजबान ग्रीनलैंड मंडी व स्टेट बैंक ऑफ त्रिवेंद्रम (केरल) दोपहर 3.00 बजे, इंडियन एअरफोर्स व विनय क्लब चेन्नई के बीच शाम 5.00 बजे खेला जाएगा।

दुराचार के आरोपी को 7 साल की कठोर कैद


मंडी। शादी का झांसा देकर दुराचार करने के एक आरोपी को अदालत ने सात साल के कठोर कारावास और 50,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशि को पीडिता के पक्ष में अदा किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला के न्यायलय चच्योट तहसील के (घाना) सयांज निवासी कपिल देव पुत्र बृज लाल के खिलाफ भादंस की धारा 376 और 366 के तहत अभियोग साबित होने पर उसे क्रमश: सात साल और दो साल की कठोर कारावास और क्रमश: तीस और बीस हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपी को एक-एक साल के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 27 अगस्त 2008 को आरोपी ने बालीचौकी से पीडिता को शादी का झांसा देकर अगवा किया था और औट स्थित एक गैस्ट हाउस में उससे दुराचार किया था। इसके बाद अगले दिन आरोपी ने पीडिता को शादी के लिए पैसों का इंतजाम करने की बात कह कर उसेे रिश्तेदारों के पास जाने को कहा था। जबकि इसके बाद आरोपी वापिस नहीं लौटा और उसने शादी करने के इंकार कर दिया। ऐसे में पीडिता ने अपने परिजनों को इस बारे में बताकर औट थाना पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे जिला न्यायवादी जे के लखनपाल ने 14 गवाहों के बयान दर्ज करवा कर आरोपी पर अभियोग साबित किया। सजा की अवधि पर हुई सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष का कहना था कि आरोपी का पहला अपराध होने के कारण उसके प्रति नरम रूख अपनाया जाए। जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी को अधिकतम सजा दिये जाने की दलील दी गई। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया।

Thursday 11 July 2013

लोअर समखेतर महल्ले री सैर




मंडयाली लेख- 6
लोअर समखेतर महल्ले री सैर
सांझकणी सैरा रे बहाने मंडी शैहरा रे अलग-2 महल्लेयां बिच जाणा मुंजों बडा नौंवां जेह ऐहसास छाडी जाई करहां। सभी थे बडी गल्ल भई जिन्हा जगहा हाउं एकी अरसे ले नईं जाई पाईरा तिन्हा जगहा जो मेरे पांव आपणे आप हे चली के पहुंचाई कराहें। एते मुंजो आपणे वातावरण बिच कुछ नौवेंपना रा अनुभव हुई करहां। ऐते अलावा मंडयाली बिच कुछ लिखणे रा जियु बी इन्हा सैरा जो जारी रखणे कठे मुंजो अग्गे बधाई करहां। हालांकि मुंजो ऐहडा बी लगी करहां भई मेरी मंडयाली बिच हिंदी, अंग्रेजी होर कई भाषा रे शब्द बी आई करहाएं। इधी कठे यों लेख ठेठ मंडयाली बिच लिखीरी नी बोली सकदे। इहां ता मंडयाली बोली री आपणी लिपी बी थी पुराणे जमाने बिच जेता जो टांकरी बोल्हाएं थे। पर ऐभे ये लिपी लगभग लुप्त हुई गईरी। टांकरी अझी बी कुछ ताम्रपातरा पराले लिखी री मिली जाहीं पर तेता जो पढने वाला कोई नी बचीरा। आसारी प्रदेश सरकारा होर आसारे नुमाइंदेयां जो टांकरी समेत सभी लिपियां होर हिमाचला री बोलियां जो लुप्त हुणे ले बचाणे कठे तुरंत कदम उठाणे चहिये। निता ऐहडा नी हो जे पुराणी पीढी के आसारी लिपी होर बोली बी खत्म हुई जाओ। इन्हा सभी चीजा जो देखदे हुए मैं एस लेखमाला री शुरूआत कितीरी। इधी कठे मुंजो ऐहडा लगां जे जितनी कर मंडयाली मुंजो आवांही कम से कम तितनी ता मुंजो लिखी हे देणी चहिए। होर बादा बिच जेबे-2 मुंजो ठेठ मंडयाली शब्द मिलदे रैहणे तेबे-2 मां स्यों ऐता बिच पांदे रैहणा। हाउं आपणी सांझा री सैरा रे कठे आज लोअर समखेतर महल्ले रा रूख करहां। गांधीचौका ले विक्टोरिया पुहला जो जाणे वाली सडका रे बायें हाथा बिच बसीरा ये महल्ला मंडी शैहरा रा व्यापारा रा केन्द्र हा। ये महल्ला गांधीचौका ले शुरू हुई के चौहट्टा बाजार, महाजन (बोहरा) बाजार, मोती बाजार, नेशनल स्ट्रीट, टाऊन हाल, समखेतर होर गोल पैडी तक फैलीरा। मंडी रा गांधीचौक कई ऐतिहासिक वकता रा साक्षी हा। इने चौके होर ऐता रे सौगी-2 पुराणे पीपले, सेरी मंचे, सिद्ध काली मंदरे होर संकन गार्डने पता नी अझी तका मंडी शैहरा रे केहडे-2 दौर देखेरी। चौका पर महात्मा गांधी री प्रतिमा लगीरी। प्रतिमा री कोई खास देखभाल नीं हुंदी। गांधी जयंती रे ध्याडे हे ऐस प्रतिमा री साफ सफाई किती जाहीं। सारा साला प्रतिमा पराले पक्षी गंदगी फैलांदे रैहाएं। जेते ऐहडा लगां भई आसारे राष्ट्रपिता रा अपमान हुई करहां। मंडी रे लोक कई बार प्रशासन जो बोली बैठिरे भई ऐस प्रतिमा रे उपर कोई छत बनाई दीती जाए। पर अझी तका आसाजो आजादी दिलवाणे वाले महात्मा गांधी दिन दहाडे हजारों आदमियां रे सामणे गंदगी सैहणे जो मजबूर हे। प्रतिमा रे सौगी हे एक फव्वारा भी चलहां था केसी वकता पर आजकाले ये बंद हे रैहां। गांधीचौका ले सामणे मनपसंदा री मिठाईया री दुकाना ले हाउं महाजन बाजारा बटिहें आपणी सैर शुरू करहां। मंडी री सिटी चौकी री बिल्डिंग पता नी किने ठेकेदारे बनाइरी ऐहडा लगां भई तेजो पुलसा वालेया के कोई ना कोई खुंदक रैहीरी हुणी। ऐसा बिल्डिंगा रे झज्जे हर केभे हे पौंदे रैहायें। जेता के हर वकत जानी रा खतरा लगीरा रैहां। ये बिल्डिंग ठीक किती जाणी चहिये। ऐता सौगी हे जंगलात विभागा रे क्वाटर हे। नगर परिषदा रा दफ्तर बी ऐस हे महल्ले हा। पुराणे वकता ले ये दफ्तर इथीहे काम करी करहां। ये दफ्तर पुराणे जमाने री मंडी कठे ता भतेरा था पर एभे मंडी बहुत बडी हुई गईरी। होर कमेटी जो बी आपणा दफ्तर बडा करना चहिये। आम लोका जो बैठणे कठे इथी कोई धोरी जगहा नी सूझदी। उपराले कमेटी रा काम इतना बधी गईरा जे कमेटी जो हुण बडा दफ्तर मिलणा हे चहिये। गांधी चौका ले जाणे वाली गली चौहटे बाजारा ले बोहरे बाजार जो जाणे वाली गली के मिली जाहीं। चौहट्टा बाजार रियासत काला ले व्यापारा रा केन्द्र हा। किव्दंतियां रे मुताबिक मांडव्य ऋषिये ब्यास दरयावा रे किनारे मांडव जानी पराले बैठी के तपस्या कीतिरी। जेता कठे इधी रा नांव मंडी पईरा। पर ऐक मत ऐहडा बी हा जे मंडी शैहर होशियारपुरा ले तिब्बता जो जाणे वाले सिल्क रूटा पर बसीरा। इथी व्यापारी रूकदे रैहांए थे। होर हुई सकां भई व्यापारियां रे इथी रूकणे ले ऐता रा नांव मंडी पया हो। ये शैहरा 1526 ई. बिच बसीरा। सेन वंश री रियासता री राजधानी बणने बाद इथी बाजार बणेया। रियासते रे वकता ले चौहटा मंडी रियासता रा केन्द्र था। फागण महीने बिच होणे वाले अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्री महोत्सवा रे आखरी दिन मंडी जनपदा रे सारे देवी देवता भूतनाथ मंदरा माथा टेकणे बाद चौहटे री जातरा बिच भाग लैहें। सैंकडों देवी देवता रे आउणे ले चौहटे री जातरा रा नजारा देखणे लैक हुआँ। चौहटे बाजारा रा पश्चिमी हिस्सा लोअर समखेतरा बिच पौवां। चौहट्टा होर महाजन बाजार मंडी शैहर होर आसे पासे रे इलाकेयां रा भरण पोषण करहां। दरअसल राशना री ज्यादातर थोका री दुकाना इथी हे ही। इन्हा दुकाना बिच पौंहचणे वाला अनाज सारी मंडी रे घरा होर ग्रावां पौंहची जाहां। इधी कठे ऐहडा बोली सकाहें जे ये बाजार आसारी उदर पूर्ती करने वाला बाजार हा। लोअर समखेतर महल्ले मोती बजार सुनारा रा बजार बोलया जाई सकहां। मंडी बिच सुनारा रा काम करणे वालेयां री ज्यादातर दुकाना ऐस हे बजारा ही। मंडी रे सुनारा री दुरा-2 तक धाक ही। इथी काम करने कठे बंगाला तका रे कारीगर आईरे। मोती बाजारा हर साल गणपती उत्सव होर दुर्गा पूजा रा त्योहार बडे धुमधामा के मनाया जाहां। गांधी चौक, महाजन बजारा ले आउणे वाली गली मोती बाजारा निकलाहीं होर विक्टोरिया पुलहा जो जाणे वाली सडका के मिली जाहीं। विक्टोरिया पुलहा वाली सडका ले हे एक गली टाउन हाला ले हुंदी हुई मंडी रे हस्पताला बखौ जाहीं। अझी टाउन हॉला बखौ चलीरा हे थे जे उतराई पराले हस्तपाला रा एक एनजीओ लीडर मुंजो मिलही गया। तेस ले पता लगया भई गायनी वार्डा बिच आईरा मलबा हटाणे कठे फायर ब्रिगेडा री गडी थी आईरी। मलबा हटाणे बाद तिथी सफाई बगैरा किती पर अझी तक गायनी वार्डा भर्ती हुईरे लोका जो इथी ल्याउणे कठे कम ते कम एक हफ्ता लगणा। इन्हा री गल सुणुंआं मेरे कदम सीधे हस्पताला बखौ मुडी गए। तवारा जो भ्यागा जेबे खूब बरखा हुई कराहीं थी ता हस्पताला रे ऊपर गणधभ (गंधर्वा) रे जंगला ले आऊणे वाले नाले रा पाणी अचानक बधी गया। हुई सकहां जे सारी रात बरखा हुणे ले पाणी कठा हुई गया हो होर भ्यागा तका इने बाढा रा आकार लेई लितया। ऐस नाले बिच पाणी बधी जाणे ले जंगला ले हेठ बसीरे पैलेस महल्ले रे कई घरा होर दुकाना बिच पाणी तुरी गया होर बौत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। नाला रे पाणी सौगी बडी-2 चटाना होर पाथर बी आए पर शुक्र हा जे यों रिहायशी इलाके तक नीं पौंहची पाए निता बडा नुकसान बी हुई सकहां था। नाले रे पाणी के प्वाधे होरी री दुकाना जो सभी थे ज्यादा नुकसान हुईरा। इन्हा रे अलावा भी अस्पताला रे गेटा वाले रस्ते पर तनु री दुकाना समेत कई दुकाना जो नुकसान पौंहचेया। नाले बिच आईरी बाढा रे पाणी रा मलबा क्षेत्रीय हस्पताला रे गायनी वार्डा बिच बडी गया। ये ता शुक्र हा जे पाणी ध्याडी रे वकता आया। अगर किथकी ये हादसा राती जो घटया हुंदा ता प्रसवा कठे आइरे लोका के बडा हादसा बी हुई सकहां था। पर इतना ता साबित हुई हे गया भई ये नाला केभे बी बडा कैहर ढाई सकहां। मनीष दुग्गल होर यशराजे एस बाढ़ा रे बडे बांका विडियो बनाइरे। ये विडियो जेबे तिन्हे फेसबुका पर शेयर किते ता ऐस घटना रे बारे बिच बहुत कुछ अंदाजा लगी गया। विडियो बिच पाणी रे बधणे होर दुकानदारा रे दुकाना छाडुआं भगणे रे क्लिपस हे। होर ऐता जो देखुआँ कोई बी अंदाजा लगाई सकहां भई हस्पताला री सडका पर करीब तीन- चार फुट पाणी आई गया था। ऐस हादसे ले हस्पताला रे उपर होर हेठ बसीरे लोका जो आपणी सुरक्षा जो लेई के एक डर जेह पैदा हुई गईरा। एते पैहले बी एक बारी एस नाले रे उपर बादल फटी गया था। जेता के एक बच्ची पाणी बिच बैही गई थी। ये ता शुक्र मनावा जे तवारा री बाढा बिच ऐहडा कोई बडा हादसा सामणे नी आया। पर अग्गे जो बी ऐहडी घटना नी घटणी ऐता रे बारे बिच कुछ नी बोली सकदे। इधी कठे महल्ले रे लोक आपणी जिंदगी री सुरक्षा कठे चिंतित हे। नाले रा मौका करने बाद हाउं तनु वैद्या री दुकाना गया होर तिन्हा ले ऐस बारे बिच पुछताछ कीती ता तिथी एक डाक्टर साहब बी खडी रे थे। इन्हा रा बोलणा था भई नाले री जगहा पराले कई लोके घर बनाई दितिरे होर आपणी गडियां खडाणे कठे नाले पर पुलह पाई दितीरे। एता के नाले बिच पाणी जाणेयो रस्ता नी रैहीरा। एते अलावा अस्पताला रे गेटा वाला पुहल बी पाणी री निकासी कठे बंद हुई गईरा। जेता के पाणी पुलहा उपरियें बैहणा शुरू हुई गया। जेता के ऐता रा रूख हस्पताला, सडका होर दुकाना बखौ हुई गया। ग्रामीण विकास मंत्री होर स्थानिय विधायक अनिल शर्मा बी मौके पर आए थे। तिन्हे नाले री चैनलाईजेशन होर हस्पताला रे गेटा बाले बडा पुल बनाणे रा आश्वासन ता दितेया। पर बाढा रे पाणी री चपेटा बिच आईरी दुकाना होर महल्ले रे लोका जो हुईरे नुकसाना रे कठे मुआवजा देणे री कोई गल नीं किती। होर ता होर प्रशासना री तरफा ले इन्हा प्रभाविता रा हाल तक नी पुछया गया। जेता रा महल्ले रे लोका बिच बडा रोस हा। हस्पताला रे नाले री बाढा रा जायजा लैऊआं हांउ आपणी सैरा री वापसी करहां। बाढ आउणे बादा ले सुकोहडी खाडा री आवाज कुछ ज्यादा बधी गईरी। ऐहडी आवाज ऐसा खाडा री कम हे सुणहांई। सुकोहडी रा पुल पार करीके टाउन हाला री चढाई चढुआं समखेतरा पुजहां। टाऊन हाल मंडी री सांस्कृतिक गतिविधियां चलाणे कठे बणाइरा। इथी साल भर प्रोग्राम हुंदे रैहायें। मंडी शैहरा जो हिमाचल प्रदेशा री सांस्कृतिक राजधानी भी बोल्या जाहां। क्योंकि ये शैहरा हिमाचला रे पुराणे शैहरा मंझा ले एक हा इधी कठे इथी री संस्कृति बिच कई सौ साला री निरंतरता चलीरी। इधी कठे मंडी पुरात्तव, साहित्य, संगीत, चित्रकार, रंगकर्म, नृत्य होर लोक कला रा केन्द्र हा। पर ये मंडी रा दुर्भाग्य हे बोलया जाई सकहां जे इन्हा कला बिच महारत रखणे वाले शैहरा बिच आपणा कोई प्रेक्षागृह नीं हा। टाउन हाला रे बनाणे पीछे प्रेक्षागृह बनाणे री हे सोच थी। इधी कठे इथी बालकानी बी बनाई गई थी होर पुरा प्रारुप दितेया गया था। पर ये हॉल प्रेक्षागृह नीं बोलया जाई सकदा। क्योंकि ऐता कठे कुछ बदलाव करने एस हाला बिच जरूरी हे। सभी थे पैहले ता ऐस हॉला री इको खत्म करनी पौणी। एस हे हॉला बिच कुछ बदलाव करीके प्रेक्षागृह बनाया जाई सकहां। पर कोई गंभीर नीं हा। जबकि कलाकारा री समस्या जस के तस बणीरी। फिलहाल ये हाल कमेटी री संपती ही। पर ऐता रा प्रयोग बैडिमिंटन खेलणे कठे कितया जाई करहां। जेता कठे ये बणिरा हे नहीं हा। समखेतरा रे सरण हलवाई री दही बुंदी दूरा-2 तक मशहुर ही। समखेतरा बखौ चलदे हुए पीपला बाले एक बारी भी कदम मुडहाएं होर हाउं अर्धनारीश्वरा रे मंदरा बखौ चली पौंहां। अर्धनारीश्वर मंदर धरोहर संपती हुणे रे करूआँ पुरातत्व विभागे आपणे संरक्षणा बिच लैयी लितीरा। मंदरा रे शिखरा पर ता काफी रोशनी हई पर मंडपा बिच बिजली नी ही। गर्भगृहा बिच बल्ब लगीरा हुणे ले मुंजो अर्धनारिश्वरा रे सुंदर दर्शन हुई गए। समखेतरा रे पीपला ले बालकरूपी जो जाणे वाली गली बटिहें हटणा शुरू करहां। थोडी दुर अग्गे ले हाउं नेशनल स्ट्रीटा वाली गली बटिहें एक बारी भी के चौहटे ले विक्टोरिया पुलहा री सडका पर पंजाब नेशनल बैंक बाले पौंहचां। इथी हे आर्यन बंग्लो होटल हा। लवण ठाकुरा रा। लवण ठाकुर मेरा साथी हा। आसे कई साला ले इप्टा, आरटीआई होर सीपीआई रा काम करी करहाएं। इन्हे ताजा-2 हे प्रिज्म पार्टी ले एमपी रा इलैक्शन लडीरा। इन्हा बाले बैठी के हाउं चाह पीहां होर फेरी आपणी अगली सैरा पर चली पौहां। मोतीबाजारा ले रमा वत्सला होरी री गली बटिहें कहानीकार होर पत्रकार मुरारी शर्मा होरी रे घरा सौगी ले गुजरदा हुआ हाउं हरीकृष्ण शर्मा वकीला होरी रे घरा बाले निकलां। हरिकृष्ण शर्मा होरी मंडी रे बडे प्रसिध वकील थे। कुछ साल पैहले इन्हा रा देहांत हुई गया। मुंजो इन्हा सौगी काम करने रा मौका मिलीरा। स्यों आपणे देहांत ले कोई दो- तीन दिन पैहले तक कोर्टा बिच आपणी प्रैक्टिस करदे आउँदे रैहे। ये गली बालकरूपी थे समखेतरा जो जाणे वाली गली के मिलाहीं। कपिला री दुकाना रे सौगी वाली पादका जो बादुंआं हाउं खुहा राणी रे मंदरा पौंहचां। मंदरा रे दर्शन करने बाद गोल पैडियां उतरुआं डुगलीघाटा री बाईं रा पाणी पीहां होर आपणी लोअर समखेतर महल्ले री सैर पूरी करहां। ये महल्ला वीआईपी महल्ला हा। एस महल्ले हिमाचल प्रदेश सरकारा रे दो मंत्री ठाकुर कौल सिंह होर अनिल शर्मा रे घर हे। मंडी नगर परिषदा री अध्यक्षा ज्यों मेरी बुआ बी लगहाएं सुशीला सोंखला होरी रा घर बी ऐस हे वार्डा बिच हा। महल्ले बिच गर्लस सीनीयर सेकेंडरी स्कुल, आर्य समाज, एसवीएम, अरूणोदय समेत कई स्कुल होर बिजली बोर्डा , फैमली वेलफेयरा समेत कई दफ्तर, बैंक होर धार्मिक महत्व रे स्थल आर्यसमाज, पीर मंदर, खुहा राणी मंदर, डुगलीघाट मंदर समेत कई स्थल हे। सांझकणी सैरा रे बहाने फिल्हाल मुंजो पैहले दौरा बिच अझी ता महल्लेयां रा भुगोल हे समझ आई करहां। महल्ला किन्हुए-2 बसीरा अझी ता ये हे पता लगी करहां। पर जितना बी पता लगी करहां फिलहाल मुंजो लगहां इतनी हे जानकारी काफी ही। ऐहडा लगहां भई अगे जिहां-2 ये सैर हुंदी रैहणी तिहां-2 मुंजो आपणे शैहरा रे बारे बिच होर सपष्टता आउंदी रैहणी जेता के हाऊं आपणे परिवेशा जो धोरे के समझी सकुं।
धन्यावाद। समीर कश्यप। 10-7-2013 sameermandi.blogspot.comपिक्चर- कमल सैणी

चैक बाउंस मामले मे कारावास, पांच लाख हर्जाना


मंडी। चैक बाउंस के एक आरोपी को अदालत ने एक साल के साधारण कारावास और 5,00,000 रूपये हर्जाने की सजा सुनाई है। स्पैशल जुडिशियल मैजिस्ट्रेट रघुबीर सिंह के न्यायलय ने गुटकर स्थित मैसर्ज इंपोर्ट शाप के मालिक विजय कुमार की शिकायत को उचित मानते हुए विस्को रिजोर्ट के समीप रहने वाले जसवंत सिंह के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता सतीश कौशल के माध्यम से निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट की धारा 138 के तहत दायर शिकायत के अनुसार उक्त आरोपी जसवंत सिंह ने विजय कुमार से 3,50,000 रूपये की राशि जल्दी ही वापिस लौटाने की बात कह कर उधार ली थी। विजय कुमार के राशि की मांग करने पर आरोपी ने उन्हे राशि अदा नहीं की। बल्कि इसके बदले उन्हे बैंक आफ इंडिया का एक चैक जारी कर दिया। शिकायतकर्ता ने जब इस चैक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया। ऐसे में शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को कानूनी नोटिस जारी किया था। नोटिस के जवाब में आरोपी का कहना था कि वह शिकायतकर्ता को नहीं जानता है ऐसे में राशि उधार देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। ऐसे में शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर चलाए गये अभियोग के दौरान आरोपी का कहना था कि शिकायतकर्ता उनका दोस्त था और उन्होने आरोपी के ड्रायर से चैक निकाल कर इसे बैंक में लगाया है। अदालत ने आरोपी की दलीलों को अस्वीकारते हुए शिकायतकर्ता द्वारा पेश किये गए साक्ष्यों के आधार पर अभियोग साबित होने पर आरोपी को चैक बाउंस का दोषी करार दिया। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया।

प्रतिभा सिंह को केन्द्रीय मंत्री बनाया जाए


मंडी। सदर कांग्रेस के महासचिव आकाश शर्मा ने हाल ही में भारी मतों से जीत कर सांसद बनी प्रतिभा सिंह को मंत्री पद से नवाजे जाने की मांग की है। उन्होने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र प्रेषित करके कहा कि गांधी परिवार का स्नेह व आर्शीवाद हमेशा प्रदेश वासियों के साथ रहा है। जिसके कारण हमेशा केन्द्र की सरकारों में हिमाचल को प्रतिनिधित्व मिलता रहा है।

सेवानिवृत डिप्टी एडवोकेट जनरल एम एस गुलेरिया का देहांत


मंडी। प्रदेश उच्च न्यायलय से सेवानिवृत डिप्टी एटवोकेट जनरल महेन्द्र सिंह गुलेरिया का देहांत हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। बुधवार को उनका अंतिम संस्कार मंडी के हनुमान घाट में किया गया। वह करीब 68 वर्ष के थे। जिला बार ऐसोसिएशन ने उनके देहांत पर शोक सभा आयोजित उनके परिजनो को शोक संवेदना प्रेषित की है। मंडी के समीपवर्ती गांव कैहनवाल निवासी महेन्द्र सिंह गुलेरिया ने वर्ष 1968 मे एलएलबी की पढाई पूरी करने के बाद अपनी वकालत शुरू की थी। इसके बाद उनका चयन हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय में बतौर डिप्टी एडवोकेट जनरल के रूप में हुआ। सेवानिवृती के बाद गुलेरिया उच्च न्यायलय में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रहे थे। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। इसी के चलते उनका देहांत हो गया। बीते कल यहां पर ब्यास नदी के तट पर हनुमान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सेवानिवृत सैसन जज एम एस मंडयाल, जिला बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष एस पी परमार, प्रदेश बार कौंसिल के उपाध्यक्ष नरेन्द्र गुलेरिया सहित बार ऐसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे। इधर, जिला बार एसोसिएशन के महासचिव लोकेन्द्र कुटलैहडिया ने बताया कि एसोसिएशन की ओर से बार रूम में एक शोकसभा आयोजित की गई जिसमें उनकी आत्मा की शांती के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।

अस्पताल नाले के बाढ प्रभावितों को राहत दी जाएः भाकपा


मंडी। भारतीय कमयुनिस्ट पार्टी की शहरी इकाई ने पैलेस मुहल्ले में अस्पताल के पास आए नाले में आई बाढ के प्रभावितों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। भाकपा के सचिव समीर कश्यप ने कहा कि हस्पताल के पास नाले में बाढ आ जाने से दुकानों और मकानों को पहुंची क्षति का जायजा लिया जाए और प्रभावित लोगों को फौरी राहत के तौर पर उचित सहायता मुहैया की जाए। उन्होने कहा कि इस जगह पर इससे पहले भी बादल फटने की घटना घटित हो चुकी है। ऐसे में यहां के स्थानिय लोगों को प्राकृतिक आपदाओं से अपनी सुरक्षा का अंदेशा है। वहीं पर इस हादसे में क्षेत्रीय अस्पताल में उपचाराधीन लोगों को भी बडा नुकसान हो सकता था। उन्होने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए पुखता इंतजाम किये जाएं।

कुफरी पंचायत के प्रभावितों को फौरी राहत दी जाए


मंडी। द्रंग विधानसभा क्षेत्र के इलाका दुंधा की ग्राम पंचायत कुफरी के करीब एक दर्जन गांवों में बारिश से भारी तबाही से प्रभावित लोगों को तुरंत फौरी राहत प्रदान की जाए। पंचायत प्रधान सौंफी देवी, उप प्रधान ओम प्रकाश ठाकुर, कुफरी कांग्रेस कमेटी के प्रधान मेहर चंद, युवा कांग्रेस के उपप्रधान प्रदीप सिंह ठाकुर और युवक मंडल कुफरी के पुर्व प्रधान ओंकार सिंह भाऊ ठाकरे ने बताया कि भारी बारिश से पंचायत के नसधरा, लोहारडी, सिल्ही खड्ड, जनाहण, डोडणु, रोपडु, पडवाडी, खील और निहौण गांव में भारी बारिश से हुए तबाही के प्रभावितों को तुरंत फौरी राहत के तौर पर मुआवजा दिया जाए। जिससे लोगों को इस प्राकृतिक आपदा से राहत मिल सके।

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...