मंडी। दूषित औरेंज स्कवैश उपभोक्ता को बेचना निर्माता, वितरक और विक्रेता को उस समय महंगा पडा जब उपभोक्ता फोरम ने उन्हे उपभोक्ता के पक्ष में 20 हजार रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले 4000 रूपये और शिकायत व्यय के रूप में 2000 रूपये अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने मंडी के थनेहडा बाजार निवासी संजीव कुमार पुत्र लेद राम ठाकुर की शिकायत को उचित मानते हुए स्कवैश निर्माता ऊना जिले की हरोली तहसील के बेला बाठरी स्थित नेचर एग्रो फुडस, वितरक मोहाली स्थित नेचर प्रोटीन लिमिटेड और विक्रेता मनमोहिकस को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता राजेश जोशी के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से 29 जून 2011 को 90 रूपये कीमत अदा करके औरेंज स्कवैश खरीदी थी। जब उपभोक्ता ने घर में आकर स्कवैश को देखा तो इसमें एक मक्खी दिखाई दी। जिस पर उपभोक्ता ने विक्रेता से संपर्क किया और उनसे स्कवैश बदलने को कहा तो उनका कहना था कि यह स्कवैश निर्माता ने बनाई है और आप उनसे संपर्क कर लो। इस पर उपभोक्ता ने विक्रेता के कस्टमर केयर डिपार्टमेंट में फोन पर संपर्क करने की कोशीस की लेकिन कोई भी तसल्लीदेह जवाब नहीं मिल पाने पर उन्होनेे फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही के दौरान निर्माता और वितरक के भाग न लेने के कारण उनके खिलाफ एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता की ओर कंडाघाट स्थित कंपोजिट टेसटिंग लेबोरेटरी के फुड एनालिस्ट की रिर्पोट पेश की गई है जिसमें कहा गया है कि औरेंज स्कवैश मृत कीट मिलने से दूषित है और यह मानवीय उपयोग के योगय नहीं है। ऐसे में फोरम ने निर्माता, वितरक और विक्रेता के दूषित पेय बेचने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना राशि अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा इनकी सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के एवज में राशि तथा शिकायत व्यय की अदायगी का भी फैसला सुनाया है।
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