Tuesday, 2 July 2013

चैक बाउंस के आरोपी को 6 माह की कारावास और 70,000 रूपये हर्जाने की सजा


मंडी। चैक बाउंस के आरोपी को अदालत ने 6 महीने के साधारण कारावास और 70,000 रूपये हर्जाने की सजा सुनाई है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह के न्यायलय ने सदर उपमंडल के गुटकर स्थित मैसर्ज डीके मोटरस की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट एक्ट की धारा 138 के तहत कांगडा के कछियारी चौक पर स्थित मैसर्ज सिधेश्वर इंटरप्राइजेस के अक्षय पुरी को उक्त सजा का फैसला सुनाया। अधिवक्ता नील पाठक के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता प्रशांत वैद्या पुत्र वाई पी वैद्या डीके मोटरस के मालिक हैं और हीरो हौंडा मोटर साइकिल के डीलर होने के कारण विक्रय व रिपेयर का व्यवसाय करते हैं। जबकि आरोपी अक्षय पुरी मैसर्ज सिधेश्वर इंटरप्राइजेज के मालिक हैं और वह हीरो हौंडा के सब डीलर हैं। मार्च 2010 में आरोपी अक्षय पुरी ने डीके मोटरस से स्कुटर और मोटर साइकिल खरीदा। जिनकी कीमत के रूप में उन्होने शिकायत कर्ता को एक जारी किया। शिकायतकर्ता ने इस चैक को भुगतान के लिए अपने बैंक में पेश किया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया। ऐसे में शिकायतकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आरोपी को कानूनी नोटिस भेजा था। लेकिन आरोपी ने पैसे लौटाने की बजाय नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनकी शिकायतकर्ता के प्रति कोई देनदारी नहीं बनती है। ऐसे में शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य पेश किये गए हैं जिससे आरोपी पर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और चैक की राशि को बतौर हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया।

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