गांधी वाटिका के बिगड़े नूर को कौन संवारेगा
प्रशासन मौन, नगर पंचायत ने हाथ पीछे खींचे
ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते टूटे झूलों से बच्चे हुए मायूस
अमिता बंटा।
जोगिंद्रनगर शहर के सोंदर्यीकरण को लेकर बनाई गई गांधी वाटिका इन दिनों दयनीय हालत में है और जोगिंद्रनगर शहर में नैशनल हाईवे के समीप सटी गांधी वाटिका की सुध लेने वाला कोई नहीं हैं। इस ओर ना तो सरकार का ध्यान है ना नगर पंचायत का और ना ही प्रशासन का। ऐसे में वाटिका का मंजर यह है कि पर्यटक तो दूर की बात स्थानीय लोगों ने भी यहां आना जाना बंद कर दिया है। उल्लेखनीय है कि वाटिका के सोंदर्यीकरण को लेकर नगर पंचायत ने अभी एक साल पहले ही हजारों रूपए खर्च करके यहां पर फाउंनटेन और पर्यटकों के लिए झूले आदि भी लगाए थे, लेकिन आज सब झूले टूटे पड़े हैं व फाउंनटेन खराब पड़ा है। स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते बच्चे जब शाम के समय अपना कुछ समय वाटिका में बिताने के लिए जाते हैं तो टूटे झूलों की दुर्दशा देखकर उन्हें मायूस अपने घरों को लौटना पड़ता है। देखरेख के अभाव के कारण यहां खर्च किए गए हजारों रूपए भी पानी में डूब गए हैं। ऐसे में शहरवासियों में खासा रोष नगर पंचायत के प्रति भी पनपा हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक वाटिका के एक ओर लगाई गई चार दीवारी भी कई माह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है व वाटिका के चारों और लगाई गई फैं सिंग लाईटें भी शोपीस बनकर रह गई है क्योंकि रात होते ही वाटिका की एक भी लाईट नहीं जलती है व वहां हमेशा अंधेरा पसरा रहता है, बावजूद इसके इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं हैं। स्थानीय लोगों ने पहले भी मांग की थी कि वाटिका की देखरेख और सुरक्षा को लेकर निगरानी के लिए एक कर्मचारी की नियुक्ति की जाए जो यहां होने वाले नुकसान को रोक सके परंतु इस पर कोई सकारात्मक प्रयास इस दिशा में नहीं किए गए हैं। शहरवासियों में विनोद, रमेश, अनिल,अजय, राजेश,नरेंद्र,नीतिन,प्रमोद सिंह,सुरेश, रजनीश,अमित, मोहित,राजकुमार, सुभाष, संदीप और अन्यों ने बताया कि गांधी वाटिका का शहर में अपना एक विशेष आलौलिक दृश्य है,जिस कारण पर्यटक भी यहां कुछ पल बीता कर अपनी थकान मिटाते हैं, लेकिन आज बर्बस हालत हो चुकी गांधी वाटिका पर्यटकों की राह ताक रही है। बाक्स: आज ही इन सब मुददों को नगर पंचायत की बैठक के दौरान उठाया जाएगा तथा वाटिका में क्षतिग्रस्त चारदीवारी को अभी हाल ही में नपं द्वारा ठीक करवाया गया था जो भारी बरसात के कारण पुन: क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने स्थानीय लोगों से आहवान किया कि वाटिका में लगने वाले झूले नौनिहालों के लिए हैं बड़े लोग झूलों में बैठकर इन्हें क्षतिग्रस्त ना करें। शिव सिंह सेन, सचिव नगर पंचायत जोगिंद्रनगर
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