Monday 31 March 2014

वकीलों ने की मंडी से गोहर स्पेशल बस चलाने की मांग


मंडी। उपमंडल मुखयालय गोहर में कार्यरत कर्मचारियों और अधिवक्ताओं ने मंडी से गोहर के लिए स्पेशल बस चलाने की मांग की है। वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तम सिंह ठाकुर, डीडी ठाकुर, सीएल शर्मा, बीसी सिंह, अधिवक्ता यादवेंद्र ठाकुर, आरके सेन, नंद लाल, यशवंत, नरेश ठाकुर, गीतानंद ठाकुर, देवेन्द्र शर्मा, हेम सिंह ठाकुर, कुलदीप ठाकुर, तेजेंद्र ठाकुर, पंकज ठाकुर और सुशील चौहान ने सरकार से मांग की कि जिला मुखयालय से गोहर के लिए एचआरटीसी की विशेष बस लगनी चाहिए। अधिवक्ताओं के अनुसार बस सुबह आठ बजे मंडी से चले ताकी यह 10 बजे गोहर पहुंच सके। गोहर से यह बस दो बजे वापस मंडी के लिए चलनी चाहिए। अधिवक्ताओं ने कहा कि बस से अधिवक्ताओं के अलावा मंडी से गोहर जाने वाले कर्मचारियों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उपमंडल स्तर तक कार्य का विभाजन तो कर दिया है लेकिन लोगों को उसके मुताबिक सुविधाएं नहीं दी जा रही। मंडी से सस्ते किराए की बस गोहर के लिए चलने से सैंकड़ों कर्मचारियों और अधिवक्ताओं को लाभ मिलेगा।

Sunday 30 March 2014

एल जी को नया फ्रीज देने के आदेश


 मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने विक्रेता और निर्माता को 30 दिनों के भीतर उपभोक्ता के पक्ष में नया फ्रिज देने का फैसला सुनाया है। ऐसा न करने पर उन्हे फ्रिज की कीमत 9600 रूपये ब्याज सहित अदा करनी होगी। जबकि उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 3000 रूपये शिकायत व्यय भी देना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सदर तहसील के नौरू (भंगरोटू) निवासी मान सिंह पुत्र जय देव की शिकायत को उचित मानते हुए नेरचौक स्थित सी एल मेहरा एंड संस और नयी दिल्ली के मथुरा रोड स्थित एल जी एलैक्ट्रोनिक्स को उपभोक्ता के पक्ष में नया फ्रिज देने या इसकी उक्त मूल्य राशि 9 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता एस के आर्य के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उन्होने विक्रेता से फ्रिज खरीदा था। जिसकी पांच साल की वारंटी थी। लेकिन मात्र छह महीने के भीतर ही फ्रिज ने काम करना बंद कर दिया। उपभोक्ता ने विक्रेता को इस बारे में सूचित किया था। लेकिन फ्रिज को ठीक नहीं किया जा सका। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने विक्रेता और निर्माता के वारंटी अवधि में फ्रिज ठीक न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त फैसला सुनाया। इधर, एक अन्य शिकायत के फैसले को लागू करने के लिए मंडी के अस्पताल रोड स्थित अन्नपूर्णा बेकर के दीना नाथ पुत्र गोविंद राम की ओर से दायर इजराय याचिका में फोरम ने वाहन विक्रेता साउली खड स्थित बहल मोटरस और निर्माता मध्यप्रदेश स्थित खार की आईशर कंपनी को उपभोक्ता के वाहन का गियर बॉक्स 15 दिनों में बदलने और ऐसा न करने पर 40 दिनों के कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता सतीश कौशल के माध्यम से फोरम में दायर याचिका के अनुसार उपभोक्ता ने विक्रेता से निर्माता का बनाया हुआ वाहन खरीदा था। लेकिन वाहन के गियर बॉक्स में खराबी आ जाने के कारण उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने शिकायत का फैसला करते हुए उन्हे गियर बदलने के आदेश दिये थे। विक्रेता और निर्माता ने इस फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की थी। लेकिन आयोग ने फोरम के फैसले को बरकरार रखते हुए अपील को निरस्त कर दिया था। जिसके बाद उपभोक्ता ने फोरम में फैसले को लागू करने के लिए इजराय याचिका दायर की थी। फोरम ने याचिका को स्वीकारते हुए वाहन का गियर बॉक्स 15 दिनों में बदलने के आदेश दिये हैं। ऐसा न करने पर विक्रेता और निर्माता को 40 दिनों के कारावास की सजा भुगतनी होगी।  

बीमा कंपनी को 1,55,591 अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,55,591 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सुंदरनगर तहसील के सलापड निवासी कमला भारद्वाज पत्नी रमा नंद भारद्वाज की शिकायत को उचित मानते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता पी एस सेन के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता की मैसर्ज उजाला बिल्डरस प्राइवेट कंपनी है। उन्होने अपनी कंपनी के लिए एक टाटा सफारी कार खरीदी थी। जिसे बीमा कंपनी के पास बीमाकृत करवाया गया था। बीमा अवधि के दौरान ही वाहन एक दुर्घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसकी सूचना बीमा कंपनी को भी दी गई थी। कंपनी ने सर्वेयर की तैनाती करके मुआवजे का आकलन किया था। लेकिन बाद में कंपनी ने इस आधार पर मुआवजे को खारिज कर दिया कि वाहन का पंजीकरण उपभोक्ता के नाम से नहीं हुआ है। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दायर की थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बीमा कंपनी ने गल्त तरीके से मुआवजा खारिज किया है। मामले के तथ्यों से जाहिर हुआ है कि बीमा कंपनी ने उपभोक्ता से पालिसी की प्रिमियम राशि प्राप्त की है। जबकि उनके नाम से पालिसी जारी न करके बीमा कंपनी ने उपभोक्ता की कंपनी के नाम पर पालिसी की है। जो बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। वहीं पर उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना राशि और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।

Saturday 29 March 2014

बीमा निगम को 2,65,406 रूपये अदा करने के आदेश


 मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा निगम को उपभोक्ता  के पक्ष में 2,65,406 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला  उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने मंडी के जेलरोड निवासी मोहिन्द्र द्विवेदी पुत्र रामरखा मल की शिकायत को उचित मानते हुए जीवन बीमा निगम को उक्त मुआवजा राशि की अदायगी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता सतीश कौशल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार  उपभोक्ता ने 19 सितंबर 2011 को निगम से जीवन आरोग्य बीमा पालिसी खरीदी थी। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता बीमार हो गए और उन्हे उपचार के लिए मांडव अस्पताल में भरती करवाया गया। जहां से उन्हे बाद में मोहाली स्थित फोरटीस अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। फोरटीस में आपरेशन के बाद उनके शरीर में स्टेंटस डाले गए। उपभोक्ता ने अपने उपचार संबंधी तमाम दस्तावेज और बिल निगम को मुहैया करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन निगम की ओर से उन्हे मात्र 5000 रूपये का मुआवजा प्रेषित किया गया। जिसे स्वीकारने में इंकार करके उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। निगम का शिकायत के जवाब में कहना था कि पालिसी की शर्तों के मुताबिक शरीर में दो स्टेंटस डालने के बाद ही मुआवजा दिया जा सकता था जबकि उपभोक्ता के शरीर में केवल एक ही स्टेंट डाला गया है। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि पालिसी की शर्तों में इस बात कहीं जिक्र नहीं है जिसकी दलील निगम की ओर से दी जा रही है। ऐसे में फोरम ने निगम द्वारा उपभोक्ता को मुआवजा राशि जारी न करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। जबकि निगम की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। 

Thursday 27 March 2014

103 वर्तमान व पूर्व पंचायत प्रतिनिधि आईआरडीपी सूचि से हटेंगे


 मंडी। उपमंडलाधिकारी सदर के न्यायलय ने सदर और बल्ह ब्लॉक के 103 वर्तमान व पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों को आईआरडीपी की सूचि से बाहर निकालने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने अगली ग्राम सभा में इन प्रतिनिधियों की जगह पात्र लोगों को सूचि में शामिल करने को कहा है। पंचायत प्रतिनिधियों को आईआरडीपी सूचि से बाहर निकालने की यह कवायद सूचना के अधिकार का परिणाम है। आरटीआई एक्टिविस्ट देव आशीष भट्टाचार्य ने प्रदेश सरकार के पंचायती राज विभाग से यह सूचना मांगी थी कि प्रदेश में ऐसे कितने पंचायत प्रतिनिधि हैं जो आईआरडीपी की सूचि में शामिल हैं। जिस पर उन्हे जवाब मिला था कि प्रदेश भर में ऐसे प्रतिनिधियों की संख्या करीब 10,000 है। इसके बाद उन्होने विभाग से पूछा था कि इन प्रतिनिधियों को सूचि से हटाने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है। जिस पर पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश देकर इन सूचियों को रिव्यु करने को कहा था। इन आदेशों के तहत उपमंडलाधिकारी सदर की ओर से सदर उपमंडल के बल्ह और सदर खंडों के बीडीओ और तहसीलदार को ऐसे मामलों की सूचियां देने को कहा था जिसमें पंचायत प्रतिनिधी आईआरडीपी वर्ग में आने की पात्रता नहीं रखते हैं। अदालत ने प्रारंभिक जांच के बाद उपमंडल के 110 पंचायत प्रतिनिधियों को तलब करके अपना पक्ष रखने को कहा था। वहीं पर इन प्रतिनिधियों से संबंधित परिवार रजिस्टर, आय प्रमाण पत्र तथा उनसे संबंधित अन्य रिकार्ड भी मंगवाया गया था। अदालत ने प्रतिनिधियों को सुनवाई का मौका देने के बाद 103 पंचायत प्रतिनिधियों को आईआरडीपी वर्ग के लिए पात्र नहीं माना। इनमें से बल्ह खंड के 66 और सदर खंड के 37 पंचायत प्रतिनिधि शामिल हैं। उपमंडलाधिकारी सदर शुभकरण सिंह ने वर्तमान व पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों के नाम आईआरडीपी सूचि से हटाने के आदेशों की पुष्टि की है। उन्होने बताया कि पंचायत सचिवों को निर्देश जारी किये गए हैं कि आगामी ग्राम सभा में इन प्रतिनिधियों को आईआरडीपी सूचि से हटाया जाए और उनकी जगह पर पात्र लोगों को सूचि में शामिल किया जाए।  

Wednesday 26 March 2014

अभियानों के बावजूद नशे के सेवन में सौ फीसदी बढौतरी


 मंडी। हिमाचल की शांत सुरम्य वादियां अब नशे की गिरफ्त में जकडती जा रही हैं। सरकार की विभिन्न एजेसियों द्वारा रोकथाम और जागरूकता के अनेकों अभियानों के बावजूद मंडी जिला में तस्करी के मामलों में इस साल के दो महिनों में ही 100 फीसदी से भी अधिक बढौतरी हुई है। यह आंकडा चौंकाने वाला है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस साल फरवरी माह तक एनडीपीए के 49 मामले दर्ज किये जा चुके हैं। साल 2013 में 82 और 2012 में 63 मामले पंजीकृत कर इनमें करीब 76 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी। साल 2012 में जहां 82 आरोपियों को हिरासत में लिया गया था वहीं 2013 में 100 आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हुई थी। लेकिन 2014 के आंकडे रिकार्ड तोडने वाले हैं। इस साल के मात्र दो माह में ही एनडीपीएस के मामलों में करीब 100 फीसदी से भी अधिक बढौतरी दर्ज की गई है और 49 मामलों में 72 आरोपियों को हिरासत में लिया जा चुका है। वहीं पर इस वर्ष दर्ज किये गए मामलों में नशीले पदार्थ की मात्रा में भी बढौतरी हुई है। जहां साल 2012 में 34 किलो चरस और 265 ग्राम अफीम तथा साल 2013 में 50 किलो चरस और 450 ग्राम अफीम बरामद हुई थी। लेकिन 2014 के मात्र दो महीनों में ही पुलिस ने 44 किलो चरस और दो किलो अफीम बरामद कर ली गई है। जिला पुलिस अधीक्षक आर एस नेगी का भी मानना है कि नशे का सेवन करने वालों की संख्या में बढौतरी हुई है। उनके अनुसार नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों नशा हासिल करने के लिए चोरी व अन्य अपराधों को भी अंजाम देते हैं। ऐसे में तस्करों की धरपकड जरूरी हो जाती है। इसके अलावा नशे के कारोबार में लगे लोगों की फाइनेंशियल इन्वेसटिगेशन भी की जा रही है। जिससे नशे के कारोबार के काले धंधे से कमाई गई संपति को कब्जे में लिया जा सके। उन्होने बताया कि यह देखने में आया है कि ढाबों, करियाना दुकानों और होटलों में नशे की सप्लाई की जा रही है। जिससे युवा पीढी बर्बाद हो रही है। उन्होने बताया कि अप्रैल महीने में नशे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। इसी सिलसिले में जंजैहली, थुनाग में मिनी मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा पुलिस ने जिला भर में निगरानी अभियान को सघन रूप से चलाया हुआ है। पुलिस की चौकसी और माफिया पर शिकंजा कसने के कारण आरोपियों की धरपकड में बढौतरी हुई है।

मकान नियमितकरण सरल और कम शुल्क पर किया जाए


मंडी। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश सरकार से टीसीपी की प्रक्रिया सरल और कम शुल्क पर करके लोगों को राहत प्रदान करने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, संयोजक उत्तम चंद सैनी और सचिव समीर कश्यप ने संयुक्त ब्यान में कहा कि इस बारे में मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश एक पहाडी राज्य है और यहां कई पुराने शहर और आबादियां हैं। लेकिन मौजूदा टीसीपी कानून के प्रावधान पहाडी क्षेत्र की आवश्यकताओं और लोगों की जरूरतों के मुताबिक नहीं हैं। समिति के अनुसार मंडी शहर में लोगों ने जगह की कमी के कारण तीन-चार मंजिला भवन बिना सैट बैक आदि प्रावधानों के बना दिये हैं। कई मामलों में लोगों ने नगर परिषद और टीसीपी से नक्शे पास करा लेने के बाद उसमें बदलाव किए हैं। जबकि कुछ लोगों ने अपनी ही जमीन पर बिना अनुमति के निर्माण कर दिया है। लेकिन इन प्रावधानों के तहत उन्हे अनाधिकृत घोषित किया गया है। शहरवासियों को इन निमार्णों की स्वीकृति अब नगर परिषद और टीसीपी कानूनों के तहत असंभव हो गई है। टीसीपी के विगत 25 अप्रैल 2012 को संशोधित नियमों में बिना अनुमति के निर्माण पर दंड के रूप में साधारण फीस से 10 गुणा अधिक फीस देनी होगी। जो मकान के निर्माण के कीमत से भी अधिक बनती है। ऐसे में समिति यह मांग करती है कि इस दंडात्मक फीस को वापिस लिया जाए और संशोधित नियमों से पहले की स्थिति को बहाल किया जाए। इसके अलावा एक बार की छूट का प्रावधान करके लोगों को राहत पहुंचाई जाए। समिति का कहना है कि सैट बैक जैसे प्रावधान पुराने शहरों में संभव नहीं हैं और इन प्रावधानों को नये शहरों, कलौनियों व सरकारी भवनों पर ही लागू किया जाए। शहरों में जगह की कमी के कारण तीन-चार मंजिलों तक मकान बनाने की अनुमति दी जाए और न्युनतम क्षेत्र नियमों में छूट प्रदान की जाए। समिति ने मांग की है कि नगर परिषद और टीसीपी कानून के प्रावधानों के कारण नियमितिकरण से रोके गये मकानों को बिना देरी किए अनुमति प्रदान की जाए और उन्हे बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए अनापति प्रमाण पत्र तुरंत जारी किए जाएं।

Tuesday 25 March 2014

गुजरात में पिछले दशक के दंगों में सबसे ज्यादा मौतें


वाहन छीनकर बेचने पर कंपनी को दो लाख हर्जाना


मंडी। गैरकानूनी रूप से वाहन छीनकर इसे बेच देने को वितिय कंपनी की सेवा में कमी करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 2,00,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा कंपनी को उपभोक्ता से कोई राशि वसूल न करने और 5000 रूपये शिकायत व्यय काी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सदर तहसील के ऊबा (शिवा बदार) निवासी धूम राज पुत्र कागत राम की शिकायत को उचित मानते हुए मोहाली (चंडीगढ) स्थित हिंदुजा लेयलैंड फाइनैंस और गुटकर स्थित शाखा के प्रबंधक को उक्त राशि की अदायगी करने के आदेश दिये। अधिवक्ता कृष्ण लाल कौंडल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार बेराजगार उपभोक्ता ने कंपनी से वितिय सहायता प्राप्त करके लेयलैंड ट्रक खरीदा था। यह लोन राशि उन्हे किस्तों में लौटानी थी। उपभोक्ता ने करीब 50 फीसदी किस्तें जमा करवा दी थी। लेकिन काम की कमी रहने के कारण वह कुछ किस्तें जमा नहीं करवा पाया। जब किस्त जमा करवाने गया तो कंपनी ने उससे सारी बकाया राशि की मांग की। इसके बाद जब उपभोक्ता का ट्रक दिल्ली के आजादपुर क्षेत्र में पार्क था तो कंपनी ने इसे बलपूर्वक गैरकानूनी तरीके से छीनकर अपने कब्जे में ले लिया। उपभोक्ता ने कंपनी से वाहन लौटाने के लिए उन्हे कानूनी नोटिस दिया था। लेकिन वाहन न लौटाने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से व्यवहार करके वाहन का कब्जा लिया है और कानूनी प्रावधानों को नहीं अपनाया है। गैरकानूनी तरीके से वाहन छीनने और इसे आगे बेच देने को सेवाओं में कमी करार देते हुए फोरम ने कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त हर्जाना राशि और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया। वहीं पर उपभोक्ता से कोई राशि वसूल न करने के भी निर्देश दिये।

दो भाईयों पर युवती से दुराचार का मामला दर्ज


 मंडी। उपतहसील निहरी के सरचा (प्रैसी) गांव की एक युवती से दो सगे भाइयों द्वारा दुराचार करने का मामला प्रकाश में आया है। पीडिता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करके तहकीकात शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार गांव सरचा की पीडिता और उसके परिजनों ने वीरवार को जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपी थी कि उपतहसील निहरी के जनोह गांव निवासी मनोहर लाल उससे विगत 6-7 महीनों से फोन पर प्यार मुहब्बत की बातें कर रहा था। इसी बीच 17 मार्च को जब वह बकरियां चराने गई थी तो आरोपी उसे जंगल में मिला और उसे अपने साथ घर ले जाने लगा। जंगल के रास्ते में आरोपी ने पीडिता से दुराचार किया। इसके बाद आरोपी ने उसे अपने घर में ले जाकर शादीशुदा न होने की बात कह कर उससे एक बार फिर से दुराचार किया। पीडिता के अनुसार विगत18 मार्च को आरोपी खरीदारी करने के बहाने उसे कार में बिठा कर सुंदरनगर ले आया। कार में उसके साथ आरोपी मनोहर लाल का भाई फतेह सिंह, नोखु राम और खेम सिंह भी मौजूद थे। जब वह सुंदरनगर पहुंचे तो आरोपी फतेह सिंह ने उसे कहा कि उसका भाई मनोहर शादीशुदा है इसलिए अब वह उससे शादी करेगा। पीडिता के मना करने पर अन्य आरोपियों ने उसे जान से मार कर नहर में फैंकने की धमकी दी। जिसके बाद आरोपियों ने एक अधिवक्ता के पास जाकर पीडिता से कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए। आरोपियों के साथ जब वह सुंदरनगर से वापिस घर लौटी तो खाना खाने के बाद आरोपी फतेह सिंह ने उसके साथ दुराचार किया। पीडिता के पिता ने 18 मार्च को पांगणा चौकी में उसके गुमशुदा होने की रपट दर्ज करवाई थी। पीडिता के घर लौटने के बाद उसने अपने परिजनों के साथ वीरवार को जिला पुलिस अधीक्षक को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की गुहार लगाई। जिला पुलिस अधीक्षक ने शिकायत पर कार्यवाही करने के लिए करसोग थाना पुलिस को निर्देश जारी किये थे। इधर, करसोग थाना पुलिस ने पीडिता की शिकायत के आधार पर भादंस की धारा 363 और 366 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी राजेश कुमार ने प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि करते हुए बताया कि पीडिता का मेडिकल करवा कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी गई है।  

Sunday 23 March 2014

चैक बाउंस के आरोपी को एक साल कैद एक लाख हर्जाना


मंडी। चैक बाउंस के आरोपी को अदालत ने एक साल के साधारण कारावास और एक लाख रूपये हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुवीर सिंह के न्यायलय ने हिमाचल ग्रामीण बैंक की गागल शाखा के प्रबंधक वीरेन्द्र चौहान की ओर से दायर शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर सदर तहसील के घट्टा (कुममी) गांव निवासी लुदर दत पुत्र फाहणु राम को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता किरण नरूला के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी लुदर दत ने ट्रांसपोर्ट लोन के तहत बैंक से वितिय सहायता प्राप्त की थी। बैंक और आरोपी के बीच लोन के बारे में दस्तावेज भी तैयार किये गए थे। लेकिन आरोपी दस्तावेज के मुताबिक अपने लोन एकाउंट को चला पाने में असमर्थ रहा। जिसके कारण वह बैंक को बकाया राशि अदा करने का देनदार हो गया। इसी बीच आरोपी ने बैंक को बकाया राशि की देनदारी के बदले एक लाख रूपये का चैक जारी किया। बैंक ने जब चैक को भुगतान के लिए लगाया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया। जिस पर बैंक ने आरोपी को डिमांड नोटिस जारी करके राशि का भुगतान 15 दिनों में करने को कहा था। लेकिन आरोपी के राशि अदा न करने पर बैंक ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ निगोशिएबल इन्सट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है।

Saturday 22 March 2014

एटीएम से राशि न निकलने पर दो बैंकों को हर्जाना


 मंडी। एटीएम से राशि न निकलने को दो राष्ट्रियकृत बैंकों की सेवाओं में कमी करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 10,000 रूपये की राशि ब्याज सहित लौटाने का फैसला सुनाया। इसके अलावा बैंकों की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 3000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने सदर तहसील के दोलख (भंगरोटु) निवासी तेज सिंह पुत्र संत राम की शिकायत को उचित मानते हुए स्टेट बैंक आफ इंडिया के गांधी चौक मंडी स्थित शाखा के प्रबंधक, नेरचौक शाखा के शाखा प्रबंधक और पंजाब नेशनल बैंक की नेरचौक शाखा के शाखा प्रबंधक को उक्त राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता प्रशांत शर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता का मंडी स्थित स्टेट बैंक की शाखा में सेविंग एकाउंट है। उपभोक्ता को बैंक की ओर से एटीएम कार्ड जारी किया गया है। उपभोक्ता ने एटीएम कार्ड का प्रयोग करके 3 फरवरी 2012 को पंजाब नेशनल बैंक की नेरचौक शाखा के एटीएम से 10,000 रूपये की राशि निकालनी चाही। लेकिन एटीएम से राशि बाहर नहीं आई और न ही बकाया राशि से संबंधित रसीद उन्हे मिल पाई। हालांकि यह राशि उसी दिन उनके खाते में से कम हो गई। इस पर उपभोक्ता ने पीएनबी को संपर्क किया और इस बारे में शिकायत की। लेकिन कोई कार्यवाही न होने पर उन्होने मंडी स्थित एसबीआई शाखा को इस बारे में बताया तो बैंक ने बकाया राशि की रसीद न होने के कारण कार्यवाही करने में असमर्थता जताई। बैंक ने उपभोक्ता को एसबीआई के टॉल फ्री नंबर पर शिकायत करने को कहा। लेकिन तीन बार काल करने के बावजूद भी यह राशि उपभोक्ता के खाते में नहीं आ पाई। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंकों की कार्यप्रणाली से जाहिर हुआ है कि उन्होने उपभोक्ता की शिकायत को हल्के में लिया है। उक्त बैंकों द्वारा उपभोक्ता के खाते में राशि न डालना सेवाएं प्रदान करने में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने बैंकों को उक्त राशि ब्याज सहित अदा करने के अलावा उनकी सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है। 

Friday 21 March 2014

दूषित कोल्ड ड्रिंक्स बेचने पर 30 हजार हर्जाना


 मंडी। दूषित कोल्ड ड्रिंक्स बेचना निर्माताओं को उस समय महंगा साबित हुआ जब जिला उपभोक्ता फोरम ने उन्हे उपभोक्ता  के पक्ष में 30,000 रूपये हर्जाना राशि एक माह के भीतर अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा निर्माताओं को उपभोक्ता के पक्ष में 5000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये हैं। जिला  उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्यों रमा वर्मा व आकाश शर्मा ने लडभडोल तहसील के गुलाणा (तुलाह) निवासी संजीव कुमार पुत्र इंद्र सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए कोल्ड ड्रिंक्स निर्माता पंजाब के फतेहगढ साहिब स्थित कंधारी बिवरेज लिमिटेड और महाराष्ट्र के पुणे स्थित हिंदोस्तान कोको कोला कंपनी को उक्त हर्जाना राशि एक माह में अदा करने के आदेश दिये हैं। ऐसा न करने पर उक्त हर्जाना राशि का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज सहित करना होगा। अधिवक्ता अभिषेक लखनपाल के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने 21 जून 2009 को स्थानिय विक्रेता से निर्माताओं द्वारा बनाए गए कोल्ड ड्रिंक फैंटा की चार बोतलें खरीदी थी। जब  उपभोक्ता ने इन्हे खोलना चाहा तो उन्हे एक बोतल में कुछ अवांछित पदार्थ दिखाई दिये। जिस पर उपभोक्ता  ने इस तथ्य को विक्रेता के ध्यान में लाया। विक्रेता ने  उपभोक्ता को इस बारे में निर्माताओं से संपर्क करने को कहा। उपभोक्ता ने निर्माताओं को संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे में उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता  की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से यह साबित हुआ है कि उन्हे विक्रय की गई कोल्ड ड्रिंक्स दूषित थी। फोरम ने दूषित कोल्ड ड्रिंक्स बेचने को निर्माताओं की सेवाओं में कमी करार देते हुए इससे उपभोक्ता को हुई मानसिक परेशानी और यंत्रणा की एवज में उक्त हर्जाना राशि एक माह में अदा करने के साथ-साथ शिकायत व्यय भी देने का फैसला सुनाया। 

चैक बाउंस के दो आरोपियों को एक-एक साल की कैद


 मंडी। चैक बाउंस के एक मामले में अदालत ने आरोपी को एक साल के साधारण कारावास और 1,24,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह के न्यायलय ने सदर उपमंडल के गुटकर निवासी गुरप्रीत सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह की शिकायत पर चलाए गए अभियोग में चडयाणा (दुदर) स्थित मैसर्ज बाबा नमकीन इंडस्ट्री के राम लाल पुत्र सुंका राम को एक साल के साधारण कारावास और 1,24,000 रूपये हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्होने अपने गुटकर स्थित भवन के भूतल को आरोपी को नमकीन इंडस्ट्री शुरू करने के लिए किराए पर दिया था। आरोपी ने भवन के किराए के बदले उन्हे एक चैक जारी किया था। लेकिन आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था। ऐसे में शिकायतकर्ता ने आरोपी को कानूनी नोटिस जारी किया था। लेकिन आरोपी ने न तो नोटिस का जवाब दिया न ही उन्होने राशि की अदायगी की। ऐसे में शिकायतकर्ता ने अदालत में शिकायत दर्ज करवाई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। इधर एक अन्य चैक बाउंस के मामले में अदालत ने एक आरोपी को एक साल के साधारण कारावास और 3,56,225 रूपये हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुबीर सिंह के न्यायलय ने स्टेट बैंक आफ पटियाला मंडी शाखा की शिकायत को उचित मानते हुए गुटकर निवासी प्रदीप कुमार शर्मा पुत्र हेम चंद शर्मा को एक साल के साधारण कारावास और 3,56,225 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता किरण नरूला के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी ने बैंक से पर्सनल लोन लिया था। लोन की राशि को लौटाने के लिए उन्होने बैंक को चैक दिया तो आरोपी के खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण यह बाउंस हो गया था। ऐसे में बैंक ने अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण माना कि आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने उसे उक्त कारावास और हर्जाने की सजा का फैसला सुनाया। 

साइबर क्राइम में है उम्र कैद का प्रावधान


 मंडी। कंप्युटर, इंटरनेट, डिजिटल डिवाइसेज, वर्ल्ड वाइड वेब आदि के जरिए किए जाने वाले अपराधों का साइबर क्राइम कहा जाता है। इन अपराधों के लिए छोटे-छोटे जुर्माने से लेकर उम्र कैद तक की सजा दी जा सकती है। दुनिया भर में सुरक्षा और जांच एजेंसियां साइबर अपराधों को बहुत गंभीरता से ले रही हैं। ऐसे मामलों में सूचना तकनीक कानून 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून 2008 तो लागू होते ही हैं, मामले के दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), कॉपीराइट कानून 1957, कंपनी कानून, सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक कि बिरले मामलों में आतंकवाद निरोधक कानून भी लागू किये जा सकते हैं। कुछ मामलों पर भारत सरकार के आईटी विभाग की तरफ से अलग से जारी किए गए आईटी नियम 2011 भी लागू होते हैं। आईटी अधिनियम 2000 की धारा 65 के तहत कंप्युटर सोर्स दस्तावेजों से छेडखानी करने और धारा 66 के तहत कंप्युटर सिस्टम को हैक करने पर तीन साल कारावास और दो लाख रूपये जुर्माने की सजा है। अधिनियम की धारा 67 के तहत इलैक्ट्रोनिक रूप से अश्लील सूचना प्रकाशित करने पर पहले अपराध में पांच साल तक कारावास व एक लाख जुर्माना तथा दूसरे अपराध में दस साल तक कारावास और दो लाख रूपये जुर्माना हो सकता है। किसी अन्य के रूप में अपने को प्रदर्शित करने पर धारा 71 के तहत और किसी की निजता का हनन करने पर धारा 72 के तहत दो साल तक की सजा और एक लाख जुर्माना हो सकता है। 

Monday 17 March 2014

वक्त ने होली को हुडदंगी बना दिया



मंडी। भले ही वक्त ने होली को हुडदंगी बना दिया हो और प्यार, मोहब्बत और दोस्ती के इस त्योहार की मूल भावना आज कहीं छिटक गई लगती हो लेकिन मंडी जनपद में इस खूबसूरत त्योहार को संजोने की कोशीशें लगातार जारी रहने के कारण इसका वजूद काफी हद तक बचा हुआ है। हालांकि इसका परंपरागत स्वरूप गायब होता जा रहा है। होली की परंपरा कितनी बदली है इस सवाल को लोगों से पूछने पर मंडी के साहित्यकार कृष्ण कुमार नूतन ने बताया कि पहले मंडी रियासत के समय में लोग साफ सुथरी होली खेलते थे और चावल के आटे में रंग मिलाकर गुलाल बनाते थे। स्थानीय राजा और दरबारी सुंदर सफेद अचकन, चुडीदार पाजामा, पगडी और सुंदर वस्त्र धारण करके सुगंधित गुलाल और इत्र युक्त रंग पानी में घोलकर प्रजा के साथ होली खेलते थे। भगवान मुहल्ला निवासी धनदेव भारद्वाज का कहना है कि रियासत के समय होली के दिन राजा का दरबार माधो राव मंदिर के सामने सजता था। इसमें राज दरबारी तथा प्रतिष्ठित जन प्रतिनिधि भाग लेते थे। पीतल के बडे-बडे बर्तनों में रंग घोलकर राजा अपने अतिथियों के साथ जमकर होली खेलते थे। पंडित नीधु राम के मुताबिक होली के माध्यम से भक्त प्रह्लाद की प्रभु भक्ति की महिमा उजागर होती है। उनके अनुसार भक्त प्रहलाद की बुआ होलिका हिरण्याक्षिपु के आदेशानुसार भक्त प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई, लेकिन भक्त प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं होने दिया गया। होलिका दहन को ही स्थायी निवासी फाग (होलिका) बरधवाणा (विदा करना) कहते हैं। होलिका दहन के समय स्थानिय बोली में उच्चारित किए जाने वाले मंत्र हिंगला, पोपला, नारदा, शारदा का अर्थ पूछने पर प्रसिध ज्योतिषि तोयद कांत चटर्जी ने बताया कि यह योगनियों के नाम हैं जिनमें से नारदा और शारदा योगिनियों की प्रतिमाएं पुरानी मंडी में स्थित पुरातात्विक महत्व के प्राचीन मंदिर त्रिलोकीनाथ में उर्कीण हैं। साहित्यकार दीनू कश्यप ने बताया कि होली के दिन पुरोहितों द्वारा निश्चित समय पर राज माधव राव की पालकी रामचंद्र मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, राजा का बेहडा, भगवान मोहल्ला, बंगला मोहल्ला, चौबाटा, पलाखा, समखेतर, भुवनेश्वरी मंदिर तथा मंडी नगर के अधिष्ठाता देव भूतनाथ के मंदिरों में जाकर फाग बरधवाती (विदा करना) है। साहित्यकार रूपेश्वरी शर्मा के अनुसार होली का पर्व सर्दी की समाप्ति की घोषणा का प्रतीक है तथा इसके बाद स्थानिय लोग अंगिठियां आदि जलाना बंद कर देते हैं। उन्होने बताया कि पहले रियासत के समय में तमाम धार्मिक गतिविधियों के संचालन के लिए धर्माथ विभाग होता था। जिसके ऊपर धार्मिक पर्व के आयोजन की जिम्मेवारी रहती थी। पैलेस मुहल्ला निवासी किश्न चंद शर्मा के अनुसार फाग (होलिका) जलाने के लिए कांभल के पेड की शाखा के चयन के पीछे स्थानिय लोगों की राय यह है कि साल भर हरा भरा रहने के कारण यह जलता नहीं है जिसका अभिप्राय यह निकलता है कि होलिका तो जल जाए लेकिन भक्त प्रहलाद बच जाएं। भगवान मोहल्ला निवासी राजेन्द्र गर्ग ने बताया कि नगाडे, शहनाई और घंटियों की आवाज के साथ भगवान माधो राव के आगमन पर मोहल्ले भर के लोग फाग के इर्द-गिर्द चक्कर लगाकर हिंगला, पोपला, नारदा, शारदा के मंत्रोचारण के साथ गुलाल फेंकते हैं जिसके बाद आग के चारों तरफ बैठकर भजन कीर्तन का सिलसिला रात भर चलता है।
पिक्चर- एडवोकेट कमल सैनी
sameermandi.blogspot.com

टीसीपी से पहले सुविधाएं मुहैया करवाई जाए


 मंडी। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति की बैठक शनिवार को आयोजित की गई। बैठक में नगर परिषद और नगर नियोजन अधिनियम से लोगों को आ रही परेशानी के बारे में चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने कहा कि टीसीपी कानून के तहत नये क्षेत्रों को लाने से पहले स्थानिय लोगों से राय ली जानी चाहिए। इसके अलावा इन क्षेत्रों में टीसीपी कानून लागू करने से पहले लोगों को शहरीकरण के तहत मिलने वाली सुविधाएं देना सुनिश्चित करने के लिए निति तय की जानी चाहिए। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने कहा कि इन कानूनों के प्रावधान पुराने शहरों और कस्बों में लागू नहीं किए जाने चाहिए और इन्हे सिर्फ नयी कालोनियों और शहरों में ही लागू किया जाना चाहिए। आरटीआई ब्युरो के संयोजक लवण ठाकुर का कहना था कि पुराने शहरों में इन कानूनों के सेट बैक आदि से संबंधित प्रावधानों को लागू किया ही नहीं जा सकता। ऐसे में इन प्रावधानों की आड में लोगों को बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं किया जाए और उन्हे अनापति प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। संघर्ष समिति की कार्यकारिणी के सदस्य हितेन्द्र शर्मा के मुताबिक 25 अप्रैल 2012 में मकानों को नियमित करने की पैनेल्टी 10 गुणा कर दी गई है। जो बिल्कुल अव्यवहारिक है। अधिवक्ता प्रदीप परमार के अनुसार इसे न्युनतम किया जाना चाहिए। जबकि हरदीप सिंह बिट्टु का कहना था कि इन प्रावधानों को लागू करने के लिए व्यवसायिक बिंदु नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि यह मानवीय नजरीए से लागू होने चाहिए। संघर्ष समिति के प्रेस सचिव समीर कश्यप ने बताया कि बैठक में समिति के कोषाध्यक्ष रमेश वालिया, एम एल शर्मा, राकेश कुमार और प्रभावित लोग भी शामिल थे। उन्होने कहा कि समिति की अगली बैठक एक अप्रैल को निर्धारित की गई है।  

85वें संशोधन का लागू न करने के लिए कांग्रेस-भाजपा जिम्मेवार


मंडी। प्रदेश में संविधान के 85वें संशोधन को लागू न करने के लिए कांग्रेस और भाजपा जिम्मेवार हैं। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी बहुजन महासंघ के अध्यक्ष अमरनाथ खुराना, सचिव राम लाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम यादव और उपाध्यक्ष राजेश कुमार ने संयुक्त ब्यान में यह आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायलय के सपष्ट निर्देशों के बावजूद भी इन पार्टियों की राज्य सरकारें इस संशोधन से संबंधित विधेयक को विधानसभा के पटल पर नहीं लाई हैं। उन्होने कहा कि साल 2002 से लेकर 15वीं लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होने तक कांग्रेस और भाजपा ने अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी जनता व कर्मचारियों को गुमराह करने की राजनिति की है। उन्होने कहा कि यह पार्टियां यह कह कर अपना वोट बैंक तैयार कर रही हैं कि सरकार बनते ही प्रदेश में संविधान संशोधन विधेयक लागू किया जाएगा। उन्होने कहा कि इन पार्टियों का इन वर्गों के विकास का कोई एजेंडा नहीं है बल्कि इनका राजनैतिक शोषण किया जा रहा है। इन वर्गों के कर्मचारी नेता भी पार्टियों के एजेंट बन कर समाज को गुमराह कर रहे हैं।  

Sunday 16 March 2014

सिलेंडर फटने पर वितरक को हर्जाना अदा करने के आदेश


 मंडी। गैस सिलेंडर फट जाने पर जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,10,000 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा गैस वितरक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 10,000 रूपये हर्जाना और 5000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिये। जिला उपभोक्ता फोरम कुल्लू के अध्यक्ष जे एन यादव और सदस्य सत्याभामा व शिव सिंह ने आनी तहसील के रिवाडी (दलाश) गांव निवासी धन सुख पुत्र केशव राम की शिकायत को स्वीकारते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त मुआवजा राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने का फैसला सुनाया। जबकि इंडियन आयल कारपोरेशन के आनी स्थित वितरक मैसर्ज मिश्रा एंटरप्राइजिस की सेवाओं में कमी की चलते उपभोक्ता के पक्ष में हर्जाना राशि की अदायगी का आदेश भी सुनाया। अधिवक्ता ए एस पसरिचा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने उक्त वितरक से लीपीजी का गैस कुनेक्शन लिया था। उपभोक्ता ने वितरक से 26 मई 2006 को एक भरा हुआ सिलेंडर लिया। यह सिलेंडर उक्त बीमा कंपनी के पास पंजीकृत था। जब उपभोक्ता ने सिलेंडर को गैस स्टोब से जोड कर बर्नर को जलाना चाहा तो सिलेंडर में आग लगने से यह फट गया। उपभोक्ता को मुहैया करवाए गए घटिया सिलेंडर के फट जाने के कारण घटित हुए इस हादसे के बारे में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई गई थी। जबकि पंचायत को भी इस बारे में सूचित किया गया था। राजस्व विभाग ने घटना में मकान को 40 हजार रूपये और घर के सामान का 70 हजार रूपये नुक्सान होने का आकलन किया था। उपभोक्ता को मुआवजा राशि अदा न करने पर उन्होने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि उपभोक्ता को खराब सिलेंडर की सप्लाई के कारण नुक्सान उठाना पडा जो वितरक की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते फोरम ने बीमा कंपनी को उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। जबकि वितरक की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया। 

Saturday 15 March 2014

साक्ष्यों के अभाव में दो आरोपी अभियोग बरी


मंडी। अगवा नाबालिगा से बहला फुसला कर दुराचार करने के आरोपी को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया है। जबकि इस अपराध में अपने बेटे का साथ देने के सह आरोपी पिता को भी अदालत ने बरी करने के आदेश दिये हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश पदम सिंह ठाकुर के न्यायलय ने उपतहसील औट के थलाणा (बांधी) निवासी सोहन सिंह और उसके पिता टेक सिंह को भादंस की धारा 363, 366, 376 और 506 के तहत चलाए गए अभियोग के साबित न होने पर अदालत ने बरी करने का फैसला सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता ने अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज करवाई थी कि 18 मार्च 2012 को आरोपी सोहन सिंह उसे घर के बाहर मिला। आरोपी उसे बहला फुसला कर नेरचौक ले गया था। आरोपी सोहन सिंह ने उसे नेरचौक के होटल में ठहरा कर उससे दुराचार किया था। अगले दिन आरोपी उसे थलौट ले आया था जहां आरोपी के पिता की मौजूदगी में वह उसे रात के समय खेत में छोड कर चले गए थे। पीडिता के मुताबिक आरोपियों ने जाते-2 उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 17 गवाहों के बयान कलमबंद करवाए गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आर के शर्मा का कहना था कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित नहीं हुआ है क्योंकि गवाहों ने परस्पर विरोधी ब्यान अदालत के समक्ष दिये हैं। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किये गए सबूतों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित नहीं हो पाया है। ऐसे में अदालत ने आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया है।

Friday 14 March 2014

मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति की बैठक 15 मार्च को


मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) की बैठक शनिवार 15 मार्च को शाम तीन बजे होटल आर्यन बैंग्लो में आयोजित की जाएगी। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने बताया कि नगर परिषद और टीसीपी कानूनों से प्रभावित लोगों की बैठक आयोजित की जा रही है। उन्होने कहा कि बैठक में नगर परिषद की वजह से मकानों के नियमितिकरण के लिए आ रही परेशानियों और टीसीपी कानून का दायरा गांवों और कस्बों पर लागू करने से होने वाली मुश्किलों के बारे में विचार विमर्श करके रणनिति तय की जाएगी।

मंडी-गाडागुशैण बस सेवा शुरू करने की मांग की


 मंडी। सराज विधानसभा क्षेत्र के अति दुर्गम व पिछडे क्षेत्र गाडागुशैण के लोगों ने सरकार से मंडी-गाडागुशैण बस सेवा शुरू करने की मांग की है। सराज विकास समिति के अध्यक्ष हेम सिंह ठाकुर, अधिवक्ता सुशील चौहान, व्यापार मंडल के प्रधान दुर्गा सिंह, इन्द्र पाल, भरत राज, शेर सिंह, कमली राम, पूर्व प्रधान मेघ सिंह और नेकराम पराशर ने बताया कि क्षेत्र की छह पंचायतों खाऊली, थाचाधार, गाडागुशैण, घाट, बगडाथाच और बूंग जहल गाड के लोगों को सडक सुविधा होने के बावजूद जिला मुखयालय के लिए कोई सीधी बस सेवा नहीं है। क्षेत्र के हजारों लोगों को जिला मुखयालय तक पहुंचने के लिए दो बसें बदलनी पडती हैं जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने, उपमंडलाधिकारी कार्यालय गोहर, मंडी कोर्ट व उपायुक्त कार्यालय पहुंचने के लिए टैक्सी करके पहुंचना पडता है जिसमें उनका हजारों रूपये का खर्चा होता है। उन्होने बताया कि एक दशक पहले मंडी से गाडागुशैण सीधी बस चली थी जो लगभग तीन चार महीने चली और बाद में इसे बंद कर दिया गया। तब से आज तक क्षेत्रवासी सीधी बस सेवा से वंचित हैं। स्थानिय वासियों ने बताया कि गाडागुशैण क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है और यहां पर प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र, आधा दर्जन सीनीयर सैकेंडरी स्कूल, बैंक और हाल ही में शिलान्यास हुए कालेज का परिसर स्थित है। मंडी से सीधी बस सेवा न होने के कारण सरकारी कर्मचारी यहां सेवाएं देने से कतराते हैं। क्षेत्रवासियों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि मंडी से गाडागुशैण बस सुबह साढे छह बजे चले जो 10 बजे गाडागुशैण पहुंचे और यही बस 12 बजे गाडागुशैण से मंडी को चले। इस बस सेवा से गाडागुशैण, खौली व बालीचौकी के स्कूल, कालेज, अस्पताल जाने वाले लोगों के लिए सुविधा मिलेगी। 

Thursday 13 March 2014

मिडिएशन से मामले जल्द सुलझाने का आहवान


मंडी। अदालतों में लंबित मामलों के निस्तारण के लिए इन दिनों मिडिएशन (मध्यस्थता) जैसी वैकल्पिक तकनीकों का प्रयोग हो रहा है। जिससे अदालतों में लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके। जिला एवं सत्र न्यायधीश एस सी कैंथला ने बताया कि इस तकनीक को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए जहां एक ओर मिडिएटरों को प्रशिक्षित किया गया है। वहीं पर न्यायिक अधिकारियों को भी मिडिएशन का प्रशिक्षण दिया गया है । जिससे मिडिएशन का अधिक से अधिक प्रयोग करके मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिये कार्यशालाओं का आयोजन करके लोगों को मिडिएशन की तकनीक के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होने बताया कि मिडिएशन को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मंडी और कुल्लू जिला के करीब 40 अधिवक्ताओं को मिडिएशन का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा न्यायिक अधिकारियों को भी मिडिएशन के बारे में प्रशिक्षित किया गया है। वहीं पर जिला एवं सत्र न्यायलय में मिडिएशन सेंटर स्थापित किये गये हैं। प्रशिक्षित मिडिएटर व अधिवक्ता दुनी चंद शर्मा ने बताया कि समझौते योग्य मामलों को अदालत द्वारा दोनों पक्षो की सहमती के बाद मिडिएशन के लिए भेजा जाता है। अधिवक्ता अमर चंद वर्मा ने बताया कि मिडिएशन के तहत दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद मिडिएटर उन्हे समझौता करने में सहायता करते हैं। अधिवक्ता दिगविजय सिंह कटोच ने बताया कि दोनों पक्षों की शर्तों के मुताबिक समझौता होने के विवाद मामला हमेशा-2 के लिए सुलझ जाता है। अधिवक्ता दिनेश शर्मा का कहना है कि इस तकनीक से मामलों के जल्द सुल­झ जाने से लोगों का समय, ऊर्जा और अदालतों में होने वाला खर्चा बच जाता है। अधिवक्ता ललित कपूर का कहना है कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में अधिकांश मामले इन दिनों मिडिएशन के माध्यम से ही सुल­झाये जा रहे हैं। अधिवक्ता गीतांजली शर्मा का कहना है कि इस तकनीक से खासकर वैवाहिक मामलों में कई घरों को टुटने से बचाया जा सकता है। अधिवक्ता राजेश शर्मा, भूपेन्द्र शर्मा, प्रेम सिंह ठाकुर, एम एल शर्मा और महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि इस तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करके मामलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जा सकता है।

Wednesday 12 March 2014

चौहट्टा की ट्रैफिक के निर्णय का सीपीआई ने किया स्वागत


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की मंडी शहरी इकाई ने जिला प्रशासन के चौहट्टा में शनिवार को वाहनों के आवागमन की छूट के फैसले का स्वागत किया है। सीपीआई ने चौहट्टा में वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने का विरोध किया था। चौहट्टा बंद हो जाने से गाडियों की भीड गलियों में घुस आती थी। जिससे शहरवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इस फैसले से शहर के विभिन्न वार्डों में रहने वाले स्थानिय वासियों खासकर महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को राहत मिलेगी।

Sunday 9 March 2014

Mandi (Lok Sabha constituency)



(December 2009) Mandi Lok Sabha constituency is one of the four Lok Sabha (parliamentary) constituencies in Himachal Pradesh state in northern India.Pratibha Singh (born 16 June 1956) is current member of Lok Sabha from Mandi.Mandi Parliamentary constituency already emerged as a hot bed of politics where not only the BJP and the Congress will fight for their prestige, but is the only seat in the state where the Left front has popped up a candidate.[1] The constituency was represented by Rani Amrit Kaur of the erstwhile Patiala state during 1952-57, while these areas of Himachal were still part of Punjab. In the Lok Sabha elections that followed in 1957, the seat was represented by Raja Joginder Sen of the erstwhile Mandi state, who represented the seat till 1962. In the following elections that year Raja Lalit Sen of Sundarnagar or the erstwhile Suket state was elected. He repeated his victory in the 1967 elections. However, in period from 1977 to 1979, the constituency was represented by Ganga Singh who represented the Janata Party, which came to power at the centre immediately after the elections that followed the imposition of emergency in the country and the Congress, under Indira Gandhi was routed. He defeated Congress candidate Virbhadra Singh. Then came along the man, who called himself the son-of-the-soil, Sukh Ram. He switched from state politics to the Parliament and won comfortably in 1985. In the next election, however, it was again another blue-blooded royal, Maheshwar Singh, scion of the erstwhile Kullu state who drubbed the son-of-the-soil at the polls. But Sukh Ram bounced back and won again in 1994, but was expelled from the Congress a couple of years later, following the reported recovery of large amounts of cash from his residence. To re-establish his political dominion Sukh Ram floated Himachal Vikas Congress and came back into politics with a bang – winning five Assembly seats in 1998 along with wresting Shimla (reserved) parliamentary seat from the Congress in 1999. In 1998, Sukh Ram’s HVC under an alliance with the BJP supported the candidature of Maheshwar Singh, who won easily. In 2004, Congress candidate Pratibha Singh defeated Maheshwar Singh. In the last Parliament elections 2009, Congress candidate Virbhadra Singh defeated Maheshwar Singh by a very small gap.[2] Contents [hide] 1 Assembly segments 2 Members of Parliament 2.1 Election results 3 See also 4 References Assembly segments[edit] Mandi Lok Sabha constituency presently comprises the following 17 Vidhan Sabha (legislative assembly) segments:[1]Bharmour Lahaul & Spiti Manali Kullu Banjar Anni Karsog Sundernagar Nachan Seraj Darang Jogindernagar Mandi Balh Sarkaghat Rampur Kinnaur Members of Parliament[edit] 1952: Rajkumari Amrit Kaur, Indian National Congress 1957: Joginder Sen, Indian National Congress 1962: Lalit Sen, Indian National Congress 1967: Lalit Sen, Indian National Congress 1971: Virbhadra Singh, Indian National Congress 1977: Ganga Singh, Bharatiya Lok Dal 1980: Virbhadra Singh, Indian National Congress (Socialist) 1984: Sukh Ram, Indian National Congress 1989: Maheshwar Singh, Bharatiya Janata Party 1991: Sukh Ram, Indian National Congress 1996: Sukh Ram, Indian National Congress 1998: Maheshwar Singh, Bharatiya Janata Party 1999: Maheshwar Singh, Bharatiya Janata Party 2004: Pratibha Singh, Indian National Congress 2009: Virbhadra Singh, Indian National Congress 2013: Pratibha Singh, Indian National Congress(By Poll) Election results[edit]General Election, 1951: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Amrit Kaur 47,152 26.89 INC Gopi Ram 41,433 26.63 KMPP Tej Singh 19,872 11.33 SCF Anokhi Ram 18,988 10.83 Socialist Muni Lal 16,780 9.57 BJS Hari Dutt 12,053 6.87 Independent Kahan Singh 19,099 10.89 Majority Turnout INC gain from KMPP Swing General Election, 1957: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Joginder Sen Bahadur 57,530 63.47 CPI Mast Ram 0 00.00 Independent Anand Chand 33,110 36.53 Majority Turnout INC gain from CPI Swing General Election, 1962: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Lalit Sen 46,856 63.56 Swatantra Party Ambika Kumari 20,600 27.95 BJS Kuldip Singh 2,742 3.72 Independent Tej Singh 3,516 4.77 Majority Turnout INC gain from Swatantra Party Swing General Election, 1967: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Lalit Sen 62,596 51.65 Independent I. Singh 28,331 23.38 Independent D.S.Ram 26,877 22.18 Independent N.D. Joshi 3,377 2.79 Majority Turnout INC gain from [[I. Singh|Template:I. Singh/meta/shortname]] Swing General Election, 1971: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Virbhadra Singh 1,14,957 71.95 LRP Mandhar Lal 25,780 16.14 NCO Gauri Prashad 6,344 3.97 Independent Nawal Thakur 4,914 3.08 Independent Mahavr Prashad 4,587 0.87 Independent Tulsi Ram 3,182 1.99 Majority Turnout INC gain from LRP Swing General Election, 1977: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Virbhadra Singh 1,02,638 39.52 BLD Ganga Singh 1,38,143 53.19 CPI(M) Tara Chand 8,950 3.45 Independent Nawal Thakur 7,817 3.01 Independent Ani Rudh 2,167 0.83 Majority Turnout BLD gain from INC Swing General Election, 1980: Mandi Party Candidate Votes % ±% IC(S) Virbhadra Singh 1,66,949 56.60 Janata Party Ganga Singh 1,08,595 36.82 JNP(S) Bhagat Guru 12,544 4.25 Independent Puran Mal 4,626 1.57 Independent Naval Thakur 2,255 0.76 Majority Turnout INC gain from Janata Party Swing General Election, 1984: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Sukh Ram 2,24,146 67.52 BJP Madhukar Singh 92,495 27.86 INC(J) Nand Singh 3,817 1.15 Janata Party Het Ram 2,331 0.70 Independent Kamal Kishore 2,921 0.88 Independent Narpat Ram Chauhan 2,616 0.79 Independent Nawal Thakur 2,453 0.74 Independent Durga Singh Rathore 1,194 0.36 Majority Turnout INC gain from BJP Swing General Election, 1989: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Sukh Ram 2,06,095 44.33 BJP Maheshwar Singh 2,34,164 50.36 CPI(M) D.N. Kapoor 9,736 2.09 Doordarshi Party O.M. Prakash 5,510 1.19 BSP Dharam Singh 4,489 0.97 Janata Party Naval Thaur 3,423 0.74 Independent Raj Kumar 1,530 0.33 Majority Turnout BJP gain from INC Swing General Election, 1991: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Sukh Ram 2,33,380 49.70 BJP Maheshwar Singh 2,06,753 44.03 Janata Dal Karam Singh 18,112 3.86 Shiv Sena Subh Ram Thakray 790 0.15 Doordarshi Party Om Prakash 3970 0.85 Janata Party Prem Singh Thakur 2,829 0.60 Independent Om Dutt Sharma 1,954 0.37 Independent Krishan Lal Sharma 1049 0.20 Independent Amar Nirogotra 936 0.18 Independent Nawal Thakur 768 0.15 Independent Gian Chand Paniala 739 0.14 Independent Jeevan Parkash Sharma 695 0.13 Independent Brikam Ram 449 0.09 Independent Ramesh Kumar Garla 294 0.06 Majority Turnout INC gain from BJP Swing General Election, 1996: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Sukh Ram 3,28,186 62.44 BJP Adan Singh Thakur 1,74,963 33.29 Samajwadi Party Ganga Singh 6,460 1.23 Shiv Sena Subh Ram Thakray 790 0.15 IC(T) Chandermani Sharma 3,717 0.71 Independent Amar Nirgotra 4,608 0.88 Independent Kanshi Ram 1,954 0.37 Independent Devender Sharma 1049 0.20 Independent Bal Krishan 936 0.18 Independent Diwan Chand Gupta 768 0.15 Independent Ramesh Chand Gautam 739 0.14 Independent Jeevan Parkash Sharma 695 0.13 Independent Brikam Ram 449 0.09 Independent Ramesh Kumar Garla 294 0.06 Majority Turnout INC gain from BJP Swing General Election, 1998: Mandi Party Candidate Votes % ±% BJP Maheshwar Singh 3,04,210 62.44 INC Pratibha Singh 1,72,378 35.38 Himachal Vikas Congress Sukh Ram 8,304 1.70 Samajwadi Janata Party (Rashtriya) Dina Nath 1,265 0.26 Independent Amar Nirgotra 1081 0.22 Majority 1,31,832 Turnout 4,90,660 BJP gain from INC Swing General Election, 1999: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Kaul Singh 1,94,904 37.11 BJP Maheshwar Singh 3,25,929 62.05 NCP Ravi Thakur 3,657 0.7 Independent Amar Nirgotra 750 0.14 Majority Turnout 5,28,636 54.56 BJP gain from INC Swing General Election, 2004: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Pratibha Singh 357,623 53.41 BJP Maheshwar Singh 291,057 43.47 BSP Mohan Lal Sahni 8,671 1.30 Independent Shah Mohammad 8,076 1.21 Independent Kashmir Singh Guleria 4,125 0.62 Majority 66,566 Turnout 669,552 62.91 INC gain from BJP Swing General Election, 2009: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Virbhadra Singh 3,40,973 47.82 -5.59 BJP Maheshwar Singh 3,26,976 45.85 +2.38 BSP Lala Ram 10,131 1.42 +0.12 CPI(M) DR. ONKAR SHAD 20,664 2.89 RWS Hookam Chand Shastri 7,877 1.10 Independent Shan Mohammad 6,405 0.89 Majority Turnout 7,13,026 64.09 +1.18 INC gain from BJP Swing General Election, 2013: Mandi Party Candidate Votes % ±% INC Pratibha Singh 3,53,492 62.82 +5.59 BJP Jairam Thakur 2,16,768 34.85 -2.38 Majority Turnout 7,13,026 64.09 +1.18 INC gain from BJP Swing Stations and 2 Auxiliary polling staons are being set up in the Four Parliamentary Constituencies for Lok Sabha Elections – 2009 in the State. 1259 Pole been declared as sensitive while 708 polling Stations have been classified as Hypersensitive to ensure free and fair elections in the State. The maximum number of Hyper Sensitive Polling Stations is 197 in Kangra District, he added. However, the largest number of Polling Stations was 1921 in 2-Mandi Parliamentary Constituency, including the Auxiliary Polling Station in Jogindernagar Assembly Constituency.

Thursday 6 March 2014

चैक बाऊंस के आरोपी को एक साल कैद 4,36,000 रूपये हर्जाना


 मंडी। चैक बाऊंस के आरोपी को अदालत ने एक साल के साधारण कारावास और 4,36,000 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी रघुवीर सिंह के न्यायलय ने सुंदरनगर के डा. भीमराव अंबेदकर नगर (भोजपुर) निवासी तारा चंद पुत्र नवरात्रु राम की शिकायत पर चलाए गए अभियोग के साबित होने पर जेल रोड स्थित महालक्ष्मी सिक्योरिटिस के स्टाक ब्रोकर विनोद चौधरी को उक्त सजा का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता अमर सिंह ठाकुर के माध्यम से अदालत में दायर शिकायत के अनुसार आरोपी विनोद कुमार को शिकायतकर्ता ब्रोकर होने के नाते जानता था। इसी जान पहचान के कारण आरोपी विनोद ने उनसे 4,36,000 रूपये की राशि फरवरी 2007 में उधार ली थी। इस राशि को चुकाने के लिए आरोपी ने उन्हे एक चैक जारी किया था। शिकायतकर्ता ने जब इस चैक को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो बैंक ने पेमेंट स्टाप होने के कारण चैक को बाउंस कर दिया था। ऐसे में शिकायतकर्ता ने आरोपी को कानूनी नोटिस जारी करके 15 दिन में राशि की अदायगी करने को कहा था। लेकिन इसके बावजूद भी आरोपी ने राशि नहीं लौटाई। ऐसे में शिकायतकर्ता ने निगोशिएबल इंस्ट्रुमेंट अधिनियम की धारा 138 के तहत अदालत में शिकायत दायर करके आरोपी के खिलाफ अभियोग चलाया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी पर चैक बाउंस का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। जिसके चलते अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और हर्जाना राशि अदा करने का फैसला सुनाया।  

बजंतरी



बजंतरी

लौटने लगी है
शहनाई की मचलती
बारिक आवाज
ढोल नगाडों की
दीपचंदी ताल में
उठते कदमों के साथ।
सात दिनों तक
करनाल- नरसिंघे-बाम के
उदघोष से गुंजायमान
जनपद के सभी छोर
अब साल भर
इंतजार करेंगे
इन समवेत
स्वर लहरियों का।
बजंतरी लौटने लगे हैं
देवताओं के आदेश के
संवाहक बन
फिर से देवभूमि के
उन उतंग
शिखरों की ओर
जहां से उतर
आए थे वह
सैंकडों साल की
परंपरा का निर्वहन
करते हुए जनपद के
लोगों को आशीर्वाद
देने के लिए।
लौटते कदम छोड
जा रहे है
लोमहर्षक दृश्यों का
एक ऐसा कैनवास
जिसके रंग
साल भर अपनी
छटा बिखराते रहेंगे
जहनों के सुप्त संसार में।
तुम्हारा आना और
लौट जाना
तुम्हारी मौजुदगी का
अहसास दिलाता है
इतिहास के उन
काल खंडों का
जिनमें देवता के
साथ तुम भी रहे
होंगे अंग-संग ही
हंसी-खुशी,
सुख-दुख के
साथी बनकर। लौट रहे हो तुम कि
बदलते समय की
चुनौतियों के बीच
देव परंपरा के
ताने बाने और
अस्तित्व को
सुरक्षित रख सको
ताकि लौट के
फिर आ सकें
अगली साल
जनपद को अपनी
पवित्र बाजे की
स्वर लहरियों से
सरोबार करने के लिए।
फेसबुक के स्टेटस पर आज लिखी एक कविता
-समीर कश्यप
चित्र- चंदन भाटिया

Monday 3 March 2014

शिवरात्रि में बहुभाषी कवि सम्मेलन आयोजित


मंडी। अंतर्राष्ट्रिय शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति द्वारा उपायुक्त कार्यालय सभागार में बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें करीब 40 कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर अपनी रचनाओं का पाठ किया। साहित्य चुडामणी पंडित भवानी दत शास्त्री को समर्पित इस बहुभाषी कवि सम्मेलन की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि दीनू कश्यप ने की। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होने कहा कि गुरू भवानी दत शास्त्री मंडयाली साहित्य के लेखन और प्रचार प्रसार के लिए प्रेरणास्त्रोत थे। उनका मानना था कि लोक बोली से साहित्य जनमानस में ज्यादा आसानी से अपना प्रभाव बनाता है। इस मौके पर मेला समिति की तरफ से मौजूद एडीएम पंकज राय ने कहा कि विगत पांच सालों से आयोजित किये जा रहे इस तरह के आयोजन संस्कृति की समझ बचाने रखने के लिए बेहद जरूरी हैं। यह खुशी की बात है कि मंडी शिवरात्रि की तर्ज पर कुल्लू दशहरा और सुंदरनगर के मेलों में भी कवि सम्मेलन आयोजित होने शुरू हो गए हैं। आयोजन के संयोजक लवण ठाकुर ने कहा कि भाषा एवं संस्कृति विभाग के तत्कालीन सचिव बी आर जसवाल की पहल कदमी से यह आयोजन शुरू हुआ था। जो अब लगातार विस्तार पा रहा है। उन्होने कहा कि उस समय जब महिलाओं का पढना लिखना बुरा माना जाता था गुरू भवानी दत शास्त्री मंडयाली गीता के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण कर रहे थे।  कवि सम्मेलन की शुरूआत गुरू भवानी दत शास्त्री की संस्था साहित्य सदन की ओर से भवानी कपूर की अगुवाई में शास्त्री जी की मंडयाली गीता के अध्याय के संगीतमय पाठ से हुई। वरिष्ठ कवि दीनू कश्यप, मुरारी शर्मा, कमल प्यासा, रवि राणा शाहिन, विजय विशाल, प्रकाश चंद धीमान, कांता शर्मा, हरिप्रिया शर्मा, अर्पणा धीमान, कृष्णा ठाकुर, समीर कश्यप,कृष्ण चंद महादेविया, यादवेन्द्र शर्मा, सुरेश सेन निशांत, भगवान देव चैतन्य, प्रीति मंडयाल, कर्नल जे कुमार, पूर्णेश गौतम, भगत सिंह गुलेरिया, के आर पंछी, डा. राकेश कपुर, सारिका, बी डी शर्मा, चूडामणि बड़पगगा, प्रोमिला भारद्वाज, किरण गुलेरिया, सुरेन्द्र पाल, विनोद गुलेरिया, जगदीश कपूर, डा. सूरत राम, जयदेव विद्रोही, आर के गुप्ता, हरिन्द्र कुमार, नरेन्द्र शर्मा, भूप सिंह प्रभाकर, इन्दु वैद्य, ऊर्वशी वालिया, रजनी, दीपक मट्टु, देव नंदिनी और भुपेन्द्र ठाकुर ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। प्रसिद्ध लेखिका रूपेश्वरी शर्मा ने कवि सम्मेलन का मंच संचालन किया। इस मौके पर भाषा एवं संस्कृति विभाग के पुर्व सचिव बी आर जसवाल, पंडित भवानी दत शास्त्री की बहु चंपा शर्मा, पत्रकार आशा ठाकुर, रंगकर्मी जय वर्धन जैक व श्रोतागण मौजूद रहे। 

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...