Tuesday 30 June 2015

यंग एडवोकेट पंकज शर्मा के नाम रही साप्ताहिक औट टकोली यात्रा



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दुराचार के प्रयास पर गूर को 10 साल कैद


मंडी। संतान के लिए धार्मिक अनुष्ठान के बहाने महिला से दुराचार का प्रयास करने के आरोपी पूजारी (गूर) को अदालत ने दस साल के कठोर कारावास और पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के निश्चित समय में जुर्माना अदा न करने पर उसे एक साल के अतिररिक्त कठोर कारावास की सजा भुगतनी पडेगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (एक) डी आर ठाकुर के न्यायलय ने चच्योट तहसील के खीरा (शेगली) निवासी चंद्रमणी पुत्र कांशी राम के खिलाफ भादंस की धारा 376(एफ), 511 व 342 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: दस साल और एक साल के कठोर कारावास और पांच हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता की शादी घटना से करीब पांच साल पहले हुई थी। लेकिन उनकी कोई संतान न होने के कारण परिवार के सदस्य उसे स्थानीय देवता बाला कमेश्वर की शरण में ले गए। विगत दो मार्च 2013 को स्थानीय देवता बाला कमेश्वर पीडिता के गांव कटवांडी में किसी जन्मदिन पर आए थे। पीडिता के ससुर भी वहां गए थे। आरोपी चंद्रमणी ने देवता का पुजारी व प्रवक्ता (गूर) होने के नाते उन्हे कहा कि पीडिता को 13 मार्च 2013 को उनके घर में पवित्र पानी लेने के लिए आना होगा। उस दिन पीडिता अपनी सास के साथ सुबह दस बजे आरोपी के घर पहुंची। आरोपी ने पीडिता की सास को वहां से दूर जाने को कहा और उन्हे बताया कि पीडिता को पांच दिन के बाद वापिस लौटना होगा। आरोपी ने पीडिता को कहा कि वह रात दस बजे के बाद ईलाज शुरू करेगा। मामले के तथ्यों के मुताबिक आरोपी पीडिता को रसोईघर में ले गया और धार्मिक कर्मकांड शुरू कर दिया। इसी बीच आरोपी ने पीडिता के साथ दुराचार करने का प्रयास किया। जिस पर पीडिता ने आरोपी को लात से ठोकर मारकर खुद को आरोपी के शिकंजे से बचा कर घर के एक कमरे में शरण ली। इसके बाद पीडिता ने परिवार के सदस्यों को फोन करके घटना के बारे में सूचित किया। परिजन अगले दिन पीडिता को वहां से वापिस लाए और इस बारे में पुलिस में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए लोक अभियोजक नवीन चंद्र ने 15 गवाहों के माध्यम से अभियोग को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ पीडिता से दुराचार के प्रयास का अभियोग संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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Saturday 27 June 2015

ईपीएफ नंबर मांगने पर चार सुरक्षा गार्डों को नौकरी से निकाला



मंडी।बिलासपुर और मंडी जिला के चार सुरक्षा गार्डों ने वेतन, भत्तों तथा ईपीएफ राशि दिलाने की जिला पुलिस अधीक्षक से मांग की है। उन्होने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर इस मामले में कडी कार्यवाही की मांग की है। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने उन्हे आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया है। मंडी के जोगिन्द्रनगर, सरकाघाट और जिला बिलासपुर निवासी रेबत राम ठाकुर, रूप लाल, जगदीश चंद और जगत पाल ने बताया कि वह अर्ध सैनिक बल के सेवानिवृत कर्मी हैं। उन्होने बताया कि जोगिन्द्रनगर के पते पर जैड प्लस सिक्योरिटी कंपनी सुरक्षा प्रदान करने का कार्य कर रही है। उन्होने बताया कि इस कंपनी को चलाने वालों ने एक मीट के दौरान उन्हे सुरक्षा गार्ड के पद पर तैनाती के लिए कहा। कंपनी ने बहुत आकर्षक सेवा लाभ मुहैया करवाने की बात की थी। जिसके चलते आवेदन करने पर उन्हे कंपनी की ओर से किन्नौर जिला में पटेल इंजिनियरिंग के कार्य पर शौंगटौंग कडछम में बतौर सुरक्षा गार्ड तैनात किया गया। उन्होने बताया कि तैनाती के बाद उन्हे बहुत कम राशि अदा की गई और प्रदेश सरकार की अधिसूचना के तहत दुर्गम क्षेत्र में कार्य करने के लिए ज्यादा वेतन के नियमों को दरकिनार कर दिया गया। उन्होने बताया कि इस बारे में कंपनी को भी अनेकों बार अवगत करवाया है लेकिन इस ओर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होने बताया कि कंपनी की ओर से बताया गया था कि ईएसआईसी के नियमों के तहत उनका ईपीएफ काटा जाएगा। लेकिन न तो यह काटा गया है और न ही इसे संबंधित अथारटी के पास जमा करवाया गया है। इसके अलावा उन्हे ईपीएफ नंबर भी नहीं दिया गया है। इसके अलावा सैलरी स्लीप और सर्टीफिकेट ही उन्हे जारी किया गया है। उन्होने बताया कि जब ईपीएफ नंबर की मांग की गई तो उनकी सेवाएं बिना कोई कारण बताए समाप्त कर दी गई हैं। यही नहीं ईपीएफ, लीव सैलरी और बकाया भुगतान भी रोक लिया गया है। उन्होने बताया कि सिर्फ उनके साथ ही यह धोखाधडी नहीं की गई बल्कि ऐसे बहुत से अन्य लोग भी हैं। इधर, जिला पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने सुरक्षा गार्डों की शिकायत पर उन्हे कडी व उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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बीमा कंपनी ब्याज सहित चुकाएगी 1.40 लाख


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,40,583 रूपये की राशि ब्याज सहित अदा करने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा उपभोक्ता के पक्ष में दस हजार रूपये हर्जाना और पांच हजार रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्या और सदस्य आकाश शर्मा ने नरेश एंटरप्राइजिस के मालिक सदर तहसील के दौंधी (नागचला) निवासी नरेश कुमार के पक्ष में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को उक्त राशि की अदायगी 6 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया है। अधिवक्ता मुकेश सैनी के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने जीविका कमाने के लिए अर्थ मूविंग इक्विपमैंट (जेसीबी) खरीदी थी। उपभोक्ता ने जेसीबी को बीमा कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान 11 सितंबर 2012 को यह जेसीबी गांव मठान्युल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उपभोक्ता ने पुलिस और बीमा कंपनी को इस दुर्घटना की सूचना दी थी। पधर पुलिस थाना ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। कंपनी की ओर से उपभोक्ता को वाहन ठीक करने के बाद मुआवजे के लिए आवेदन करने को कहा गया था। लेकिन बाद में बीमा कंपनी ने वाहन के नुकसान का गल्त आकलन करके उपभोक्ता को कम राशि अदा की। जिसके चलते उपभोक्ता ने कंपनी को नोटिस देकर मुआवजे का सही आकलन करने को कहा था। लेकिन कंपनी के कोई ध्यान न देने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी की दलील थी कि उन्होने सर्वेयर की रिर्पोट के आधार पर नुकसान का आकलन किया है। फोरम ने कहा कि सर्वेयर की रिर्पोट में नुकसान के आकलन के बारे में कोई कारण नहीं दिये गए हैं। ऐसे में रिर्पोट को आकलन का आधार नहीं माना जा सकता। जिसके चलते फोरम ने बीमा कंपनी की ओर से बकाया मुआवजा राशि को अदा न करने को सेवाओं में कमी मानते हुए यह राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी और यंत्रणा के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
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नाबालिग से दुराचार मामले पर दोषी को सात साल कारावास


मंडी। नाबालिग छात्रा से दुराचार का अभियोग साबित होने पर अदालत ने एक आरोपी को सात साल के कठोर कारावास और 10,000 रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। जबकि पीडि़ता के पक्ष में पीडि़ता हर्जाना स्कीम के तहत 25000 रूपये और आरोपी से मिलने वाली जुर्माना राशि दस हजार बतौर हर्जाना अदा की जाएगी। जिला एवं सत्र न्यायधीश बलदेव सिंह के विशेष न्यायलय ने सरकाघाट तहसील के भटोह (मसेरन) गांव निवासी सन्नी पुत्र बलबीर कुमार के खिलाफ प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फरोम सेक्सुअल आफैंस(पोकसो) की धारा 4 व भादंस की धारा 376 और 342 के तहत अभियोग साबित होने पर क्रमश: सात साल और एक माह के कठोर कारावास दस हजार व एक हजार रूपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है। आरोपी के जुर्माना राशि समय पर अदा न करने पर क्रमश: छह माह और सात दिन की अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतनी होगी। ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार दस जमा एक में पढऩे वाली पीडि़त छात्रा दो दिसंबर 2013 को स्कूल बैग खरीदने के लिए सरकाघाट गई हुई थी। जहां पर आरोपी उसे मिला और उसने कहा कि अच्छी किस्म के बैग हमीरपुर में मिलते हैं। इसके बाद आरोपी उसे हमीरपुर ले गया। जहां बैग खरीदने के बाद आरोपी उसे हमीरपुर के अपने क्वाटर में ले गया और उससे दुराचार किया। अगले दिन आरोपी पीडिता को गुटकर स्थित अपने माता के पास ले गया। जहां आरोपी की माता ने उसे कहा कि बालिग होने पर वह आरोपी से उसकी शादी कर देगी। आरोपी की माता ने पीडि़ता की माता को उसके बारे में सूचित किया। पीडि़ता के परिजन उसे वापिस अपने घर ले आए। जहां पर पीडि़ता ने उन्हे इस घटना के बारे में बताया। ऐसे में परिजनों ने पुलिस थाना में प्राथमिकी दायर करवाई थी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए जिला न्यायवादी आर के कौशल ने 14 गवाहों के माध्यम से आरोपी पर अभियोग साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी के खिलाफ पोकसो, दुराचार का अपराध संदेह की छाया से दूर साबित हुआ है। ऐसे में अदालत ने आरोपी को उक्त कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं पर पीडि़ता के पक्ष में हर्जाना राशि अदा करने का भी फैसला सुनाया है।
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मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...