Thursday, 11 July 2013

लोअर समखेतर महल्ले री सैर




मंडयाली लेख- 6
लोअर समखेतर महल्ले री सैर
सांझकणी सैरा रे बहाने मंडी शैहरा रे अलग-2 महल्लेयां बिच जाणा मुंजों बडा नौंवां जेह ऐहसास छाडी जाई करहां। सभी थे बडी गल्ल भई जिन्हा जगहा हाउं एकी अरसे ले नईं जाई पाईरा तिन्हा जगहा जो मेरे पांव आपणे आप हे चली के पहुंचाई कराहें। एते मुंजो आपणे वातावरण बिच कुछ नौवेंपना रा अनुभव हुई करहां। ऐते अलावा मंडयाली बिच कुछ लिखणे रा जियु बी इन्हा सैरा जो जारी रखणे कठे मुंजो अग्गे बधाई करहां। हालांकि मुंजो ऐहडा बी लगी करहां भई मेरी मंडयाली बिच हिंदी, अंग्रेजी होर कई भाषा रे शब्द बी आई करहाएं। इधी कठे यों लेख ठेठ मंडयाली बिच लिखीरी नी बोली सकदे। इहां ता मंडयाली बोली री आपणी लिपी बी थी पुराणे जमाने बिच जेता जो टांकरी बोल्हाएं थे। पर ऐभे ये लिपी लगभग लुप्त हुई गईरी। टांकरी अझी बी कुछ ताम्रपातरा पराले लिखी री मिली जाहीं पर तेता जो पढने वाला कोई नी बचीरा। आसारी प्रदेश सरकारा होर आसारे नुमाइंदेयां जो टांकरी समेत सभी लिपियां होर हिमाचला री बोलियां जो लुप्त हुणे ले बचाणे कठे तुरंत कदम उठाणे चहिये। निता ऐहडा नी हो जे पुराणी पीढी के आसारी लिपी होर बोली बी खत्म हुई जाओ। इन्हा सभी चीजा जो देखदे हुए मैं एस लेखमाला री शुरूआत कितीरी। इधी कठे मुंजो ऐहडा लगां जे जितनी कर मंडयाली मुंजो आवांही कम से कम तितनी ता मुंजो लिखी हे देणी चहिए। होर बादा बिच जेबे-2 मुंजो ठेठ मंडयाली शब्द मिलदे रैहणे तेबे-2 मां स्यों ऐता बिच पांदे रैहणा। हाउं आपणी सांझा री सैरा रे कठे आज लोअर समखेतर महल्ले रा रूख करहां। गांधीचौका ले विक्टोरिया पुहला जो जाणे वाली सडका रे बायें हाथा बिच बसीरा ये महल्ला मंडी शैहरा रा व्यापारा रा केन्द्र हा। ये महल्ला गांधीचौका ले शुरू हुई के चौहट्टा बाजार, महाजन (बोहरा) बाजार, मोती बाजार, नेशनल स्ट्रीट, टाऊन हाल, समखेतर होर गोल पैडी तक फैलीरा। मंडी रा गांधीचौक कई ऐतिहासिक वकता रा साक्षी हा। इने चौके होर ऐता रे सौगी-2 पुराणे पीपले, सेरी मंचे, सिद्ध काली मंदरे होर संकन गार्डने पता नी अझी तका मंडी शैहरा रे केहडे-2 दौर देखेरी। चौका पर महात्मा गांधी री प्रतिमा लगीरी। प्रतिमा री कोई खास देखभाल नीं हुंदी। गांधी जयंती रे ध्याडे हे ऐस प्रतिमा री साफ सफाई किती जाहीं। सारा साला प्रतिमा पराले पक्षी गंदगी फैलांदे रैहाएं। जेते ऐहडा लगां भई आसारे राष्ट्रपिता रा अपमान हुई करहां। मंडी रे लोक कई बार प्रशासन जो बोली बैठिरे भई ऐस प्रतिमा रे उपर कोई छत बनाई दीती जाए। पर अझी तका आसाजो आजादी दिलवाणे वाले महात्मा गांधी दिन दहाडे हजारों आदमियां रे सामणे गंदगी सैहणे जो मजबूर हे। प्रतिमा रे सौगी हे एक फव्वारा भी चलहां था केसी वकता पर आजकाले ये बंद हे रैहां। गांधीचौका ले सामणे मनपसंदा री मिठाईया री दुकाना ले हाउं महाजन बाजारा बटिहें आपणी सैर शुरू करहां। मंडी री सिटी चौकी री बिल्डिंग पता नी किने ठेकेदारे बनाइरी ऐहडा लगां भई तेजो पुलसा वालेया के कोई ना कोई खुंदक रैहीरी हुणी। ऐसा बिल्डिंगा रे झज्जे हर केभे हे पौंदे रैहायें। जेता के हर वकत जानी रा खतरा लगीरा रैहां। ये बिल्डिंग ठीक किती जाणी चहिये। ऐता सौगी हे जंगलात विभागा रे क्वाटर हे। नगर परिषदा रा दफ्तर बी ऐस हे महल्ले हा। पुराणे वकता ले ये दफ्तर इथीहे काम करी करहां। ये दफ्तर पुराणे जमाने री मंडी कठे ता भतेरा था पर एभे मंडी बहुत बडी हुई गईरी। होर कमेटी जो बी आपणा दफ्तर बडा करना चहिये। आम लोका जो बैठणे कठे इथी कोई धोरी जगहा नी सूझदी। उपराले कमेटी रा काम इतना बधी गईरा जे कमेटी जो हुण बडा दफ्तर मिलणा हे चहिये। गांधी चौका ले जाणे वाली गली चौहटे बाजारा ले बोहरे बाजार जो जाणे वाली गली के मिली जाहीं। चौहट्टा बाजार रियासत काला ले व्यापारा रा केन्द्र हा। किव्दंतियां रे मुताबिक मांडव्य ऋषिये ब्यास दरयावा रे किनारे मांडव जानी पराले बैठी के तपस्या कीतिरी। जेता कठे इधी रा नांव मंडी पईरा। पर ऐक मत ऐहडा बी हा जे मंडी शैहर होशियारपुरा ले तिब्बता जो जाणे वाले सिल्क रूटा पर बसीरा। इथी व्यापारी रूकदे रैहांए थे। होर हुई सकां भई व्यापारियां रे इथी रूकणे ले ऐता रा नांव मंडी पया हो। ये शैहरा 1526 ई. बिच बसीरा। सेन वंश री रियासता री राजधानी बणने बाद इथी बाजार बणेया। रियासते रे वकता ले चौहटा मंडी रियासता रा केन्द्र था। फागण महीने बिच होणे वाले अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्री महोत्सवा रे आखरी दिन मंडी जनपदा रे सारे देवी देवता भूतनाथ मंदरा माथा टेकणे बाद चौहटे री जातरा बिच भाग लैहें। सैंकडों देवी देवता रे आउणे ले चौहटे री जातरा रा नजारा देखणे लैक हुआँ। चौहटे बाजारा रा पश्चिमी हिस्सा लोअर समखेतरा बिच पौवां। चौहट्टा होर महाजन बाजार मंडी शैहर होर आसे पासे रे इलाकेयां रा भरण पोषण करहां। दरअसल राशना री ज्यादातर थोका री दुकाना इथी हे ही। इन्हा दुकाना बिच पौंहचणे वाला अनाज सारी मंडी रे घरा होर ग्रावां पौंहची जाहां। इधी कठे ऐहडा बोली सकाहें जे ये बाजार आसारी उदर पूर्ती करने वाला बाजार हा। लोअर समखेतर महल्ले मोती बजार सुनारा रा बजार बोलया जाई सकहां। मंडी बिच सुनारा रा काम करणे वालेयां री ज्यादातर दुकाना ऐस हे बजारा ही। मंडी रे सुनारा री दुरा-2 तक धाक ही। इथी काम करने कठे बंगाला तका रे कारीगर आईरे। मोती बाजारा हर साल गणपती उत्सव होर दुर्गा पूजा रा त्योहार बडे धुमधामा के मनाया जाहां। गांधी चौक, महाजन बजारा ले आउणे वाली गली मोती बाजारा निकलाहीं होर विक्टोरिया पुलहा जो जाणे वाली सडका के मिली जाहीं। विक्टोरिया पुलहा वाली सडका ले हे एक गली टाउन हाला ले हुंदी हुई मंडी रे हस्पताला बखौ जाहीं। अझी टाउन हॉला बखौ चलीरा हे थे जे उतराई पराले हस्तपाला रा एक एनजीओ लीडर मुंजो मिलही गया। तेस ले पता लगया भई गायनी वार्डा बिच आईरा मलबा हटाणे कठे फायर ब्रिगेडा री गडी थी आईरी। मलबा हटाणे बाद तिथी सफाई बगैरा किती पर अझी तक गायनी वार्डा भर्ती हुईरे लोका जो इथी ल्याउणे कठे कम ते कम एक हफ्ता लगणा। इन्हा री गल सुणुंआं मेरे कदम सीधे हस्पताला बखौ मुडी गए। तवारा जो भ्यागा जेबे खूब बरखा हुई कराहीं थी ता हस्पताला रे ऊपर गणधभ (गंधर्वा) रे जंगला ले आऊणे वाले नाले रा पाणी अचानक बधी गया। हुई सकहां जे सारी रात बरखा हुणे ले पाणी कठा हुई गया हो होर भ्यागा तका इने बाढा रा आकार लेई लितया। ऐस नाले बिच पाणी बधी जाणे ले जंगला ले हेठ बसीरे पैलेस महल्ले रे कई घरा होर दुकाना बिच पाणी तुरी गया होर बौत ज्यादा नुकसान पहुंचाया। नाला रे पाणी सौगी बडी-2 चटाना होर पाथर बी आए पर शुक्र हा जे यों रिहायशी इलाके तक नीं पौंहची पाए निता बडा नुकसान बी हुई सकहां था। नाले रे पाणी के प्वाधे होरी री दुकाना जो सभी थे ज्यादा नुकसान हुईरा। इन्हा रे अलावा भी अस्पताला रे गेटा वाले रस्ते पर तनु री दुकाना समेत कई दुकाना जो नुकसान पौंहचेया। नाले बिच आईरी बाढा रे पाणी रा मलबा क्षेत्रीय हस्पताला रे गायनी वार्डा बिच बडी गया। ये ता शुक्र हा जे पाणी ध्याडी रे वकता आया। अगर किथकी ये हादसा राती जो घटया हुंदा ता प्रसवा कठे आइरे लोका के बडा हादसा बी हुई सकहां था। पर इतना ता साबित हुई हे गया भई ये नाला केभे बी बडा कैहर ढाई सकहां। मनीष दुग्गल होर यशराजे एस बाढ़ा रे बडे बांका विडियो बनाइरे। ये विडियो जेबे तिन्हे फेसबुका पर शेयर किते ता ऐस घटना रे बारे बिच बहुत कुछ अंदाजा लगी गया। विडियो बिच पाणी रे बधणे होर दुकानदारा रे दुकाना छाडुआं भगणे रे क्लिपस हे। होर ऐता जो देखुआँ कोई बी अंदाजा लगाई सकहां भई हस्पताला री सडका पर करीब तीन- चार फुट पाणी आई गया था। ऐस हादसे ले हस्पताला रे उपर होर हेठ बसीरे लोका जो आपणी सुरक्षा जो लेई के एक डर जेह पैदा हुई गईरा। एते पैहले बी एक बारी एस नाले रे उपर बादल फटी गया था। जेता के एक बच्ची पाणी बिच बैही गई थी। ये ता शुक्र मनावा जे तवारा री बाढा बिच ऐहडा कोई बडा हादसा सामणे नी आया। पर अग्गे जो बी ऐहडी घटना नी घटणी ऐता रे बारे बिच कुछ नी बोली सकदे। इधी कठे महल्ले रे लोक आपणी जिंदगी री सुरक्षा कठे चिंतित हे। नाले रा मौका करने बाद हाउं तनु वैद्या री दुकाना गया होर तिन्हा ले ऐस बारे बिच पुछताछ कीती ता तिथी एक डाक्टर साहब बी खडी रे थे। इन्हा रा बोलणा था भई नाले री जगहा पराले कई लोके घर बनाई दितिरे होर आपणी गडियां खडाणे कठे नाले पर पुलह पाई दितीरे। एता के नाले बिच पाणी जाणेयो रस्ता नी रैहीरा। एते अलावा अस्पताला रे गेटा वाला पुहल बी पाणी री निकासी कठे बंद हुई गईरा। जेता के पाणी पुलहा उपरियें बैहणा शुरू हुई गया। जेता के ऐता रा रूख हस्पताला, सडका होर दुकाना बखौ हुई गया। ग्रामीण विकास मंत्री होर स्थानिय विधायक अनिल शर्मा बी मौके पर आए थे। तिन्हे नाले री चैनलाईजेशन होर हस्पताला रे गेटा बाले बडा पुल बनाणे रा आश्वासन ता दितेया। पर बाढा रे पाणी री चपेटा बिच आईरी दुकाना होर महल्ले रे लोका जो हुईरे नुकसाना रे कठे मुआवजा देणे री कोई गल नीं किती। होर ता होर प्रशासना री तरफा ले इन्हा प्रभाविता रा हाल तक नी पुछया गया। जेता रा महल्ले रे लोका बिच बडा रोस हा। हस्पताला रे नाले री बाढा रा जायजा लैऊआं हांउ आपणी सैरा री वापसी करहां। बाढ आउणे बादा ले सुकोहडी खाडा री आवाज कुछ ज्यादा बधी गईरी। ऐहडी आवाज ऐसा खाडा री कम हे सुणहांई। सुकोहडी रा पुल पार करीके टाउन हाला री चढाई चढुआं समखेतरा पुजहां। टाऊन हाल मंडी री सांस्कृतिक गतिविधियां चलाणे कठे बणाइरा। इथी साल भर प्रोग्राम हुंदे रैहायें। मंडी शैहरा जो हिमाचल प्रदेशा री सांस्कृतिक राजधानी भी बोल्या जाहां। क्योंकि ये शैहरा हिमाचला रे पुराणे शैहरा मंझा ले एक हा इधी कठे इथी री संस्कृति बिच कई सौ साला री निरंतरता चलीरी। इधी कठे मंडी पुरात्तव, साहित्य, संगीत, चित्रकार, रंगकर्म, नृत्य होर लोक कला रा केन्द्र हा। पर ये मंडी रा दुर्भाग्य हे बोलया जाई सकहां जे इन्हा कला बिच महारत रखणे वाले शैहरा बिच आपणा कोई प्रेक्षागृह नीं हा। टाउन हाला रे बनाणे पीछे प्रेक्षागृह बनाणे री हे सोच थी। इधी कठे इथी बालकानी बी बनाई गई थी होर पुरा प्रारुप दितेया गया था। पर ये हॉल प्रेक्षागृह नीं बोलया जाई सकदा। क्योंकि ऐता कठे कुछ बदलाव करने एस हाला बिच जरूरी हे। सभी थे पैहले ता ऐस हॉला री इको खत्म करनी पौणी। एस हे हॉला बिच कुछ बदलाव करीके प्रेक्षागृह बनाया जाई सकहां। पर कोई गंभीर नीं हा। जबकि कलाकारा री समस्या जस के तस बणीरी। फिलहाल ये हाल कमेटी री संपती ही। पर ऐता रा प्रयोग बैडिमिंटन खेलणे कठे कितया जाई करहां। जेता कठे ये बणिरा हे नहीं हा। समखेतरा रे सरण हलवाई री दही बुंदी दूरा-2 तक मशहुर ही। समखेतरा बखौ चलदे हुए पीपला बाले एक बारी भी कदम मुडहाएं होर हाउं अर्धनारीश्वरा रे मंदरा बखौ चली पौंहां। अर्धनारीश्वर मंदर धरोहर संपती हुणे रे करूआँ पुरातत्व विभागे आपणे संरक्षणा बिच लैयी लितीरा। मंदरा रे शिखरा पर ता काफी रोशनी हई पर मंडपा बिच बिजली नी ही। गर्भगृहा बिच बल्ब लगीरा हुणे ले मुंजो अर्धनारिश्वरा रे सुंदर दर्शन हुई गए। समखेतरा रे पीपला ले बालकरूपी जो जाणे वाली गली बटिहें हटणा शुरू करहां। थोडी दुर अग्गे ले हाउं नेशनल स्ट्रीटा वाली गली बटिहें एक बारी भी के चौहटे ले विक्टोरिया पुलहा री सडका पर पंजाब नेशनल बैंक बाले पौंहचां। इथी हे आर्यन बंग्लो होटल हा। लवण ठाकुरा रा। लवण ठाकुर मेरा साथी हा। आसे कई साला ले इप्टा, आरटीआई होर सीपीआई रा काम करी करहाएं। इन्हे ताजा-2 हे प्रिज्म पार्टी ले एमपी रा इलैक्शन लडीरा। इन्हा बाले बैठी के हाउं चाह पीहां होर फेरी आपणी अगली सैरा पर चली पौहां। मोतीबाजारा ले रमा वत्सला होरी री गली बटिहें कहानीकार होर पत्रकार मुरारी शर्मा होरी रे घरा सौगी ले गुजरदा हुआ हाउं हरीकृष्ण शर्मा वकीला होरी रे घरा बाले निकलां। हरिकृष्ण शर्मा होरी मंडी रे बडे प्रसिध वकील थे। कुछ साल पैहले इन्हा रा देहांत हुई गया। मुंजो इन्हा सौगी काम करने रा मौका मिलीरा। स्यों आपणे देहांत ले कोई दो- तीन दिन पैहले तक कोर्टा बिच आपणी प्रैक्टिस करदे आउँदे रैहे। ये गली बालकरूपी थे समखेतरा जो जाणे वाली गली के मिलाहीं। कपिला री दुकाना रे सौगी वाली पादका जो बादुंआं हाउं खुहा राणी रे मंदरा पौंहचां। मंदरा रे दर्शन करने बाद गोल पैडियां उतरुआं डुगलीघाटा री बाईं रा पाणी पीहां होर आपणी लोअर समखेतर महल्ले री सैर पूरी करहां। ये महल्ला वीआईपी महल्ला हा। एस महल्ले हिमाचल प्रदेश सरकारा रे दो मंत्री ठाकुर कौल सिंह होर अनिल शर्मा रे घर हे। मंडी नगर परिषदा री अध्यक्षा ज्यों मेरी बुआ बी लगहाएं सुशीला सोंखला होरी रा घर बी ऐस हे वार्डा बिच हा। महल्ले बिच गर्लस सीनीयर सेकेंडरी स्कुल, आर्य समाज, एसवीएम, अरूणोदय समेत कई स्कुल होर बिजली बोर्डा , फैमली वेलफेयरा समेत कई दफ्तर, बैंक होर धार्मिक महत्व रे स्थल आर्यसमाज, पीर मंदर, खुहा राणी मंदर, डुगलीघाट मंदर समेत कई स्थल हे। सांझकणी सैरा रे बहाने फिल्हाल मुंजो पैहले दौरा बिच अझी ता महल्लेयां रा भुगोल हे समझ आई करहां। महल्ला किन्हुए-2 बसीरा अझी ता ये हे पता लगी करहां। पर जितना बी पता लगी करहां फिलहाल मुंजो लगहां इतनी हे जानकारी काफी ही। ऐहडा लगहां भई अगे जिहां-2 ये सैर हुंदी रैहणी तिहां-2 मुंजो आपणे शैहरा रे बारे बिच होर सपष्टता आउंदी रैहणी जेता के हाऊं आपणे परिवेशा जो धोरे के समझी सकुं।
धन्यावाद। समीर कश्यप। 10-7-2013 sameermandi.blogspot.comपिक्चर- कमल सैणी

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