मंडी। बीमा पालिसी के बांड में बार- बार गल्तियां करने को बीमा निगम की सेवाओं में करार देते हुए जिला उपभोक्ता फोरम ने उपभोक्ता के पक्ष में 2500 रूपये हर्जाना 30 दिन में अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम को उपभोक्ता के पक्ष में 1500 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करना होगा। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने जोगिन्द्रनगर के सिनेमाहाल के नजदीक रहने वाले राजेश पुंछी पुत्र नसीब चंद पुंछी की शिकायत को उचित मानते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम को 2500 रूपये हर्जाना राशि फैसले की तिथी से 30 दिनों के भीतर अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने निगम से जीवन सरल पॉलिसी ली थी। लेकिन उपभोक्ता को जारी पॉलिसी में उनकी जन्मतिथी गल्त लिखी थी। जब उपभोक्ता को इस बारे में पता चला तो उन्होने निगम के कार्यालय में संपर्क किया। जिस पर उपभोक्ता को डुप्लीकेट पॉलिसी जारी की गई। लेकिन इस पॉलिसी में भी उनकी जन्मतिथी को ठीक नहीं किया गया। इतना ही नहीं डुप्लीकेट पॉलिसी में इसे जारी करने की तिथी के बारे में भी कोई जिक्र नहीं था। इन परिस्थितियों में उपभोक्ता ने फिर से निगम को पॉलिसी को ठीक करने के लिए संपर्क किया। यह डुप्लीकेट पॉलिसी जमा करवाने के बाद उन्हे निगम ने ताजा पॉलिसी बांड जारी किया। लेकिन हैरानी तो तब हुई जब निगम ने इस बार जारी किए गए पॉलिसी बांड में मैच्योरिटी राशि 3,38,240 से घटा कर 1,90,460 कर दी। वहीं पर प्रिमियम भी 6065 से 3062 कर दिया था। हालांकि इस पॉलिसी में जन्मतिथी को ठीक कर दिया गया था। जब उपभोक्ता ने निगम को इन गल्तियों को ठीक करने को कहा तो उन्होने इसे ठीक नहीं किया। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि हालांकि उपभोक्ता ने पॉलिसी की गल्तियों को निगम के ध्यान में लाया था, लेकिन निगम ने बार-2 की जा रही इन गल्तियों को ठीक करने में लापरवाही बरती, जो निगम की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। ऐसे में फोरम ने निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची परेशानी के बदले 30 दिनों में हर्जाना और शिकायत व्यय अदा करने का फैसला सुनाया।
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