Monday 21 July 2014

टीसीपी निरस्त करने को संघर्ष समिति ने उठाई मांग


मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) की बैठक रविवार को यहां के होटल आर्यन बैंग्लो में आयोजित की गई। बैठक में टाऊन एंड कंटरी प्लानिंग अधिनियम के कडे संशोधनों को निरस्त करने की मांग की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने कहा कि मौजूदा टीसीपी कानून के प्रावधानों से लोग बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसे जनविरोधी कानूनों को बदल कर सरकार को आम लोगों को राहत देने के दिशा में कार्य करके आवश्यक संशोधनों को अमलीजामा पहनाना चाहिए। बैठक में टीसीपी के तहत ग्रामीण क्षेत्र को लाने के प्रावधानों का विरोध कर रही सुंदरनगर की संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिन्द्र ठाकुर ने इस कानून को निरस्त करने की मांग की है। उन्होने कहा कि जब तक टीसीपी कानून वापिस नहीं लिया जाता तब तक संघर्ष समिति अपना आंदोलन जारी रखेगी। उन्होने कहा कि सुंदरनगर में टीसीपी के तहत आने वाली सभी पंचायतों में संघर्ष की अलख जगाई जा रही है। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीसीपी के प्रावधानों को लागू हो जाने से लोगों को आने वाले समय में अनेकों कठिनाईयों का सामना करना होगा। मंडी की संघर्ष समिति के संयोजक उतम चंद सैनी ने बैठक में बताया कि टीसीपी कानूनों के प्रावधानों के तहत लोगों को आशियाना बनाना संभव नहीं है। लोगों को भारी खर्चा करने के बावजूद भी कठिन प्रक्रिया के तहत मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। टीसीपी एक्ट के नियमों में साल 2012 में किये गए संशोधनों से लोगों को नियमितिकरण के लिए 10 गुणा अधिक जो करीब 900 प्रतिशत बनता है जुर्माना भरना पड रहा है। अपनी जगह पर घर बनाने वालों को अनाधिकृत घोषित करके उनसे भारी भरकम जुर्माना वसूलने वाले नियमों को तुरंत निरस्त किया जाए। उन्होने बताया कि समिति ने प्रदेश सरकार से अनेकों बार ज्ञापनों के माध्यमों से टीसीपी कानून के कडे प्रावधानों को वापिस लेने की मांग की है। उन्होने बताया कि टीसीपी कानून में संशोधन के लिए बनाई गई प्रवर समिति के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों को ज्ञापन प्रेषित करके उन्हे इस कानून में बदलाव के लिए कहा गया है। समिति के सचिव समीर कश्यप ने बताया कि प्रदेश सरकार के विगत 17 जुलाई को घोषित नये टीसीपी एक्ट 2014 के प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद इसमें सुझाव व आपतियां दर्ज करवाई जाएंगी। उन्होने कहा कि टीसीपी कानून को पुराने शहरों और आबादियों में लागू नहीं किया जाए। उन्होने कहा कि आने वाले समय में मंडी शहर और आस पास के गांवों में भी टीसीपी कानून के इन कडे प्रावधानों से होने वाले नुकसानों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। वहीं पर प्रदेश के अन्य जगहों पर इन कानूनों के खिलाफ हो रहे संघर्ष को लामबंद करने की रणनिती तैयार की जाएगी। जिसके लिए आगामी 2 अगस्त को बैठक सुनिश्चित की गई है। बैठक का संचालन समिति के पदाधिकारी चंद्रमणी वर्मा ने किया। बैठक में ग्रामीण सुधार सभा कमेटी कनैड-भौर के अध्यक्ष धनी राम, सुंदर नगर संघर्ष समिति के सदस्य देवी राम, मंडी के कमल कृष्ण महाजन, विजय कुमार, प्रदीप परमार, भीमचंद्र सरोच, रवि कांत, आर एस राणा, काहन सिंह, प्रकाश चंद, राजेन्द्र कुमार, रमेश वालिया, दुशमती, पूनम शर्मा, गगन सिंह, मोरध्वज शर्मा, सुनील कुमार, गौरी प्रसाद, राम सिंह, धनदेव, बलवंत सिंह, देवी सिंह और देवी राम सहित टीसीपी कानून के प्रावधानों के कारण बिजली-पानी से वंचित भुगतभोगी शामिल थे।

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