Monday 21 September 2015

दो सौ घंटे अंधेरे में बिताने के बाद बिलासपुर टनल में दबे मजदूरों ने देखा प्रकाश, एनआरडीएफ ने नवें दिन सुरक्षित निकाले दो मजदूर, तीसरे की तलाश जारी



एनडीआरएफ को सलाम...
दो सौ घंटे अंधेरे में बिताने के बाद बिलासपुर टनल में दबे मजदूरों ने देखा प्रकाश, एनआरडीएफ ने नवें दिन सुरक्षित निकाले दो मजदूर, तीसरे की तलाश जारी
मंडी। बिलासपुर जिला के पनोह गांव में कीरतपुर-मनाली फोर लेन की सुरंग नंबर-4 के धंसने से दब गए दो मजदूरों को एनआरडीएफ ने नौ दिनों के बाद सुरक्षित बाहर निकाल दिया है। मजदूरों के बाहर निकलने की सूचना मिलते ही प्रदेश भर में खुशी की लहर दौड गई है। वहीं पर तीसरे मजदूर की तलाश करने के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि विगत 12 सितंबर को निर्माणाधीन टनल का करीब सौ फुट भाग धंस जाने के कारण इसमें कार्य कर रहे तीन मजदूर दब गए थे। जिनमें मनी राम, हिरदाराम (मंडी) और सिरमौर जिला के सतीश तोमर शामिल थे। मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने में नेशनल डिसास्टर रिस्पाँस फोरस ( एनआरडीएफ) ने पिछले 9 दिनों से जोरदार अभियान छेड रखा था। एनडीआरएफ ने मनीराम व सतीश तोमर का पता चलते ही उन्हे सुरक्षित निकालने के प्रयास शुरू किए थे। जिसके चलते उन्हे सोमवार को यह सफलता मिली है। लेकिन तीसरे मजदूर हिरदाराम के बारे में अभी तक पता नहीं लग पाया है। एनडीआरएफ ने अब हॉरिजोंटल ड्रिलिंग के माध्यम से तीसरे मजदूर को निकालने के प्रयास शुरू किए हैं। इधर, सुरक्षित बाहर निकाले गए दोनों मजदूरों की हालत सही बताई जा रही है लेकिन उन्हे चिकित्सकीय देखभाल के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। करीब दो सौ घंटे सुरंग के अंधेरे में बिताने के बाद दोनों मजदूरों के सुरक्षित बाहर निकलते ही प्रदेश भर में खुशी की लहर दौड हो गई। यह घटना विगत 9 दिनों से लगातार चर्चा का विषय बनी है। लेकिन एनडीआरएफ की इस सफलता से प्रदेशवासी बहुत खुश हैं और जहां एनडीआरएफ का धन्यावाद कर रहे हैं वहीं पर तीसरे मजदूर के भी सुरक्षित निकलने के प्रति आशावान हैं।
चित्र- अंग्रेजी समाचार पत्र से साभार
...sameermandi.blogspot.com

No comments:

Post a Comment

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...