Wednesday 1 July 2015

असुरक्षित पर्यटन पर निषेध लागू करवाने में असमर्थ है निर्जन बोर्ड


असुरक्षित पर्यटन पर निषेध लागू करवाने में असमर्थ है निर्जन बोर्ड मंडी। सूचना सपष्ट करती है कि व्यास नदी का जल स्तर कभी भी बढने से किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित हो सकती है। इसलिए व्यास नदी के किनारे घूमने पर कडाई से निषेध है। लेकिन निर्जन बोर्ड असमर्थ व असहाय महसूस करते हैं अपने कडे निषेधात्मक आदेशों को लागू करवाने में और खतरों से अनक्षिज्ञ पर्यटक व्यास नदी के आलौकिक सौंदर्य को नजदीक से निहारने के लिए नदी तट पर उतरते चले जाते हैं। गत वर्ष 8 जून की घटना के बाद एनएच पर लगे यह बोर्ड दर्शकों को मात्र औपचारिकता जान पडते हैं जैसे मानो रोड साइन। लेकिन पर्यटकों को यह बोर्ड मात्र की शाब्दिक कडाई मनचाही जगहों पर पर्यटन के आखेट से नहीं रोक सकती। ऐसे में वह खतरों से बेपरवाह हो बोर्ड की शब्दावली के मुताबिक बेहद खतरनाक जगहों पर अन्यत्र ही पहुंच जाते हैं। जहां पर उनसे कोई भी बडी घटना घटित हो सकने की चेतावनी यह बोर्ड देता है। जान जोखिम के इस पर्यटन की प्रेतछाया से दूर पर्यटक तो आनंद विभोर हो हर क्षण को संस्मरणीय बनाने के क्रिया कलापों से गुजर रहा होता है। क्या यह जान जोखिमपूर्ण पर्यटन प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के लिए अन्याय नहीं है। क्या उनके सुरक्षित पर्यटन की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। क्या सिर्फ इसी तरह के खोपडीनुमा बोर्ड लगाकर लोग खतरों से आगाह हो पाएंगे। इस साल हिमाचल प्रदेश आने वाले पर्यटकों में भारी इज़ाफा बताया जा रहा है। कुल्लू मनाली के पर्यटकों को राजमार्ग के साथ-2 कलकल बहती नदी की जलधारा सम्मोहित कर अपनी ओर आकर्षित करती है। जिसके चलते वह अनजाने में ही जोखिमपूर्ण पर्यटन का भी हिस्सा बन जाते हैं। होना तो ऐसा चाहिए कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों के सुरक्षित पर्यटन के लिए सरकार तमाम व्यवस्था करे। जिसके तहत व्यास नदी के तटों के किनारे पैदल चलने योग्य पक्के मार्ग बनाए जाएं। जहां पर पर्यटक चहल कदमी कर सकें और नदी तट के इन स्थलों को नजदीक से जी भर कर देख पाएं। व्यास नदी में उतरना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाए। इसके लिए जिन जगहों से नदी में उतरने के रास्ते हैं उन्हे बंद किया जाए। हालांकि गत वर्ष के हादसे के बाद थलौट में मौकास्थल को तारों से बंद कर दिया गया है लेकिन अन्य भी कई ऐसे स्थल हैं जहां से पर्यटक व्यास नदी तट पर पहुंचते हैं। कुल्लू के मौहल और मंडी के झीडी की तर्ज पर व्यास नदी तट की सरकारी भूमि में स्थानीय वासियों व युवाओं की मदद से नेचर पार्क बनाए जाएं। जिससे पर्यटकों को सुरक्षित पर्यटन मुहैया करवाने की दिशा में बढा जा सके। इससे पर्यटन तो बढेगा ही साथ-2 रोजगार का भी सृजन होगा। वहीं पर इससे परिस्थितिकी और पर्यावरण के संरक्षण की ओर भी कदम उठ सकेंगे।
...sameermandi.blogspot.com

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