Sunday 5 July 2015

देरी से सूचना आवेदन स्थानांतरण पर अफसर को भरना होगा हर्जाना


मंडी। राज्य सूचना आयोग ने आवेदन का स्थानांतरण देरी से करने पर जन सूचना अधिकारी को अपीलकर्ता के पक्ष में 3500 रूपये हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया है। जन सूचना अधिकारी सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग के शिमला मुखयालय में तैनात अधीक्षण अभियंता (एसपी) यह हर्जाना राशि अपीलकर्ता को अदा करेंगे। राज्य मुखय सूचना आयुक्त भीम सेन के न्यायलय ने मंडी सर्किट के दौरान आरटीआई एक्टिविस्ट उपतहसील बालीचौकी के सुधराणी (खलवाहण) निवासी संत राम की दिवतीय अपील को स्वीकारते हुए पीआईओ अधीक्षण अभियंता को देरी से सूचना का आवेदन स्थानांतरण करने का दोषी माना। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि अभियंता ने 16 नवंबर 2013 को अपीलकर्ता का आवेदन प्राप्त किया था। लेकिन इसे लंबे समय बाद 10 दिसंबर 2013 को पीआईओ मंडी के लिए स्थानांतरित किया गया। जबकि सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 6(3) के तहत यह आवेदन प्राप्ती के पांच दिनों के भीतर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। आयोग ने कहा कि अपील की सुनवाई के दौरान अपीलकर्ता को सूचना मुहैया करवा दी गई है ऐसे में पीआईओ के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जा सकती। अपीलकर्ता के आवेदन को स्थानांतरित करने और उन्हे सूचना देरी से मुहैया करवाने के कारण उन्हे सूचना हासिल करने में आई परेशानी और व्यय को देखते हुए उक्त हर्जाना राशि अदा करने का फैसला सुनाया है। आरटीआई कार्यकर्ता संत राम ने बताया कि पेयजल योजनाओं एनसी गांव खलवाहण के कार्य में हुई लाखों रूपये की अनियमितताओं और पेयजल मुहैया न होने के बारे में मंडी के सतकर्ता विभाग को शिकायत दी थी। इस शिकायत पर कार्यवाही के बारे में मांगी गई सूचना का आवेदन स्थानांतरित होते हुए जन सूचना अधिकारी सिंचाई एवं जन स्वास्थय विभाग के शिमला मुखयालय के अधीक्षण अभियंता (एसपी) के पास गया था। लेकिन न तो उन्होने समय पर इसे स्थानांतरित किया और न ही समय पर सूचना दी। ऐसे में राज्य सूचना आयोग के न्यायलय में यह अपील दायर की थी। उन्होने बताया कि इन सूचनाओं से जाहिर हुआ है कि इन पेय जल योजनाओं में भारी गडबडी की गई है और लोगों को अभी तक पानी की सूविधा नहीं मिल पाई है। उन्होने बताया कि इन सूचनाओं के उजागर होने से अब अनियमितताओं में संलिप्त लोगों को बचाने की कोशीश की जा रही है। वहीं पर अब नए सिरे से इन पेयजल योजनाओं को ठीक करके लोगों तक पानी पहुंचाने के लिए फिर से निविदाओं की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होने सरकार से मांग की है कि इस मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कडी कार्यवाही अमल में लाई जाए अन्यथा वह इस मामले की जांच के लिए न्यायलय का रूख अखतियार करेंगे।
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