Thursday 5 May 2016

जवाब न देने पर ट्रिब्यूनल ने अधिकारियों को लगाई कॉस्ट



मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्युनल ने याचिका का जवाब न देने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ 500 रूपये की कॉस्ट लगाई है। प्रशासनिक ट्रिब्युनल के अध्यक्ष वी के शर्मा और प्रशासनिक सदस्य प्रेम कुमार की बेंच ने मंडी सर्किट के दौरान याचिका की सुनवाई में हिमाचल प्रदेश के शिक्षा सचिव, निदेशक शिक्षा, सचिव वित और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुफरी के प्रधानाचार्य को समय पर जवाब न देने पर 500 रूपये की कॉस्ट लगाते हुए यह राशि अदा करने को कहा है और इसकी वसूली दोषी अधिकारियों से करने और इसकी सूचना ट्रिब्युनल को देने के निर्देश दिये हैं। संस्कृत की लेक्चरर मीरा देवी ने साल 2004 में संशोधित पे स्केल नहीं देने के आदेशों को ट्रिब्युनल के समक्ष चुनौती दी थी। ट्रिब्युनल ने उनके वेतन को कम करने के आदेशों पर रोक लगा दी थी। ट्रिब्युनल के साल 2008 में बंद हो जाने के बाद यह याचिका प्रदेश उच्च न्यायलय को निस्तारण के लिए प्रेषित हुई थी। ट्रिब्युनल के फिर से शुरू होने पर यह याचिका एक बार फिर से निस्तारण के लिए ट्रिब्युनल में आई है और इसकी सुनवाई विभाग की ओर से जवाब के लिए निर्धारित थी। लेकिन सुनवाई के दौरान विभाग की ओर से याचिका का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया। हालांकि ट्रिब्युनल ने विभाग को याचिका का जवाब देने का एक और मौका दिया है लेकिन जवाब में देरी करने पर उन्हें उक्त कॉस्ट अदा करने के आदेश दिये हैं। वहीं पर देरी करने वाले अधिकारियों से इस कॉस्ट की राशि की वसूली करके इसकी सूचना ट्रिब्युनल को देने के भी निर्देश दिये हैं। ट्रिब्युनल ने याचिका की अगली सुनवाई अब 4 जुलाई को निर्धारित की है।
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