Tuesday 26 July 2016

चरस तस्करी में दो लोगों को दस साल, एक को 7 साल कारावास



मंडी। चरस तस्करी के दो मामलों में अदालत ने दो आरोपियों को दस-2 साल और एक आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास की सजा का फैसला सुनाया है। इन सभी आरोपियों को कारावास के अलावा जुर्माना राशि भी अदा करनी होगी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश (दो) कृष्ण कुमार की विशेष अदालत (तीन) ने पंजाब के संगरूर जिला की धुरी तहसील के धर्मपुरा मुहल्ला निवासी बलविंदर सिंह पुत्र कृष्ण सिंह और ककरयाल (धुरी) गांव निवासी प्रकाश सिंह पुत्र बलवंत सिंह के खिलाफ मादक एवं नशीले पदार्थ अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग साबित होने पर उन्हें दस-2 साल के कठोर कारावास और एक-2 लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है। जुर्माना समय पर अदा न करने पर उन्हे दो-2 साल की अतिरिक्त साधारण कारावास काटनी होगी। अभियोजन के अनुसार औट थाना पुलिस का दल एएसआई राज कुमार की अगुवाई में झलोगी के पास तैनात था। इसी दौरान कुल्लू की ओर से आ रही आरोपियों की जाइलो कार की तलाशी लेने पर इसमें रखे एक लिफाफे से 1.250 किलोग्राम चरस बरामद हुई थी। इस मामले में अभियोजन की ओर से 9 गवाहों के ब्यान दर्ज किये गए। एक अन्य मामले में इसी अदालत ने बिलासपुर जिला के जबली (रघुनाथपुर) गांव निवासी अनिल कुमार पुत्र कमल किशोर के खिलाफ 500 ग्राम चरस बरामद होने का अभियोग साबित होने पर उसे 7 साल के कठोर कारावास और 70,000 रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है। जुर्माना समय पर अदा न करने की सूरत में उसे दो साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष के मुताबिक जोंिगन्द्रनगर थाना पुलिस का दल एएसआई गुरदयाल सिंह की अगुवाई में घटासनी से बरोट मार्ग पर जा रहा था। इसी दौरान फयुन गलू के पास घटासनी की ओर से आ रहे एक व्यक्ति ने पुलिस को देखकर भागने की कोशीश की। जिस पर पुलिस ने उक्त व्यक्ति को काबू किया तो उससे 500 ग्राम चरस बरामद हुई थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उससे चरस के स्त्रोत के बारे में पूछताछ की तो उसने फयुन गलू के एक दुकानदार का नाम बताया था। पुलिस ने उसे भी हिरासत में लेकर दोनों के खिलाफ अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन की ओर से इस मामले में 7 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अभियोजन पक्ष की ओर से इन मामलों की पैरवी लोक अभियोजक कुलभूषण अवस्थी ने की। अदालत ने अपने फैसलों में कहा कि अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपियों के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित हुआ है। हालांकि आरोपी दुकानदार के खिलाफ अभियोग साबित न होने के कारण उसे बरी कर दिया गया है। अदालत ने कहा कि ड्रग तस्करी के मामलों में इन दिनों भारी बढौतरी देखी जा रही है। जिससे बच्चों, युवाओं और समाज पर दुष्प्रभाव पड रहा है। ऐसे में अदालत ने आरोपियों से बरामद हुई चरस की मात्रा को देखते हुए उन्हें उक्त कारावास और जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया है।
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