Tuesday 28 February 2017

भवनों को नियमित करने की दरें घटाई जाएंः संघर्ष समिति




मंडी। भवन नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने हाल ही में अधिसूचित किए गए टीसीपी अधिनियम में भवनों के नियमितीकरण की दरें घटाने की मांग की है। समिति का मानना है कि नियमितिकरण की इतनी भारी भरकम राशि बिल्डर तो अदा कर सकते हैं पर आम लोगों के लिए यह फीसें अदा करना संभव नहीं है। भवन नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) के उत्तम चंद सैनी, अमर चंद वर्मा, हितेन्द्र शर्मा, चंद्रमणी वर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार और समीर कश्यप ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में प्रदेश सरकार तथा विपक्ष का प्रदेश विधानसभा में टीसीपी एक्ट पारित करने पर आभार व्यक्त किया है। हालांकि समिति का कहना है कि अभी भी टीसीपी एक्ट में नियमितीकरण की दरें बहुत ज्यादा निर्धारित की गई है। समिति की मांग है कि नक्शों में बदलाव के साथ बनाए गए चार बिस्वा तक के छोटे घरों व व्यवसायिक संस्थानों की दरें नगर परिषद क्षेत्र में 100 रूपये और नप क्षेत्र से बाहर 50 रूपये प्रति वर्ग मीटर तय की जाए। जबकि बिना योजना अनुमति के बनाए गए भवनों में यह दरें क्रमश: 200 रूपये और 100 रूपये की जाए। इसके अलावा चार बिस्वा से ज्यादा भूमी पर बने भवनों के लिए प्रस्तावित टीसीपी एक्ट के मुताबिक ही नियमितीकरण दरें वसूल की जाएं। समिति का कहना है कि एक्ट में दरें सामान्य शुल्क की दरों से 6000 से 12000 प्रतिशत अधिक तक निर्धारित की गई हैं। इन दरों को अदा करना गरीब तथा मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए संभव नहीं है। सरकार की ओर से प्रस्तावित पालिसी का लाभ सिर्फ बडे बिल्डर और निर्माता ही ले सकेंगे। समिति ने मुखयमंत्री वीरभद्र सिंह से मांग की है कि टीसीपी एक्ट की मौजूदा दरों को निरस्त करके नियमितीकरण की आंशिक दरें वसूल की जाएं। तभी आम जनता इस एकमुश्त पालिसी का फायदा उठा पाएगी।
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