Thursday 22 May 2014

मंडी छोटी काशी या धूल का शहर


मंडी। छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी नगर अब धूल का शहर बनता जा रहा है। पड्डल से उठने वाली धूल से सारे शहर का पर्यावरण दूषित हो रहा है। इस संदर्भ में मंडी जिला न्यायलय के अधिवक्ता समीर कश्यप ने उपायुक्त मंडी को ज्ञापन प्रेषित कर उचित कार्यवाही की मांग की है। अधिवक्ता ने बताया कि छोटी काशी मंडी का हृदय स्थल ऐतिहासिक पड्डल मैदान अपनी उपेक्षा के कारण मंडी वासियों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। यह खूबसूरत मैदान जिसकी तुलना लार्डस और दुनिया भर के अच्छे-2 मैदानों के साथ की जाती है। इस मैदान में क्रिकेट की देवधर, रणजी ट्राफी और फुटबाल की संतोष ट्राफी आदि राष्ट्रिय स्तर के मैच खेेले गए हैं। लेकिन यह मैदान इन दिनों उपेक्षा का शिकार है। पड्डल में अंतर्राष्ट्रिय शिवरात्री मेले के आयोजन के बाद से मैदान की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा मैदान में राजनैतिक दलों की रैलियों और विभिन्न संत महात्माओं के आयोजन भी किये जाते हैं। मैदान का प्रयोग इन कार्यों के लिए होने से इसकी हालत खस्ता हाल है। उन्होने बताया कि शहर में जब भी जोर की आंधी चलती है या कोई हैलिकाप्टर यहां उतरता है तो मैदान से उठने वाली धूल सारे शहर में फैल जाती है। जिससे स्थानीय वासियों को अपने स्वास्थय को लेकर अंदेशा है। उन्होने कहा कि छोटी काशी कहे जाने वाले मंडी शहर की छवि दिन प्रतिदिन धूल वाले शहर की बनती जा रही है। हमेशा हरा भरा रहने वाले इस मैदान से अब घास गायब हो चुकी है और सारा मैदान मिट्टी से भरा हुआ है। मैदान की उपेक्षा का खामियाजा शहरवासियों को धूल फांक कर भुगतना पड रहा है। उन्होने उपायुक्त मंडी से आग्रह किया है कि पड्डल मैदान को बचाने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं और मैदान में घास उगाने और नियमित रूप से पानी का छिडकाव करके यहां से उठने वाली धूल को फैलने से रोका जाए। जिससे शहरवासियों के स्वास्थय पर प्रतिकूल प्रभाव न पडे और छोटी काशी मंडी को धूल का शहर बनने से रोका जा सके।

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