Wednesday 31 December 2014

एड्स पीड़ितों के बच्चे मदद को तरसे


मंडी। जिला के एडस रोगियों के बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता एक साल से न मिलने के कारण उनके जीने की डगर दूभर होती जा रही है। एक तो उन्हे भयानक बीमारी का सामना करते हुए भारी सामाजिक और आर्थिक अभाव झेलना पड रहा है। वहीं पर प्रदेश सरकार रोगियों के बच्चों को मिलने वाली आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए असंवेदनशील बनी हुई है। जानकारी के अनुसार मंडी जिला में करीब तीन सौ से भी अधिक एडस के रोगी हैं। सरकार की ओर से इन रोगियों को जिला एडस नियंत्रण के माध्यम से क्षेत्रीय अस्पताल में दवाईयां उपलब्ध करवाई जाती हैं। जबकि रोगियों का हमीरपुर में हर छह महिने के बाद टैस्ट होता है। सरकार की ओर से एडस रोगियों के 18 साल तक के बच्चों को प्रतिमाह पांच सौ रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। जिससे इन बच्चों की पढाई जारी रह सके। लेकिन पिछले एक साल से एडस रोगियों के बच्चों को यह राशि मुहैया नहीं करवाई जा रही है। जिला के एक एडस रोगी ने बताया कि उनके दो बच्चे स्कूल में पढते हैं। लेकिन पिछले एक साल से बच्चों की पढाई के लिए दी जाने वाली यह राशि सरकार की ओर से मुहैया नहीं करवाई गई है। जिससे बच्चों की पढाई जारी रखने में रोगियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। उनका कहना है कि सरकार को यह राशि तुरंत जारी करनी चाहिए जिससे उनके बच्चे शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रह सकें। रोगियों का कहना है कि बच्चों को यह राशि सिर्फ 18 साल तक नहीं बल्कि तब तक दी जानी चाहिए जब तक वह पढाई कर रहे हों। उन्होने बताया रोगियों को दवाई लेने के लिए जिला के विभिन्न उपमंडलों के दूरदराज के क्षेत्रों से मुखयालय स्थित क्षेत्रीय अस्पताल में आना पडता है। जबकि छह महीने बाद टैस्ट के लिए उन्हे हमीरपुर जाना पडता है। जिसमें उन्हे भारी राशि खर्च करनी पडती है। इसके अलावा समाज में रोगियों को भेदभाव की नजर से देख कर नौकरी नहीं दी जाती है। ऐसे में रोगी भारी आर्थिक अभावों में अपना जीवन जी रहे हैं। उन्होने मांग की है कि बच्चों की आर्थिक सहायता राशि तुरंत जारी की जाए। जबकि दवाई लेने और टैस्ट करवाने के लिए आने जाने का खर्चा मुहैया करवाया जाए। जिससे उनका ईलाज ठीक ढंग से जारी रह सके। इस बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर जोगिन्द्र ठाकुर से संपर्क करने पर उन्होने स्वीकार किया कि एडस रोगियों के बच्चों को पिछले एक साल से यह राशि नहीं दी गई है। उन्होने कहा कि यह देरी प्रशासनिक कारणों से हुई है। उन्होने कहा कि इस बारे में निदेशालय को पत्र प्रेषित करके पहले की व्यवस्था के तहत रोगियों के बच्चों की राशि जारी करने के बारे में आग्रह किया गया है। उन्होने आश्वस्त किया कि जल्द ही रोगियों के बच्चों की राशि को जारी कर दिया जाएगा। जबकि रोगियों की अन्य मांगों के बारे में भी स्वास्थय निदेशालय को अवगत करवाया जाएगा।

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