मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में 1,50,000 रूपये की मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। इसके अलावा कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले 2500 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय अदा करने का भी फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने करसोग तहसील के कोला (चुराग) निवासी कन्हैया लाल वर्मा पुत्र बरीआ राम की शिकायत को उचित मानते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता के पक्ष में उक्त राशि का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने के आदेश दिये। अधिवक्ता ए एस पसरीचा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपने वाहन को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधि के दौरान ही उपभोक्ता का वाहन राकणी (करसोग) के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्घटना के समय वाहन को चालक ललित कुमार चला रहा था। उपभोक्ता ने वाहन की मुरममत के बिल तथा अन्य दस्तावेज कंपनी के पास जमा करवा कर मुआवजे की मांग की थी। लेकिन कंपनी के मुआवजा तय न करने पर उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम में सुनवाई के दौरान कंपनी ने इस बात से इंकार किया कि वाहन को चालक ललित कुमार चला रहा था। उपभोक्ता की ओर से फोरम में लीला धर, नरेश कुमार गुप्ता और ललित कुमार के शपथ पत्र प्रस्तुत किये गए। इन सभी का कहना था कि दुर्घटना के समय चालक ललित कुमार ही वाहन को चला रहा था। जबकि कंपनी का कहना था कि अन्वेषक की जांच के आधार पर और पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार वाहन को लीला धर चला रहा था। पुलिस ने यह मामला लेख राज के ब्यान के आधार पर लीला धर के खिलाफ दर्ज किया था। लेकिन कंपनी का अन्वेषक लेख राज का ब्यान दर्ज नहीं कर सका था। अन्वेषक को किसी ने भी यह ब्यान नहीं दिया था कि वाहन को लीला धर चला रहा था। इन तथ्यों को देखते हुए फोरम इस नतीजे पर पहुंचा कि वाहन को लीला धर नहीं चला रहा था बल्कि इसे ललित कुमार ही चला रहा था। फोरम ने बीमा कंपनी के मुआवजा खारिज करने को सेवाओं में कमी करार देते हुए उक्त मुआवजा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिये। जबकि कंपनी की सेवाओं में कमी के कारण उपभोक्ता को हुई परेशानी के बदले हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।
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