Tuesday 23 August 2016

भवन नियमितीकरण की दरें कम की जाएः संघर्ष समिति




मंडी। प्रदेश सरकार के प्रस्तावित टीसीपी संशोधन को लेकर चल रही बहस पर संज्ञान लेते हुए मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने आपात बैठक आयोजित की। टीसीपी संशोधन को कैबिनेट में मंजूरी के बाद विधानसभा पटल पर रखने की तैयारियों के बीच सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस का संज्ञान लेते हुए समिति ने इस बैठक का आयोजन किया। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी, अध्यक्ष अमर चंद वर्मा, पदाधिकारी हितेन्द्र शर्मा, हरमीत सिंह बिट्टू, प्रदीप परमार, चंद्रमणी वर्मा और समीर कश्यप ने बताया कि समिति उन अवैध भवनों को नियमित करने के हक में नहीं है जिनको सरकारी भूमी पर या रास्ता रोक कर बनाया गया हो। इन तमाम अवैध भवनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करके उनकी बेदखली की कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होने बताया कि समिति की शुरू से यही मांग रही है कि आम व साधारण नागरिक जिन्होने अपने परिवार की जरूरत के अनुसार अपनी मलकियत चार बिस्वा भूमी तक के रकबे पर नक्शे बगैर या नक्शे के बदलाव के साथ मकान बनाए हैं उन्हे नियमित करने की एकमुश्त पॉलिसी लायी जाए। समिति का कहना है कि सरकार का प्रस्तावित टीसीपी संशोधन एक स्वागत योगय सराहनीय कदम है। हालांकि समिति का यह मानना है कि सरकार के प्रस्तावित संशोधन में नियमितीकरण की दरें अभी भी बहुत ज्यादा हैं और आम नागरिकों की पहुंच से बाहर हैं। इस संशोधित टीसीपी अधिनियम के तहत नियमितिकरण की दरें अभी भी सामान्य दरों से 6 हजार से 12 हजार प्रतिशत अधिक प्रस्तावित हैं। समिति की मांग है कि नियमितीकरण की फीस साधारण दरों से 1000 प्रतिशत तक निर्धारित की जाए। तभी आम नागरिक इस पॉलिसी का समुचित फायदा उठा पाएंगे। समिति ने प्रदेश सरकार तथा विधानसभा के सभी विधायकों से अनुरोध किया है कि आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नियमितीकरण पालिसी के प्रस्ताव को समिति की ओर से सुझाये गए संशोधन सहित पास किया जाए।
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