Saturday 18 October 2014

सड़कों के निर्माण में करोड़ों के घोटाले का अंदेशा


मंडी। हिमाचल प्रदेश असैंबली के चुनावी साल 2012 में सराज विधानसभा क्षेत्र में हुए सडक़ों के ताबडतोड उदघाटनों में करोडों रूपये का घोटाला होने का अंदेशा है। इस दौरान जिन सडकों का उदघाटन हुआ है उनमें अधिकांश सडकें न तो आज दिन तक पूरी हो पाई हैं और न ही लोगों को इन सडकों पर बस सुविधा मुहैया हो पाई है। कागजों में इन सडकों के निर्माण कार्य में करोडों रूपये खर्च करके ये कार्य पूर्ण कर लिए दर्शाए गए हैं। लेकिन आलम यह है कि इन सडकों पर बस चलाना तो दूर दुपहिया वाहन भी नहीं चलाए जा सकते। सडकों का कार्य पूरा न हो पाने के कारण अब मनरेगा के पैसे से इन्हे रिपेयर किया जा रहा है। इस घोटाले का खुलासा आरटीआई से मिली सूचनाओं में हुआ है। सुप्रसिध आरटीआई कार्यकर्ता संत राम ने लोक निर्माण विभाग के गोहर उपमंडल में वर्ष 2012 के चुनावी साल में क्षेत्र में लोर्कापित हुई 20 सडकों से संबंधित जानकारी मांगी थी। उदघाटन के बाद इन सडकों पर बसें न चलने पर उन्होने हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम से यह सूचना मांगी थी कि इन 20 सडकों में किन किन सडकों पर परिवहन निगम की बसें चलाई जा रही हैं। जिस पर निगम ने बताया कि मात्र तीन सडकों पर ही बसें चलाई जा रही हैं। इसके बाद लोनिवि गोहर से एक बार से सूचना मांगी गई कि इन सडकों पर बस सेवा क्यों शुरू नहीं की गई है। जिस पर विभाग का कहना था कि बारिश और बर्फबारी अधिक होने के कारण सडकों को नुकसान पहुंचा है। विभाग का कहना था कि सडकों को जल्द ठीक कर यातायात बहाल किया जाएगा। इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता संत राम ने सूचना के अधिकार के तहत कुछ सडकों का मौका निरिक्षण लोनिवि के अधिकारियों के साथ किया। इस निरिक्षण के दौरान लोनिवि ने यह स्वीकार किया कि सडकें डीपीआर के मुताबिक नहीं बनी हैं और न ही इनका ग्रेड ठीक है। इनकी चौडाई, पैरापिट, नालियों व अन्य मापदंडों को पूरा नहीं किया गया है। विभाग ने निरिक्षण रिर्पोट में माना कि सडकें यातायात योगय नहीं हैं। संतराम ने बताया कि हैरत अंगेज यह है कि सडकों को पास करने से पहले बस ट्रायल के लिए बनाई गई कमेटी की रिर्पोट में इन सडकों को यातायात के लिए योगय दर्शाया गया था। इन सडकों पर सिर्फ उदघाटन के दिन ही बसें चली हैं। इसके बाद से यह सडकें औचित्यहीन हो गई हैं। उन्होने बताया कि साल 2012 में जब विधान सभा के चुनाव सिर पर थे तो क्षेत्र की करीब दो दर्जन आधी अधूरी सडकों का उदघाटन किया गया था। प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना के तहत बनी स्याज-कासण, संपर्क सडक शिल्हणु, तांदी-नांडी, बूंग-भलवाड, थुनाग-जैंसला, बौन्छडी-कांढा, गाडा गुसैण-टपणाली, थाची-चलौंट-नारायण गलू-डीडर-खूहन-डीडर, कुकलाह-बागी-कशिमलीधार और नाबार्ड के तहत थलौट-पंजाईं, सुधराणी-थाटा, बगस्याड-रहीधार-धनशाल, जरोल-जुघांद-चाकूधार तथा एससीसीपी के तहत कांढा-बडीण-बगस्याड, बगस्याड-परवाडा, गधिमण-थाची-तनेल, मौवीसेरी-छपराहण जबकि ओटीएमएनपी के तहत धरोट-मंडप- बस्सी, थुनाग-बनयाड-मंडैलू सडक का निर्माण हुआ था। सूचना के मुताबिक विभिन्न ठेकेदारों के माध्यम से बनाई गई इन सडकों के निर्माण पर 20 करोड 99 लाख दो हजार अठतीस रूपये खर्च किये गए। संतराम ने बताया कि इन सूचनाओं को एकत्र में उन्हे भारी जदोजहद का सामना करना पडा। जिसके चलते उन्होने प्रदेश सूचना आयुक्त के पास लोनिवि और एचआरटीसी विभाग के सूचना मुहैया न करवाने पर दूसरी अपील दायर करनी पडी। इन अपीलों की सुनवाई के बाद राज्य मुखय सूचना आयुक्त भीम सिंह ने 21 अगस्त 2013 को सुनाए फैसले में यह कहा है कि ये सडकें यातायात मानकों के अनुरूप नहीं हैं। आयुक्त ने इन सडकों के यातायात मानकों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किए थे। लेकिन इन निर्देशों के पालन के बारे में सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिसका खुलासा मौका निरिक्षण रिर्पोट से उजागर हुआ है। इन सडकों को सुधारने के लिए अब मनरेगा के तहत कार्य करवाया जा रहा है। लेकिन लाखों रूपये की मनरेगा राशि खर्च करने के बावजूद भी इन सडकों को ठीक नहीं किया जा सका है। हालांकि संतराम ने सडक निर्माण की इस घोर अनियमितता के बारे में प्रदेश के मुखयमंत्री को भी लिखा था। लेकिन सरकार की ओर से कोई पहल न होती देखकर अब उन्होने अधिवक्ता देश राज के माध्यम से प्रदेश सरकार के लोनिवि सचिव, परिवहन सचिव और प्रबंध निदेशक को इन सडकों को ठीक करने और बनाने के लिए नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि इन सडकों को डीपीआर और मापदंडों के अनुसार बनाया और ठीक किया जाए। जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना न करना पडे। इसके अलावा यह भी मांग की गई है कि इस प्रकरण की जांच की जाए और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाए। उन्होने कहा कि अगर समय रहते इन सडकों को ठीक नहीं किया गया तो वह प्रदेश उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगे।

No comments:

Post a Comment

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...