मंडी। षडयंत्र के तहत जाली समोचन विलेख बनाने का अभियोग साबित होने पर अदालत ने तीन महिलाओं सहित 7 आरोपियों को 6-6 माह के साधारण कारावास और 5-5 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशी निश्चित समय में अदा न करने पर आरोपियों को 3-3 माह की अतिरिक्त कारावास भुगतनी होगी। मामले के 4 आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी कर दिया गया। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर दो राजेश चौहान के न्यायलय ने बल्ह क्षेत्र के नेरचौक निवासी प्रधान सिंह, संत कौर, गुरूचरण कौर, कृपाल सिंह, इन्द्रजीत कौर और गुरदेव चंद के खिलाफ भादंसं की धारा 467 के तहत अभियोग साबित होने पर उक्त सजा सुनाई। आरोपियों के खिलाफ षडयंत्र करने का अभियोग भी साबित होने पर अदालत ने धारा 120-बी के तहत 3-3 माह के साधारण कारावास और 3-3 हजार रूपये जुर्माने और जुर्माना समय पर न भरने पर 7-7 दिन की अतिरिक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया। उक्त दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। अभियोजन पक्ष के अनुसार 3 जनवरी 1999 को उक्त आरोपियों ने अतर कौर, दयाल कौर, बलजीत सिंह, वीर कौर और जसवंत के हिस्से की जमीन का जाली समोचन विलेख बनाया था। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उनकी और आरोपियों की सांझी जमीन है। इस जमीन पर दोनों पक्षों के घर भी मौजूद हैं। शिकायत के आधार पर बल्ह थाना पुलिस ने मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए सहायक लोक अभियोजक राजरानी ने 13 गवाहों के बयानों को अदालत में दर्ज करवाकर मामले को साबित किया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण उन पर अभियोग साबित हुआ है। जिसके चलते उन्हे उक्त सजा का फैसला सुनाया गया। हालांकि मामले के चार अन्य आरोपियों के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उन्हे बरी कर दिया है।
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