मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोक्ता के पक्ष में 30,000 रूपये हर्जाना अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा फोरम ने बीमा कंपनी के अधिकारियों द्वारा उपभोक्ता के बीमा दस्तावेजों में जाली हस्ताक्षर करने और इससे छेडछाड करने पर जिला पुलिस अधीक्षक को आपराधिक मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्य रमा वर्मा व लाल सिंह ने सुंदरनगर की बीबीएमबी कलौनी निवासी रविन्द्र सिंह पुत्र मान सिंह की शिकायत को उचित मानते हुए बजाज एलाइंज बीमा कंपनी के खिलाफ उक्त फैसला सुनाया। अधिवक्ता पी एस सेन के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने प्रोपोजल फार्म भर कर कंपनी के पास जीवन बीमा लिया था। फैमिली एसोरेंस प्लान की यह पालिसी 5 साल के लिए थी। जिसके लिए उपभोक्ता को 10 हजार की सालाना प्रिमियम किस्त देनी थी। उपभोक्ता ने पालिसी की पहली किस्त जमा करवाई। लेकिन कंपनी ने उपभोक्ता के प्रोपोजल फार्म पर बीमा अवधी में पांच के आगे दो जोडकर इसे 5 के बजाए 25 साल बना दिया। इतना ही नहीं इस फार्म पर उपभोक्ता के जाली हस्ताक्षर भी कर दिए गए। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि प्रोपोजल फार्म से छेडखानी की गई है। जो न केवल सेवाओं की कमी को दर्शाता है बल्कि कंपनी के अधिकारियों ने आपराधिक कार्य भी किया है। कंपनी के अधिकारियों ने उपभोक्ता को नुकसान पहुंचाने और कंपनी को फायदा पहुंचाने की नियत से षडयंत्र के तहत फर्जीवाडा किया है। ऐसा कृत्य करके बीमा कंपनी ने सारी सीमाएं लांघ दी है। जिसके चलते फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक परेशानी के बदले उक्त हर्जाना राशी अदा करने के आदेश दिए। वहीं पर जिला पुलिस अधीक्षक को फैसले की प्रति प्रेषित करके इस मामले में संलिप्त कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
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