Sunday 1 June 2014

विधिक साक्षरता शिविर में दी कानून की जानकारी


मंडी। जिला विधिक सेवा समिति की ओर से मंगलवार को बिजणी पंचायत में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर एक विवेक खेनाल ने की। इस मौके पर उन्होने विधिक साक्षरता के महत्व और इसके उदेश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि कानूनों का अस्तित्व सामाजिक संरचना को व्यवस्थित करने के लिए नियम बनाने से आता है। उन्होने कहा कि जब समाज को नियमों में बांधा जाता है तो समाज विकासोन्मुखी हो जाता है। उन्होने कहा कि विधिक प्राधिकरण की ओर से लोगों को उनके रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित करने वाले कानूनों की जानकारी दी जाती है। उन्होने मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मोटर वाहन का प्रयोग करने से पहले लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज लाइसैंस और इंश्योरेंस होना बहुत जरूरी होता है। इन दस्तावेजों के न होने की कीमत उस समय चुकानी पड सकती है जब वाहन से कोई दुर्घटना हो जाती है। उन्होने कहा कि दस्तावेजों की कमी के कारण जो मुआवजा बीमा कंपनी को अदा करना होता है उसे वाहन के मालिक या चालक को अदा करना पड जाता है। उन्होने मुफत कानूनी सहायता के बारे में बताया कि महिलाओं, अपंग, अनुसूचित जाति व जनजाति, आपदा प्रभावित व सामान्य वर्ग जिनकी आमदनी एक लाख रूपये तक हो उन्हें यह सहायता दी जाती है। शिविर में अधिवक्ता समीर कश्यप ने मनरेगा, सूचना के अधिकार, घरेलू हिंसा अधिनियम और श्रम कानूनों के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि मनरेगा से जहां लोगों को घरों के नजदीक रोजगार मुहैया हो रहा है वहीं पर सूचना के अधिकार से विभागों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है। घरेलू हिंसा से प्रताडित महिलाएं संरक्षण अधिकारी के माध्यम से अपनी शिकायत अदालत में कर सकती है। उन्होने कहा कि असंगठित मजदूरों को पंजीकरण करवा कर श्रम कानूनों का लाभ प्राप्त करने चाहिए। स्त्रोत व्यक्ति के रूप में मौजूद शशी विवेक ने भ्रुण हत्या से संबंधित कानून की जानकारी दी। उन्होने कहा कि महिलाएं जिंदगी के रथ के दो पहियों में से एक अहम पहिया है। जिसके बगैर जीवन का रथ आगे नहीं बढ सकता। उन्होने कहा कि लडकियों को जन्म से पहले ही मार देने से समाज में महिलाओं का पुरूषों के मुकाबले अनुपात बहुत कम हो गया है। उन्होने कहा कि कन्या भ्रुण हत्या कानूनन अपराध है जिसमें आरोपी को सजा का प्रावधान भी है। शिविर में पंचायत प्रधान रणवीर सिंह, उपप्रधान हिमप्रभ, सदस्य मिहिर चंद, चंडी देवी, भूप सिंह, चंद्र रेखा, सावित्री और स्थानीय पंचायत निवासी मौजूद थे।

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