Sunday 16 November 2014

गरीबों के लिए कानून व्याख्या करने हेतु जाने जाते हैं जस्टिस अय्यरः विश्वनाथ


मंडी। उच्चतम न्यायलय के पुर्व न्यायधीश जस्टिस वी आर कृष्णा अय्यर के 99वें जन्मदिन पर जिला बार रूम में कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का आयोजन इंडियन एसोसिएशन आफ लॉयरस और जिला बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। इस मौके पर मंडी के सबसे वरिष्ठ अधिवक्ता विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि जस्टिस वी आर कृष्णा अय्यर को गरीबों के लिए कानून की व्याखया करने के लिए जाना जाता है। उन्होने कहा कि हालांकि जस्टिस अय्यर ने कोई नया कानून नहीं बनाया। बल्कि उन्होने मौजूदा दीवानी और आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों की इस तरह से व्याखया की जिससे गरीब और वंचित लोगों को न्याय हासिल हो सके। उन्होने कहा कि अधिवक्ताओं को संतों की तरह व्यवहार करना चाहिए और घोडों की तरह काम करना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता दुनी चंद शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जस्टिस अय्यर दुनियाके महानतम जजों में से एक हैं। उन्होने न केवल न्यायिक क्षेत्र में ही योगदान दिया बल्कि केरल विधानसभा के मंत्री होने के नाते राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्र में भी उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वह अधिवक्ताओं से डर विहिन बार एसोसिएशन बनाने का आहवान करते रहे हैं। अधिवक्ता सुंदर गोयल ने जस्टिस अय्यर को एक महान न्यायविद बताते हुए कहा कि वह बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक हैं। उन्होने कहा कि हालांकि कई बार उन्हे विचाराधारा में बांधने की कोशीश की जाती है लेकिन वह इससे उपर थे और उन्होने दर्शन शास्त्र जैसे विविध विषयों पर भी पुस्तकें लिखी हैं। प्रदेश बार कौंसिल के सदस्य और इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयरस के पदाधिकारी अधिवक्ता देश राज ने कहा कि जस्टिस अय्यर का मानना रहा है कि न्याय प्राप्त करने के लिए सभी जगह अन्याय की चुनौती है। उन्होने कहा कि हमें जस्टिस अय्यर द्वारा प्रस्तुत सिद्धांतों को आत्मसात करना चाहिए जिससे देश के गरीब और वंचित लोगों को न्याय प्रदान करने की दिशा में उनके कार्य को आगे बढाया जा सके। उन्होने बताया कि प्रदेश उच्च न्यायलय के रूबी जुबली कार्यक्रम के दौरान उन्होने अधिवक्ताओं की नेतृत्वकारी भूमिका के बारे में संदेश दिया था। अधिवक्ता मनी राम चौहान ने बताया कि जस्टिस अय्यर ने सौ से अधिक किताबों, अनेकों लेखों और भाषणों के माध्यम से न केवल कानून के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश ड़ाला अपितु उन्होने समाज को दिशा देने वाले विविध विषयों पर भी पुस्तकें लिखी हैं। अधिवक्ता समीर कश्यप ने कहा कि जस्टिस अय्यर ने साठ के दशक में ही गरीबों को मुफत कानूनी सहायता, मध्यस्थता और फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायलयों की जरूरतों को इंगित करते हुए यह कार्य अपने स्तर पर शुरू कर दिया था। इस मौके पर मुखय न्यायिक दंडाधिकारी जिया लाल आजाद, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन अनिता शर्मा तथा बार एसोसिएशन के सदस्य मौजूद थे। जिला बार एसोसिएशन के सचिव हितेश बैहल ने जस्टिस अय्यर के 99वें जन्मदिन पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सदस्यों व न्यायधीशों का धन्यावाद किया।इस कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता रवि सिंह राणा ने किया। 

No comments:

Post a Comment

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...