मंडी। मंडी शहरवासियों के आशियानों का नियमितीकरण करके उन्हे बिजली पानी मुहैया करवाने के लिए संघर्ष समिती का गठन किया गया है। संघर्ष समिती ने मुखयमंत्री, संबंधित मंत्रियों और विधायकों को इस बारे में ज्ञापन प्रेषित किया है। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति का गठन अधिवक्ता अमर चंद वर्मा की अगुवाई में किया गया। जिसमें उतम चंद सैनी को समिति का संयोजक, अधिवक्ता अमर चंद वर्मा को अध्यक्ष, मुरारी लाल शर्मा को सचिव, सुमन को सहसचिव, समीर कश्यप को प्रेस सचिव, डा. एम. आर. सैनी को उपप्रधान, रमेश वालिया को कोषाध्यक्ष और डा. संतोष कश्यप व हरमीत सिंह (बिट्टू) को सलाहकार मनोनीत किया गया है। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने बताया कि शहरवासी इन दिनों बिजली-पानी की मूलभूत सुविधाओं का कुनेक्शन प्राप्त करने के लिए भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। नगर निकाय व टाउन प्लानिंग विभाग से नये व पुराने मकानों के नक्शे पास न होने या नक्शा में बदलाव करके निर्माण करने वाले लोगों को अनापति प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं। टीसीपी कानून के तहत बिना नक्शा पास कराये बिजली-पानी की सुविधा नहीं दी जा सकती। नक्शा पास कराने के लिए मकान के आगे तीन मीटर और पीछे व साइड की ओर दो-दो मीटर जगह छोडकर मकान बनाने की बाध्यता है। जिन लोगों के पास मात्र दो-तीन विश्वा भूमि है वह इन नियमों के तहत मकान बनाने की सोच भी नहीं सकता। अगर मकान का निर्माण कर भी ले तो वह बिजली-पानी के कुनेक्शन से वंचित हो जाता है। समिति का कहना है कि टीसीपी एक्ट को हिमुडा, हाउसिंह बोर्ड की कलोनियों, नये शहर या सरकारी इमारतों पर लागू की जानी चाहिए। जबकि इन कायदे कानूनों की आड़ में शहर के आम नागरिक आशियानों तथा मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो गए हैं और उनके परिवारों को सिर ढांपने के लिए छत जुटाने को संघर्ष करना पड रहा है। लोगों के पास जमीन ही नहीं है तो मकान बनाने के लिए वह जगह कहां से छोडें। करीब एक दशक पहले ऐसे कानूनों की शहरवासियों के लिए कोई बाध्यता नहीं थी और उन्हे मूलभूत सुविधाएं मुहैया हो जाती थी। समिति ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि शहरवासियों की कठिनाइयों को देखते हुए नगर परिषद और टीसीपी के नियमों में सरलीकरण किया जाए और बिजली-पानी के कुनैक्शन लेने के लिए अनापति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।
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