Friday 28 February 2014

नियमितिकरण सरल और कम शुल्क पर करने की मांग


मंडी। मकान नियमितिकरण संघर्ष समिति (मंडी) ने प्रदेश के मुखयमंत्री से नियमितीकरण की प्रक्रिया सरल व कम शुल्क पर करने का आग्रह किया है। इस बारे में समिति ने मुखयमंत्री और प्रवर समिति के अध्यक्ष सुधीर शर्मा को ज्ञापन प्रेषित किया है। समिति ने सरकार की मकान नियमित करने की पहल का स्वागत करते हुए मंाग की है कि हजारों की संखया में लोगों के पुराने मकान जो जमाबंदी में दर्शाये गए हैं उन्हे बिना शुल्क के नियमित किया जाए। जिससे लोगों को वास्तुकार व अन्य खर्चों से राहत मिल सके। इन लोगों को मूलभूत सुविधाओं बिजली-पानी के अनापती प्रमाण पत्र के लिए परेशानियों से जूझना ना पडे। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने कहा कि पिछले दस सालों से नये बनाए गए मकानों को जिनके नक्शे पास नहीं हैं या जिनके पास हुए नकशों के मकान में कुछ बदलाव किया है उनको कम से कम शुल्क में बिना जुर्माने तथा सरल प्रक्रिया से नियमित किये जाएं। समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने कहा कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने भी नियमितिकरण की प्रक्रिया शुरू की। जिसके तहत एक जनवरी 2014 तक जो भी अनियमित मकान या कलौनी बनी हैं उन्हे इस प्रक्रिया के तहत 20 रूपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से एक ही स्लैब के तहत नियमित किया जा रहा है। जबकि हमारे पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में जहां जमीन छोटे-2 रकबों में है और पहाडीदार है। लेकिन प्रदेश में मकान नियमित करने का शुल्क एक हजार प्रति वर्ग मीटर से शुरू होकर चार हजार रूपये प्रतिवर्ग मीटर 70 फीसदी बदलाव के लिए पांच स्लैबों में निर्धारित किया गया है जो उचित नहीं है। आम आदमी और मध्यमवर्गी नागरिकों ने जीवन भर की पूंजी लगाकर अपना मकान तो तामिर कर लिया है लेकिन नगर परिषद और टीसीपी कानूनों की कडी प्रक्रिया और भारी शुल्क से मकानों को नियमित करवाना उसके बस से बाहर है। जिससे सरकार की एक गल्त छवि जनता के समक्ष सामने आ सकती है। समिति के प्रैस सचिव समीर कश्यप ने कहा कि गांवों और कस्बों में भी नगर निकाय और नगर नियोजन के प्रावधान लागू करना सुनिश्चित किया जा रहा है। जिससे गांववासी भी इन कानूनों के बारे आशंकित हो गए हैं। समिति का यह मानना है कि पुरानी टाउनशीप वाले क्षेत्रों पर मूलभूत सुविधाओं से नागरिकों को वंचित करने वाले इन कानूनी प्रावधानों को लागू नहीं किया जाए। अपितु इन नियमों को नयी कलौनियों, सरकारी या हिमुडा कलौनी या सरकारी भवनों पर ही लागू किया जाए। समिति ने मांग की है कि मकानों को नियमित करने की प्रक्रिया को लागू करने के लिए सरल और हरियाणा से भी कम शुल्क तय किये जाएं। जिससे प्रदेशवासियों को अपने आशियाने नियमित करने की एक बडी राहत मिल सके।

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