मंडी। प्रदेश उच्च न्यायलय के आदेशों की अवहेलना करके पंचायत सचिव को सेवा से बरखास्त करने के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायलय में अवमानना याचिका दायर की गई है। उच्च न्यायलय ने उपायुक्त मंडी को नोटिस जारी करते हुए इस मामले की सुनवाई 25 मार्च को निश्चित करते हुए जवाब तलब किया है। जिला के धर्मपुर विकास खंड में तैनात पंचायत सचिव हेत राम को एक जांच के तहत 20 जून 2011 को तत्कालीन उपायुक्त मंडी ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था। पंचायत सचिव ने इस बर्खास्तगी आदेशों को प्रदेश उच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। क्योंकि उपायुक्त ने इन आदेशों को पारित करने से पहले पंचायत सचिव के प्रतिवेदन पर संज्ञान नहीं लिया था। उच्च न्यायलय ने इसी आधार पर बर्खास्तगी आदेशों को निरस्त करते हुए उपायुक्त मंडी को निर्देश दिये थे कि याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर संज्ञान लेने के बाद याचिकाकर्ता की सुनवाई के बाद फिर से आदेश करने को कहा था। याचिकाकर्ता का कहना है कि उपायुक्त मंडी ने उच्च न्यायलय के निर्देशों की अवहेलना करते हुए उसके प्रतिवेदन पर संज्ञान न लेते हुए पुन: सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इन आदेशों से आहत होकर याचिकाकर्ता ने अब प्रदेश उच्च न्यायलय में अवमानना याचिका दायर की है। उच्च न्यायलय ने याचिका की सुनवाई के लिए उपायुक्त मंडी को नोटिस जारी करके याचिका का जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इधर, पंचायत सचिव ने पुलिस उप अधीक्षक सरकाघाट को ज्ञापन प्रेषित करके विकास खंड अधिकारी धर्मपुर के खिलाफ क्रास केस दर्ज करने की गुहार लगाई है। पंचायत सचिव का कहना है कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया केस तथ्यों से विपरीत और निराधार है। उनका कहना है कि उच्च अधिकारियों के दवाब में आकर उसे मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा है।
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