Friday, 21 February 2014

रिहायशों का नियमितीकरण सरल और कम दरों पर किया जाए


 मंडी। मकान नियमितीकरण संघर्ष समिति(मण्डी)ने रिहायशी मकानों के नियमितीकरण को सरल करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को ज्ञापन प्रेषित किया है। समिति ने हरियाणा सरकार की तर्ज पर कम से कम शुल्क लगाकर बिना जुर्माने के सरल प्रक्रिया द्वारा सारे रिहायशी अनियमित मकानों को नियमित करने की मांग की है। वहीं पर इस समस्या पर मंथन के लिए रविवार को आपात बैठक बुलाकर प्रभावित लोगों से इसमें बढ़चढ़ कर भाग लेने का आहवान किया है। समिति के संयोजक उत्तम चंद सैनी ने बताया कि विगत 13 फरवरी को मकानों के नियमितीकरण का सरलीकरण करके आम आदमी को राहत पहुंचाने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया गया था। इसी बीच प्रदेश सरकार ने नियमितीकरण की निति निर्धारित की है। सरकार की निति के मुताबिक नियमितीकरण की जो दरें दर्शायी जा रही हैं वह हिमाचल प्रदेश जैसे पहाडी राज्य जहां जमीनों के कब्जाधारक छोटी भूमियों पर काबिज हैं उन पर यह दरें लागू करना उनकी क्षमता से बाहर है जिसका फायदा आम लोगों को नहीं हो पाएगा। उन्होने कहा कि हाल ही में हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने भी मकानों के नियमितीकरण के लिए निती बनाई है। हरियाणा जैसे राज्य जहां पर जमीनों की कीमत बहुत ज्यादा है लेकिन यहां रिहायशी मकान नियमितीकरण की एक ही दर 20 रूपये प्रति वर्ग फुट निर्धारित की है। जबकि हमारे प्रदेश में जहां भूमी मालिकों के पास बहुत ही छोटे-2 दो या तीन बिस्वे के ही रकबे हैं वहां पर एक हजार रूपये प्रति वर्ग मीटर के दर से नियमितीकरण किया जाना आम गरीब लोगों की पहुंच से बाहर है। इसके अलावा लोगों को वास्तुकार से नक्शे बनवाना, नगर परिषद और टीसीपी विभाग से इन्हे पास करवाना, नक्शों के लिए भारी भरकम फीस की अदायगी करना और अधिकारियों व कर्मचारियों से काम करवाने की प्रक्रिया बेहद जटिल होने की वजह से भ्रष्टाचार को बढावा मिलने की संभावना अधिक रहती है और आम लोग इस प्रक्रिया में बुरी तरह से पिसता जाता है। समिति के अध्यक्ष अमर चंद वर्मा ने बताया कि मकान नियमितीकरण को लेकर सरकार की पहल का समिती स्वागत करती है। सरकार ने इस दिशा में कार्य करना शुरू कर दिया है जो आम लोगों के लिए राहत भरा कदम है। सरकार शहरों के साथ लगते गांवों को भी नगर परिषद और टीसीपी एरिया के तहत लाना तो चाहती है। लेकिन यहां सवाल ये खड़ा होता है कि शहरवासी अपनी मूलभूत सुविधाएं मकान, बिजली और पानी के लिए जदोजहद करने व अपनी क्षमता से ज्यादा राशि इन मूलभूत सुविधाओं को हासिल करने के लिए बाध्य हैं और वह परेशानियों और भ्रष्टाचार के आगे विवश हैं। आम लोग जो इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन पाते वह सालों से इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। ऐसे में गांववासी क्यों कर नगर परिषद व टीसीपी क्षेत्र के तहत आना चाहेंगे। समिति ने मांग की है कि हरियाणा सरकार की तर्ज पर कम से कम शुल्क लगाकर बिना जुर्माने के सरल प्रक्रिया द्वारा सारे रिहायशी अनियमित मकानों को नियमित किया जाए। संघर्ष समिति के प्रेस सचिव समीर कश्यप ने बताया कि 23 फरवरी रविवार को समिति की आपात बैठक तीन बजे इंदिरा मार्केट में बुलाई गई है। समिति ने प्रभावित शहरवासियों से बैठक में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आहवान किया है। जिससे नियमितिकरण को लेकर विचार विमर्श किया जाए और सभी की राय लेकर भविष्य की रणनिति तय की जा सके। 

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