Wednesday 8 April 2015

मंडी में एड्स रोगियों के बच्चों की आर्थिक सहायता बंद


मंडी। एडस रोगियों के बच्चों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पिछले करीब एक साल से बंद कर दी गई है। जिससे रोगियों के जीने की डगर जहां दूभर हो गई है वहीं उन्हे भयानक बीमारी का सामना करते हुए भारी सामाजिक और आर्थिक अभाव का संत्रास झेलना पड रहा है। प्रदेश सरकार की असंवेदनशीलता से रोगियों में बेचैनी का माहौल है। जानकारी के अनुसार मंडी जिला में करीब तीन सौ से भी अधिक एडस के रोगी हैं। सरकार की ओर से इन रोगियों को जिला एडस नियंत्रण के माध्यम से क्षेत्रीय अस्पताल में दवाईयां उपलब्ध करवाई जाती हैं और उनका हमीरपुर में हर छह महिने के बाद टैस्ट होता है। सरकार की ओर से एडस रोगियों के 18 साल तक के बच्चों को प्रतिमाह पांच सौ रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। जिससे इन बच्चों की पढाई जारी रह सके। लेकिन पिछले एक साल से एडस रोगियों के बच्चों को यह राशि मुहैया नहीं करवाई जा रही है। जिला के एक एडस रोगी ने बताया कि वह और उनकी पत्नी दोनों ही एडस ग्रस्त हैं। लेकिन उनके बच्चे अभी भी इस बचे हुए हैं। जिन्हे वह स्कूलों में पढा रहे हैं। लेकिन पिछले एक साल से बच्चों की पढाई के लिए दी जाने वाली राशि मंडी जिला में बंद कर दी गई है। जिससे बच्चों की पढाई जारी रखने में उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। उनका कहना है कि सरकार को यह राशि तुरंत जारी करनी चाहिए जिससे उनके बच्चे शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रह सकें। रोगियों का कहना है कि बच्चों को यह राशि सिर्फ 18 साल तक नहीं बल्कि तब तक दी जानी चाहिए जब तक वह पढाई कर रहे हों। यहीं नहीं सरकार को उनकी पढाई का पूरा जिममा उठाना चाहिए। उन्होने बताया कि दवाई लेने के लिए जिला के विभिन्न उपमंडलों के दूरदराज के क्षेत्रों से मुखयालय स्थित क्षेत्रीय अस्पताल में आना पडता है। जबकि छह महीने बाद टैस्ट के लिए उन्हे हमीरपुर जाना पडता है। जिसमें उन्हे भारी राशि खर्च करनी पडती है। इसके अलावा समाज में रोगियों को भेदभाव की नजर से देख कर नौकरी नहीं दी जाती है। ऐसे में रोगी भारी आर्थिक अभावों में अपना जीवन जी रहे हैं। उन्होने उपायुक्त मंडी को ज्ञापन सौंप कर बच्चों की आर्थिक सहायता राशि तुरंत जारी करने की मांग की है। इसके अलावा दवाई लेने और टैस्ट करवाने के लिए आने जाने का खर्चा मुहैया करवाने की भी मांग की है। उपायुक्त मंडी संदीप कदम ने उनकी सभी कठिनाइयों को दूर करने का आश्वासन देते हुए कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। इधर, एडस के जिला कार्यक्रम अधिकारी डाक्टर जोगिन्द्र ठाकुर से संपर्क करने पर उन्होने स्वीकार किया कि एडस रोगियों के बच्चों को पिछले एक साल से यह राशि नहीं दी गई है। उन्होने कहा कि इस बारे में निदेशालय को पत्र प्रेषित करके पहले की व्यवस्था के तहत रोगियों के बच्चों की राशि जारी करने के बारे में आग्रह किया गया है।

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