Thursday 23 April 2015

डिभा बावडी परिसर के नजदीक सीवरेज पाइप फटने से गंदगी का आलम


मंडी। भले ही ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदियों में गंदगी मिलने से रोकने के लिए कडे निर्देश जारी किए हों लेकिन डिभा बावडी के पास सीवरेज पाइप फटने से सुकेती खड में मिल रही गंदगी रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। हालांकि स्थानीय वासी दो बार जिला प्रशासन के ध्यान में यह समस्या ला चुके हैं। लेकिन कोई गौर न फरमाने के कारण अब स्थानीय वासियों ने एक बार फिर से गंदगी नदी में मिलने से रोकने की उपायुक्त मंडी से गुहार लगाई है। इसके अलावा स्थानीय वासियों की ओर से पुर्व में दिये गए ज्ञापनों पर भी सूचना के अधिकार के तहत कार्यवाही की जानकारी मांगी गई है। भगवान मुहल्ला के स्थानिय निवासी समीर कश्यप, प्रशांत हांडा, कुलदीप शर्मा, तिलक राज कौशिक, अतुल धौमया, तेनिन्द्र सिंह सेन, जनित भारद्वाज, राजन चंदेल, कमल शर्मा, प्रतीक कश्यप, अनुपम कश्यप, आकाश कश्यप, जिवेश कश्यप, सुशांत, जतिन धौमया, भारत भूषण, ओम प्रकाश, धनदेव, जितेन्द्र भारद्वाज, घनश्याम, संघर्ष, अच्छर सिंह, वार्ड नंबर दो पुरानी मंडी के पार्षद दिनेश शर्मा, हेमन्त कुमार, यशकांत कश्यप, उमेश भारद्वाज, मुनीर, हितेश्वर, इवान, अजय कुमार इंद्र सिंह, धर्मचंद, राघविन्द्र, कृष्ण कुमार, श्याम ठाकुर, कुसुम शर्मा, मांडवी, पारस, पंकज और दीपक कश्यप ने उपायुक्त मंडी संदीप कदम को ज्ञापन प्रेषित करके इस समस्या का निराकरण करने की मांग की है। स्थानीय वासियों का कहना है कि वार्ड नंबर नौ भगवान मुहल्ला में सैंकडों साल पुरानी डिभा बावडी परिसर इन दिनों गंदगी से लबरेज है। बावडी के साथ आईपीएच विभाग की सीवरेज पाईप गुजरती है। यह सीवरेज पाईप पिछले करीब एक साल फट गई है। जिसके कारण सारी गंदगी पाईप से गुजरने के बजाय बावडी परिसर के नजदीक गिर कर सुकेती खडड में मिल रही है। इसके अलावा यहां बना सीवरेज का टैंक भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। टैंक से भी लगातार गंदगी का रिसाव हो रहा है। जबकि परिसर से सटा नाला भी बुरी तरह से टूट गया है और गंदगी भर जाने के कारण पानी की निकासी रूक गई है। कुछ समय पूर्व भी सीवरेज की गंदगी बावडी के स्त्रोत से मिल कर इसके पानी को विषैला बना रही थी। उस समय भी स्थानीय लोगों ने इस धरोहर को बचाने के लिए प्रशासन से मांग की थी। उस समय हालांकि सीवरेज के एक टैंक को बंद करके गंदगी पर रोकथाम लगाई गई थी। लेकिन अब सीवरेज पाईप के टूट जाने से सारी गंदगी अगले टैंक तक पहुंचने के बजाय बावडी परिसर के नजदीक खुले में गिर रही है। जिससे बावडी में हर समय गंदगी और दुर्गंध का आलम बना रहता है। वहीं पर जिस टैंक से यह पाईप अगले टैंक को गई हुई है वह भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके कारण टैंक में से लगातार मलमुत्र और शौच बावडी क्षेत्र में फैल रहा है। इसके अलावा परिसर के साथ से गुजरने वाला नाला भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते नाले से गुजरने वाली गंदगी परिसर के पास जमा हो कर परिसर को दूषित कर रही है। उन्होने बताया कि बावडी के सभी नल तोड दिये गए हैं। जिससे पानी व्यर्थ बहता रहता है और इसके प्रदूषित होने की संभावना बनी रहती है। उल्लेखनीय है कि डिभा बावडी मंडी का प्रसिद्ध पेयजल स्त्रोत है जो रियासत कालीन समय से अपने मीठे जल के लिए हमेशा से जानी जाती है। लेकिन इस ऐतिहासिक पेयजल स्त्रोत का उचित रखरखाव न होने के कारण यह उपेक्षा का शिकार है। गत वर्ष भी बावडी में गंदगी मिल जाने के कारण इसके पानी को पीने से रोक लगा दी गई थी। परिसर में फैली गंदगी के कारण स्थानीय निवासी अपने स्वास्थय के प्रति आशंकित हैं। स्थानीय वासियों के अनुसार उन्होने इससे पहले भी 13 फरवरी 2015 को ई मेल के माध्यम से उपायुक्त मंडी और 5 मार्च को स्थानीय वासियों के प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त उपायुक्त महोदय के माध्यम से ज्ञापन सौंप कर इस समस्या के निराकरण की गुहार लगाई थी। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। इधर, इस बारे में स्थानीय निवासी समीर कश्यप ने इससे पुर्व दिये गए ज्ञापनों पर की गई कार्यवाही के बारे में उपायुक्त कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत सूचना भी मांगी है।

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