Monday, 8 April 2013

दुर्घटना का अभियोग साबित न होने पर आरोपी चालक बरी


मंडी। लापरवाही से वाहन चलाकर दुर्घटना करने का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया है। न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कोर्ट नंबर तीन उपासना शर्मा के न्यायलय ने सरकाघाट निवासी रितेश कुमार के खिलाफ भादंसं की धारा 279 और 337 के तहत अभियोग साबित न होने पर उसे बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार साल 2006 में आरोपी चालक निजी बस के साथ रती-कलखर मार्ग पर जा रहा था। इसी दौरान बस की एक टिप्पर से टक्कर हो गई जिससे दो लोग घायल हो गये थे। जबकि आरोपी बस को मौका से भगा कर ले गया था। बल्ह थाना पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज करके अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गये। लेकिन बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता नीरज कपूर का कहना था कि इस मामले में बस को चलाने वाले चालक की किसी गवाह ने पहचान नहीं की है जिससे आरोपी पर अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने पर आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया।

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