Saturday 9 August 2014

तहसीलदार सदर को दो मामलों में किया चार्जशीट


मंडी। तहसीलदार सदर मंडी के खिलाफ दो मामलों में विभागिय जांच के बाद उन्हे चार्जशीट किया गया है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है। बल्ह क्षेत्र के मझाठल (भंगरोटू) निवासी हेम सिंह जमवाल ने इस बारे में प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग से सूचना मांगी थी। जिस पर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग के जन सूचना अधिकारी रोशन लाल ने उन्हें सूचना मुहैया करवाई है। सूचना के मुताबिक सरकार के प्रधान सचिव व फाइनैंस कमीश्नर तरूण श्रीधर ने तहसीलदार सदर मंडी अजय पराशर के खिलाफ सीसीएस रूल 14 के तहत जांच प्रस्तावित की है। उक्त चार्जशीट में तहसीलदार पर मिसकंडक्ट और मिसबिहेवियर के आरोपों पर चार्ज सुनिश्चित किये गए हैं। चार्जशीट के साथ दस्तावेजों और गवाहों की सूचि भी संलगन की गई है। तरूण श्रीधर द्वारा जारी मेमोरेंडम के मुताबिक अजय पराशर को चार्जशीट की कापी मिलने के 10 दिनों के भीतर अपना जवाब देने का समय दिया गया है। अजय पराशर को यह भी सूचना दी गई है कि अगर वह अपना जवाब इस अवधि में नहीं देता है या व्यक्तिगत रूप से जांच अथारटी के समक्ष उपस्थित नहीं होता है और सीसीएस नियम 14 के प्रावधानों की मानना नहीं करता है तो अथारटी एकतरफा सुनवाई करेगी। इसके अलावा अजय पराशर को नियम 20 के तहत बताया गया है कि सरकारी कर्मी होने के नाते अथारटी पर किसी तरह का राजनैतिक या बाहरी प्रभाव नहीं डाले। प्रधान सचिव ने मेमोरेंडम की प्रतियां मंडलायुक्त मंडी और उपायुक्त मंडी को भी प्रेषित की हैं। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक चार्जशीट के पहले मामले में घौड (रियुर) निवासी हरी सिंह पुत्र जीत राम ने अजय पराशर से जन सूचना अधिकारी होने के नाते सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया था। लेकिन उन्हे समय पर सूचना नहीं मिली। इसकी प्रथम अपील में यह गौर किया गया कि जनसूचना अधिकारी का दृष्टिकोण बहुत कैजुअल और उतरदायित्वहीन है। तहसीलदार ने कहा था कि मांगी गई सूचना उनके पास नहीं है। जबकि बाद में यह सूचना उनके पास ही थी जिसे पटवारियों ने सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया था। मंडलायुक्त की प्रथम अपीलिय न्यायलय ने जनसूचना अधिकारी के खिलाफ सीसीएस नियमों के तहत अनुशास्नात्मक कार्यवाही और आरटीआई एक्ट के तहत पैनेल्टी लगाने का प्रस्ताव दिया था। इस बारे में तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन तहसीलदार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया जिससे जाहिर होता है कि उन्हे इस बारे में कुछ नहीं कहना है। जबकि दूसरे मामले में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मंडी ने हेम सिंह बनाम चमन लाल में यह पाया कि याचिकाकर्ता की कंपेक्ट डिस्क तथा तहसीलदार सदर के आदेशों में मोड आफ पार्टिशन की कार्यवाही में अंतर है। तहसीलदार अपनी सेवा की इंटैग्रीटी, डिवोशन को बनाए रखने और अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की मानना करने तथा सूचना के अधिकार के प्रावधानों को लागू करने में असफल रहा। जिससे उन्होने सीसीएस रूल 3 के तहत सरकारी कर्मी होते हुए मानना नहीं की है।

2 comments:

  1. i need your mobile number Mr. Sameer

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  2. सर, मेरा नंबर 9816155600 है...

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