Monday, 28 November 2011

कर्मचारी बहुजन महासंघ ने उठाई 85 वां संविधान संशोधन लागू करने की मांग


मंडी। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी बहुजन महासंघ ने अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मियों से संबंधित पदोन्नति और आरक्षण संबंधी विधेयकों को मूल रूप से लागू करने की मांग की है। महासंघ के अध्यक्ष अमरनाथ खुराना, महासचिव भीम सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष बाबूराम यादव और संगठन सचिव रामलाल सुमन ने संयुक्त बयान में कहा प्रदेश सरकार साल 1990 से अभी तक अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए बनाए गए विधेयकों को लागू करने में असफल रही है। उन्होने बताया एनडीए की तात्कालीन केन्द्र सरकार ने संविधान में 81 वां, 82 वां और 85 वां संशोधन किए हैं। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार आज दिन तक इन संशोधन को अमल में नहीं ला सकी है। जिससे प्रदेश के अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कर्मचारी अपने अधिकारों से वंचित हैं। महासंघ ने कहा कि प्रदेश सरकार महासंघों के दबाव में 85 वें संशोधन को लटका रही है। महासंघ ने मांग की है कि आरक्षण विरोधी निती बंद की जाए और कर्मचारियों की पदोन्नति व विभागिय सूचियां जल्द से जल्द जारी की जाएं। उन्होने कहा कि ऐसा न होने पर महासंघ अदालत की शरण भी ले सकता है। 

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