मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता की मृत गाय की 10,000 रूपये की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए 2500 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने उप तहसील निहरी के लंगोट निवासी तेजिन्द्र कुमार पुत्र धनी राम की शिकायत को उचित मानते हुए आईसीआईसीआई लोंबार्ड की स्थानिय शाखा को उक्त मुआवजा राशी का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी जर्सी गाय को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी में ही उपभोक्ता की गाय बीमारी के कारण मर गयी। उपभोक्ता ने गाय का पोस्टमार्टम कराकर इसकी सूचना कंपनी को देकर इस संबंध में तमाम दस्तावेज जमा करवाए थे। लेकिन कंपनी ने मुआवजा खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही में कंपनी के भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बिना आधार के मुआवजा खारिज करना कंपनी की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते उपभोक्ता की मृत गाय की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए गये। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले हर्जाना राशी और जुर्माना भी अदा करने के आदेश दिए।
Friday, 4 November 2011
उपभोकता की मृत गाय की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश
मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता की मृत गाय की 10,000 रूपये की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। फोरम ने कंपनी की सेवाओं में कमी आंकते हुए 2500 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने उप तहसील निहरी के लंगोट निवासी तेजिन्द्र कुमार पुत्र धनी राम की शिकायत को उचित मानते हुए आईसीआईसीआई लोंबार्ड की स्थानिय शाखा को उक्त मुआवजा राशी का भुगतान 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित करने का फैसला सुनाया। अधिवक्ता समीर कश्यप के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ता ने अपनी जर्सी गाय को कंपनी के पास बीमाकृत करवाया था। बीमा अवधी में ही उपभोक्ता की गाय बीमारी के कारण मर गयी। उपभोक्ता ने गाय का पोस्टमार्टम कराकर इसकी सूचना कंपनी को देकर इस संबंध में तमाम दस्तावेज जमा करवाए थे। लेकिन कंपनी ने मुआवजा खारिज कर दिया था। ऐसे में उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम की कार्यवाही में कंपनी के भाग न लेने पर एकतरफा कार्यवाही अमल लाई गई। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बिना आधार के मुआवजा खारिज करना कंपनी की सेवाओं में कमी को दर्शाता है। जिसके चलते उपभोक्ता की मृत गाय की मुआवजा राशी ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए गये। वहीं पर कंपनी की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले हर्जाना राशी और जुर्माना भी अदा करने के आदेश दिए।
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