Wednesday, 13 February 2013

शिवरात्री के कार्यक्रम पड्डल में आयोजित करने का इप्टा ने स्वागत किया


मंडी। अंतराष्ट्रिय शिवरात्री मेले के कार्यक्रम पड्डल मैदान में आयोजित करने के मेला कमेटी के फैसले का इंडियन पीपलस थियेटर एसोसिएशन ने स्वागत किया है। इप्टा ने इसके अलावा भी मेले को लोक उत्सव के रूप में उभारने के लिए मेला कमेटी को दिये गए सुझावों को अमली जामा पहनाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर प्रशासन का धन्यावाद किया है। इप्टा के संयोजक लवण ठाकुर ने कहा कि एसोसिएशन पिछले कई सालों से सेरी मंच पर आयोजित किये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को पडडल में ले जाने की मांग कर रही थी। इस वर्ष इन कार्यक्रमों को सेरी मंच की बजाय पडडल में करवाए जाने के मेला कमेटी के निर्णय को उन्होने बिल्कुल सही निर्णय बताते हुए कहा कि इससे जहां एक ओर स्थानिय लोगों को ट्रैफिक जाम की स्थिति से बच जाएंगे वहीं पर पडडल के खुले मैदान में लोगों को बैठने की खुली जगह मिलेगी। इप्टा के संयोजक ने कहा कि मेला कमेटी ने एसोसिएशन के सुझाव की तरफ ध्यान देकर एक अच्छा कदम उठाया है। उन्होने कहा कि मेले के दौरान महिलाओं की सुरक्षा के लिए डयुटी पर तैनात पुलिस के कर्मियों को यह विशेष हिदायत दी जानी चाहिए कि मेले में अवांछित तत्व महिलाओं से अभद्र व्यवहार न करें और उनकी निगरानी सिर्फ अपराधों तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि उनको महिलाओं से अभद्र व्यवहार के मामलों में भी संजीदगी बरतनी चाहिए। उन्होने कहा कि मेले के दौरान मंडी में तैनात होने के लिए बाहर से आए पुलिस कर्मियों के रहने व खाने की भी उचित व्यवस्था की जाए। उन्होने कहा कि शिवरात्री के दौरान जहां शहर की अन्य महत्वपूर्ण इमारतों को रंग रोगन किया जाता है वहीं स्थापित्य कला के अनूठे उदाहरण एमरसन हाऊस की रिपेयर और इसमें भी रंग रोगन किया जाए। जिससे इस धरोहर की ओर भी मेले में आने वाले लोग आकर्षित हो सकें। उन्होने कहा कि मेला कमेटी के अध्यक्ष देवेश कुमार ने मेले के दौरान किसी भी पुरातन मंदिर में रंग रोगन पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया। शहर की टुटी फुटी सडकों और नालियों की तुरंत मुरममत की जाए। भगवान मुहल्ला से नये सुकेती पुल को जाने वाली सडक खस्ता हाल है। जबकि इस रास्ते से बहुत सारे देवता राजमहल से पडडल को जाते हैं। शहर में तमाम स्ट्रीट लाईटों को चालू किया जाए। उन्होने मेला कमेटी से आग्रह किया है कि शहर में बंद पडे दर्जन भर शौचालयों को तुरंत चालू किया जाए और इसके अलावा अस्थायी शौचालय भी बनाए जाएं। मेले में पिछले कई वर्षों से करीब 30 देवता बिना मेला कमेटी के आमंत्रण से आ रहे हैं। इन देवताओं का पंजीकरण किया जाए। उन्होने आग्रह किया कि इस बार पिछले कई वर्षों से नहीं आ रहे पराशर सहित पुराने देवताओं को भी बुलाया जाए। मेले में आने वाले देवलुओं को दिन के खाने की तरह रात को भी लंगर की व्यवस्था की जाए। इप्टा ने कहा कि जलेब को आकर्षक करने के लिए विभिन्न जनपदों के लोक नृत्यों के दलों को इसमें शामिल किया जाए। जिससे नाचते गाते हुए जलेब निकले और लोगों को विभिन्न जनपदों में प्रचलित लोकनृत्यों की झलक देखने को मिल सके। इप्टा ने जलेब में झांकियों को शामिल करने के मेला कमेटी के निर्णय का भी स्वागत किया है। इप्टा ने कहा कि पडडल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए यह सुझाव दिया है कि चंबा के मिंजर मेले की तर्ज पर मंडी में भी मुख्य अतिथी और आम लोगों को मैदान में गद्दे बिछाकर व्यवस्था बनाई जाए। यह व्यवस्था बैठने में भी आराम दायक होगी और सुविधाजनक भी होगी। इप्टा ने सुझाव दिया है कि मेले के आयोजन के लिए एक विषय (थीम) भी घोषित किया जाए। उन्होने इस वर्ष के लिए बेटी अनमोल है जैसी .योजना को थीम बनाने का सुझाव दिया है। जिसके लिए मेला कमेटी को थीम आधारित कार्यक्रमों को बढावा देना चाहिए।

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