Tuesday 19 February 2013

मंडी शहर में नहीं कोई स्मोकिंग जोन


मंडी। रियासत कालीन मंडी के राज देवता बाबा कोट का मंदिर शहर के बीचों बीच राजमहल में स्थित है। पुरातन परंपरा के अनुसार बाबा कोट को प्रसाद के रूप में रोट आदि के अलावा सिगरेट या तंबाकु भी चढाया जाता है। लेकिन बाबा कोट के नगर में अब तंबाकू का सेवन वर्जित हो गया है। कोटपा कानून के कारण मंडी को तंबाकु मुक्त बनाने की योजना के तहत तंबाकु का सेवन करने वालों पर रोजाना जुर्माने किए जा रहे हैं। हालांकि तंबाकु उत्पादों की बिक्री से सरकार को करोडों रूपये की आमदनी होती है। जिसके कारण यह उत्पाद खुले आम दुकानों में बिकते हैं। लेकिन इन्हे खरीदने के बाद पिया कहां जाए। इस बारे में प्रशासन की ओर से ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसका खुलासा आरटीआई ब्युरो के सदस्य प्रवेश चंदेल की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है। उपायुक्त से सूचना मांगी गई थी कि मंडी में कुल कितने स्मोकिंग जोन घोषित किये गए हैं और यह कहां-2 बनाए गए हैं। उपायुक्त मंडी ने आरटीआई का यह आवेदन मुखय चिकित्सा अधिकारी मंडी को प्रेषित किया था। मुखय चिकित्सा अधिकारी ने सूचना के जवाब में कहा है कि मंडी में कहीं कोई स्मोकिंग जोन नहीं बनाया गया है। इधर, शहर की संस्था आरटीआई ब्युरो ने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि मंडी के हर संस्थान अपने परिसर में एक स्मोकिंग जोन घोषित करे जहां बैठ कर स्मोकर आराम से स्मोकिंग कर सके। ब्युरो के संयोजक ने कहा कि स्मोकिंग करना कोई अपराध नहीं है और तंबाकु उत्पादों से सरकार को करोंडों रूपये का मुनाफा होता है। जिला प्रशासन को स्मोकरों के हितों और उनके आत्म सममान की रक्षा करनी चाहिए। मंडी निवासी हरीश कुमार, मुनीष कुमार, महेश कुमार, तिलक राज, मनीष, भागीरथ, रूपिन्द्र, राजेश, प्रेम सिंह, हेम सिंह, सतीश, रत्न लाल, नीरज, कमल, ओंकार, राकेश, सुनील, भीम सिंह, प्रवीण, यश, विनोद, लेख राज, श्याम, रूप लाल, भारत भूषण, बालकिशन ने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि स्मोकिंग जोन बनाने के जल्द से जल्द आदेश जारी किये जाएं।

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