Tuesday, 19 February 2013

दुराचार का आरोपी बरी, मुकरने पर पीडिता को नोटिस


मंडी। दुराचार का अभियोग साबित न होने पर अदालत ने एक आरोपी को बरी करने का फैसला सुनाया। जबकि इस मामले की पीडिता के ब्यानों से मुकर जाने पर अदालत ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिला एवं सत्र न्यायधीश वीरेन्द्र सिंह के न्यायलय ने औट तहसील के टकोली (पनारसा) निवासी रामप्रकाश पुत्र रेवत राम के खिलाफ भादंसं की धारा 376,452 और 506 के तहत अभियोग साबित न होने पर अदालत ने उसे बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने इस मामले की पीडिता के ब्यानों से मुकर जाने के कारण उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार पीडिता ने अपने परिजनों के साथ औट थाना में आकर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी कि 22 अगस्त 2008 को पीडिता रात के समय टकोली गांव स्थित अपने कवाटर में थी। इसी दौरान आरोपी वहां आया और उसके साथ दुराचार किया। आरोपी ने उसे इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने पीडिता के बयान पर आरोपी को हिरासत में लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 11 गवाहों के बयान कलमबंद किये गए। जबकि बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता समीर कश्यप का कहना था कि पीडिता ने अदालत के समक्ष विरोधाभासी बयान दिये हैं और पीडिता ने आरोपी को अंधेरा होने के कारण पहचाना नहीं था। इसके अलावा अन्य गवाहों ने भी विरोधाभासी बयान दिये हैं जिससे आरोपी पर अभियोग साबित नहीं होता। अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों को आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित करने में नाकाफी माना। जिसके चलते अदालत ने आरोपी के खिलाफ संदेह की छाया से दूर अभियोग साबित न होने के कारण उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी करने का फैसला सुनाया। वहीं पर अदालत ने पीडिता के अदालत में अपने ब्यान से मुकर जाने पर संज्ञान लेते हुए पीडिता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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