मंडी। लैप्रोसकोपिक आपरेशन में लापरवाही बरतने को सेवाओं में कमी मानते हुए जिला उपभोकता फोरम ने एक निजी असपताल और चिकित्सक को उपभोकता के पक्ष में 4 लाख तीस हजार रूपये हर्जाना बयाज सहित अदा करने का फैसला सुनाया। इसके अलावा उपभोकता के पक्ष में 5000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए गए । जिला उपभोकता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारदवाज और सदसय लाल सिंह ने सदर उपमंडल के ढाबण निवासी रीता देवी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सुंदरनगर के भोजपुर सथित संजीवनी पालीकलीनिक कम असपताल के मालिक नरपत राम और पंचकुला(हरियाणा) में सथित जिंदल नर्सिंग होम के डाकटर तरसेम जिंदल को उकत राशी का भुगतान 9 प्रतिशत बयाज दर से करने के आदेश दिए। अधिवकता भंवर भारदवाज के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोकता रीता देवी को 7 जनवरी 2008 को पेट में दर्द हुआ तो वे इलाज के लिए संजीवनी असपताल में गई। जहां उन्हे बताया गया कि उनके गाल बलैडर में सटोन है। उन्हे यह भी बताया गया कि उनके असपताल में हर सप्ताह पंचकुला से चिकितसक आते हैं जो उनका आपरेशन 26 जनवरी को करेंगे। लेकिन डाकटर जिंदल के आपरेशन करने के अगले ही दिन उपभोकता को फिर से दर्द शुरू हो गया। उपभोकता के संजीवनी असपताल में चैक कराने पर उन्हे पंचकुला के जिंदल नर्सिंग होम के लिए रैफर कर दिया गया। इसके बाद उपभोकता का दुसरा आपरेशन डाकटर एस पी कौशिक से करवाया गया। लेकिन इस आपरेशन के बाद भी उपभोकता ठीक नहीं हुई। जिसके चलते संजीवनी असपताल से एक बार फिर उपभोकता को पंचकुला के जिंदल असपताल को रैफर किया गया। जहां उपभोकता का तीसरी बार आपरेशन किया गया। लेकिन इस आपरेशन से उपभोकता की हालत बिगड गई। इन हालातों में जिंदल नर्सिंग होम से उपभोकता को पीजीआई के लिए रैफर किया गया। जहां उपभोकता को चौथी बार आपरेशन का सामना करना पडा। तब जाकर उपभोकता ठीक हो पाई। निजी असपताल और चिकितसक की सेवाओं में कमी के चलते यंत्रणा झेलने की शिकायत उपभोकता ने फोरम में दायर करवाई। शिकायत को उचित मानते हुए फोरम ने उकत फैसला सुनाते हुए हर्जाना अदा करने के आदेश दिए।
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