मंडी। बालीवुड़ की फिजाओंमें अब जल्द ही हिमाचली मेलोडी भी अपना रंग जमाएगी। मंडी की 21 वर्षीय शिवांगी कश्यप बालिवुड़ निर्माता केतन मेहता और अनुप जलोटा की दीपा मेहता निर्देशित फिल्म तेरे मेरे फेरे में सबसे छोटी उम्र के संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरूआत कर रही है। शिवांगी को उममीद है कि यह फिल्म उनके लिए मील का पत्थर साबित होगी और उनके सबसे कम उम्र में संगीतकार बनने का उनका सपना भी साकार होगा। फिल्म में संगीत देने के अलावा इसकेटाइटल सांग और अन्य गानों को अपनी आवाज देकर वह बतौर पाश्र्व गायिका के तौर पर भी अपनी पारी शुरूआत कर रही हैं। मोहित चौहान और बाबा सहगल जैसे बालीवुड़ के सथापित पाश्र्व गायकों के गानों को संगीत देने के अलाना शिवांगी ने इस फिल्म में उनके साथ डियुट सांग भी गाए हैं। बालीवुड़ के मशहुर संगीत निर्देशक एस डी कश्यप और प्रसिध लोकगायिका रवि कांता कश्यप की बेटी शिवांगी ने उनके नक शे कदम पर चल कर आज यह मुकाम हासिल किया है। पिछले दो सालों से अपनी प्रतिभा का सिकका मनवाने के लिए मुमबई में संघर्ष कर रही शिवांगी बचपन से ही संगीत के माहौल में पली- बढी है। अमर उजाला से फोन पर बातचित के दौरान शिवांगी ने फिल्म के संगीत की रिर्काडिंग पूरी होने की पुषिट करते हुए बताया कि संगीत के प्री व्यु जारी कर गए हैं और जल्द ही फिल्म का संगीत रिलिज होगा। उन्होने बताया कि पंजाबी पृष्ठभुमि की इस फिल्म के संगीत में हिमाचली मेलोडी का रंग होने के कारण यह लोगों को बहुत पसंद आएगा। इधर शिवांगी के पिता एस डी कश्यप और माता रवि कांता कश्यप ने उसकी सफलता को कडी मेहनत का नतीजा बताया है। उनहोने बताया कि शिवांगी की संगीत शिक्षा उनके मंडी जिला के पनारसा सिथत सटुडियो में ही हुई है। पहाडों की वादियों में परवरिश होने के कारण उसके संगीत की ताजगी महसुस की जा सकती है। उन्होने उममीद जताई कि बालीवुड में संगीत निर्देशक तथा पाश्र्व गायिका के तौर पर सथापित होकर शिवांगी अपने प्रदेश को गौरवान्वित करेगी।
Monday, 21 March 2011
बालीवुड़ की फिजाओंमें अब जल्द ही हिमाचली मेलोडी
मंडी। बालीवुड़ की फिजाओंमें अब जल्द ही हिमाचली मेलोडी भी अपना रंग जमाएगी। मंडी की 21 वर्षीय शिवांगी कश्यप बालिवुड़ निर्माता केतन मेहता और अनुप जलोटा की दीपा मेहता निर्देशित फिल्म तेरे मेरे फेरे में सबसे छोटी उम्र के संगीतकार के रूप में अपने करियर की शुरूआत कर रही है। शिवांगी को उममीद है कि यह फिल्म उनके लिए मील का पत्थर साबित होगी और उनके सबसे कम उम्र में संगीतकार बनने का उनका सपना भी साकार होगा। फिल्म में संगीत देने के अलावा इसकेटाइटल सांग और अन्य गानों को अपनी आवाज देकर वह बतौर पाश्र्व गायिका के तौर पर भी अपनी पारी शुरूआत कर रही हैं। मोहित चौहान और बाबा सहगल जैसे बालीवुड़ के सथापित पाश्र्व गायकों के गानों को संगीत देने के अलाना शिवांगी ने इस फिल्म में उनके साथ डियुट सांग भी गाए हैं। बालीवुड़ के मशहुर संगीत निर्देशक एस डी कश्यप और प्रसिध लोकगायिका रवि कांता कश्यप की बेटी शिवांगी ने उनके नक शे कदम पर चल कर आज यह मुकाम हासिल किया है। पिछले दो सालों से अपनी प्रतिभा का सिकका मनवाने के लिए मुमबई में संघर्ष कर रही शिवांगी बचपन से ही संगीत के माहौल में पली- बढी है। अमर उजाला से फोन पर बातचित के दौरान शिवांगी ने फिल्म के संगीत की रिर्काडिंग पूरी होने की पुषिट करते हुए बताया कि संगीत के प्री व्यु जारी कर गए हैं और जल्द ही फिल्म का संगीत रिलिज होगा। उन्होने बताया कि पंजाबी पृष्ठभुमि की इस फिल्म के संगीत में हिमाचली मेलोडी का रंग होने के कारण यह लोगों को बहुत पसंद आएगा। इधर शिवांगी के पिता एस डी कश्यप और माता रवि कांता कश्यप ने उसकी सफलता को कडी मेहनत का नतीजा बताया है। उनहोने बताया कि शिवांगी की संगीत शिक्षा उनके मंडी जिला के पनारसा सिथत सटुडियो में ही हुई है। पहाडों की वादियों में परवरिश होने के कारण उसके संगीत की ताजगी महसुस की जा सकती है। उन्होने उममीद जताई कि बालीवुड में संगीत निर्देशक तथा पाश्र्व गायिका के तौर पर सथापित होकर शिवांगी अपने प्रदेश को गौरवान्वित करेगी।
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