Monday, 28 March 2011

बैंक की सेवाओं में कमी के कारण हर्जाना अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोकता फोरम ने एक राषिट्रयकरित बैंक की सेवाओं में कमी आंकते हुए उपभोकता की 15000 रूपये की राशी लौटाने के आदेश जारी किए। इसके अलावा बैंक की सेवाओं में कमी के चलते उपभोकता को पहुंची मानसिक यंत्रणा की एवज में 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। उपभोकता फोरम केअध्यक्ष राजीव भारद्वाज तथा सदसय लाल सिंह ने सुंदरनगर सर्किट के दौरान सुनाए फैसले में बीबीएमबी कालौनी निवासी जोगेन्दर पाल के उतराधिकारी सुरेन्दर कौर, रनवीर सिंह, निर्मल सिंह, रतन सिंह, श्याम सिंह और मनजीत सिंह के पक्ष में सटेट बैंक आफ इंडिया की कालौनी शाखा के खिलाफ उकत आदेश जारी किए। अधिवकता पी एस सेन के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार जोगेन्दर पाल ने बैंक से लोन लिया था। जिसे उन्होने एस बी आई जीवन बीमा कंपनी के पास बीमाकरित करवाया था। जब जोगेन्दर का देहांत हो गया तो उस समय लोन की 277200 रूपये की राशी देय थी। उपभोकता क ा वेतन बैंक के माध्यम से जारी होने के कारण बैंक ने उनके खाते से 15000 की राशी उनके खाते से कम कर दी थी। यह राशी लोन की तीन किसतों के लिए जमा की गई थी। जोगेन्दर की मौत की सुचना उनके उतराधिकारियों ने बैंक को दे दी थी। लेकिन बीमा कंपनी ने देरी से और कम राशि का मुआावजा बैंक के पास जमा करवाया। इस पर बैैंक ने उपभोकता पर 75382 रूपये की बकाया राशी दर्शायी थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि बैंक उपभोकताओं से किसी तरह की वसुली नहीं कर सकता। राशी देरी से जमा करवाने से संबंधित विवाद कंपनी और बैंक का आपसी मामला है। फोरम ने आदेश देते हुए बैंक को जोगेन्दर पाल के खाते से गैरकानूनी तरीके से घटाई गई 15000 रुपये की राशी उपभोकता के पक्ष में अदा की जाए। फोरम ने बैैंक के गल्त तरीके से राशी वसुल करने को सेवाओं में कमी मानते हुए उपभोकता के पक्ष में राशी लौटाने और हर्जाना तथा शिकायत व्यय भी अदा करने के दिए हैैं।

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