मंडी। अरबन बैंक में हुए करोडों रूपये के बहुचर्चित घोटाले के मामले में अदालत ने बैंक के अध्यक्ष सहित बोर्ड आफ डायरेक्टरस के 6 सदस्यों को विश्वासघात और आपराधिक षडयंत्र का दोषी करार दिया है। हालांकि इस मामले में बैंक के कर्मियों व पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी करने के आदेश दिये हैं। अदालत ने सजा की अवधि पर सुनवाई के लिए अब 19 मार्च की तारीख निश्चित की है। जिला एवं सत्र न्याधीश वीरेन्द्र सिंह के न्यायलय ने बहुचर्चित अरबन बैंक घोटाले का फैसला सुनाते हुए बैंक के तात्कालीन अध्यक्ष महिन्द्र पाल सैहगल, अजीत कपूर, मनजीत सिंह धमीजा, महेश बहल, नितिन कपूर और अनिल कपूर के खिलाफ भादंसं की धारा 409 और 120 के तहत आपराधिक षडयंत्र के तहत विश्वासघात करने का दोषी करार दिया। हालांकि इस मामले के सहआरोपी बैंक के कर्मियों व पूर्व पदाधिकारियों चंद्र भूषण बहल, हेमंत राज वैद्या, अशोक कुमार कपूर, हर विलास बहल, हेमंत कपूर, देव रथ कपूर, गोपाल कपूर, भूप सिंह, प्रवीण कुमार मल्होत्रा और भगत राम के खिलाफ अभियोग साबित न होने पर उन्हे बरी करने का फैसला सुनाया गया। उल्लेखनीय है कि बैंक की वितिय अनियमितताओं के सामने आने पर सदर थाना पुलिस ने 1 अप्रैल 2005 को प्राथमिकी दर्ज करके तहकीकात शुरू की थी। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद अदालत में अभियोग चलाया था। अभियोग के पूरा हो जाने पर बुधवार को यह मामला फैसले पर रखा था। उल्लेखनीय है कि अरबन बैंक में करोडों रूपये का घोटाला होने के बाद यह बैंक बंद करना पडा था। जिसके बाद निवेशकों ने लंबा संघर्ष छेड कर बैंक को पटरी पर लाने की भी जदोजहद शुरू की थी। इसी के परिणामस्वरूप बैंक को जहां एक ओर बंद होने से बचा लिया गया था। वहीं पर दूसरी ओर निवेशकों को बैंक घोटाले के संदर्भ में दर्ज आपराधिक मामले के फैसले का बेसब्री से इंतजार था। इधर, बुधवार को अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देने का निर्णय सुनाया जबकि सजा की अवधि पर सुनवाई के लिए अब 19 मार्च की तारीख निश्चित की है।
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