Sunday, 17 March 2013

यह चेहरा


यह चेहरा मेरे एक सहपाठी का है..
अधिक सुंदर नहीं, असुंदर भी नहीं,
साधारण और असाधारण की सीमाओं में स्थापित है यह चेहरा।

 यह चेहरा एक आकर्षण है
सबके लिए नहीं पर कुछों के लिए।
 आकर्षण के कारण भी अनेक हैं उन कुछों के लिए
 अपने-अपने कारणों से आकर्षित
 सब के सब
 उस चेहरे में व्यस्त हैं।

 यह चेहरा नापता है
धरती के एक खास टुकडे को
 अपने विशिष्ट कदमों से
 अपने रोजनामचे में।
 इस शांत, सौम्य चेहरे में
 छिपी बैठी रहती है
 भारी व्यस्तता, द्वंद और
 विचारों की उठापटक।

 इस चेहरे की आंखों की पुतलियां
 खोज में होती है
 नयी जानकारियों और नयी किताबों की।
न जाने किन प्रश्नों के उतर की
 तलाश में बढ जाना चाहता है यह चेहरा।

 यह अक्सर शिकार होता है
 सहपाठियों की भर्तसनाओं का
 साथियों के छिछलेपन का
 कक्षा के छुटभैय्या नेता की
 राजनिती का।

 यह चेहरा
 प्रिय दोस्त है उसके
 पहचाने पर अनजाने दोस्त का
 जो द्रवित और अकुलित होता है हमेशा
 जब भी चेष्टा की जाती है
 इस चेहरे को रूआंसा करने की
 या फिर उसकी मासूमियत छीनने की।

 समीर कश्यप बी.ए. तृतीय वर्ष,  वर्ष 1994, मंडी, हि.प्र.

No comments:

Post a Comment

मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच

मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...