मंडी। हिमालयन विकलांग कल्याण संस्था ने सुंदरनगर नगर परिषद की बस अड्डे के नजदीक बने परिसर में दुकानों के आबंटन पर आपती जताई है। इस बारे में संस्था ने उपायुक्त मंडी देवेश कुमार को ज्ञापन सौंप कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है। हिमालयन विकलांग कल्याण संस्था की जिला प्रधान हेमलता पठानिया ने बताया कि सरकार ने हर विभाग में विकलांगों को 3 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया गया है। लेकिन सुंदरनगर नगर परिषद के बस अडडे के नजदीक बनाए गए परिसर में 74 दुकानों के आबंटन के दौरान इन नियमों की सरे आम धज्जियां उडाई गई। उन्होने बताया कि इन नियमों के तहत आबंटित की जाने वाली दुकानों में से दो दुकानें विकलांगों को मिलनी चाहिए थी। लेकिन नगर परिषद की ओर से केवल ही दुकान विकलांग को आबंटित की गई। इसके अलावा विकलांगों से 10,000 रूपये की धरोहर राशि और एक रूपये की कीमत वाले आवेदन पत्र के 100 रूपये वसूले गए। उन्होने बताया कि हालांकि आवेदन फार्म के साथ नियमों और शर्तों का प्रपत्र दिया गया था उसमें आरक्षित वर्ग से कोई धरोहर राशि लेने का प्रावधान नहीं था। लेकिन नगर परिषद ने नियमों में फेरबदल करके धरोहर राशि वसूल की है। पठानिया के अनुसार आबंटित की जानी वाली दुकानों का किराया 2150 रूपये निर्धारित किया गया था। लेकिन बोली लगाए जाने के बाद एक बेरोजगार विकलांग को दुकान का आबंटन 3150 रूपये किराए पर किया गया है। विकलांग संस्था ने मांग की है कि विकलांगों को नियमों के अनुसार प्राथमिकता दी जाए और सुंदरनगर नगर परिषद द्वारा आबंटित दुकानों की जांच की जाए।
Thursday, 23 August 2012
विकलांग संगठन ने जताई दुकानों के आबंटन पर आपत्ति
मंडी। हिमालयन विकलांग कल्याण संस्था ने सुंदरनगर नगर परिषद की बस अड्डे के नजदीक बने परिसर में दुकानों के आबंटन पर आपती जताई है। इस बारे में संस्था ने उपायुक्त मंडी देवेश कुमार को ज्ञापन सौंप कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है। हिमालयन विकलांग कल्याण संस्था की जिला प्रधान हेमलता पठानिया ने बताया कि सरकार ने हर विभाग में विकलांगों को 3 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया गया है। लेकिन सुंदरनगर नगर परिषद के बस अडडे के नजदीक बनाए गए परिसर में 74 दुकानों के आबंटन के दौरान इन नियमों की सरे आम धज्जियां उडाई गई। उन्होने बताया कि इन नियमों के तहत आबंटित की जाने वाली दुकानों में से दो दुकानें विकलांगों को मिलनी चाहिए थी। लेकिन नगर परिषद की ओर से केवल ही दुकान विकलांग को आबंटित की गई। इसके अलावा विकलांगों से 10,000 रूपये की धरोहर राशि और एक रूपये की कीमत वाले आवेदन पत्र के 100 रूपये वसूले गए। उन्होने बताया कि हालांकि आवेदन फार्म के साथ नियमों और शर्तों का प्रपत्र दिया गया था उसमें आरक्षित वर्ग से कोई धरोहर राशि लेने का प्रावधान नहीं था। लेकिन नगर परिषद ने नियमों में फेरबदल करके धरोहर राशि वसूल की है। पठानिया के अनुसार आबंटित की जानी वाली दुकानों का किराया 2150 रूपये निर्धारित किया गया था। लेकिन बोली लगाए जाने के बाद एक बेरोजगार विकलांग को दुकान का आबंटन 3150 रूपये किराए पर किया गया है। विकलांग संस्था ने मांग की है कि विकलांगों को नियमों के अनुसार प्राथमिकता दी जाए और सुंदरनगर नगर परिषद द्वारा आबंटित दुकानों की जांच की जाए।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
मंडी में बनाया जाए आधुनिक पुस्तकालयः शहीद भगत सिंह विचार मंच
मंडी। प्रदेश की सांस्कृतिक और बौद्धिक राजधानी मंडी में आधुनिक और बेहतरीन पुस्तकालय के निर्माण की मांग की गई है। इस संदर्भ में शहर की संस्...
-
राहुल सांकृत्यायन की श्रेष्ठ कृति दर्शन-दिग्दर्शन का अध्ययन पूरा हुआ। दर्शन जैसे विषय पर मेरे जीवन में पढ़ी गई शायद यह पहली पुस्तक है। प...
-
मंडी। नेटफलिक्स की टॉप वेब सीरीज अरण्यक में मंडी से संबंध रखने वाले एक्टर कपिल शर्मा ने दमदार और शानदार अभिनय से अपनी छाप छोड़ी है। इस वेब...
-
मंडी। जाति-पाति की जडें समाज को अभी भी कितने गहरे से जकडे हुई हैं इसके प्रमाण अक्सर सामने आते रहते हैं। समाज में गहरी समाई परंपरागत जाति...
No comments:
Post a Comment