Wednesday, 28 March 2012

भारतीय जीवन बीमा निगम को 60,000 रूपये बीमा राशी, 5000 रूपये हर्जाना व 2000 रूपये शिकायत व्यय अदा करने के आदेश


मंडी। जिला उपभोक्ता फोरम ने भारतीय जीवन बीमा निगम को उपभोक्ताओं के पक्ष में 60,000 रूपये की बीमा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ताओं को पहुंची मानसिक यंत्रणा के बदले 5000 रूपये हर्जाना और 2000 रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने के आदेश दिए। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष राजीव भारद्वाज और सदस्यों रमा वर्मा एवं लाल सिंह ने उप तहसील कोटली के साईगलु गांव निवासी पल्लवी और शिल्पी पुत्री अंजु टैगोर के पक्ष में बीमा निगम को यह राशी 9 प्रतिशत ब्याज दर सहित अदा करने के आदेश दिए। अधिवक्ता आर के वर्मा के माध्यम से फोरम में दायर शिकायत के अनुसार उपभोक्ताओं की माता अंजु टैगोर ने कंपनी के पास बीमा करवाया था। बीमा अवधी के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। जिस पर उपभोक्ताओं ने निगम से बीमा राशी की मांग की थी। लेकिन निगम ने उनकी माता की बीमारी से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने का आधार बताते हुए मुआवजा खारिज कर दिया था। जिसके चलते उपभोक्ता ने फोरम में शिकायत दर्ज करवाई थी। फोरम ने अपने फैसले में कहा कि निगम यह साबित करने में नाकाम रहा कि उपभोक्ताओं की माता कैंसर की बीमारी से पीडित थी और इस तथ्य को छिपाया गया था। निगम इस बारे में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाया। निगम की ओर से आईजीएमसी के मेडिकल रिर्काड की फोटोकापी पेश की गई। जबकि फोटोकापी बतौर साक्ष्य स्वीकार नहीं की जा सकती। इसके अलावा चिकित्सक का शपथ पत्र भी फोरम में पेश नहीं किया जा सका। फोरम ने मुआवजा खारिज करने को निगम की सेवाओं में कमी करार देते हुए उपभोक्ताओं के पक्ष में बीमा राशि ब्याज सहित अदा करने के आदेश दिए। इसके अलावा निगम की सेवाओं में कमी के चलते उपभोक्ता को हुई मानसिक यंत्रणा के एवज में हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया।  

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